हमारी आज की हिंदी सेक्स कहानी जिसका शीर्षक है “सगी बहन को चोदा और अपनी चोदने की हवस बुझाई” में मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे चलिए शुरू करते हैं आज की देसी सेक्स कहानी।
मेरा नाम मनीष है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ और मेरे घर में मेरे माता-पिता, बड़ी बहन और मैं रहते हैं। मेरी उम्र 20 साल है और मेरी बहन पूनम 24 साल की है,
हम दोनों बहुत मिलनसार हैं, पूनम की बहन दिखने में सांवली है, लेकिन फिगर का क्या बताऊं दोस्तों मेरी बहन चलती फिरती बम लगती है और वो बहुत हॉट दिखती है।
उसके फिगर का साइज 34-32-36 है और मेरी बहन मस्त माल है, दोस्तों आज मैं आपको उसकी कहानी बताने जा रहा हूं,
आप सोच रहे होंगे कि भाई-बहन के बीच सेक्सुअल रिलेशन क्या होता है। तो मैं कहता हूं ये मेरे और मेरी बहन का बीच का है, लोगों का मुझे पता नहीं।
अब मैं आपको सीधा कहानी पर लाता हूँ। यह मेरी पहली कहानी है, इससे पहले मैंने इस वेबसाइट पर कई कहानियाँ पढ़ी हैं जो बहुत अच्छी थीं। मैं इस वेबसाइट का प्रशंसक बन गया हूं।
दोस्तों, मैं इंदौर में पढ़ता हूँ और महीने में कभी-कभी घर जाता हूँ,
यह कहानी आज से 15 दिन पहले की है जब मैं मुंबई गया था क्योंकि घर में कुछ फंक्शन था,
बहुत मेहमान आये थे, मेरी बड़ी बहन बहुत हॉट लग रही थी क्योंकि आप जानते हैं जब घर पर कोई मेहमान आता है तो अच्छे कपड़े पहनते हैं।
दीदी ने लाल रंग का सूट पहना था। गला ऊपर से थोड़ा बड़ा था इसलिए उसकी गोरी गोरी चुचियों की दरार ने ओह्ह्ह मेरा दिमाग में उसे चोदने की हवस भर दी थी,
मैं उसकी गांड पर हाथ रख कर उसे सहलाने की कोशिश कर रहा था। (सगी बहन को चोदा)
दोस्तों जब मैं नहाने गया तो बाथरूम में उसकी लाल रंग की ब्रा और पैंटी देखकर मेरा दिमाग खराब हो गया, जिसे मेरी बहन ने नहाते समय धोने के लिए खोला था।
ओह्ह क्या खुशबू थी यार , उसकी ब्रा और पैंटी को सूंघ कर मैं मदहोश हो गया,
लंड जाते ही पहले तो मैंने उसकी पैंटी के ऊपर खूब रगड़ा, फिर हस्तमैथुन करके अपने मन को शांत किया और अपना सारा वीर्य उसकी पैंटी में साफ कर दिया।
कुछ देर बाद मेरी बहन ने मुझे अपने कमरे में बुलाया और बोली मनीष तुमने मेरी पैंटी के साथ ये क्या किया मैंने चौंकते हुए कहा। मैंने क्या किया? दीदी बोली वही तो मैं पूछ रही हूँ।
तुम नहाने गए और मेरी ब्रा पर मुठ मार कर वापस आ गए? मैंने कहा मैंने कुछ नहीं किया, तो मेरी बहन ने कहा मेरी पूरी पेंटी गीली हो गयी है,
मैं समझ गयी, मुझे पता है तुमने क्या किया, अगर तुम नहीं बताओगे तो मैं माँ को बता दूंगी। मैं डर गया और सोचा कि क्यों न बात ख़त्म कर दी जाए?
मैंने कहा- सॉरी दीदी, प्लीज़ ये बात ख़त्म करो, हाँ मैंने किया है, मैंने की उसपर मुठ मर कर उसे गन्दा किया है। और मैं डरते हुए बोला और मेरी बहन ने कहा कि बात खत्म नहीं होगी।
लेकिन बात बढ़ जाएगी
मैंने कहा – दीदी मैं तो कह रहा हूं बात ख़त्म करो लेकिन आप इसे बढ़ाने की बात क्यों कर रही हो तो दीदी बोली मैं बढ़ा दूंगी तुम डरो मत मैं मां को नहीं बताऊंगी लेकिन आज मैं तुम्हारे साथ करने वाला हूँ,
दोस्तो, मैं दिन भर टेंशन में रहा क्योंकि मुझे लग रहा था कि पता नहीं वो क्या करेगी या किसे बताएगी।
रात के 11 बजे तक कुछ नहीं हुआ, यह देख कर मैं ऊपर वाले कमरे में सोने चला गया और सभी मेहमान खाना खा कर नीचे सो रहे थे।
मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं बस करवट बदल रहा था। माँ और बहन अभी भी जाग रही थीं क्योंकि वे सभी को खाना खिला रही थीं। (सगी बहन को चोदा)
रात को करीब 11:30 बजे मेरे कमरे का दरवाजा खुला और मैंने अपनी बहन को वहां देखा।
अंदर आते ही उसने दरवाज़ा बंद कर लिया। और मेरे बिस्तर पर आकर बैठ गयी। फिर बहन ने बताया की माँ ने कहा है कि जा मनीष के कमरे में ही सो जा, वो बिस्तर पर सो रहा है, तू लेट जा वही जाकर।
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लेकिन आज मैं तुम्हारे साथ इसलिए सोऊंगी ताकि कभी ऐसी नौबत न आए कि तुम अपना वीर्य मेरी पैंटी में साफ करो।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी मुस्कुराहट से मुझे सब समझ आ गया, तभी दीदी बोली कि क्यों? क्या इंदौर में अभी तक कोई नहीं है? गर्लफ्रेंड बनाई या नहीं?
