मेरा नाम साक्षी है, मैं 28 साल की हूं और दिल्ली के महिपालपुर में रहती हूँ, और शादी-शुदा हूं। मेरी लम्बाई 5’6″ है और मेरा साइज़ 34″30″36″ है। आज की मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) में आप अभी पढ़ेंगे की कैसे मेरी जेंट्स वॉशरूम में गैंगबैंग चुदाई (Washroom Me Gangbang Chudai) हुई।
जानती हूं कि मैं ज्यादा मोटी नहीं हूं, जिस वजह से मुझे देख कर कोई भी मर्द अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर सकता।
मेरी जिंदगी काफी खुशहाल है, मेरे पति मुझसे बहुत प्यार करते हैं, और मेरी चूत की चुदाई में कोई कमी नहीं रखते, जिससे मुझे बाहर लंड लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।
लेकिन हम सब की जिंदगी में कुछ ऐसी बाते होती है जो हम किसी के साथ भी शेयर नहीं करना चाहते, ऐसी ही एक बात मैंने अपने पति से छुपायी है।
उन सब बातों में से एक बात ऐसी है, जो मुझे काफी परेशान करती रहती है। और आज तक वो बात मेरे मन से नहीं निकली।
अब इस देसी सेक्स कहानी के माध्यम से मैं आज वो बात कर रहा हूँ आप सब के साथ शेयर करने जा रही हैं।
तो चलिए शुरू करते हैं।
ये बात तब की है जब मैं 21 साल की थी। मैं एक नौकरी का परीक्षा देने के लिए गुरुग्राम गई थी। मेरे साथ मेरा भाई भी था।
उस वक्त मेरा एक बॉयफ्रेंड था और हम दोनों सेक्स भी कर चुके थे। मुझे अपनी चूत की चुदाई करवाने में बहुत मजा आया था, और हम दोबारा मिलने का प्लान कर थे, और चुदाई का मजा फिर से लेने वाले थे।
परीक्षा मस्त गया था, और अब हम वापस आने लगे। वो परीक्षा एक कॉलेज में थी, परीक्षा ख़तम होने के बाद मुझे वॉशरूम जाना था। फिर हम कॉलेज ग्राउंड क्रॉस करके वॉशरूम में चले गए।
वहा मैंने देखा, कि सिर्फ जेंट्स वॉशरूम था, और लेडीज वॉशरूम कॉलेज के गेट के पास था।
मैं बहुत प्रेशर में थी, और ज्यादा वॉक नहीं कर सकती थी। फिर मैं अपने भाई से पूछ कर जेंट्स वॉशरूम में घुस गई। ये मेरी एक बहुत बड़ी गलती थी।
फिर जब मैं टॉयलेट सीट पर जाके बैठी, तो मेरी सांसों में सांसें आईं। 5 मिनट में मेरा काम हो गया, और मैं बाहर आने लगी।
मैंने जींस और टी-शर्ट पहन ली थी, और मैं अपनी जींस ऊपर कर रही थी। तभी मुझे सीट के पास एक कॉकरोच दिखा, तो मैं चिल्ला पड़ी।
मैं डर कर जल्दी से वॉशरूम में से बाहर आ गयी। मैंने ये भी ध्यान नहीं दिया, कि मेरी जींस अभी मेरी आधी टांगो पर थी।
जैसे ही मैं बहार आई, तो बहार दो लड़के खड़े थे। वो लड़के 23-24 साल के लग रहे थे।
उन्होंने मुझे घूर-घूर कर देखना शुरू कर दिया। तभी एक लड़के ने अपनी जेब से मोबाइल निकाला, और मेरी वीडियो बना ली।
जब उसने वीडियो बनाना शुरू किया, तब मुझे ध्यान आया, कि मेरी जींस मेरी टांगो पर लटकी हुई थी।
फिर मैंने जल्दी से अपनी जींस ऊपर की। लेकिन अब देर हो चुकी थी, और उनके पास मेरी पैंटी वाली वीडियो थी।
तभी मेरा भाई भी टॉयलेट से बाहर आ गया। तभी मैंने मोबाइल वाले लड़के से कहा-
मैं: ये क्या बदतमीज़ी है?
उस लड़के का नाम रोहित था, वो मुझे बोला-
वो लड़का: जेंट्स टॉयलेट में तू है, और बदतमीज़ मैं हूँ?
मैं: मुझे इमरजेंसी थी, तो मैं इधर आ गयी। इसमें क्या दिक्कत है?
मेरा भाई सिर्फ 18 साल का था। फ़िर वो बोला-
भाई: क्या हुआ दीदी?
