मेरे सभी पाठकों को नमस्कार, मेरा नाम रोहन है, और ये मेरी पहली हिंदी सेक्स कहानी है। जो मैं readxxxstories.com पर लिख रहा हूँ। दोस्तो ये मेरी और मेरी बड़ी चचेरी बहन सुधा के साथ हुआ। इस कहानी का शीर्षक चचेरी बहन की प्यासी चूत और मेरा तड़पता लंड।
सुधा दिखने में बहुत हॉट और खूबसूरत आकर्षक थी और उसका सेक्सी फिगर साइज 34-38-36 था।मैं अपने एग्जाम की तैयारी के लिए दिल्ली में रूम ले कर रह रहा था, और मेरा होम टाउन बिहार में है।
सुधा शादीशुदा है और उसकी एक बेटी भी है, जो पहले से ही नौकरी करती थी। जब से उनकी बेटी हुई है, तब से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी है।
सुधा के पति एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं, और वो दिल्ली में ही रहते हैं।बिजनेस की वजह से उनकी ऑफिशियल ट्रिप पर आना जाना होता रहता था।
उन्होंने मुझे अपनी बेटी के जन्मदिन पर आमंत्रित किया था, तो मैंने भी सोचा चलो वहा घूम ही आता हूँ । वैसे भी मुझे काफी दिन हो गए हैं उनसे मिले हुए, और काफी दिनों से घर का खाना भी नहीं मिला है।
तो मैं उनके घर शाम को पहुंच गया, वीकेंड था इसलिए मैं वहीं पर रुक गया। पार्टी हुई और खाना करके सब अपने-अपने कमरे में चले गये।
मैं भी लेटा हुआ फोन चला रहा था, और फेसबुक पर टाइम पास कर रहा था।गर्मी का टाइम था और एसी भी ऑन था, मैं रिमोट देख रहा था पर मुझे वो मिल नहीं रहा था। तो मैं खुद ही बिस्तर के निचे देखने लग गया।
मुझे वो बिस्तर के निचे मिल गया, पर जैसे ही मैं बंद करने वाला था। तभी मेरी नजर निचे एक पेपर पर पड़ी, उस पेपर में एक मेमोरी कार्ड पड़ा हुआ था।
मैंने उसे उठाया और एसी चालू करके लाइट बंद करके दरवाज़ा भी बंद कर दिया। अब मैं लेट गया और मैंने मेमोरी कार्ड अपने फोन में डाल लिया।
मेरी चचेरी बहन की प्यासी चूत और मेरा तड़पता लंड
उसमें अब मैं देखने लगा तो उसमें उसकी बेटी और उसके पति की सामान्य तस्वीरें थीं। फिर मैं व्हाट्सएप के फोल्डर में गया, और उसे मैंने ओपन किया।
जैसे ही मैं तस्वीरें देखने लगा तो वो मुझे बाबू के बूब्स की फोटो दिखीं। ये देख कर मुझे बड़ा अजीब सा लगा, ये क्या है। फिर मैं धीरे-धीरे और देखने लग गया।
उसमें काफी सारी उनके बूब्स और चूत की तस्वीरें थी, और फिर कुछ तस्वीरें नंगी सुधा दीदी की तस्वीरें भी थीं। जो उनके वॉशरूम की थी, उसमें दीदी की अलग-अलग ब्रा पैंटी की तस्वीरें ली हुई थीं।
ये देख कर मेरी धड़कन काफी तेज़ हो गई, मुझे अब डर भी लग रहा था। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था, और कुछ देर ऐसा ही रहा और फिर से मैं सारी की तस्वीरें देखने लग गया।
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फिर मैंने सोचा कि उनके पति ज्यादातर बाहर ही रहते हैं, इसलिए वो उसमे सेक्स चैट और सेक्सी तस्वीरें शेयर करती होंगी।
