January 14, 2025
माकन मालकिन को चोदा

माकन मालकिन को चोदा किराए के कमरे में रह कर में आप पड़ेंगे की कैसे मेने किराए के घर में रह कर बेहद सेक्सी भाभी की टंगे उठा कर उनकी चुदाई करने का सुख लिया।

हेलो दोस्तों, में आपकी दोस्त पिया हाज़िर है एक नई सेक्स स्टोरी के साथ जो की आज को आपको सूरज जी सुनेंगे आशा करते है आपको हम्हारी कहानी पसंद आएगी

माकन मालकिन को चोदा किराए के कमरे में रह कर में आप पड़ेंगे की कैसे मेने किराए के घर में रह कर एक बेहद सेक्सी भाभी की टंगे उठा कर उनकी चुदाई करने का सुख परापत करा।

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम सूरज है और मैं वड़ोदरा के पास एक गाँव से हूँ। मुझे भाभियों और आंटियों में बहुत दिलचस्पी है। मैं भाभी या किसी आंटी की चूत को चोदने का कोई मौका नहीं जाने देता।

आज मैं आपके सामने एक सच्ची घटना लेकर आया हूँ। इससे पहले कि मैं कहानी को आगे बढ़ाऊं, मैं आपको अपने बारे में कुछ जानकारी देना चाहता हूँ।

मेरी उम्र 28 साल है और मेरा शरीर काफी फिट है। मैं रोजाना कसरत के लिए समय निकालता हूँ। यह मेरी दिनचर्या का हिस्सा है।(माकन मालकिन को चोदा)

तो दोस्तों बात आज से करीब दो साल पहले की है। उस समय मैं एक कंपनी के टेंडर के सिलसिले में जयपुर गया था। वहां मैं किराए का कमरा लेकर रह रहा था।

पास में ही एक खूबसूरत भाभी रहती थी जो बहुत हॉट लग रही थी। हॉट से मेरा मतलब फिगर से नहीं है।

उनका स्टाइल ही किसी महिला को हॉट बनाता है, ऐसा मेरा मानना है। वो भाभी भी दिखने में थोड़ी मोटी थी जैसा मुझे अच्छा लगता है।

रूखी औरतें मुझे ज्यादा आकर्षित नहीं करतीं। मुझे थोड़ी स्वस्थ भाभियों में ज्यादा दिलचस्पी है। तो उस भाभी की उम्र करीब 32 साल थी।

वो उससे छोटी लग रही थी। मुझे उसकी उम्र के बारे में बाद में पता चला, लेकिन मैं यहां आपकी जानकारी के लिए पहले से ही लिख रहा हूँ।

ताकि आपको उसके शरीर के बारे में कुछ अंदाजा हो सके कि वो कैसी दिखती होगी।

मुझे उस भाभी से पहली ही नजर में प्यार हो गया था; उसे रोज देखता था। जिस दिन वो नजर नहीं आई, मन में एक बेचैनी सी हो जाती थी।

इस तरह उसे रोज देखना मेरी आदत बन गई थी। कई बार वो मेरी तरफ भी देखती थी।

उनकी पैनी निगाहें दिल को छलनी कर देती थीं। वो मुझे भी देखती थी लेकिन फिर भी कुछ रिएक्ट नहीं करती थी। मैं उस पर लाइन की पूरी कोशिश करता था।

वो भाभी शायद किसी कंपनी में ही काम करती थी। इसलिए कई बार घर से बाहर निकलते वक्त मेरा उनसे आमना-सामना हो जाता था।(माकन मालकिन को चोदा)

दीवाली का समय था और जब तक मैं काम कर रहा था तब तक शाम हो चुकी थी। मैं करीब 6 बजे ऑफिस से निकला और अपनी कार में अपने कमरे की ओर जा रहा था। वैसे तो मैं रोज गाड़ी नहीं लेता था।

लेकिन जिस दिन मुझे लगता था कि शायद काम की वजह से देरी हो सकती है, उस दिन मैं गाड़ी लेकर चला जाता था। बाकी दिन मैं ऑटो से ही जाता था।

तो उस दिन मैंने देखा कि वो एक बस स्टैंड पर खड़ी थी, शायद बस का इंतज़ार कर रही थी। मैंने मौके का फायदा उठाने के बारे में सोचा। मैं उसके पास गया और कार रोक दी।

गाड़ी रुकते ही उसकी नजर मुझ पर पड़ी और उसने मुझे पहचान भी लिया।

लेकिन वो शायद अभी भी कुछ सोच में थी कि मैंने अचानक इस तरह उसके सामने कार क्यों रोक दी।

मैंने भाभी को प्रणाम किया तो वो भी हल्का सा मुस्कुराने लगीं।

फिर मैंने उससे पूछा- तुम यहां कैसे हो?