मैंने कहा- नहीं दीदी।
तब बहन बोली- अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो। मैं बाकी गर्लफ्रेंड्स की भरपाई कर दूंगी। मूझे पता है तुम मूझे पसंद करते हो।
दोस्तों, मैं खुश हो गया और मैंने दीदी को अपनी बांहों में ले लिया और बोला- आई लव यू दीदी। तुम मेरी सबसे अच्छी बहन हो और मेरी बहन ने मेरे होठों को चूमते हुए कहा लव यू मेरे प्यारे भाई।
और फिर हम दोनों एक डीप किस करने लगे। वो मेरे होंठ चूस रही थी और मैं उसके होंठ चूस रहा था, फिर हम दोनों एक दूसरे के कपड़े उतारने लगे।
और फिर दोनों नंगे होकर कभी वो मेरे ऊपर चढ़ रही थी तो कभी मैं उसके ऊपर चढ़ रहा था। और मैंने उसके चूचों को पकड़ कर अपने मुँह के अंदर ले लिया और उसके चूचों को काटने लगा।
वह ये, ये, ये कर रही थी। उससे पसीने की खुशबू मुझे और भी मदहोश कर रही थी। मैंने उन हाथों को ऊपर उठाया और उसके चूचो को चाटने लगा।
उसके निपल्स बड़े और कड़े हो गये।
मैं उसकी चुचियों को सहलाने लगा। फिर मैं नीचे सरका और दोनों टांगो को फैलाकर उसकी बिना बालों वाली खूबसूरत चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा। वो भी अपनी चूत मेरे मुँह पर रगड़ती रहती।
दोस्तों उसके बाद तो दीदी पसीना पसीना हो गयी। और मेरा दिल भी तेजी से धड़कने लगा।
दीदी बोलीं- मनीष अब रहा नहीं जा रहा, मेरी चूत की गर्मी को शांत कर दो। और मैंने अपना मोटा लंड दीदी की चूत पर पहले ऊपर से नीचे तक रगड़ा और फिर चूत के छेद पर रखा,
दोस्तों दीदी की चूत सच में बहुत जल रही थी। मुझे वो गर्मी महसूस हुई और दीदी की चूत बहुत गीली हो गयी थी, फिर मैंने एक झटका मारा और दीदी पूरी हिल गयी। उसके निपल्स भी हिल गये।
मेरा लंड दीदी के अन्दर चला गया और दीदी ने जोर से आह भरी। और अपने होंठों को दांतों के नीचे दबाने लगी। तकिये को मुट्ठी में भर लिया और मैं अन्दर बाहर करने लगा, दीदी भी साथ दे रही थी
अपनी बड़ी गांड उठा कर उसकी चूत में लंड ले। लेकिन दीदी आह आह आह कर रही थी। मैंने दीदी से पूछा कि आप आह आह क्यों कर रही हो? अगर दर्द हो रहा है तो धीरे धीरे करूँ क्या,
तो दीदी बोली नहीं नहीं और ज़ोर से चोदो मुझे, मैं ऐसा इसलिए कर रही हूँ क्योंकि मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, खूब चोदो मुझे, रुकना मत।
दोस्तों, दीदी इतने में झड़ गयी। और फिर मैंने अपना लंड बाहर निकाला और बहन की चूत का सारा पानी पी गया, वाह क्या नमकीन पानी था। (सगी बहन को चोदा)
फिर मैंने दीदी को अपने ऊपर बिठाया और उसने लंड को अपने हाथ से पकड़ा और फिर अपनी चूत में ले लिया और जोर-जोर से उछलने लगी।
और हाय हाय हाय कर रहा था। उसके दोनों चूचे भी हवा में लहरा रहे थे, मैं नीचे से धक्के लगा रहा था, वो ऊपर से निचे की तरफ धक्के मार रही थी,
दोस्तों वो ज़ोर-ज़ोर से अजीब सी आवाजें निकालने लगी, जिससे मैं और ज़ोर से चोदने लगा, उसके बाद मेरे पूरे शरीर में अजीब सी हरकतें होने लगीं।
और मैं उनकी चूत में ही झड़ गया और दीदी मेरे ऊपर लेट गयी। उसके बाद दोनों ऐसे ही लेटे रहे, जब वो थक गईं तो मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला।
उसके बाद दोस्तों मैंने चार दिन तक अपनी बहन को खूब चोदा, अब मैं इंदौर आ गया हूं, लेकिन मेरा अपनी बहन से मिलने का मन हो रहा है, अब मैं जल्द ही मुंबई जाऊंगा, क्योंकि शायद मैं बिना चूत के नहीं रह पाऊंगा।
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