October 12, 2024
Uncle Se Gand Marai

हेलो दोस्तो, आज एक नया अनुभव लेकर आयी हूं। Gay Sex Stories in Hindi में आपका स्वागत करती हूँ। 

ये कहानी राजू लिख रहे है। तो चलिए उनकी कहानी पढ़ते है। कैसे गद्दे वाले Uncle Se Gand Marai और गांड का गुलाब खिलवाया |

जो मेरे बारे में नहीं जानते उनको मैं अपना परिचय दे देता हूं।

मेरा नाम राजू है और मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मैं अभी-अभी अठारह साल का हुआ हूं।

खिलता गोरा रंग है मेरा. भरा पूरा बदन, गुलाबी होंठ, बहुत ही कशिश वाले नैन-नक्श हैं मेरे।

ये कहानी मेरी रियल सेक्स स्टोरी ( Real Sex Story ) है। 

बच्चे, बुड्ढे, अंकल, लड़के जो भी लोंडे-बाज है, मुझे देखते ही पागल हो जाते हैं, और मुझे अपनी बाहों में भरना चाहते हैं।

नहा धो कर जब मैं बाहर निकला, तो मौसम अच्छा हो रहा था।

आंटी ने गद्दा सिलेक्ट करने को कहा था, तो मैं गद्दे वाले की दुकान की तरफ चला गया।

मैंने हाफ ग्रे पैंट, और काली टी-शर्ट पहन रखी थी। सड़क से जहां से भी गुजर रहा था,

लोग मेरी गोरी कस्सी हुई जांगों को देख रहे थे।

चलते हुए लोगों को मेरे पीछे से मेरी मोटी गांड ( Moti Gand )को भी देखना अच्छा लगता है। क्या करूं, बहुत ही कस्सी हुई है मेरी गांड।

मैं दुकान पर पहुंचा तो काफी सन्नाटा था। वैसे भी ये दुकान मार्केट के लास्ट में है।

हर वक्त काफी कम लोग आते हैं. आगे एक साइन सा है, जिसका शेड लगा है।

वहा कोई नहीं था, तो मैं अंदर चला गया।

काउंटर पर एक बंदा बैठा अपने मोबाइल पर कुछ देख रहा था।

मुझे देखते ही वो हड़बड़ा गया, और जल्दी से मोबाइल छुपाने लगा।

मुझे कुछ अजीब सा लगा पर मैंने ध्यान नहीं दिया।

वो बंदा एक अंकल था, उमर होगी यहीं कोई 50 साल। मैं आगे बढ़ा, तो वो बोले-

अंकल: हां बेटा, कहो क्या दिखाउ?

मैंने अपनी पसंद बताई, तो मुझे अंदर हॉल में ले गए। चारो तरफ गद्दे ही थे।

वो मुझे गद्दों के गुणों के बारे में बताने लगे।

मैंने गौर किया, अंकल की आँखों में मुझे देख कर एक अजीब सी चमक आ गई थी।

शेल्फ के पास जब मैं गद्दे देख रहा था, तो अंकल किसी ना किसी बहाने से मुझे थोड़ा टच कर रहे थे।

काफ़ी देर देखने के बाद जब मेरी पसंद की चीज़ नहीं मिली, तो मैंने उन्हें आंटी की पसंद बताई। कहा उन्होंने कहने के लिए-

अंकल: वो तो गोदाम में होगा, और मंगाना पड़ेगा।

फिर उन्हें एक बंदे को कॉल करी। उसने तीन घंटे बाद आने का कहा।

अंकल मुझसे बोले: तुम तब तक यही आराम कर लो, कहां जाओगे इतनी गर्मी में? मैं तुम्हारे लिए कोल्ड ड्रिंक लाता हूँ।

ये कहते हुए वो मेरा मुलायम हाथ मसलने लगे। मैंने उनकी तरफ देखा, वो हल्के-हल्के मुस्कुरा रहे थे।

मेरी नजर उनकी पैंट की तरफ यू ही चली गई, तो मुझे वहां एक उपहार नजर आया।

कुछ महसूस हुआ मुझे, और मैंने हा कर दी। अंकल ने मुझे वही एक गद्दे पर बिठा दिया,

और मुस्कुराते हुए बाहर चले गए। मैं यू ही बोर होने लगा, तो उनका मोबाइल उठा कर देखने लगा, जो वो वहीं छोड़ गए थे।

मैंने जब मोबाइल को खोल कर देखा, तो मैं हैरान हो गया।

उसमे गे फिल्म चल रही थी. एक छोटा क्यूट सा लड़का एक बड़ी उमर के अंकल के साथ चुदवा रहा था।

उनकी लंड चुसाई ( Land Ki Chusai ) कर रहा था। , गांड चाट रहा था, और अंकल क्या पटक-पटक कर चोद रहे थे।

मेरी हाफ पैंट में लुल्ली तन गई. यानी कि जब मैं दुकान में आया था, तो अंकल यहीं देख रहे थे।

तभी तो मुझे देख के चौंक गए थे। यानि बंदा मस्ती मार रहा था।

मैं फिल्म देख ही रहा था कि अंकल आ गए। तो मैंने जल्दी से मोबाइल रख दिया।

अंकल ने मुझे कोल्ड ड्रिंक निकाल दी। मोबाइल की तरफ देखा, तो वो समझ गए और बोले-

अंकल: ओह!

