नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम सुधा है। मैं एक शादी-शुदा औरत हूं। मेरी उमर 28 साल है, और मेरे 2 बच्चे भी हैं। मेरे पति की गारमेंट्स की दुकान है, और काफी अच्छी इनकम है उनकी। इस हिंदी सेक्स कहानी में मैं आपको बताउंगी की कैसे जवान नौकर ने मेरी प्यासी चूत को शांत किया। और इस कहानी का शीर्षक जवान नौकर और मेरी प्यासी चूत हैं।
मेरी शादी 5 साल पहले हुई थी, और ये एक अरेंज मैरिज थी। धीरे-धीरे मुझे अपने पति से प्यार हो गया।
हम दोनों काफी खुश थे, और हमारी सेक्स लाइफ भी काफी अच्छी थी। फिर हमारा पहला बच्चा हुआ, और सेक्स कम हो गया।
दूसरे बच्चे के बाद तो सेक्स लगभग बंद ही हो गया। अब साल में कभी कभी सेक्स करने को सेक्स कहा कह सकते है।
जिंदगी के जिन सालों में लोग खुल कर अपनी कल्पनाएं पूरी करना चाहते है। उन सालों में आम औरत की सेक्स लाइफ ख़त्म हो जाती है।
ऐसा ही मेरे साथ हुआ था, मेरे पति अब बस काम करें और पैसे बनाने में रुचि रखते हैं। मेरा 36″30″38 का सेक्सी फिगर भी उनको आकर्षित नहीं कर पा रहा था। मेरे होठों का अभी बहुत रस बाकी था, जिसमें उन्हें दिलचस्पी नहीं थी।
मैं अब निराश होने लगी थी, और मेरी चूत लंड से चुदने के लिए तड़प रही थी। शादी के बाद फिंगरिंग भी कहां शांत कर पाती है आपको। फिर एक दिन बाथरूम में मेरा पैर फ़िसल गया।
अपने नौकर से चुदाई कहानी | जवान नौकर और मेरी प्यासी चूत
जब मैं गिरी, तो बचने के चक्कर में मैंने अपने हाथ नीचे कर लिया। मेरी बैक तो बच गई, लेकिन मेरे हाथ में फ्रैक्चर हो गया।
अब मैं घर का काम नहीं कर सकती थी। इसलिए मेरे पति के घर का काम करने के लिए एक लड़के को काम पर रख लिया।
उस लड़के का नाम राहुल था, और वो 20 साल का था। उसकी हाइट 5’8″ थी, और रंग गेहुँआ था। वो गांव से आया था, और उसका बाप मेरे पति के पास काम करता था।
राहुल सुबह से शाम तक हमारे घर में ही रहता था, और रात को वापस जाता था। वो बड़े अच्छे से घर का सारा काम कर देता था। लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरी सेक्स कहानी को बदल कर रख दिया।
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दोपहर को जब बच्चे घर आ जाते थे, तो अक्सर हम लंच करके सो जाते थे। राहुल उस समय टीवी देखता था।
फिर एक दिन ऐसा ही मैं सोई हुई थी, कि अचानक से मेरी आँख खुल गई। मैंने देखा कि अभी आधा घंटा ही हुआ था मुझे सोए हुए।
फिर मैं उठ कर बाहर चली गई। बाहर राहुल टीवी देख रहा था। टीवी पर एक सेक्सी सीन चल रहा था, और राहुल अपना लंड अपनी पैंट के ऊपर से मसल रहा था।
ये देख कर मैं ज्यादा हैरान नहीं हुई, क्योंकि वो एक जवान लड़का था। और इस उम्र में तो सारे लड़के ही ऐसा करते हैं।
फिर मैं वही खड़ी होके उसको देखने लग गई। तभी अचानक से उसने अपनी ज़िप खोली, और अपना लंड बाहर निकाल लिया।
उसका लंड देख कर मैं हैरान हो गयी, उसका लंड 7.5 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा था। मैंने ये नहीं सोचा था, कि राहुल यू खुले आम अपना लंड बाहर निकाल लेगा।
