नमस्कार पाठकों, अब तक राहुल ठेकेदार और मजदूर कोमल की चुदाई की कहानी (Chudai Ki Kahani) आपको जरूर अच्छी लगो होगी। जिसका शीर्षक ठेकेदार और मजदूर की बीवी की चुदाई था।
अगर अपने अभी तक पहला भाग नहीं पढ़ा है तो जरूर पढ़े आपको बहुत मजा आएगा। अब चलते है अपनी हिंदी सेक्स कहानी (Hindi Sex Kahani) ठेकेदार और मजदूर की बीवी की चुदाई 2 (Thekedar or Majdoor Ki Biwi Ki Chudai 2) को आगे बढ़ाते है।
राहुल कोमल को जाने देता है। जब कोमल जाने के लिए मुड़ती है, तो राहुल का मन उसकी कस्सी हुई कमर देख कर मचल जाता है और राहुल कोमल का हाथ पकड़ लेता है।
कोमल: मालिक जाने दो, देर हो गई है। मैं कल जल्दी आ जाउंगी।
और राहुल कोमल का हाथ छोड़ देता है।
अगले दिन कोमल सुबह-सुबह ही राहुल के ऑफिस केबिन में पहुंच जाती है। जब राहुल ऑफिस आता है, तो उसको कोमल उसके केबिन के बाहर खड़ी मिलती है। कोमल को देख कर राहुल खुश हो जाता है।
वो केबिन का दरवाज़ा खुलता है और कोमल को अंदर लेकर जाता है। अंदर जाते ही, वो कोमल को पकड़ लेता है और उसके होंठ चूसने लग जाता है। कोमल घाघरा-चोली में होती है।
राहुल कोमल की चोली के ऊपर से उसके चूचे मसलने लगता है और उसके होंठों को काटना शुरू कर देता है। फ़िर राहुल उसकी चोली उतारता है और उसके निपल्स चूसने लगता है।
राहुल कोमल को पास पड़ी खटिया पे लिटा देता है और उसका घाघरा ऊपर उठा देता है। कोमल ने घाघरे के नीचे कुछ नहीं पहना था। फ़िर राहुल अपना लंड बाहर निकालता है और उसकी चूत में डाल देता है।
राहुल: हाय कोमल, तेरी चूत तो बड़ी मज़ेदार है।
कोमल: आअहह.. मालिक धीरे करो।
राहुल कोमल की मजे से चुदाई करता है और उसकी चूत का पूरा मजा लेता है। राहुल लगतार उसकी चूत चोदता है और उसकी चूत में ही अपना वीर्य निकाल देता है।
वीर्य निकलने के बाद राहुल खड़ा हो जाता है और कोमल को जाने के लिए बोलता है।
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राहुल: कल की तरह वो फिर से कोमल को कुछ पैसे देता है और बोलता है, चलो अब तुम काम पर जाओ।
कोमल अपने कपड़े ठीक करती है और काम करने चली जाती है। राहुल के पूरे मजे थे, वो कोमल की चूत का मजा भी ले रहा था और अपना काम भी करवा रहा था।
उसके बाद कोमल काम कर रही थी। दोपहर के 1 बजे थे और गर्मी अपने पूरे ज़ोर पर थी। पत्थर तोड़-तोड़ कर कोमल बहुत थक चुकी थी और पसीने से भरी पड़ी थी।
उसकी चोली गीली हुई पड़ी थी और उसके चूचो से चिपकी पड़ी थी। उसके चूचो का नज़ारा ज़बरदस्त लग रहा था। उसके कमर से टपकता हुआ पसीना, किसी भी मर्द की आग को भड़काने के लिए काफी था।
राहुल कोमल को ऊपर से देख रहा था और अपना लंड मसल रहा था। जैसे ही खाना खाने की घंटी हुई, तो सब मजदूर काम बंद करके खाना खाने के लिए चले गए।
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कोमल भी खाना खाने जा रही थी। लेकिन राहुल ने उसको इशारा करके अपने पास बुलाया। कोमल राहुल का इशारा देख कर, उसके पास उसके केबिन में चली गई।
कोमल: जी मालिक, आपने बुलाया मुझे।
राहुल उस वक्त खड़ा था और उसने कोमल की पागल कमर को भींच दिया। वो कोमल के चूचे दबाने लगा और उसकी गर्दन पर चूमने लगा।
कोमल: मालिक मैं सुबह से काम कर रही हूं और बहुत थक चुकी हूं। मुझे भूख भी बहुत लगी है, क्योंकि मैंने सुबह से कुछ भी नहीं खाया है। तो अभी मुझे जाने दो।
राहुल: तेरी भूख तो मिट जाएगी, लेकिन मेरी जो तेरे लिए भूख है, उसको तो तूने ही मिटाना है।
ये सुन कर कोमल शर्मा गई और कुछ नहीं बोली। फिर क्या था, राहुल ने कोमल को नंगा कर दिया और उसके जिस्म से अपनी भूख मिटाने लगा। वो कोमल के जिस्म के हर एक अंग को काट-काट का मजा ले रहा था।
कोमल: आह्ह.. आह्ह.. मालिक आराम से करो, मुझे दर्द होता है।
राहुल कोमल की एक नहीं सुनता और उसकी लगतार जोरदार चुदाई करता रहता है। कोमल भी राहुल की अपने लिए भूख देख कर मन ही मन खुश होने लगती है।
कई महीनों तक ऐसा ही चलता रहता है। राहुल हर रोज़ कोमल की चूत की चुदाई करता है और अपना वीर्य उसकी चूत में ही निकाल देता है।
एक दिन कोमल राहुल के पास जाती है और उसको बताती है, कि वो प्रेग्नेंट हो गई है और ये राहुल का ही बच्चा है।
राहुल ये सुन कर हंसने लग जाता है, क्यूकी कोमल के पेट में उसका बच्चा था और अनिल को इस बात का पता भी नहीं था। अब वो तीनो खुश थे।
क्योंकि हवस मिटाने के लिए कोमल जैसी पागल औरत मिली हुई थी। कोमल इसलिए खुश थी, क्योंकि उसकी सुबह-शाम चुदाई होती थी और अनिल बच्चे के आने की वजह से खुश था।
राहुल एक बड़ा ही दयावान मालिक था, क्योंकि वो अपने मजदूरों का ख्याल तो रखता ही था, साथ ही साथ उनके बच्चो को भी पैसा देता था।
समय बीत गया और राहुल और कोमल का ये चुदाई का खेल ऐसे ही चलता रहा। कोमल अब तक 2 बच्चों की मां बन चुकी थी और अनिल को इस बात का अंदाज़ा भी नहीं था।
वो उसके नहीं बाल्की राहुल के बच्चे थे। राहुल का कोमल के लिए पागलपन इतने समय बाद भी कम नहीं हुआ था।
लेकिन एक दिन अनिल राहुल के पास आया और बोला-
अनिल: मालिक आपसे कुछ बात करनी थी।
राहुल: हा बोलो।
अनिल: मालिक मुझे अपने परिवार के साथ कुछ दिनों के लिए गांव जाना है, क्योंकि मेरे भाई की शादी होने वाली है। इसलिए मुझे 1 महीने की छुट्टी चाहिए।
राहुल को ये सुन कर गुस्सा आ गया, उसको कोमल के जिस्म की इतनी आदत पड़ चुकी थी, कि 1 महीने तो क्या, वो 1 दिन भी कोमल के बिना नहीं रह सकता था।
राहुल बोला: छुट्टी! मज़ाक कर रहे हो, तुझे पता है ना कि कितना काम पड़ा है अभी। लगता है तेरे पास ज़्यादा पैसे आ गए हैं और तुझे अब काम की ज़रूरत नहीं है, इसलिए यहां से जाना चाहता है।
अनिल: अरे मालिक आप तो नाराज़ हो गए। मेरे जाना ज़रूरी है, क्योंकि मेरे भाई की शादी है।
राहुल: देख जाना है तो तेरी मर्जी, लेकिन उसके बाद तुझे यहां काम मिलेगा, इस बात की कोई गारंटी नहीं है।
अनिल राहुल की बात सुन कर थोड़ा मायुस हो गया और सोचने लग गया। तभी राहुल बोला-
राहुल: चल ऐसा कर, तू अकेला चल जा। मैं तेरे बिना गुजार कर लूंगा, लेकिन अपनी बीवी को यहीं छोड़ जा, उसके बिना काम चलाना मुश्किल होगा।
अनिल: लेकिन मालिक मैं उसके बिना कैसे…
फिर अनिल ने अकेले गांव जाने का फैंसला किया और कोमल और बच्चों को वही रहने दिया। अब राहुल का रास्ता एक-दम साफ था और वो दिन-रात कोमल को चोद सकता था।
अनिल के जाते ही, राहुल ने कोमल को अपने केबिन में बुलाया और उसको चूसने लग गया। उसने फिर कोमल की ज़बरदस्त ठुकाई करनी शुरू कर दी। कोमल भी उछल-उछल कर उससे अपनी चुदाई का मजा ले रही थी।
फ़िर चुदाई के अंत में राहुल ने फिर से अपना वीर्य कोमल की चूत में निकाल दिया। फ़िर कोमल बोली-
कोमल: मालिक आप मेरी चूत में अपना वीर्य ना निकला करो। 2 बच्चे तो दे चुके हो मुझे। अब और कितनी बार मुझे माँ बनाओगे?
