हेलो दोस्तो, आप लोग कैसे हैं? आशा करता हूँ लड़के अपने लंड को हिला रहे होंगे, और भाभियाँ अपनी चूत को सहला रही होंगी। तो आज की मेरी Anjali Bhabhi ki Chudai की कहानी आप लोगों को और खुश कर देगी।
तो दोस्तों मेरा नाम मोहित है, और मैं दिल्ली साउथ एक्स का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 30 साल है, और मैं देखने में काफी स्मार्ट हूं। मेरा लंड 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी चूत को चरम सुख दिलाने के लिए काफी है। तो अब सीधी अपनी हिंदी सेक्स कहानी पर आता हूँ।
ये कहानी आज से करीब 9 महीने पुरानी है। मेरे घर के सामने एक नया घर बना था, जिसमें एक कपल रहने आया था। एक पत्नी एक पति और उनके दो बच्चे थे।
भाभी जो थी, वो हद से ज्यादा खूबसूरत थी, और वो अधिक आकर्षक कुर्ती और शॉर्ट ही पहनती थी। धीरे-धीरे मैं उनकी तरफ खिचता जा रहा था।
सुबह को वो जब घर के बाहर झाड़ू लगाती, तो मैं उनको देखता, और जब वो झुकती तो उनके स्तन देखता।
उनका नाम अंजली था, और उनको पाना अब मेरा सपना था। अंजली भाभी की उम्र करीब 33 साल होगी, और वो एक दम गोरी थी। जब वो शॉर्ट पहन कर चलती थी, तो उनकी जांघें एक-दम मस्त लगती थी। उनके स्तन 34″, उनका कमर 30″ और उनकी गांड 36″ की थी।
अब हर रोज़ मैं उनको देखता हूँ, और जब छत पर उनके कपड़े सूखे, तब मैं बस उनकी ब्रा और पैंटी को ही देखता हूँ। रोज़-रोज़ उनकी ब्रा पैंटी को देख कर मुझे पता चल जाता है कि आज उन्हें कौन सी ब्रा और पैंटी पहननी होगी।
मेरा उनको देखना शायद उनको भी पता चल गया था। क्योंकि कभी-कभी जब वो मेरी मम्मी से बात करती थी गेट पर, और मैं आ जाता, तो वो एक-दम से अंदर चली जाती।
लेकिन मैंने उनको देखा नहीं छोड़ा। मेरी गली में लोगों को सिर्फ अपने से मतलब है। तो रोड पर कोई नहीं दिखता।
उनको देखते-देखते करीब 6 महीने हो गए थे. मैं उनकी याद में मुठ मार देता था और सोचता था कि अंजली की चुदाई करने का सपना कब पूरा होगा।
अंजली भाभी के पति एक कंपनी में नौकरी करते थे। बच्चे स्कूल चले जाते थे. एक बात मैंने भी नोटिस की थी कि अंजली भाभी भी मुझको चुप-चुप कर देखती थी अपने गेट पर पड़े सामान की आड़ में। लेकिन हमारी कभी कोई बात नहीं हुई।
एक दिन मैं घर पर अकेला था, तो मेरे घर की डोरबेल बाजी। मैंने गेट खोला तो अंजली भाभी मेरे सामने खड़ी थी। वो एक दम से अंदर आई और मैंने गेट बंद कर लिया।
उनको इस तरह अपने घर में देख कर मेरे दिल की धड़कन बढ़ गई।
मैंने कहा: भाभी क्या हुआ? कैसे आना हुआ?
तो वो बोली: सब बात यहीं पूछ लोगे या अंदर चलोगे?
मैं उनको अन्दर ले आया.
फ़िर उन्होंने कहा: सागर मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। मैं काफ़ी समय से तुमसे बात करना चाह रही थी, लेकिन हो नहीं पा रही थी।
मैने कहा: हा भाभी, बोलो.
अंजली भाभी एक-दम से बोलीं: क्या तुम मुझको पसंद करते हो?
