September 30, 2024
Actor Aunty Ki Chudai Ki Kahani

नमस्कार प्यारे साथियो मैं साक्षी एक फिर से एक और मस्त Hindi Sex Story आप सब के साथ शेयर करने जा रही हूँ। इस कहानी का शीर्षक थिएटर Actor Aunty Ki Chudai Ki Kahani होटल में भाग 1 ।

इस xxx सेक्स कहानी के लेखक अनुराग है और आगे की कहानी उन्ही के शब्दों में है, कहानी का मजा लीजिए।

हेलो दोस्तों, मेरा नाम अनुराग है, मैं Delhi से हूँ, और 28 साल का हूं, और एक थिएटर आर्टिस्ट हूं। मेरी शादी अभी नहीं हुई है, मैं 5’8″ इंच लम्बा हूँ, और गोरे रंग का हूँ। मेरा लंड 7 इंच का है।

जैसा कि मैंने आपको बताया, कि मैं एक थिएटर आर्टिस्ट हूं, तो आए दिन मेरी मुलाकात कई लड़कियों से होती रहती है।
कई लड़कियों से बात भी बन जाती है, तो रात मजे से कट जाती है।
अब जब सारे मजे बिना शादी किए मिल रहे हों, तो शादी करने की जरूरत महसूस नहीं होती।

मैंने बहुत टाइप की लड़कियों और आंटियों को चोदा है। उन्हीं में से एक Aunty Sex Story मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ।

ये देसी सेक्स कहानी मेरी और निर्मला आंटी की है। तो चलिए शुरू करते हैं।

हमारा एक प्ले (नाटक) चल रहा था, और उसमें एक मां के रोल की जगह थी।
काफी दिन हो गए निर्देशक को ढूंढते हुए, लेकिन उसको कोई भी औरत हमारे रोल के लिए नहीं मिल रही थी।
फिर एक दिन डायरेक्टर खुश हुआ, हमारे पास आया और बोला-

निर्देशक: तो दोस्तों, आखिरकार मुझे मां का रोल करने वाली लेडी मिल गई। मिलिये इनसे।

तभी निर्मला आंटी हम सब के सामने आईं। जब मैंने उसको देखा, तो मैं देखता ही रह गया।
इतनी सेक्सी और कामुकता से भरी थी वो, किसी भी एंगल से आंटी लग ही नहीं रही थी।
उसने जींस और शर्ट पहन रखी थी, और वो दिखने में बिल्कुल हेरोइन के जैसी थी।

5’6″ की हाइट, गोरा रंग, 34-30-36 का फिगर, बस समझ लो कि खुदा ने बड़े इत्मिनान से बनाया था उनको।
फ़िर सब ने अपनी प्ले वाली ड्रेस डाली। क्योंकि मैं बेटा था, और वो माँ थी नाटक में, तो मैं बहुत खुश था।
क्योंकि नाटक की पूरी कहानी मां-बेटे की थीम पर ही आधारित थी।

फिर वो साड़ी पहन कर आ गई, जो प्ले में मां का कॉस्ट्यूम था।
उनको साड़ी में देख कर तो मेरे मुँह से पानी बहने लग गया।
टाइट ब्लाउज में उसकी क्लीवेज, पेटीकोट और ब्लाउज के बीच दिखती कमर सब कमाल का था।

फिर प्ले शुरू हुआ, और हम सब ने अपनी-अपनी एक्टिंग शुरू की।
प्ले में एक ऐसा सीन था जिसमें मुझे उनको गले लगाना था।
मैं बड़ा खुश था इस सीन को लेके। उनकी एक्टिंग बड़ी इंटेंस थी। पूरी शिद्दत से वो अपना रोल कर रही थी।

फिर जब गले लगने का वक्त आया, तो हम दोनों ने एक दूसरे को कस के गले लगा लिया।
क्योंकि वो माँ थी, तो उसने मेरा मुँह अपने चुचो में दबा लिया।
आह! क्या मुलायम और गद्देदार बूब्स थे, और क्या मस्त खुशबू आ रही थी।