राहुल: जानेमन मजा ही चूत में वीर्य निकलने का आता है। चल कोई बात नहीं, आगे से तेरे मुँह में निकल दूँगा। क्यों, पियेगी मेरा पानी?
ये सुन कर कोमल शर्मा जाती है। रात के 8 बज गए थे और कोमल राहुल से कहती हैं-
कोमल: मालिक अब मैं जाती हूं, रात काफी हो गई है।
राहुल: अरे अब घर जाके क्या करेगी, तेरी पति तो वहां है नहीं।
ये बोलके राहुल कोमल को अपने गोद में खींच कर बैठा लेता है और उसको चूसने लग जाता है।
कोमल: मालिक बच्चे तो घर पर ही हैं। वो मेरा इंतज़ार करते होंगे और उनको भूख भी लगी होगी।
राहुल: चल चली जा और मैं भी तेरे साथ चलता हूं।
कोमल: आप मेरे घर चलोगे?
राहुल: हा क्यू नहीं। मैं तेरे पति का यहां ना होने का पूरा मजा लेना चाहता हूं, इसलिए मैं तेरे घर चलके तुझसे प्यार करूंगा।
कोमल हा में सर हिलाती है और राहुल अपनी कार में कोमल को बिठा कर। उसके घर पहुँच जाता है।
कोमल का घर बहुत छोटा है और उसमें एक ही कमरा है। कोमल बच्चों को खाना खिला कर सुला देती है। फिर कोमल राहुल से पूछती है-
कोमल: मालिक आप कहा लटोगे लेंगे, यहां तो जगह बहुत कम है।
राहुल: मैं तेरी बाहो मैं लटोगे मेरी जान।
फिर वो दोनों छत पर चले जाते हैं और छत पर जाते ही, राहुल अपने कपड़े उतार कर बिल्कुल नंगा हो जाता है। राहुल के कपड़े उतारने के बाद, कोमल भी अपने कपड़े उतार देती है और उसका लंड चूसने लग जाती है।
फ़िर कोमल राहुल की जांघो पर बैठ कर, उसका लंड अपनी चूत में ले लेती है और उछल-उछल कर उसको मजे देती है और खुद भी मजा लेती है।
राहुल कोमल के उछलते हुए चूचो को अपने हाथों में पकड़ लेता है और मसलना शुरू कर देता है। सारी रात इसी तरह वो कोमल की बार-बार चुदाई करता है।
अगले दिन जब सुबह होती है, तो दोनों एक दूसरे की बाहों में बाहे डाले, नंगे ही सो रहे होते हैं। राहुल ऐसे ही सालों तक कोमल की चुदाई करके उसके जिस्म का मजा लूट रहा था।
अनिल को इस बात का कभी पता ही नहीं चला। कोमल भी राहुल की रांड बन कर खुश थी और उसके लंड के मजे लेती थी।
राहुल का कोमल के लिए पागलपन कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। जब तक कोमल जवान थी, तब तक राहुल उसकी जवानी चूसता रहा और मजा लेता रहा।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये हिंदी सेक्स कहानी उम्मीद करता हूँ आप सभी को जरूर पसंद आयी होगी। धन्यवाद।