मैंने उसको बताया, कैसे कॉकरोच की वजह से मैं डर कर बाहर आ गई, और उस लड़के ने मेरी वीडियो बना ली।
दूसरे लड़के का नाम विवेक था। मेरे भाई को ये सुन कर गुस्सा आ गया, और वो उससे लड़ने लगा।
वो दोनों मेरे भाई के सामने काफी तगड़े थे, तो उन्होंने मेरे भाई को काबू कर लिया। फ़िर मैं बोली-
मैं: तुम्हें क्या चाहिए? कृपया आप वीडियो डिलीट कर दें। चाहो तो पैसे लेलो।
रोहित: हमें पैसे नहीं चाहिए।
मैं: तो क्या चाहिए?
विवेक: हमें थोड़ी देर के लिए तुम्हारा बदन चाहिए। हम थोड़ा मजा करेंगे, और फिर तुम चली जाना। कोई समस्या नहीं है।
मैं: देखो ऐसा मत करो। ये ग़लत है।
विवेक: बेबी कुछ ग़लत नहीं है। तुम अपने बॉयफ्रेंड को भी तो मजा देती होगी ना? आज हमें थोड़ा मजा देदो।
ये बोल कर रोहित मेरी तरफ बढ़ा। तभी विवेक दरवाजे की तरफ गया, और उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया। मैंने रोहित को बोला-
मैं: देखो मैं कुछ ऐसा-वैसा नहीं करने वाली।
रोहित: देख लड़की, चुप-चाप हमारी बात मान जा, वरना तेरी वीडियो वायरल कर दूंगा। यहां तो बस हम 2 हैं, बाहर फिर हर किसी से चुदना पड़ेगा।
फिर वो मेरे पास आया, और उसने अपने होठों को मेरे होठो से चिपका दिया। अब वो मुझे पगलो की तरह किस कर रहा था।
मैंने कुछ मिनट तक विरोध किया, लेकिन फिर मैं उसका साथ देने लगी। मेरे पास और कोई चारा नहीं था।
फ़िर रोहित ने मेरी टी-शर्ट उतार दी, और मेरी चूचियों को छूने लगा। विवेक मेरे पीछे से आया, और उसने मेरी पीठ पर चुंबन शुरू कर दिया।
मैं विवेक के लंड को अपनी गांड पर महसूस कर रही थी। उसका लंड बहुत मोटा था।
फ़िर विवेक ने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया, और रोहित मेरे निपल्स चुसने लगा। वो दोनों मेरे भाई के सामने ये सब कर रहे थे।
वो भी बेचारा बेबस था, फिर विवेक नीचे बैठ गया, और मेरी गांड दबाने लगा। उसने मेरी जींस नीचे खींच कर उतार दी।
अब मैं सिर्फ पैंटी में थी। विवेक मेरी जांघें चाटने लग गया, और मुझे मस्ती चढ़नी शुरू हो गई।
अब ऊपर से रोहित मेरे बूब्स और होंठ चूस रहा था, और विवेक मेरी जाँघें छू रहा था।
फिर विवेक ने मुझे घुमाया, और मेरी पैंटी नीचे कर दी। अब मेरी चूत उसके सामने थी, उसने चूत देखते ही उस पर मुँह लगा लिया, और चूत चाटने-चूसने लग गया।
मेरी तो जान ही निकल रही थी, और मैं अब लंड से चुदने के लिए तड़प रही थी।
फिर उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिये, और उनके खड़े हुए लंड मेरे सामने आ गये।
रोहित का लंड तकरीबन 7.5 इंच का था, और विवेक का लंड 8 इंच का था। अब मेरा बुरा हाल होने वाला था।
विवेक ने जल्दी से मुझे फर्श पर बिठाया, और मेरी टांगो के बीच आ गया।
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया। अब मैं आह आह कर रही थी, और चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार थी।
फिर विवेक ने एक ज़ोर का धक्का मारा, और उसका आधा लंड मेरी चूत में चला गया। मेरी चूत गीली थी, तो लंड तुरंत ही पूरा अंदर चला गया।
मेरी ज़ोर की आहेन निकल रही थी। फ़िर रोहित ने मेरे मुँह में लंड डाल दिया, ताकि मेरी आवाज़ बंद हो जाए।
अब विवेक ताबाद-तोड़ मेरी चूत में धक्के दे रहा था। मेरी चूत की चुदाई में मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।