उसने थकी हुई आवाज में जवाब दिया- मैं काफी देर से बस का इंतजार कर रही हूँ लेकिन अभी तक कोई बस नहीं आई है।

मैंने झट से कहा- अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपको लिफ्ट दे देता हूँ।

वो भी जानती थी कि मैं भी पास के घर में रहता हूँ।(माकन मालकिन को चोदा)

एक बार उसने मना कर दिया लेकिन मैंने फिर कोशिश की।

मैंने कहा- भाभी दीवाली का समय है। तुम्हें देर हो जाएगी मैं तुम्हें घर छोड़ दूंगा।

फिर उसने कुछ सोचा और कार में बैठ गई। वो मेरे बगल वाली सीट पर बैठी थी।

वो चुपचाप बैठी थी। मैंने सोचा कि यह इस तरह काम नहीं करेगा। मुझे बातचीत शुरू करनी है, तो मैंने उनसे पूछा- आज आप यहां कैसे?

उसने बताया कि वो यहां काम करती है।

इस तरह हम दोनों के बीच बातों का दौर शुरू हो गया।

आगे बात करने पर पता चला कि वो यहां अपने सास-ससुर के साथ रहती है। उसका पति महीने या दो महीने में एक बार ही घर आता है।

उसके ससुर की दुकान है और वो सुबह होते ही दुकान चला जाता है। सास अक्सर अपना समय भजन कीर्तन में बिताती हैं। इस वजह से वो कई बार घर में अकेली रहती हैं।

मैंने उनसे पूछा- आपके बच्चे तो कभी दिखे ही नहीं।

उसने कहा- मुझे अभी तक संतान का सुख नहीं मिला है। शादी को दस साल हो गए लेकिन न जाने क्यों अभी तक हमारे बच्चे नहीं हुए।(माकन मालकिन को चोदा)

उनके यह कहते ही मैं चुप हो गया। मैंने गलत सवाल पूछा होगा।

फिर वो भी चुप रही। कुछ ही देर में हम उनके घर के पास पहुंच गए। घर से कुछ दूरी पर उसने कार रोकने को कहाँ।

मैंने कहा कि मैं तुम्हें घर के सामने तक छोड़ दूंगा लेकिन उसने मना कर दिया।

वो कहने लगी कि अगर उसके ससुर ने उसे देख लिया तो वो न जाने क्या सोचेंगे।

मैं भी उससे सहमत था। तभी उनके कहने पर मैंने घर से कुछ दूरी पर गाड़ी रोक दी।

जब वो उतरी और जाने लगी तो मैंने उससे उसका नंबर मांगा। एक बार वो कहने लगी कि तुम मेरे नंबर का क्या करोगे।

फिर मैंने हिम्मत करके कहा कि वो सब बाद में बताऊंगा। फिर उसने अपना नंबर दिया और मुस्कुराते हुए अंदर चली गई।

मैं दिवाली मनाने के लिए अपने गांव चला गया। घर जाते हुए दो-चार दिन ऐसे ही बीत गए।

फिर जब मैं वापस कमरे में आया तो उस दिन आते ही भाभी को देखा। कयामत लग रही थी सोनम भाभी।

उसे देखते ही मेरे दिल में हलचल सी हुई और मैंने उसे बीच में टोकते हुए नमस्ते किया तो वो भी मेरी तरफ देख कर हल्की सी मुस्कुराई।

जब वो मुस्कुराती थी तो मेरा दिन बन जाता था। उस दिन मेरा काम पर जाने का मन नहीं था।

कमरे में लेटे-लेटे बोर हो रहा था तो सोचा क्यों न आज भाभी को फोन करके देख लूं। मेरे पास पहले से ही नंबर था

मैंने भाभी को फोन किया तो उन्होंने मीठी आवाज में हैलो कहा। मैंने बताया कि मैं उसका पड़ोसी सूरज बोल रहा हूँ।

मैंने उसे हैलो कहा और उसने भी हैलो कहा। तब वो जल्दी में लग रही थी। पूछने पर उसने बताया कि वो पैकिंग में व्यस्त है।

मैंने पूछा कहां जा रहे हो?(माकन मालकिन को चोदा)

भाभी ने बताया कि उसके सास-ससुर पांच दिन के लिए बाहर जा रहे हैं। वो उनका सामान समेटने में लगी हुई थीं।

भैया के बारे में पूछा तो भाभी ने बताया कि एक दिन पहले ही काम पर निकल गये थे। बस दिवाली पर दो दिन के लिए आये थे। उन्हें कुछ जरूरी काम था, इसलिए वो वापस चले गए।

फिर कहने लगी कि पैकिंग में व्यस्त हूँ। इसलिए बाद में बात करने को कहा और फोन काट दिया।

मन में लड्डू फूटने लगे थे। घर में भाभी अकेली थी। इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता था।

मैं बाहर आकर खिड़की के पास भाभी के घर पर नजर लगा कर बैठ गया कि कब उसके सास-ससुर घर से निकलेंगे और मैं भाभी को पटाने के लिए फिर से अपनी कोशिश करूंगा।

आधे घंटे बाद देखा कि उसके सास-ससुर अपना सामान ऑटो में रख कर चले गए। भाभी गेट बंद कर अंदर चली गईं।

मैंने तुरंत भाभी को फोन लगाया तो उन्होंने फोन उठाया। फिर हमारे बीच बातें होने लगीं।

एक-दो दिन भाभी से इसी तरह बात करने के बाद हमारे बीच कई बातें होने लगीं।

फिर एक दिन मैंने उनसे कहा कि क्या आपने बच्चों के बारे में डॉक्टर से सलाह ली है?

उसने मेरी बात टाल दी।

फिर हमारे बीच इधर उधर की बातें होने लगीं। अगले दिन मैं घर पर था और भाभी भी काम पर नहीं गईं। मैंने उसे दिन में फोन किया और हमने घंटों बात की।

फिर समय देखा तो शाम के 6 बज रहे थे। मैंने अपनी भाभी से कहा कि अब मैं बाहर खाना खाने जा रहा हूँ क्योंकि मुझे बहुत भूख लग रही थी।(माकन मालकिन को चोदा)

पूछने लगी कि आप कमरे में खाना नहीं बनाते हो क्या ?

मैंने बताया कि आज राशन खत्म हो गया है। इसलिए बाहर का खाना पड़ेगा।

भाभी ने कहा- तुम मेरे घर आकर खाना खा लो। मेरे घर पर कोई नहीं है।

मुझे आपका साथ भी मिल जायेगा और आपको खाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। जहां मैं अपने लिए खाना बनाती हूँ वहां दो लोगों के लिए खाना बना लुंगी।

भाभी की बात सुनकर मैं खुश हो गया। मैंने तुरंत हाँ कह दिया। भाभी ने मुझे 8 बजे तक आने को कहा था। अब मेरे लिए टाइम पास करना मुश्किल हो रहा था।

आठ बजते ही मैं अपनी भाभी के घर के लिए निकल पड़ा। मैंने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और ताला लगा दिया। मैंने टी-शर्ट और लूज लोअर पहना हुआ था।

मैंने भाभी के घर के गेट पर जाकर घंटी बजाई तो उसने दरवाजा खोला। जब मैंने उसे देखा तो मेरी नजर वहां से नहीं हटी।

भाभी ने सिल्क का गाउन पहना हुआ था और गीले बाल कंधे पर बिखरे हुए थे।

भाभी ने सिर पर भाभी ने एक स्टॉल सा डाला हुआ था लेकिन वो भी पूरी तरह ढका नहीं था। भाभी शायद अभी नहा कर बाहर निकली थी।(माकन मालकिन को चोदा)

फिर हम दोनों अंदर गए और भाभी ने खाना परोसा। भाभी के चूचो का क्लीवेज देखकर मेरा लंड मेरे लोअर में टाइट हो रहा था।

जब भी वो थाली में खाना रखने के लिए झुकती तो मैं अंदर भाभी के चूचो को अंदर तक ताड़ने लग जाता।

उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी हुई थी। भाभी एक बार मेरे आगे झुकी तो मुझे उनके भरे हुए चूचे दिखाई पड़े। मेरा लंड सीधा खड़ा गया।

मैंने बड़ी मुश्किल से खाना खत्म किया। भाभी के बूब्स के बारे में सोचते हुए लंड बार-बार उछल रहा था।

मैं बहाने से बाथरूम में गया और मुठी मरी, फिर कहीं लंड थोड़ा शांत हो गया। खाना खाने के बाद हम इधर उधर की बातें करने लगे।

बात करते-करते रात के 10-11 बज रहे थे। भाभी ने अपनी तरफ से कोई पहल नहीं की। मुझे भाभी की चूत चोदने का मन कर रहा था।

लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि चुदाई की बात को कैसे छेड़ूं।

फिर मैं अपना मन मर कर जाने लगा और भाभी से कहा कि मैं अपने कमरे में जा रहा हूँ। 

भाभी ने पूछा- अभी नींद आ रही है क्या?

मैंने कहा कि मुझे नींद तो नहीं आ रही है, लेकिन मैं जाकर लेटूंगा तो आ जाएगी।

भाभी बोलीं- कुछ देर और रुक जाओ। मैं भी घर में अकेली हूँ और मुझे यहां डर भी लगता है।

भाभी के मुंह से ये शब्द सुनकर मेरा लंड लोअर में टाइट होने लगा। मैं खड़ा हुआ तो लंड भी नीचे की तरफ थोड़ा तना हुआ दिखाई देने लगा।

भाभी ने एक बार मेरे लंड को देखा और फिर मुँह फेर लिया। शायद उसके दिमाग में भी कुछ चल रहा था लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रही थी।

मैं फिर भाभी के पास बैठ गया। फिर मैंने बच्चों के बारे में बात करना शुरू किया।

भाभी कहने लगीं- हमने कई जगह टेस्ट करवाए लेकिन कहां कमी है पता नहीं चल पा रहा है।

मुझे भाभी की चूत चोदने का मूड पहले से ही था। इसलिए लंड बार-बार खड़ा होकर मुझे पहल करने के लिए उकसा रहा था।

मैं पेशाब करने के बहाने उठ गया ताकि भाभी मेरे खड़े लिंग को देख सकें। जब मैं उठा तो भाभी ने मेरा लंड मेरे लोअर में फैला हुआ देखा और फिर टीवी देखने लगी।

जब मैं बाथरूम से वापस आया तो भाभी मेरे लंड को ही देख रही थी। अब मैंने भी सोच लिया था कि जो होगा देखा जाएगा। पहल मुझे ही करनी होगी।(माकन मालकिन को चोदा)

मैं भाभी के पास आकर बैठ गया और भाभी के कंधे पर हाथ रख दिया। उसने मुझे अजीब निगाहों से देखा लेकिन मैंने हार नहीं मानी।

मैं भाभी की आंखों में देख रहा था और वो मेरी आंखों में।

मैंने धीरे से अपने होठों को भाभी के होठों पर लगाया और फिर मैंने उनके होठों को चूम लिया। उसने थोड़ी हिचकी ली लेकिन अब मेरे अंदर एक तूफ़ान उठने लगा।

मैं जोर जोर से भाभी के होठों को चूसने लगा और दो मिनट में ही भाभी मेरा साथ देने लगी।

मुझे चोदने की जल्दी थी। मैंने भाभी को जल्दी से नंगा कर दिया। उनका गाउन उतार फेंका और उन पर टूट पड़ा।

मैंने भाभी की टांगें फैला दीं और उनकी चूत को चाटने लगा। वो सिसकारियां लेने लगी। भाभी की चूत को काफी देर तक चाटने के बाद मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए।

उसके होठों को चूसते हुए मैंने अपना लंड भाभी की चूत पर रख दिया और लंड को उनकी चूत में डाल दिया।

भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया। मैं भाभी की चूत को बिना देर किए चोदने लगा था।

भाभी के मुंह से कामुक सिसकियां निकलने लगीं ‘उम्ह।।। आह।।। हाय।।। ओह।।।’ बीच-बीच में मैं भाभी के निप्पल भी दबा रहा था और कभी-कभी मैं उनकी निप्पल पी रहा था।

सोनम भाभी बहुत हॉट थीं। उसकी चूत भी बहुत गर्म थी। मैं उसकी चूत की गर्मी को अलग से अपने लंड पर महसूस कर सकता था।(माकन मालकिन को चोदा)

मैंने भाभी की चूत में करीब दस मिनट तक चुदाई की और फिर मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया।

अब हमारे बीच कोई दूरी नहीं रह गई थी। उस रात भाभी ने मुझे अपने घर पर रोक लिया और मैंने रात में तीन बार भाभी की चूत को चोदा और मैंने भाभी की चूत को अलग-अलग पोजीशन में चोद कर उन्हें खुश कर दिया।

फिर सुबह 4 बजे मैं अपने कमरे में चला गया क्योंकि भाभी ने कहा था कि किसी को पता न चले कि मैं रात को उनके घर रुका था।

इस तरह अगले तीन दिनों तक हमारा हनीमून चलता रहा। मैंने भाभी की चूत की बहुत चुदाई की। फिर चौथे दिन उसकी सास और ससुर वापस आ गए।

तब हमें चुदाई का ज्यादा मौका नहीं मिल पाता था। एक-दो बार मैंने कार में ही भाभी की चूत पर हाथ मारा। वो भी मेरे लंड से खुश होने लगी।

फिर वहां से मेरा टेंडर काम खत्म होचुका था फिर मैं अपने गांव वापस चला गया। इसके बाद मैंने उसे कॉल करने की कोशिश की लेकिन उसका नंबर स्विच ऑफ था।

तब मैंने भी उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं की। लेकिन जब भी मैंने उसकी चूत की चुदाई की तो उसने मुझे बहुत मज़ा दिया।(माकन मालकिन को चोदा)

तो दोस्तों। मुझे बताएं कि आपको यह माकन मालकिन को चोदा किराए के कमरे में रह कर कहानी पसंद आई या नहीं।

मैं भविष्य में भी अपने साथ सेक्स की घटनाएं आपके सामने लाता रहूँगा।

धन्यवाद।

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