फिर मैंने और तस्वीरें देखीं तो उसमें कुछ कपल्स की तस्वीरें भी थीं। जब मैंने उसे देखा तो वो उनके पति नहीं थे, ये देख कर मुझे बहुत बुरा लगा। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
क्योंकि वो अपने पति के पीछे से दूसरे बन्दे से सेटिंग चला रही थी।
मैं बोला- साली सुधा तुम तो रंडी निकली। फिर मैं और तस्वीरें देखते हुए उन्हें गली देने लग गया, और मैं बोला – देखो तो साली रंडी कैसे मजे ले रही है।
अब मेरा लंड भी टाइट होने लग गया, और मैं भी मजे लेने लग गया। मैं ज़ूम करके उनका फिगर देखने लग गया, साली के बूब्स और चूत काफ़ी मस्त लग रहे थे।
उसकी गुलाबी चूत काफी साफ और मस्त थी, मेरे लिए एक ही पल में मेरी बहन से रंडी हो गई थी। अब मैं मुठ मारने के लिए वॉशरूम में गया था, और जब उनकी तस्वीरें देखीं तो मैं अपना लंड हिला रहा था।
तभी मेरी नज़र उनके रखे हुए अंडरग्रैमेंट पर पड़ी, उनकी पैंटी और ब्रा पड़ी थी।
मैं- वाह क्या बात है रंडी के कपड़े भी मिल गये। मैंने उनकी पैंटी को उठाया और उसमे से मैं उसकी चूत की खुसबू लेने लगा।
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अब मैंने अपने लंड पर रख कर मुठ मारना शुरू कर दिया। मैंने अपना सारा पानी उनकी पैंटी में भर दिया।
फिर मैंने उसे धो दिया और उसे वहीं पर रख कर मैं बाहर आ कर लेट गया।
पर अभी भी मेरे दिमाग में वो ही सब चल रहा था, और मुझे कल वहां से निकलना था। इसलिए मैंने सारी तस्वीरें की कॉपी करके अपने फोन की मेमोरी में रख ली।
उसके बाद मैंने वो मेमोरी बार्ड वहीं पर छुपा कर रख दिया। अब मैं वहीं पर लेट गया और मैंने दरवाजा खोल दिया।
सुबह मैं उनकी आवाज से उठ गया और वो बोली – रोहन अब उठ भी जाओ और नाश्ता कर लो, तुम कितना सोते हो देखो 9 बज गया है। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
रात को मैंने मुठ भी मारी थी, और रात को मैं देर से सोया था। इसलिए मैं थोड़ी देर से उठा था, और फिर तब मुझे कल रात वाली सारी बातें याद आ गयीं।
तभी से मैंने सुधा को देखा तो वो काफी मस्त लग रही थी, उनका सूट काफी टाइट था। किसी कारण वो और भी ज्यादा मस्त लग रही थी, उन्हें देख कर मेरा मन हो रहा था कि अभी मैं उन्हें चोद दूं।
पर तभी मुझे लगा कि यार मुझे क्या हो गया, क्या मैं इतना गंदा सोच सकता हूं। पर अगले ही पल मेरे दिमाग में आया, कि ये साली तो रंडी है।
फिर मैं ताज़ा हुआ और मैंने नाश्ता कर लिया, उसके बाद मेरे साथ उनकी साधारण बातें शुरू हो गईं। फिर मैं दिल्ली के लिए निकल गया, रास्ते भर मैं वो ही तस्वीरें और ऐसी बातें मेरे दिमाग में चल रही थीं।
क्या सब से अब मैं पागल सा हो रहा था, फ़िर रूम पर आ कर मैं सो गया। फिर जब मैं जगा तो मैंने उनकी तस्वीरें देखीं, और फिर से मैंने व्हाट्सएप चेक किया।
जब उनके मैसेज आए थे, और वो मुझसे पूछ रही थी कि मैं ठीक-ठाक पहुंच गया हूं या नहीं।
तो मैंने उन्हें हां में रिप्लाई दे दिया।
दीदी- तुम इतना लेट क्यों हो गये?
