हेलो दोस्तो मेरा नाम राहुल अभी 32 साल का हूँ। मैं एक उभयलिंगी हूं मतलब ये है की मुझे लड़के और लड़कियां दोनों पसंद हैं। लेकिन मैंने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है और ये मेरी गे सेक्स की पहली दास्तान है। और इस कहानी का शीर्षक अंकल की बाथरूम में चुदाई है
तो पहले मैं अपने बारे में बता दूं मेरी हाइट 5’8 है और मेरा लंड 7 इंच का है। मैं सेक्स फैंटसी करता रहता हूँ।तो अब ज्यादा समय ना लेते हुए मैं कहानी को शुरू करता हूं।
कहानी उस समय की है जब मैं 20 साल का था और मैं दिल्ली की एक बस्ती में रहता था, यहाँ लोगो के घर में पर्सनल टॉयलेट नहीं होता।
इसलीये लोगो को सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करना पड़ता है। या फिर रेलवे पटरी पर पानी ले कर जाना पड़ता था।
जैसा की मैंने बताया मैं उभयलिंगी हूं। तो मुझे लड़के भी पसंद है इसलिए मैं टॉयलेट में जाकर लड़को, अंकल लोगो की गांड को देखता रहता हूं। और उनकी गांड और लंड के बारे में मैं सोचता रहता हूँ।
कभी-कभी उनको सोच कर मुठ भी मार देता हूं। मुझे वैसे अधेड़ उम्र के अंकल बहुत पसंद हैं और बाल वाले लोग।
एक दिन करीब रात के 12:30 बजे पब्लिक टॉयलेट में गया ताज़ा होने के लिए, क्योकि मेरा प्रेशर थोड़ा सा बना हुआ था।
मैंने देखा कि टॉयलेट में कोई भी नहीं था। और होता भी कैसे जब इतनी रात हो गई थी। मैं बाथरूम में गया और फ्रेश होने लगा। और मैं बहार निकलने वाला था तभी बहार से किसी के बोलने की आवाज़ आ रही थी।
मैंने सोचा इतनी रात को कौन है, मैं बाहर निकला और देखा कि एक सेक्सी अंकल बाहर ही मूत रहे थे। लाइट बहुत कम थी इसलिए उनका ज्यादा लंड नहीं दिख रहा था।
अंकल की बाथरूम में चुदाई कर लंड का पानी निकाला
लेकिन उनका लंड करीब 6 इंच का और झाटो से भरा और मोटा था। शायद उसने ड्रिंक की हुई थी इसलिए वो होश में नहीं थे।उनको देख के मेरे अंदर का शैतान जैसे बाहर आने लगा और धीरे धीरे मेरा लंड खड़ा होने लगा।
मुझे सेक्स करने में बहुत मजा आता था। मैंने सोचा क्यों ना इस मौके का फायदा उठाया जाए।मैं वो अंकल के पास गया और पूछा कि आपको क्या मदद चाहिए? तो कुछ नहीं बोले और लड़खड़ाने लगे।
मैंने उनको अपने कंधे का सहारा दिया। उनको छुते ही मेरे शरीर में जैसे करंट दौड़ गया।
अंकल भी काफी सेक्सी लग रहे थे 40-42 की उम्र के लग रहे थे। मैंने आस-पास देखा कि कोई देख तो नहीं रहा मुझे।
वाहा पर कोई नहीं था हम दोनो के अलावा। फिर मैं उनको लेकर टॉयलेट रूम में गया, अंकल तो जैसे होश में थे ही नहीं। मैं अब अपने आप को रोक नहीं पा रहा था।
मैंने टॉयलेट का दरवाजा लॉक किया और अंकल को अपनी बाहों में भर लिया और अंकल को किस करने लगा।
अंकल के मुँह से दारू की खुशबू आ रही थी, पी तो अंकल ने थी पर मुझे भी नशा होने लगा था। मैं अंकल गांड को उनकी पैंट के ऊपर से दबाने लगा और जोर जोर से मसलने लगा।
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अंकल भी धीरे-धीरे गरम होने लग गए उनका लंड भी तन गया था, मुझे उनका लंड महसूस हो रहा था। मैंने अंकल को दीवार के सहारे खड़ा किया और उनका पेंट निकालने लगा।
उनका पैंट बड़ी मुश्किल से निकला और उन्होंने जॉकी की फ्रेंची पहननी थी। जो बहुत सेक्सी लग रही थी। उनकी गांड पे बाल बहुत थे।
मैंने फटा फट उनकी चड्ढी निकली और अब उनके बाल से भरी गांड चुलबुली गांड मेरे सामने थी।मैं उनकी गांड को चाटने लगा और उंगली करने लग गया। अंकल की गांड काफी टाइट थी।
देसी मर्द जो ठहरे, दो उंगली से ज्यादा उनकी गांड में जा नहीं रहा था। मैंने बहुत धूका और जोर लगाया तो तीसरी उंगली अंदर चली गई।
दर्द की वजह से अंकल भी थोड़े जोश में आ गए। लेकिन पूरी तरह नहीं, मैंने उंगली बाहर निकली तो थोड़ा ख़ून लगा हुआ था। जो सबूत था कि उनकी गांड कभी नहीं मारी गई थी।
उनकी वर्जिन गांड एकदम टाइट थी मुझे उनकी गांड को दबाने में मजा आ रहा था। वो एक देसी मर्द थे, गांड के बाद मैंने उनका लंड चूसना शुरू किया।
उनके लंड से पेशाब की खुशबू आ रही थी, मेरा नशा और बढ़ाने लगा, मैंने उनके लंड को चूस के मजा लिया।
पहली बार मैंने कोई लंड चूसा था, अब मुझसे नहीं जा रहा था। मैंने उनको दीवार के सहारे टिकाया और उनकी गांड पर ढेर सारा थूक लगाया।
मैंने उनकी गांड में लंड घुसने की कोशिश की। लेकिन उनकी गांड बहुत टाइट थी। जिसकी वजह से मेरा लंड फिसल कर बाहर निकल जा रहा था।
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मैंने उनकी दोनों टांगो को थोड़ा फेलाया और लंड को घुसाया पूरी ताकत से। तब जा के लंड का टॉप अंदर गया और फिर मैंने लंड पर थोड़ा थूका और धीरे धीरे पूरा लंड उनकी गांड में उतार दिया।
अब मेरा लंड पूरे जोश था और मैंने अब जोर जोर से अंकल को चोदना शुरू कर दिया। दर्द के मारे अंकल भी हल्की-हल्की सिस्कारिया लेने लगे। लेकिन होश में वो अभी भी नहीं आए थे ।
करीब 10 मिनट बाद चोदने के बाद जब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है। तभी मैंने मेरे झटके और तेज़ कर दिये और पूरी ताकत से चोदने लगा।
बाथरूम में फुच फुच की आवाज आ रही थी, तभी मैं उनकी गांड में झड़ गया। और फिर जब लंड बाहर निकला तो मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लगा हुआ था।
अंकल के गांड से भी खून निकल रहा था और मेरे लंड का पानी निकल रहा था। मैंने अंकल की वर्जिन गांड फाड़ दी थी।
झड़ने के बाद मैंने फटा-फट कपड़े पहने और अंकल को भी कपड़े पहनाये। लेकिन मुझे अंकल के पानी का स्वाद लेना था।
मैंने अंकल की चड्डी और पैंट को उनको घुटनों तक चढ़ाया। और उनका मोटा लंड अपने मुँह में ले के चूसने लगा। क्या शानदार लंड था और आंड भी बड़े-बड़े बालों से भरे हुए थे।
मैं कभी अंकल के लंड को चूसता तो कभी उनकी गोटियों को और जोर जोर से मुँह मारने लगा। तभी अंकल का पानी निकलने लगा और मैं उनकी एक भी बून्द बर्बाद नहीं होने देना चाहता।
उनके लंड के पानी से मेरा पूरा मुँह भर गया था और मैंने पूरा पानी निगल लिया। आह क्या मजा आ गया, मैंने अपनी लाइफ में पहली बार लंड का पानी पिया था।
उसके बाद मैंने अंकल को कपड़े पहनाये। उनकी चड्डी भीग गई थी मेरे लंड के पानी से। जो उनकी गांड से टपक रहा था।मैं बाथरूम से अंकल के साथ बाहर उनको लेकर आया और वही पास में एक जगह पर लिटा दिया।
फिर मैं वहां से चला आया घर पे। घर पहुँच कर टाइम देखा तो 2 बज गए थे, मैं बहुत थक गया था और घर आते ही सो गया।
दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी और अंकल की बाथरूम में चुदाई की गे सेक्स कहानी, उम्मीद करता हूँ आपको पसंद आई होगी।