सीन ख़त्म हो चुका था, लेकिन मेरा उनको छोड़ने का मन नहीं कर रहा था।
फिर डायरेक्टर ने ज़ोर से कट बोला, तो मुझे होश आया।
मैं फिर उनसे दूर हट गया, लेकिन इससे एक बात अच्छी हुई, कि आंटी को मेरे इरादे के बारे में पता चल गया।

फिर हमारी प्ले प्रैक्टिस ख़त्म हो गई, और सब अपने कपड़े बदल कर जाने लगे।
मैं थिएटर के बाहर कैब का इंतजार कर रहा था, तभी एक बड़ी सी गाड़ी मेरे सामने आके खड़ी हो गई।
जब मैंने शीशे से अंदर देखा तो हैरान हो गया। गाड़ी के अंदर निर्मला आंटी थी।

उन्होंने मुझे लिफ्ट ऑफर की, और मैंने वही जवाब दिया, जो आप में से हर कोई देता।
फिर उन्होंने गाड़ी चलानी शुरू की, और हमारी बातें शुरू हुईं।

निर्मला आंटी: तो अनुराग, अनुराग ही है ना नाम तुम्हारा?

मैं: जी।

आंटी: कब से हो थिएटर में।

मैं: अब तो बहुत वक्त हो गया है।

आंटी: हां तभी इतने अच्छे एक्टर हो।

मैं: आप भी कम नहीं हैं, आज तो आपने कमाल ही कर दिया।

आंटी: इतनी अच्छी थी मेरी एक्टिंग?

मैं: हा बिल्कुल।

आंटी: तब भी मुझे छोड़ नहीं रहे रिहर्सल के वक्त?

और ये बोल कर उन्होंने एक नॉटी स्माइल दी। मैं समझ गया कि वो भी तेज़-तर्रार थी, तो मैंने वैसा ही जवाब दिया।

मैं: नहीं उसका कारण कुछ और ही था।

आंटी : क्या था?

मैं: आपका परफ्यूम बहुत अच्छा था।

आंटी: सिर्फ परफ्यूम?

मैं: हां, बाकी मुझे याद करना पड़ेगा। ऐसा करता हूं टच करके देख लेता हूं, क्या वजह थी।

ये बोल कर मैंने शर्ट के ऊपर से उनके बूब पर हाथ रख दिया, और उसको हार्न की तरह दबा दिया। मेरे बूब को दबते ही उसकी आह निकल गई। फ़िर वो बोली-

आंटी: अब याद आया।

मैं: अभी भी याद नहीं आया, तब मुंह लग गया था, फिर से लगा कर देखता हूं।

ये बोल कर मैंने अपना चेहरा आगे बढ़ाया, और उसके दोनों कॉलर के बीच चेहरा डाल कर उसकी क्लीवेज में मुंह डाल दिया।

तभी उसने गाड़ी की ब्रेक लगा दी। हम पहले से ही एक सुनसान रास्ते पर हैं।
फिर मैंने उसकी गर्दन चूमनी शुरू कर दी, और वो कामुक आहें भरने लग गई। मुझे पता था मेरा रास्ता साफ़ था।

मैं एक-एक करके उसकी शर्ट के बटन खोलने लगा, और उसकी सांसें तेज़ हो गयीं।
उसकी तेज़ सांसों से उसके बूब्स भी ऊपर-नीचे हो रहे थे।
क्या मस्त खुशबू आ रही थी उसके बूब्स में से। अब उसकी शर्ट के सारे बटन खुल चुके थे।
मैंने उसकी ब्रा को बूब्सों से ऊपर कर दिया, और उसके बूब्स उछल कर बाहर आ गये।

फ़िर मैं एक-एक करके उसके निपल्स चुसने लग गया। वो पूरी मदहोश हो चुकी थी।
अभी मैं उसके बूब्स चूस ही रहा था, कि उसने मुझे धक्का दिया, और गाड़ी स्टार्ट करके ड्राइव करने लगी।
वो कुछ भी नहीं बोल रही थी, मैं थोड़ा डर भी रहा था कि कहीं मैंने जल्दी तो नहीं कर दी।

फिर कुछ मिनट बाद उसने ब्रेक लगायी। मैंने देखा उसने गाड़ी एक होटल के बाहर खड़ी की थी। फ़िर वो मुझे बोली-

आंटी: चलो अन्दर चलते हैं।

मैं तो पहले से तैयार था। फिर हम अन्दर गये, और उसने रूम बुक किया।
जैसे ही कमरे में गए, तो निर्मला आंटी ने मुझे धक्का देके बिस्तर पर लिटा दिया।
फिर वो अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी, और शर्ट उतार दी। उसके बाद उसने अपनी ब्रा भी उतार दी।

अब वो हुस्न की देवी मेरे सामने सिर्फ टाइट जींस में थी। फ़िर वो मेरे ऊपर आके बैठ गई।
मैंने उसके रसीले बूब्सों को अपने हाथों में लिया, और एक-एक करके पीने लगा।
उसके चेहरे पर बड़े मजे के भाव थे, जैसे उसको बड़ा मजा और शांति मिल रही हो।

काफी देर तक मैंने उसके Big Boobs बड़े मजे से चुसे, और चूस-चूस कर उनको लाल कर दिया।
फिर वो नीचे हुई, और उसने मेरी जींस और अंडरवियर उतार दिया।
शर्ट मैंने खुद ही उतार दी थी। अब उसने मेरा लंड पकड़ा, और उस पर अपनी जीभ चलने लगी।
जब मैंने नीचे देखा, तो वो कामुक निगाहों से मुझे ही देख रही थी।

बड़ा कमाल का एहसास था, कि इतनी सेक्सी लेडी मेरा लंड चूस रही थी।
फिर मैं भी गांड उठा-उठा कर उसके मुँह में धक्के देने लगा।
कुछ देर लंड चुसने के बाद वो खड़ी हुई बेड पर और अपनी जींस उतारने लगी।
उसकी जाँघें देख कर तो मेरा लंड और उछलने लगा।
फिर उसने पैंटी उतारी, और अब वो मूरत जैसी बदन वाली आंटी मेरे सामने नंगी थी।

वो मेरे लंड पर बैठ गई, और अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने लग गई। बड़ा गजब का एहसास था।
उसकी चूत के हल्के-हल्के बाल मेरे लंड पर रगड़ रहे थे। वो और मैं दोनो हल्की आहें भर रहे थे।

फिर उसने मेरा लंड अपनी चूत के मुँह पर रखा, और अपनी गांड आगे की तरफ हिलायी।

इससे मेरा लंड उसकी भट्टी जैसी गर्म चूत में चला गया। उसके मुँह से सीइइइ… करके आवाज़ निकली, और मेरी भी आह निकल गई।

फिर वो अपनी गांड धीरे-धीरे करके आगे-पीछे करने लगी, जिससे मेरा लंड उसकी चूत के अंदर-बाहर होने लगा, और उसकी चूत को चोदने लग गया।

धीरे-धीरे वो स्पीड बढ़ा रही थी, और मैं भी नीचे से उसको पूरा सपोर्ट दे रहा था।
बड़ा मजा आ रहा था उसके बड़े-बड़े बूब्स हिलते देख कर।

फ़िर उसने मेरी छाती पर हाथ रख दिया, और लंड पर उछलने लग गयी।
अब मेरा लंड पूरा उसकी चूत चोद रहा था।
मैं बीच-बीच में उसके बूब्स भी दबा रहा था।

15 मिनट की इस चुदाई के खेल के बाद मेरा माल निकलने वाला हो गया।
मैं उसको उतारने के लिए बोला, लेकिन उसने मेरा सारा माल अपनी चूत में ही निकालवा लिया।
उसके बाद हम दोनों लेट गए, और कुछ देर बाद हम होटल से अपने-अपने घर चले गए।

दोस्तों ये थी मेरी Real Sex Story, आगे क्या हुआ इस कहानी में मैं आपको कहानी के अगले भाग में बताऊंगा।

अगर आप सभी को हिंदी सेक्स स्टोरी में मजा आया हो कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।

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