मैं – मैं सो गया था ना इसलिए।
दीदी- सो रहे थे, कल ज्यादा थक गए थे क्या?
मैं – बस कल जगह चेंज थी ना, इसलिए मुझे रात को थोड़ी देर बाद नींद आई।
दीदी- ठीक है। फिर मैंने उन्हें मुस्कुराहट वाली इमोजी भेज दी, और मैं चैट को ख़त्म कर दिया। फिर मैं लंच बॉक्स से लंच करने लग गया।
फिर रात को उनकी तस्वीरें देख कर मैं उनको चोदने के बारे में सोचने लग गया। मेरे लिए अब वो सिर्फ एक सेक्सी लड़की थी, जो अपने पति के बाहर जाते ही अपने बॉयफ्रेंड से चुदती थी।
कुछ दिन ऐसे ही निकल गए और मेरा मूड था कि मैं इनको कैसे पटाऊ और इन्हें केसे चोदु। पर ये सब इतना आसान भी नहीं था, और मुझे काफी डर भी लग रहा था।
फिर मैंने सोचा कि स्टेप बाय स्टेप चलते हैं, और धीरे धीरे लड़की को पटाते हैं। अब मैंने उनसे बातें करनी शुरू कर दी, और मैं अब उनसे उनके बच्चे के बारे में पूछने लग गया।
उनके पति की नौकरी के बारे में और कोई भी टॉपिक ले कर मैं अब उससे बात करता था। उन्हें नहीं पता था, पर मुझे पता था कि इस सेक्सी लेडी की चूत में एक दिन मेरा लंड जरूर जाएगा।
हमारी अब धीरे-धीरे काफी चैट होने लग गई, जैसी फिल्मों को ले कर उनमें सेक्स सीन को ले कर। और कभी लड़कों और लड़कियों के बीच रियल्टीशिप को ले कर, और ऐसे ही एक उन्होंने मुझसे पूछा। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
दीदी- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं- मुझसे कौन सेटिंग करेगी।
दीदी- हैंडसम देखते हो, और दिल्ली में लड़कियों की कमी है।
मैं – कमी ही है मेरे यहां सब बच्ची हैं और मेरी उम्र यहां सब शादीशुदा महिलाएं ही हैं।
दीदी- तो क्या हुआ शादीशुदा ही पटा लो ना, शादी शुदा लड़कियाँ लड़कियाँ नहीं होती क्या? हा हा हा।
मैं- अच्छा आप तो मुझे ज़रूर मारवाओगी।
दीदी- ट्राई करो शायद कोई तुम्हें पसंद करती हो?
मैं- क्यों वो मुझे क्यों पसंद करेगी, उसका अपना पति नहीं होगा क्या?
दीदी – क्या पता वो अपने पति से बोर हो गई हो, और क्या पता वो उसे खुश ना हो।
मैं- ये तो एक्स्ट्रा मार्शल अफेयर होगा, और ये तो काफी डेंजरस होता है।
दीदी- ही ही तो बन जाओ ना खतरों के खिलाड़ी।
मैं- हां हां अच्छा जीजू कहाँ है?
दीदी- मुंबई मैं। मैं – अच्छा तबी इतनी रात में आप ऑनलाइन हो कर खतरों की खिलाड़ी बन कर खेल रही हो मेरे साथ।
दीदी- अरे नहीं वो बस मुझे नींद नहीं आ रही थी। इधर अब मेरा लंड भी खड़ा हो गया था, अब वो मुझे सेक्सी रंडी लग रही थी।
मैं- दीदी क्या आप भी खतरों की खिलाड़ी हैं?
दीदी- मतलब?
मैं- आप बोर तो नहीं हुए ना जीजू से?
दीदी- नहीं मैं उनसे क्यों बोर नहीं होती?
मैं- चलो अच्छी बात है ना, क्या पता कोई लड़का आप पर फ़िदा हो जाए और आप उस पर।
दीदी – मैं दूसरी लड़कियों की तरह नहीं हूँ, जो कोई लड़का मुझ पर फ़िदा होगा।
मैं- क्या पता हो कोई ऐसा?
दीदी- ऐसा नहीं होगा, और होगा तो तब सोचेंगे।
मैं- दीदी वैसे तो आप पहले से ही एक्स्ट्रा रिलेशन में हो।
दीदी- क्या बोल रहे हो तुम?
मैं- मुझे पता है आप एक एक्स्ट्रा रिलेशन में हो।
दीदी – ये तुम कैसे बोल सकते हो, और क्या देखा है तुमने, और तुमने इस बारे में किसने बताया है?
फिर मैंने उनको और उनके बॉयफ्रेंड की तस्वीरें भेज दीं। जेसे ही वो देखा ही तो उनकी कॉल मुझे तभी आई, और दीदी गुस्से में बोली। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
दीदी- ये क्या है और ये तुम्हें कहां से मिली, और ये तुम्हें किसने बताया है?
अब दीदी रोने लग गई, और मैं बोला – बस आराम करो, मुझे किसी ने नहीं बताया है। ये सिर्फ मुझे मिली थी, इसलिए मैंने आपसे इस बारे में पूछा।
पर वो रोये जा रही थी, तो मैं बोला – ठीक है ना और रो मत, क्योंकि ये बताओ ये कौन है और ये सब कब से चल रहा है?
दीदी- जब मैं नौकरी करती थी तो ये मेरे साथ था, फिर मैं इसे पसंद करने लगी। धीरे-धीरे हमारा रिश्ता बन गया।
मैं- अभी भी है?
दीदी – है तो पर अब हम ज्यादा नहीं मिलते हैं।
मैं- ओके और सेक्स?
दीदी- जब मिलता है तभी होता है।
मैं- लास्ट कब किया था।
दीदी- 6 महीने पहले।
मैं- कहाँ?
दीदी- ये तुम क्यों पूछ रहे हो?
मैं- बताओ न।
दीदी- घर पर जब पति नहीं होते हैं।
मैं- आपको क्या जरूरत पड़ गई है, जीजू नहीं करते क्या?
दीदी अब नॉर्मल हो कर बात करने लग गई और वो बोली- वो बहुत कम करते हैं, और जब मेरा मूड होता है तो वो बाहर होते हैं।
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अब वो मेरे साथ अच्छे से सेक्स नहीं करते है, शायद वो मुझसे बोर हो गए है या उन्हें कोई मिल गई है।
मैं- अच्छा आपसे भी अच्छा कोई मिल गया है?
दीदी- उनके ऑफिस में बहुत सारी शादीशुदा और प्रमोशन के लिए सब करने को तैयार हो जाती है।
ये सुन कर मैं हंसा और वो भी हंस दी, तो मैं बोला- वो बॉस था आपका?
दीदी – नहीं वो बस मेरा दोस्त था बस।
मैं- ठीक है कोई बात नहीं। इधर अब मैं अपना लंड निकाल कर हाथ से हिलते हुए थक गया था।
दीदी- अच्छा तुम्हें ये तस्वीरें कहां से मिलीं?
मैं – वो मैं उस रात एसी का रिमोट ढूंढ रहा था, तो मुझे आपका ये मेमोरी कार्ड मिल गया।
दीदी- तुम कितने गंदे हो, किसी के कार्ड का इस्तेमाल नहीं करते।
मैं- अच्छा तो क्या जरूरी थी इसमें अपनी न्यूड तस्वीरें सेव करने की?
दीदी- ओह्ह गॉड तुमने सब कुछ देख लिया क्या?