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लेकिन मुझे उस पर गुस्सा नहीं आ रहा था। शायद उसका लंड देख कर मेरी चूत तड़पने लगी थी, फिर उसने अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया। मैं ये देख कर गरम हो गई, और मेरा हाथ अपने आप मेरी चूत पर चला गया।
मैं भी अपनी चूत को सहला रही थी। फिर वो तेजी से अपना लंड हिलाने लगा, और मेरी स्पीड भी तेज हो गई।
5 मिनट बाद उसके लंड से माल की पिचकारी निकली। आआहह! मुझे ऐसा महसूस हुआ, कि काश वो पिचकारी मेरे ऊपर पड़ती। (नौकर से चुदाई कहानी)
इधर मेरी भी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। आहा! कितनी शांति मिली थी मुझे, जब राहुल के लंड का पानी निकला, तो उसने जल्दी से अपना लंड अंदर किया, और कपड़ा लेके फर्श साफ करने लगा। मैं जल्दी से अपने कमरे की तरफ चली गई, ताकि राहुल मुझे देख ना ले।
अब मेरा दिल राहुल से चुदने को कर रहा था। लेकिन ये तभी हो सकता था, जब मैं राहुल को अपने हुस्न के जाल में फंसा लूं।
अब मेरा हाथ लगभग ठीक हो चुका था, तो मैंने भी राहुल के साथ किचन का काम संभालना शुरू कर दिया था।
मैं जान-बूझकर टाइट कपड़े पहनने लगी, ताकि वो मेरे सेक्सी बदन को देख सके। काम करते हुए मैं उसको अपनी सेक्सी क्लीवेज दिखाने लगी।
राहुल मुझे नोटिस तो करता था, लेकिन उसने कभी मुझे चोदने की कोशिश नहीं की। फिर एक दिन मैंने राहुल को रंगे हाथ पकड़ा।
दोपहर का ही टाइम था, और अब मैंने सोना बंद कर दिया था। आज कल मैं राहुल को ही नोटिस करती थी।
उस दिन राहुल किचन से काम करके बाहर आया, और बाथरूम में चला गया। वो बाथरूम से कोई कपड़ा लेके बाहर आया। मैंने देखा नहीं पाई, वो क्या था।
फिर राहुल सोफ़ा पर बैठ गया, और टीवी देखने लगा। राहुल फिर से अपना लंड हिलाने लगा, तभी अचानक उसने वो कपड़ा ऊपर किया और अपने मुँह पर लगा लिया।
जब मैंने देखा तो ये तो मेरी पैंटी थी, वो मेरी पैंटी को मुँह पर रख कर सूंघने लगा, और अपना लंड हिला रहा था।
ये सब देख कर मुझसे रुका नहीं गया, और मैं बोल पड़ी-
मैं: ये क्या हो रहा है राहुल?
राहुल मेरी आवाज सुन कर डर गया, और सोफे से उठ कर खड़ा हो गया। मेरी पैंटी उसके हाथ में थी, और उसका लंड मेरी तरफ़ पॉइंट करके खड़ा हुआ था। वो डर के मारे लंड अंदर करना भी भूल गया था। फ़िर वो बोला-
राहुल: म.. म.. मालकिन, वो मैं।
मैं: वो मैं क्या, ये मेरी पैंटी है ना?
ये सुन कर उसने पैंटी पीछे छुपा ली। मैं उसके पास गई, और वो अपना सिर झुका कर पीछे होने लगा। फिर मैंने उसके मुँह पर हाथ लगाया, और ऊपर उठते हुए बोली-
मैं: क्या कर रहा था? मेरे बारे में सोच रहा था? मैं अच्छी लगती हूं तुझे?
मैंने उसका हाथ अपने बूब्स पर रखा, और बोला-
मैं: ये पसंद है तुम्हें?
बूब्स पर हाथ रखने पर वो हैरान हो कर मेरी तरफ देखने लगा। मैंने फिर उससे पूछा-
मैं: अच्छे लगते हैं तुझे मेरे चुचे?
