नमस्कार मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रोहन है। मेरी उम्र 35 साल है। मैं शादी-शुदा हूं, मैं शहर में नौकरी करता हूँ। इस कहानी में मैंने अपनी नौकरानी जिसकी प्यासी चूत लंड की भूकी थी उसको शांत करा। उम्मीद करता हूँ ये चुदाई की कहानी आपको पसंद आएगी।
मैंने एक कमरे को किराए पर लिया है, और साफ-सफाई के लिए कामवाली रखी हुई है। मेरी नौकरानी का नाम मनोरमा है, और वो 40-42 साल की है।
एक दिन मनोरमा मेरे पास रोती हुई, और बोली-
मनोरमा: साहब मुझे आपकी एक मदद चाहिए।
मैं: क्या मदद चाहिए? और तुम रो क्यों रही हो?
मनोरमा: साहब मेरी एक बेटी है 20 साल की, मैंने पिछले साल उसकी शादी की थी। फिर 8 महीने बाद उसका पति एक्सीडेंट में मर गया, और वो विधवा हो गई। अब उसके घर वालो ने उसको घर से निकाल दिया है।
मैं: ये तो बहुत बुरा हुआ, लेकिन मैं इसमें क्या कर सकता हूँ?
मनोरमा: साहब अगर आप उसको काम दे दें, तो आपकी बड़ी मेहरबानी होगी।
मैं: लेकिन यहाँ तो तुम पहले से काम कर रही हो। और कोई दूसरा काम तो है नहीं।
मनोरमा: साहब आप खाना बाहर से खाते हैं, अगर आप उसको यहां खाना पकाने के लिए रख ले, तो आपको भी बाहर का खाना नहीं खाना पड़ेगा, और उसको काम भी मिल जाएगा। (प्यासी चूत लंड की भूकी)
मैंने 5 मिनट सोचने के बाद उसको हा बोल दी। फिर अगले दिन वो अपनी बेटी को ले कर आई। उसकी बेटी का नाम काजल था।
मैंने जैसा ही उसको देखा, मेरी तो नज़र ही उस पर टिक गई। काजल 5’2″ हाइट वाली लड़की थी। उसका बदन गदराया हुआ था, किसी माल से कम नहीं था, उसका साइज़ 34-30-36 होगा, और रंग गोरा था।
छोटी हाइट की वजह से उसकी गांड बड़ी मस्त लग रही थी। मुझे लग ही नहीं रहा था कि वो कोई कामवाली थी।
प्यासी चूत लंड की भूकी
मैंने सोचा, कि ये देखने में इतनी सेक्सी है, तो खाना जैसा भी बनएगी मैं खा लूंगा।
फिर मनोरमा ने उसको किचन दिखाई, और सारा काम समझा दिया। उस दिन रविवार था, तो मैं घर पर ही था।
काजल ने सलवार सूट पहना था। उसके टाइट सूट में से मुझे उसकी गांड की शेप साफ-साफ नज़र आ रही थी।
मैं लॉबी में बैठा था उसी को ताड़े जा रहा था। दिल तो कर रहा था, कि उसको बाहों में उठा कर बिस्तर पर ले जाऊ, और चोद डालू साली को। मुझे लगता था की उसकी इतने दिन से प्यासी चूत लंड की भूकी तो होगी ही।
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फ़िर ऐसे ही कुछ दिन निकल गये। अब मेरी काजल से थोड़ी बात-चीत भी होने लगी। मैं बातों-बातों में उसको इशारा करता था कि मैं उसको पसंद करता था।
लेकिन उसकी तरफ से मुझे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। एक दिन वो ज़मीन पर पोछा लगा रही थी, और उसकी सूट में से उसकी चूची साफ दिख रही थी।
जब वो दूसरी तरफ घूमी, तो उसकी गांड नीचे बैठे होने की वजह से और भी बड़ी दिख रही थी।
अब मैं कंट्रोल से बाहर हो रहा हूं। लेकिन मैं आगे नहीं बढ़ पाया। फिर एक दिन मैंने घर पर कुछ मेहमानों को बुलाया।
उनका खाना-पीना करते हुए काफी देर हो गई थी। उनके जाने के बाद मैंने काजल से कहा-
मैं: काजल रात बहुत हो गई है, आज रात यहीं सो जाना।
काजल: ठीक है सर।
फिर जब वो किचन का काम ख़त्म करके फ्री हो गई, तो मैंने उसको अपने पास सोफे पर बिठा लिया।
फिर मैंने उसको ड्रिंक ऑफर किया, लेकिन उसने मना कर दिया। तब मैंने उसको बोला-
मैं: अरे शर्माओ मत, आज पार्टी है, तो तुम भी थोड़ा एन्जॉय कर लो। फ़िर काजल ने दारू का गिलास पकड़ लिया। मैंने साथ में उसको तंदूरी चिकन दिया। (प्यासी चूत लंड की भूकी)
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10 मिनट तक वो आराम से खाती और पीती रही। फिर अचानक से वो रोने लग गई। मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था, कि वो क्यों रो रही थी। फिर मैंने उससे पूछा-
मैं: क्या हुआ काजल, तुम क्यों रो रही हो?
काजल: कुछ नहीं साहब, मुझे बस अपने पति की याद आ गई। वो भी मुझे ऐसे ही अपने साथ बिठा कर पिलाते थे।
मुझे माफ़ करना साहब, मैंने आपका मज़ा ख़राब कर दिया।
मैं: अरे ऐसा कुछ नहीं है। और ये बोल कर मैंने उसकी जांघ पर अपना हाथ रख दिया।
मैं: तुम समझो तुम अपने पति के साथ ही बैठी हो। और ये बोल कर मैंने उसकी जाँघ मसल दी।
जब उसने कुछ नहीं कहा, तो मैं अपना हाथ आगे ले कर जाने लगा। जब मैं उसकी चूत के पास पहुंचा, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। फ़िर वो गुस्से में बोली-
काजल: ये क्या कर रहे हैं आप साहब?
मैं: उसको गुस्से में देख कर डर गया, और बोला: कुछ नहीं काजल। माफ़ करना, गलती से हाथ लग गया।
काजल (हस्स कर बोली): अच्छा? जो इतने दिनों से मुझे ताड़ रहे हो, वो भी गलती से है?
साहब आपने मुझे इज्जत दी, काम दिया। तो क्या मैं आपको अपना जिस्म नहीं दे सकती। आपको जो करना है वह मेरे साथ कर सकते है।
बस उसे इतना कहने की देर थी, कि मैं आगे बढ़ गया, और अपने होंथ उसके होठों से चिपका दिया।
क्या रसीले होठ से उसके, एक-दम मस्त। फिर मैं उसकी गर्दन पर आया, और उसकी गर्दन और क्लीवेज को छूने लग गया।
वो मदहोश होने लगी, और उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया। उसने लेगिंग्स और सूट पहनी थी। मैंने अपने हाथ उसकी गांड पर रखा, और किस करते हुए उसकी गांड दबाने लगा।
फिर मैंने उसका सूट उतार दिया, और ब्रा भी उतार दी। अब उसके नरम-नरम जवां बूब्स मेरे सामने थे। उसने अपने हाथों से अपने बूब्सों को छुपा लिया। (प्यासी चूत लंड की भूकी)
फिर मैंने उसके हाथ बूब्स से हटाये, और उसके निपल्स चुमने लगा। वो आहें भरने लगी, और मेरा साथ अपने बूब्स को दबाने लग गई।
बड़ी मनमोहक खुशबू आ रही थी उसके बूब्स में से। अब बारी थी उसके मोटे चूतड़ों को नंगा करने की। मैंने उसको अपनी बाहों में उठाया, और उसको बेडरूम में ले गया।
फिर मैंने उसकी लेगिंग्स उतार दी। उसकी जाँघें बड़ी मस्त और मोटी थी। ये आज तक के बेस्ट चूतड़ थे, जो मैंने देखे थे।
फिर मैंने उसकी कच्छी उतारी, और उसकी चूत चाटने लग गया। वो आह आह करते हुए बोली-
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काजल: आअहह मजा आ रहा है साहब, बहुत दिन हो गए, इस भूकी चूत को किसी ने नहीं छुआ। किस्मत ने मुझे विधवा बना दिया।
आज चोद डालो इस विधवा की प्यासी चूत को, और फिर से हरी भरी कर दो इस सूखी चूत को।
मैं और ज़ोर से चाटने लगा। फिर मैंने उसकी टैंगो को ऊपर उठाया, और उसकी गांड का छेद भी चाटा।
उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी, और चुदने के लिए तड़प रही थी। फिर मैंने अपने कपड़े उतार दिए।अपना 8 इंच का लंड ले कर उसको चोदने के लिए तैयार हो गया।
उसने अपनी जांघे खोल कर मुझे उसे चोदने का न्योता दिया। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू किया, और रगड़ते-रगड़ते अंदर डाल दिया। (प्यासी चूत लंड की भूकी)
बड़ी टाइट चूत थी उसकी एक-दम कुंवारी लड़की जैसी। और मुझे बहुत मजा आ रहा था, उसका कोई हिसाब नहीं था।
मैंने पूरा लंड उसकी चूत में घुसाया, और उसके ऊपर लेट कर उसको किस करने लगा। वो मेरी जिभ पकड़-पकड़ कर चुमने लगी।
फ़िर मैं उसकी गुलाबी चूत में धक्के मारने लगा, और वो मेरी पीठ में नाख़ून घुसाने लगी।
जवान लड़की को चोदने का मजा ही कुछ और होता है, कुछ देर उसको उसी पोजीशन में चोदने के बाद मैंने उसको घोड़ी बना दिया।
अब उसके बदन का सबसे ख़ूबसूरत हिस्सा, यानी कि उसके मोटे-मोटे और खूबसूरत चूतड़ मेरे सामने थे।
उसको चोदते ही मैंने उसकी गांड मारने का फैसला किया। मैंने जीभ से चाट कर उसकी गांड के छेद को गीला कर दिया, और अपना बराबर लंड सेट किया।
फिर मैंने उसको कस के पकड़ा, और एक ज़ोर का धक्का मारा। उसके मुँह से आअहह निकला, और लंड का टोपा गांड चीरते हुए अन्दर घुस गया।
मैं जानवर को तरह बिना रुके धक्के मारता रहा, और पूरा लंड घुसा कर ही रुका। उसकी दर्द से जान निकल रही थी।
फिर मैं एक हाथ आगे करके उसका एक बूब दबाने लगा, और दूसरे हाथ से उसकी चूत का दाना रगड़ने लगा।
अब वो और गरम हो गई, तो मैंने उसकी गांड चोदनी शुरू की। कुछ देर दर्द भारी आहों के बाद उसकी सिसकिया निकलने लगी।
मैं उसकी चूत रगड़ते जा रहा था। अब तक वो 2 बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और गांड पर थप्पड़ मारने लगा।
उसकी चूत भी मैं साथ-साथ रगड़े जा रहा था। 20 मिनट बाद उसकी चूत और मेरे लंड का पानी एक साथ निकल गया। फिर मैं उसके ऊपर ही लेट गया।
बहुत मजा आया था मुझे, और बहुत संतुष्टि भी मिली। उस दिन रातभर मैंने उसको तीन बार चोदा, और उसके बाद उसको चोदना मेरा रोज़ का काम बन गया।
अब हम ख़ुशी से रोजाना चुदाई करते और मैं उसकी चूत की आग बुझाता और वो मेरे प्यासे लंड को शांत करती हम दोनों एक दूसरे की जरूरत को पूरा करने लगे।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी हिंदी सेक्स कहानी, उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। धन्यवाद।