मैं- हाहाहा।
दीदी- ये सब बहुत बुरा हुआ।
मैं- मैं अब क्या करूं? ये तो अच्छा हुआ कि ये मुझे मिल गया। अगर जीजू को मिल जाता तो वो आपके साथ क्या करते?
दीदी- तो अब तक मैं मर जाती। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
मैं – देखो फिर मैंने आपको बचा लिया। अभी जाओ वो सारी तस्वीरें मेमोरी कार्ड से डिलीट कर दो। और आज से उससे भी ये सब कुछ करना बंद कर दो।
दीदी- ओके गॉड प्रॉमिस सब कुछ बंद।
मैं- सब बंद नहीं सेक्स का मजा करो। तभी मैंने उन्हें उनके बूब्स की तस्वीरें भेजीं, तो वो बोलीं- OMG मैं अब इसका क्या करूं?
मैं- कुछ नहीं ये बड़े मस्त हैं।
दीदी- क्या बोल रहे हो ऐसे ना बोलो मैं तुम्हारी बहन हूं, तुम्हारी गर्लफ्रेंड नहीं हूं।
मैं- क्या करूं गर्लफ्रेंड के रूप में बहन मिल गई। फिर मैंने उन्हें उनकी पूरी नंगी तस्वीरें भेजीं, और वो उसे देख कर बोलीं- अब बस करो ये सब।
मैं – ठीक है, अब मैं तुम्हारे घर आऊंगा तब बात करूंगा।
दीदी- ठीक है तुम कल आना।
मैं- ठीक है। अब रात के 3 बज चुके थे, और अब तक मेरा लंड भी खाली हो गया था।
सुबह मैं तैयार हुआ कोचिंग के बाद मैं शाम को उनके घर के लिए निकल गया। मैं अब सोच रहा था, कि मैं उन्हें अब कैसे फेस करूंगा।
फिर मैं उनके घर गया और मैंने डोर बेल बजाई। फिर उन्होंने दरवाजा खोला, पर मैंने उन्हें नहीं देखा और मैंने बच्चे को चॉकलेट दी।
फिर वो किचन में जा कर चाय बनने लग गई, मैं टीवी ऑन करके देखने लग गया। फिर वो चाय ले कर आई, और रख कर वापस जाने लग गई।
तभी मैंने रोका और मैं बोला – क्या हुआ बैठो ना?
तो वो शर्मा गई, और मैं बोला – चलो साथ में बैठ कर चाय पियो।
फिर वो मेरे साथ बैठ कर बातें करने लग गई, और ऐसा ही टाइम निकल गया। अब वो मेरे साथ थोड़ी कंफर्टेबल हो गई थी, रात को मैंने डिनर भी किया। (चचेरी बहन की प्यासी चूत)
अब वो बेबी को सुलाने रूम में ले गई, मुझे अब ऐसा लग रहा था मानो मैं उनका पति हूं।
फिर मैंने उनसे कहा जब से आपकी फोटो देखा हूँ मेरे लंड का बुरा हाल है क्या तुम इसे शांत कर दोगी।
दीदी: ये की कह रहे हो, मैं तुम्हारे साथ ये सब नहीं कर सकती।
मैं: अच्छा दुसरो को बाँट सकती हो मुझे नहीं दे सकती।
दीदी: तुम समझते क्यों नहीं।
मैं: मैं तो समझ जाऊ लेकिन मेरा लंड नहीं समझ रहा है उस दिन से। फिर मैंने उनके हाथ पकड़ कर अपनी बाहो में खींच लिया, और उसे किस करने लगा।
वो मुझे झटकने लगी लेकिन मैंने उसे अपनी बाहो में कस कर पकड़ रखा था और किस के साथ साथ मैं उसके बूब्स को भी दबा रहा था।
थोड़ी देर किस करने के बाद वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी, फिर मैं उसे बैडरूम में उठ कर ले गया।
आगे की सेक्स कहानी मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा।