नमस्कार प्यारे साथियो मैं साक्षी एक फिर से थिएटर Actor Aunty Ki Chudai Ki Kahani 2 का भाग 2 लेकर आई हूँ।
अगर अपने अभी तक Actor Aunty Ki Chudai Ki Kahani का भाग 1 नहीं पढ़ा है तो पहले उसे पढ़े ताकि आपको कहानी का पूरा मजा मिले।
अब इस xxx सेक्स कहानी को अनुराग के शब्दो में शुरू करते है।
हेलो दोस्तों, मैं अनुराग दिल्ली से हूँ, और मैं फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी का अगला भाग ले कर।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि हमारे प्ले में मां का रोल करने के लिए एक आंटी को सिलेक्ट किया गया।
उसका नाम निर्मला था। वो आंटी बहुत ही सेक्सी थी, और पहले ही दिन के रिहर्सल के बाद मेरी और उसकी चुदाई हो गई। उसने मुझे स्वर्ग जैसा अनुभव दिया।
अब इस देसी सेक्स कहानी को आगे बढ़ाते है…….
चुदाई होने के बाद हम अपने-अपने घर चले गए। जाने से पहले आंटी ने मुझसे मेरा नंबर ले लिया। फिर जब मैं घर पहुंचा तो उसमें थोड़ी देर बाद मुझे मेरे व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया। मैंने मैसेज ओपन किया तो वो निर्मला आंटी का ही मैसेज था।
आंटी: नमस्ते।
मैं: नमस्ते आंटी जी।
आंटी: कैसे हो?
मैं: आपसे प्यार करके आया हूं, तो बढ़िया कैसे नहीं रहूंगा।
आंटी: अच्छा जी, इतना मजा आया?
मैं: मजा, अरे जन्नत का मजा आया, आपको मजा आया कि नहीं?
आंटी: मुझे भी बहुत मजा आया।
आंटी से बातें करते हुए मैं उनके बारे में सोच रहा था। उनके सेक्सी फिगर के बारे में सोच कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। तभी मैंने आंटी को बोला-
मैं: आंटी मुझे अपनी कुछ कामुकता से भरी सेक्सी तस्वीर भेजो ना।
कुछ ही मिनटों में मेरे पास उनकी कई तस्वीरें आईं। जब मैंने तस्वीरें डाउनलोड करके देखीं, तो मेरा मुंह खुला का खुला ही रह गया, और उसमें से पानी आ गया।
आंटी ने अपनी ब्रा पैंटी में और नंगी होके मुझे तस्वीरें भेजी थीं।
उसके सेक्सी जिस्म को देख कर मेरा लंड काबू से बाहर हो गया, और मुझे मुठ मार कर उसको हल्का करना पड़ा।
एक बात तो मैं समझ गया था, कि आंटी सेक्स की बहुत भूख थी।
इस बात से मैं खुश बहुत था, क्योंकि वो थी ही कुछ ऐसी माल।
फिर अगले दिन से हमारी रिहर्सल फिर शुरू हो गई।
आज आंटी ने फिर से साड़ी पहनी थी, जिसके से उनके बूब्स की क्लीवेज मस्त दिख रही थी।
मैंने पहले सीन के दौरान जब आंटी को गले से लगाया, तो मेरा चेहरा अपने बूब्सों में दबा लिया।
मुझे उनके बूब्स की खुशबू मदहोश करने लगी।
दिल तो कर रहा था कि उनके ब्लाउज को फाड़ कर उनके रसीले बूब्स बाहर निकालूं, और उनका रस पीना शुरू कर दूं।
लंड नीचे से बाहर आने की कोशिश कर रहा था।
फिर हमारी रिहर्सल ख़त्म हो गई, और निर्मला चेंजिंग रूम में चली गई।
बाकी के लोग चेंज करके निकल चुके थे।
वो सेकेंड लास्ट में चेंज करने गई थी, और उसके चेंज करने के बाद मैं चेंज करने वाला था।
जब मैंने देखा कि सब चले गए थे, और आंटी चेंजिंग रूम की तरफ जा रही थी, तो मैं उनके पीछे चला गया।
इसे पहले वो चेंजिंग रूम के अंदर जाती थी, मैंने उसका हाथ पकड़ा, और खींच कर अपनी बाहों में भर लिया।
मेरे अचानक ऐसे हमले से आंटी एक बार तो घबरा गई।
जब उन्होंने देखा कि मैंने उनको खींचा था, तो वो ठीक हो गई।
अब वो मेरी बाहों में थी, उनकी सांसें मेरी सांसों से टकरा रही थीं।
हम दोनों एक-दूसरे की आंखों में देख रहे थे, और कोई किसी को कुछ भी नहीं बोल रहा था।
फिर मैंने अपने होठों को आगे बढ़ाया, और आंटी के होठों के साथ मिला दिया।
बस फिर क्या था, आंटी तो पहले से ही सेक्स की भूखी थी।
हम दोनों की वाइल्ड किस शुरू हो गई, और हम दोनों पागलों की तरह किस करने लग गए।
किस करते हुए मैं उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स दबाने लगा।
इससे उनकी सांसे तेज़ हो गई, और किस और वाइल्ड हो गई।
फिर मैंने उनके होठों को छोड़ा, और ब्लाउज के बीच से उनकी क्लीवेज में अपना मुंह डाल लिया, और उसको चूसने लगा।
क्या मदहोश कर देने वाला स्वाद था आंटी की क्लीवेज का।
ऐसा मजा किसी जवान लड़की में नहीं मिल सकता जो आंटियों में मिलता है।
फिर मैं उनको खींच कर स्टेज पर ले गया जहां हम रिहर्सल कर रहे थे।
पूरा थिएटर खाली था, और मैं और आंटी स्टेज पर थीं।
मैंने उनकी साड़ी का पल्लू पकड़ा, और उसको खींचना शुरू कर दिया।
आंटी भी घूमने लगी, जिससे साड़ी पूरी निकल गई।
अब वो पागल जिस्म वाली आंटी सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी।
मैं उनके पीछे गया, और ब्लाउज के हुक खोल कर ब्लाउज को उनके बदन से अलग कर दिया।
अब वो सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी।
फिर मैंने पीछे से उनकी ब्रा के ऊपर से उनके चुचो पर हाथ डाला, और उनको ज़ोर से दबाया।
इससे आंटी की आह निकल गयी।
मैं अपने हाथ से उनके कमर पर ले गया, और पेटीकोट का नाडा खोल कर उसको नीचे गिरा दिया।
अब आंटी ब्रा और पैंटी में थी, और मैंने उनके पीछे से उनको बाहों में भर रखा था।
उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिये।
अब मेरा मोटा बड़ा लंड पीछे से आंटी की मोटी गांड को पैंटी के ऊपर से टच हो रहा था।
पूरा हाल खाली था आंटी की आवाज गूंज रही थी।
मैंने आंटी को घुमाया, और उनको घुटनो पर बिठा दिया।
अब आंटी अपने घुटनों पर थी, और मेरा लंड उनके सामने था।
लंड देखते ही वो समझ गई थी, कि उनको क्या करना था।
उन्होंने झट से लंड को अपने मुँह में डाल लिया, और उसको लॉलीपॉप की तरह चूसने लग गई।
मैंने आंटी के बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उनके मुँह में धक्के देके चोदने लगा।
उनके मुँह से लार की बरसात हो रही थी, और लंड मुँह में अन्दर-बाहर होने से निकल रही आवाज़ पूरे हॉल में गूँज रही थी।
कुछ देर ऐसे ही लंड चुसवाने के बाद मैं नीचे लेट गया, और आंटी को मेरे ऊपर 69 पोजीशन में आने को कहा।
अब हम 69 पोजीशन में आ गये, मैं आंटी की चूत को चूस रहा था, और आंटी मेरा लंड चूस रही थी।
मैं अपनी जीभ को उनकी चूत पर फिरना शुरू करता हूं, और गांड के छेद तक लेके जाता हूं।
वो भी किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूस रही थी।
कुछ देर हम दोनों ने ऐसे ही एक दूसरे को मजा दिया।
फिर मैंने आंटी को सीधा किया, और उनकी टांगे खोल कर बीच में आ गया।
आंटी की आँखों में जो प्यास थी, वो मुझे उनको चोदने को बोल रही थी।
फिर मैंने अपने लंड को उनकी चूत में सेट किया, और पूरा लंड अंदर डाल दिया।
आह! हम दोनों के मुंह से वही आवाज निकली।
स्वर्ग का मज़ा किसको कहते है, ये लंड को चूत में डालने के वक़्त पता चलता है।
फिर मैंने अपना लंड अंदर-बाहर करके धक्के लगाने शुरू किये।
हमारी चुदाई शुरू हो चुकी थी। आंटी ने अपनी टांगे मेरी गांड के चारों ओर घुमा ली।
वो मुझे अपनी तरफ खींच रही थी, और मैंने भी ज़ोर-ज़ोर के धक्के लगा कर उन्हें चोदना शुरू कर दिया था।
चूत के पानी से चप-चप की आवाज आनी शुरू हो गई थी, जो पूरे हॉल में गूंज रही थी।
लेकिन हम बेफिकर हो कर चुदाई का मजा ले रहे थे।
मैं आंटी के चुचो को चूस कर पूरा मजा ले रहा था।
बीच-बीच में मैं उनके निपल्स काट रहा था।
कुछ देर ऐसे ही उनको चोदने के बाद मैंने आंटी की चूत से अपना लंड बाहर निकाल लिया।
मेरा लंड आंटी की चूत के पानी से बिल्कुल खाली हो चुका था। फिर मैंने आंटी को घोड़ी बनाने को कहा।
आंटी झट से गांड बाहर निकाल कर घोड़ी बन गई।
आंटी की Moti Gand बहुत खूबसूरत लग रही थी।
पहले तो मैंने गांड पर कई ज़ोर से थप्पड़ लगाए, जिससे गांड लाल हो गई।
थप्पड़ लगाने से उनके मुँह से दर्द भरी आहें निकली, लेकिन उनको मजा भी बहुत आया।
वो अपनी गांड जान-बूझ कर हिलाने लगी, तो मैंने और थप्पड़ जड़ दिए।
फिर मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाला, और चूतड पकड़ कर मसलते हुए उनको चोदने लग गया।
मैंने एक हाथ उनकी गांड पर रखा, और दूसरे हाथ से उनके बाल पकड़ कर खींचते हुए उन पर अपनी पकड़ बना ली।
अब मैं किसी राजा की तरह रथ पर सवार था, और उस घोड़ी को मजे से चोद रहा था।
जांघो और चूतड़ों से टकराने की वजह से थप-थप की आवाज आ रही थी।
ऐसी अजीब आवाज आग में पेट्रोल का काम करके हमारी परेशानी को और बढ़ा रही थी।
15 मिनट मैंने जम कर आंटी की चूत चोदी, और फिर मेरा पानी निकलने वाला हो गया।
मैंने जल्दी से लंड आंटी की चूत से निकाला, और दूसरी तरफ जाके उनके मुँह पर अपना सारा माल निकाल दिया।
उसके बाद मैं वही आंटी को साथ लेट गया।
दोस्तों Real Hindi Sex Story पढ़ कर अगर आप सभी को मजा आया हो, तो कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।