उनके मुँह से ऐसी बात सुन कर मैं एक-दम से चौंक गया।
मैंने कहा: नहीं भाभी, ऐसी कोई बात नहीं है।
तो भाभी बोली: मुझे सब पता है, कि तुम मुझको चुप-चुप कर देखते हो। अब बताओ क्यों देखते हो?
मैंने कहा: हां भाभी, पसंद तो करता हूं।
तभी वो बोली: आज तक मुझे बताया क्यों नहीं?
मैंने कहा: भाभी डर लगता था।
मेरे इतना कहते ही भाभी सोफे से उठी, और अपने होठों को मेरे होठों पर रख दिया, और बोली-
भाभी: सागर मैं भी तुम्हें पसंद करती हूँ.
और मेरे होठों को अपने होठों से रगड़ने लगी। मैंने भी उनकी कमर पर अपना हाथ रखा, और अंजली को दीवार के सहारे खड़ा कर दिया।
अब मैंने अंजली भाभी की कुर्ती उतार दी। उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहन राखी थी। उसके स्तन आज़ाद होने को तड़प रहे थे।
मैंने कहा: भाभी तुम तो एक दम मस्त माल हो।
भाभी बोली: आज से मैं सिर्फ तुम्हारा माल हूं।
अब मैं नीचे बैठ गया, और अंजली के चिकने पेट को चाटने लगा, और उसकी नाभि में अपनी जीभ डाल कर उसको चाटने लगा। अंजली भी ज़ोर-ज़ोर से आहें भरने लगी, और मेरे बालों को छूने लगी।
मैंने अंजली की शॉर्ट को हल्का सा नीचे किया, तो वो मना करने लगी।
फ़िर अंजली भाभी बोली: सागर अभी नहीं, रुको।
मैने कहा: भाभी तुम्हारी चूत के लिए बहुत तड़पा हूं। अब और मत तड़पाओ.
तो वो बोली: नहीं, अभी मुझे जाना होगा।
मैंने कहा: नहीं, आज मेरे लंड को शांत करके जाओगी।
अंजली बोली: हां एक शर्त पर मैं तुम्हारे साथ सेक्स करूंगी।
मैने कहा: शर्त बोलो.
तो वो बोली: क्या तुम सब के सामने मेरे साथ सेक्स कर सकते हो?
मैंने भी जल्दी से कह दिया: हां मैं कर लूंगा।
तो वो बोली: ठीक है.
मैंने कहा: अब मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर शांत कर दो।
अंजली बोली: हां इतना तो कर सकती हूं.
मैं सोफ़े पर बैठ गया, और मैंने अपना लोअर उतार दिया। मेरा लंड देख कर भाभी बोली-
भाभी: कितना मोटा है.
अब वो नीचे बैठ गयी, और मेरे लंड को चूसने लगी, और मैं भी उसके बालों को सहलाने लगा।
मैंने कहा: भाभी ऐसा मजा नहीं मिल रहा। तुम नंगी हो जाओ.
तो वो बोली: नहीं.
मैने कहा: सिर्फ पैंटी ब्रा पहने रहना।
वो बोली: ठीक है.
फिर उन्हें अपनी कुर्ती और शॉर्ट उतार दी।
क्या बताऊ दोस्त कितनी चिकनी और मस्त बॉडी थी अंजली भाभी की। अब वो मेरा लंड चुनने लगी. थोड़ी देर बाद मैंने उनके बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से अपना लंड उनके मुँह में डालने लगा।
कुछ समय बाद मैंने अपना माल उनके मुँह में निकाल दिया, जिसे उनका मुँह पूरा भर गया और मेरे माल को वो पि गयी।
मैंने कहा: भाभी लगे हाथ मेरा लंड नीचे भी ले लो।
वो बोली: शर्त याद है ना?
मैंने कहा: तो ठीक है, मेरी भी एक शर्त है।
अंजली बोली: क्या शर्त है?
तो मैंने कहा: तुमको रोज़ मेरा लंड मुँह में लेना पड़ेगा।
वो बोली: ठीक है.
अब मैंने कैसे सबके सामने अंजली भाभी की चुदाई की, वो आपको अगले भाग में पता चलेगा।