राहुल: सॉरी मालकिन।
मैं: अब भोला क्यों बन रहा है?
ये बोल कर मैंने उसको सोफे पर धक्का दे दिया। मैंने नाइटी पहनी थी, और अब मैंने अपनी नाइटी आगे से खोल दी।
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नीचे सिर्फ ब्रा और पैंटी थी, मुझे ऐसे देख कर वो हैरान रह गया, और उसका लंड उछाल मारने लगा। फिर मैं घुटनो के बाल उसके सामने बैठ गई, और उसका लंड पकड़ लिया। मैं उसको बोली-
मैं: शर्म नहीं आती तुझे? मेरे बारे में सोच कर हिलाता है इसको।
राहुल: माफ़ करदो मालिकिन।
मैं: माफ़ी नहीं, अब तो सजा मिलेगी तुझे।
ये बोल कर मैंने उसका लंड अपने मुँह में डाल लिया। हम्म्म.. क्या स्वाद था उसके लंड का। फिर मैं खड़ी हुई, और उसका लंड पकड़ कर उसको दूसरे कमरे में ले गई।
वाहा जाके मैंने अपनी नाइटी निकाली, और पैंटी भी उतार दी। फिर मैंने अपनी टांगे खोली, और उसको बोली-
मैं: आ चूस ले मेरी चूत।
ये सुन कर वो मेरी चूत पर टूट पड़ा, और पगलो की तरह मेरी चूत चूसने लगा। उसके होंठ और जीब मेरी चूत को स्वर्ग जैसा मजा दे रहे थे। मैं उसके सर को अपनी चूत में दबा रही थी, और आहें भर रही थी। फ़िर मैं बोली-
मैं: अब चोद दे इसको राहुल, आज फाड़ देना इसको।
ये बोलते हाय राहुल मेरे ऊपर आ गया, और उसने एक ही झटके में अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।
मेरी ज़ोर की आह निकल गयी, क्योंकि मैं बहुत महीनो से चुदी नहीं थी, तो मुझे बहुत दर्द हुआ। लेकिन इसी दर्द के लिए मैं तड़प रही थी।
वो मेरी चूत में धक्के देने लगा, और मेरे होठों को चूसने लगा। मैंने अपनी टांगे उसकी कमर पर लपेट ली, और मजे से चूत चुदवाने लगी। (जवान नौकर और मेरी प्यासी चूत)
फिर उसने मेरे चुचो को ब्रा में से बाहर निकाल लिया, और मेरे निपल्स को काट-काट कर चूसने लगा।
मुझे इतनी संतुष्टि मिल रही थी, जितनी मेरे पति ने भी कभी नहीं दी थी। 15 मिनट तक उसने मुझे ऐसे ही चोदा।
फिर जब वो आह्ह आह्ह करने लगा, तो मैं समझ गई, कि वो झड़ने वाला था। मैंने उसका माल अपनी चूत में ही ले लिया। झड़ने के बाद वो ठंडा होके मेरे ऊपर ही लेट गया।
फिर कुछ देर बाद मैंने उसको कहा-
मैं: गांड मारेगा मेरी?
ये सुन कर वो मुस्कुराने लगा, फिर मैंने उसके लंड को चूस कर खड़ा किया, और पहली बार अपनी गांड चुदवाई। उसने मेरी गांड के छेद को खोल कर रख दिया, और मुझे दर्द के साथ मजा भी आया।
उस दिन से लेके आज तक राहुल के लंड से मैं अपनी प्यासी चूत की आग बुझा रही हूँ। मैं उसका भी पूरा ख्याल रखती हूं, और उसकी पॉकेट पैसे से भर देती हूं।
मैं ये बात समझ चुकी हूं, कि शारीरिक सुख के बिना इंसान खुश नहीं रह सकता। और उसको सम्भोग की जरूरत तो होती ही है भले ही उसके पास चाहे जितना भी पैसा हो।
दोस्तों ये थी मेरी चुदाई की कहानी। आशा करती हूं, आपको कहानी पसंद आएगी। मुझे कमेंट करके अपना फीडबैक जरूर दे। धन्यवाद।