मैंने घूर कर उन्हें देखा और कहा: तो दुकान पे आप यहीं सब करते हो।

वो खिसियानी हंसी हस्स कर बोले: वो, बस यू ही. कोई ग्राहक नहीं था तो बस मूड बन गया।

बैठे-बैठे कंट्रोल से बाहर हो जाता है।

मैंने भी थोड़ी मस्ती करने का मूड बना लिया था,

तो मैं बोला: मूड बन जाता है तो आंटी को बुला लो ना। ऐसे क्या-क्या करते रहते हो?

मेरे इस शौक़ीन अंदाज़ ने अंकल को थोड़ी हिम्मत दी, और वो झट से बोले-

अंकल: आंटी तो गाँव है, और यहाँ कोई और जुगाड़ है नहीं, गांड चुदाई ( Gand Chudai ) का तो क्या करूँ?

मैं: अच्छा, कैसा जुगाड़ चाहिए आपको? (मैंने इठला कर पूछा)।

ये कह कर मैं हाथ में लेके ग्लास लेकर खड़ा हो गया शेल्फ के पास।

फिर पलट कर उनको देखा, तो वो पूरी दुनिया की चमक अपने आँखों में भर कर मुझे देख रहे थे।

मेरी गोरी जांगों में उनकी नज़रे गड़ी पड़ी थी।

अंकल: अब क्या बताओ तुमको, मेरी पसंद तो खास चीज़ है।

जैसे तुम किसी भी आंटी को फेल कर सकते हो, तुम कितने  सेक्सी हो।

मैंने शर्मा कर कहा: धत्!

अंकल की पैंट में उभार बढ़ता ही जा रहा था। मैं पलट कर शेल्फ की तरफ देखने लगा।

अंकल उठे और मेरे पीछे आ कर खड़े हो गए, बिल्कुल सत्त कर।

मेरी सांसें तेज़ हो रही थी. उनका लंड हल्का सा मेरे पीछे टच हो रहा था।

मैंने उनको सताने का सोचा, और फिर इथला कर कहा: चलो मैं चलता हूं, जब आपका बंदा आएगा तो बुला लेना।

ये कह कर मैं आगे बढ़ने लगा, तो उन्हें मेरी गोरी कलाइयां थाम ली, और कहा-

अंकल: अरे कहा जाओगे, यहीं रहो ना. थोड़ी बहुत बातें करेंगे।

मैं सब समझ रहा था क्या होने वाला था। मैंने अंकल से कहा-

मैं: अरे नहीं, आपका इरादा ठीक नहीं लगता। आप रहो, मैं तो चलता हूँ।

अंकल: इरादा ठीक से तुम्हारा क्या मतलब है?

उनकी आवाज में खुमार उतर आया था।

मैंने कहा: बस आपकी हालत ठीक नहीं लगती।

अंकल ने अभी तक मेरा हाथ थाम रखा था।

वो बोले: तो तुम ठीक कर दो (अंकल ने प्यार से कहा)।

मैं: मैं कैसे करूँ? मैं कोई लड़की थोड़ी हूं.

अंकल: तुम तो उससे भी खूबसूरत चीज़ हो (अंकल ने सेक्सी आवाज़ में कहा)।

मैं: वैसे आप भी हॉट हो.

इतना कहना था कि अंकल ने मेरे गुलाबी होठों को अपने होठों में भर लिया, और जबरदस्त स्मूच शुरू कर दी। मैं बुरी तरह से गरम होने लगा।

स्मूचिंग करते-करते अंकल का हाथ मेरे पीछे टी-शर्ट में घुस गया, और वो मेरी मुलायम पीठ पर हाथ फेरने लगे।

थोड़ी देर स्मूच करने के बाद अंकल मुझे गद्दे की तरफ ले जाने लगे, और मुझे गद्दे पे ढकेल दिया।

मैं पीठ के बल गिरा तो अंकल मेरे ऊपर लेट गए, और फिर मुझे स्मूच करने लगे। थोड़ी देर में मैं कसमसा कर बोला-

मैं: उम्म्ह उम्म्ह छोड़ो अंकल मुझे, क्या कर रहे हो? किसी और को पकड़ लाओ. मैं वैसा लड़का नहीं हूं.

मेरे इस दिखावे के नखरे ने अंकल को और भी सेक्स से भर दिया, और वो बोले-

अंकल : कैसा लड़का है तू? दिखा ना, आज तो तुझे खुद से प्यार करवा लूँगा।

ये कह कर अंकल ने मुझे पलट दिया, और मेरी पीठ पर चढ़ कर मेरे गालों और गर्दन पर किस करने लगे।

मैंने थोड़ी देर एक्टिंग की, फिर धीरे-धीरे साथ देने लगा।

फिर अंकल ने मुझे पलट दिया, और मेरी हाफ पैंट की ज़िप खोल दी, और मेरी टाइट लंड को बाहर निकाल कर अपने मुँह में भर लिया।

इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।

अगला भाग : Uncle Se Gand Marai 2

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