20 मिनट विवेक मेरी चूत चोदता रहा, और रोहित मेरा मुँह चोदता रहा। फिर विवेक ने आह्ह आह्ह करते हुए मेरी चूत को अपने माल से भर दी।
माल निकलते ही विवेक साइड में हो गया, और रोहित मेरी टांगो के बीच आ गया।
रोहित ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया, और धक्के देने लगा। साथ में वो मेरे बूब्स भी चूस रहा था।
मैं भी 2 बार झड़ चुकी थी, लेकिन फिर भी मुझे अपनी चूत की चुदाई करवाने में मजा आ रहा था।
इसके बीच विवेक का लंड फिर से खड़ा हो गया। उसने रोहित को मुझे ऊपर करने को बोला। रोहित उसी पोजीशन में नीचे आ गया, और मुझे अपने ऊपर कर लिया।
फिर विवेक मेरे पीछे आया, और मेरी गांड सहलाने लगा। उसने मेरी गांड में अपनी उंगली डाली, जिससे मेरी आह निकल गई।
फिर उसने अपने लंड पर थूका, और मेरी गांड पर भी थूका। उसके बाद उसने एक ज़ोर का झटका मारा, और उसके लंड का कुछ हिस्सा मेरी गांड में चला गया।
मेरी तो दर्द से जान ही निकल गई, और मैं ज़ोर से चिल्लाई। ये मेरी पहली गांड चुदाई थी।
रोहित ने मुझे अपनी बाहों में कस लिया, और मेरा मुँह अपने मुँह से बंद कर लिया।
अब रोहित मेरी चूत चोदे जा रहा था और विवेक मेरी गांड चोदने लगा। जल्दी ही विवेक का पूरा लंड मेरी गांड के अंदर जाने लगा।
अब मैं उन दोनो के बीच सैंडविच की तरह हुई पड़ी थी। वो दोनों मेरी चूत और गांड की चुदाई कर रहे थे, और मैं मजे और दर्द से आहें भर रही थी।
इस बीच उन्होंने मेरे बूब्स, गर्दन, गालो, और होठों पर किस कर कर के निशान बना डाले थे।
मेरा दो बार पानी निकल चुका था। फ़िर 15 मिनट की दमदार चुदाई के बाद उन दोनों ने अपना पानी मेरी चूत और गांड में निकल दिया।
फ़िर वो दोनों खड़े हो गए, और वो अपने-अपने कपड़े पहनने लगे।
जब मैंने अपने भाई की तरफ देखा, तो वो साइड पर खड़ा था। मैंने देखा, उसका लंड भी खड़ा था। तभी रोहित ने भी उसका खड़ा लंड देख लिया। फ़िर वो उसको बोला-
सचिन: चोद ले बेटा इसको, अभी तो मौका है।
ये सुनते ही मेरा भाई जल्दी से मेरे पास आया। और उसने अपने कपड़े उतार दिये।
मैं ये कभी सोच भी नहीं सकती थी, कि वो ऐसा करेगा। उसने बिना कुछ बोले मेरी टांगे खोली, और मेरी चूत में लंड डाल लिया।
फिर वो मुझे किस करने लगा, और मेरी चूत में धक्के देने लगा। उसका लंड 6.5 इंच का था। 15 मिनट तक वो मेरी चूत को जोर-जोर से चोदता रहा।
उसका लंड भले ही उन दोनों के लंड से थोड़ा छोटा था लेकिन मेरी चूत की चुदाई बहुत अच्छी तरह से कर रहा था।
कुछ देर और चोदने के बाद उसने भी मेरी चूत को अपने लंड के पानी से भर दिया।
आज मेरी चूत को तीन जानो ने अपने माल से भर दिया था।
फ़िर मैं खड़ी हुई, और अपने कपड़े पहने। उन लड़कों ने मेरी वीडियो डिलीट कर दी, और मैं और मेरा भाई दोनों वापस आ गए। रास्ते में मेरे भाई ने मुझसे आँखें नहीं मिलायीं।
मुझे लगा कि वो शर्मिंदा होगा, लेकिन उस दिन के बाद से वो रोज़ रात को मेरे कमरे में आके मुझे चोदने लगा। फ़िर जब तक मेरी शादी नहीं हुई, मैं अपने भाई की रंडी बनी रही।
दोस्तों ये थी मेरी रियल सेक्स कहानी (Real Sex Story) जिसे मैंने आज तक किसी को नहीं बताया था। उम्मीद है आप सभी को मेरी गैंगबैंग चुदाई की कहानी पसंद आई होगी।
अगर आपको मेरी फॅमिली सेक्स कहानी पसंद आई हो तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद।