नमस्कार दोस्तों मेरा नाम रोहन है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। आज आपके लिए एक मजेदार और कामुक हिंदी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ, ये कहानी एक ठेकेदार और मजदूर की बीवी की चुदाई की है जिसमे उसने पैसो का लालच देकर खूब चोदा।
पास की एक कॉलोनी में, एक बहुत बड़ा घर बन रहा था। राहुल ठीकेदार हमारे घर को बनवा रहा था। काफ़ी सारे मज़दूर वहा काम कर रहे थे। रोज़ राहुल ठीकेदार वहा आता और काम और मजदूर देख कर चला जाता था।
एक दिन राहुल आया और मजदूरों को शाम को पैसे देने लगा। सब मजदूर लाइन से लगे थे और पैसे ले रहे थे। तभी एक 24-25 साल की मजदूर औरत आई, जिसको राहुल देखता ही रह गया।
एक गंदी साड़ी में कसा हुआ पागल भरा हुआ जिस्म, राहुल उसे देखता रह गया। उसको देख कर राहुल के लंड में हलचल हो गई। हरामी तो वो शुरू से था ही।
राहुल : क्या नाम है तेरा?
मज़दूर औरत: जी कोमल।
साहब मेरी बीवी है, पीछे खड़े एक मजदूर ने बोला। राहुल कुत्तो की तरह उसका जिस्म घूरने लगा।
उस समय राहुल ने उसे पैसे दे दिए, पर अगले दिन से राहुल की आंखों में कोमल का जिस्म चढ़ गया और वो उसे किसी भी तरह से चोदना चाहता था।
वो अगले दिन जल्दी आ गया और उस कोमल को देखने लगा। वो जान-बूझ कर उसके पास गया और देखने लगा। फिर वो उसको देखते हुए बोला-
राहुल: चल अच्छे से काम कर, जल्दी-जल्दी।
कोमल: जी मालिक।
कोमल पत्थर तोड़ रही थी और इस दौरान उसका पूरा कसा हुआ पेट दिख गया और साइड से फाटे हुए ब्लाउज में, उसके बड़े बूब्स (Big Boobs) थोड़ा सा दिख रहा था।
राहुल का तो लंड खड़ा होने लगा, इतनी चिकनी मजदूर देख के। वो सोचने लगा, कि उस औरत को कैसे चोदू।
दिन भर की मजदूरी करके, कोमल की कसी हुई मोटी गांड, उसका पेट, मोटे दूध से भरे चूचे ला-जवाब लग रहे थे। क्या जिस्म था, सच में राहुल की गलती नहीं थी इसमे, क्योंकि वो थी ही इतनी मस्त और सेक्सी।
2-3 दिन राहुल ने रोज उसको आके देखा। उस दिन कोमल ने नोटिस किया, कि मजदूरी करते हुए राहुल उसको घूरने लगता है। उसका पेट, उसकी गांड, लेकिन राहुल के सामने बोलने की उसकी औकात नहीं थी।
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उसका मन तो करता था, कि कोमल को वही पर चोद दे, लेकिन उसका पति वही रहता था। फिर उसने कुछ सोचा और कोमल के पति को बुला के बोला-
राहुल: अरे अनिल (कोमल के मजदूर पति का नाम) यहाँ पर आ।
सागर : जी मालिक।
राहुल: कल से तू एक दूसरी बिल्डिंग में मजदूर करेगा।
अनिल: मालिक यहाँ मेरी बीवी भी काम करती है, तो…
राहुल: अरे यहाँ और मजदूर नहीं चाहिए। जो बोल रहा हूं, वो सुन ले।
अनिल का मुँह बन गया और वो हा करने लगा। राहुल ने सोचा, कि कहीं ये अपनी बीवी को मना ना करदे, यहाँ आने से। तभी-
राहुल: सुन जरा, ये 2000 रुपए ले और कल से दूसरी बिल्डिंग पर आजा। तुझे रोज़ खाने के पैसे भी दिया करूंगा, टेंशन मत ले।
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रोज़ 200-250 रुपये लेने वाले मजदूर को, जब 2000 मिल जाए, तो वो खुश हो जाता है। अनिल एक-दम मुस्कुरा दिया और मान गया।
राहुल: और सुन, उस कोमल को यहीं रहने दे। उसकी यहा जरूरी है काम पर।
अनिल: जी मालिक, जैसा आप कहो।
बस अब राहुल का काम बन गया । अगले दिन कोमल को साइकिल पर छोड़ कर, अनिल चला गया दूसरी जगह।
उसी दिन राहुल ने अपना जाल फेंक दिया। सुबह-सुबह कोमल पत्थर तोड़ रही थी।
राहुल : इधर आ कोमल।
कोमल: जी मालिक।
राहुल उसको टॉप फ्लोर पर ले गया और वहां जाके बोला-
राहुल : ये ले 200 रुपए।
कोमल: ये किस लिए मालिक?
राहुल : चल मेरे पैर दबा दे।
कोमल भले ही मजदूर थी, पर अपने पति की सग्गी थी। लेकिन राहुल भी उसका मालिक था।
कोमल: मालिक वो.. वो… हम ये सब नहीं कर पाएंगे।
राहुल को एक-दम गुस्सा आ गया और वो बोला-
राहुल: अच्छा, मुझे मन करेगी? कल से काम पर मत आना और तेरे उस पति को भी देखता हूं मैं।
कोमल डर गई, क्योंकि उसको अपने हाथ से काम जाता हुआ दिखा। उसने तूरंत राहुल के पैर पकड़ ली।
कोमल: मालिक वो गलती हो गई। माफ कर दीजिये, हम करेंगे आपका काम।
राहुल : सोच ले।
कोमल: जी मालिक, जैसा आप बोलें।
राहुल बैठ गया और कोमल उसकी पैर दबाने लगी।
राहुल: पैर तू बहुत अच्छी दबाती है, फिर ये मजदूर क्यों करती है?
साइड से उसकी चिकनी कमर और ब्लाउज को घूरते हुए राहुल बोला-
कोमल: मालिक वो घर का खर्चा चलाना पड़ता है, तो पैसे कम मिलते हैं।
कोमल को पता था, कि वो उसको घूर रहा था।
राहुल: अगर तू रोज मेरी मालिश करदे, तो मैं तुझे ज्यादा पैसे दूंगा। बोल करेगी?
कोमल: जी मालिक।
बेचारी उस मजबूर मजदूर के पास और कोई रास्ता नहीं था। वो जानती थी, कि उसका पागल जिस्म राहुल को आकर्षित कर रहा है। उसने अपनी चिकनी कमर ऐसे ही रहने दी।
राहुल: चल मेरे साथ आ।
राहुल उसको नीचे बने अपने केबिन में ले गया और ऊपर की शर्ट उतार कर। ऊपर से नंगा हो गया।
राहुल: चल मेरी छाती और कंधे दबा दे। बड़ा दर्द है यहाँ।
कोमल थोड़ी शर्मा गई, क्योंकि किसी गैर मर्द के जिस्म को छूआ था। लेकिन वो उसका मालिक था, करना तो पड़ेगा ही। वो आगे बढ़ी और उसके कंधे दबाने लगी।
इतने करीब से कोमल को देख कर, राहुल और गरम होने लगा। उसकी चिकनी कमर और मोटे-मोटे चूचे इतने पास से दिख रहे थे।
तभी कंधे दबाते हुए, उसका पल्लू नीचे गिर पड़ा। कोमल एक-दम शर्मा गई और अपना पल्लू उठाने लगी।
राहुल: उसको वही रहने दे, तू मेरा कंधा दबा चुप-चाप।
इतने मोटे चूचे और वो नंगी छाती साफ-साफ चमक रहे थे। कोमल के हाथ कांपने लगे, तभी राहुल ने उसके चिकने मुलायम पेट पर हाथ रखा और मसल दिया।
कोमल : आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह…. मालिक ये आप क्या कर रहे है।
और वो पीछे हो गई।
राहुल : ऐसा क्या हो गया? मेरी सेवा करेगी, तो पैसे दूंगा।
राहुल ने अपनी जेब से 2000 का नोट निकाला और बाहर रख दिया। कोमल उस 2000 रुपए के नोट को देखने लगी।
कोमल : वो हमारा आदमी….
राहुल: अरे उसको कुछ पता नहीं लगेगा, तू टेंशन मत ले, देख मेरी सेवा करेगी, तो मज़दूरी नहीं करनी पड़ेगी।
कोमल मुहं नीचे करके कुछ सोचने लगी, पर राहुल उसका पेट देख कर पागल हो रहा था। उसने उसको पकड़ कर खींच लिया और उसके पेट में उंगली चुभा दी और मसल कर रख दिया।
कोमल : आआआआआअम्म्म…… आआहह… आआहह.. उउउम्म्म्म..
राहुल: बहुत नाटक हो गया तेरा, अब चुप चाप आजा मेरे पास।
फ़िर कोमल के पागल पेट को पकड़ कर उसने मसल दिया।
कोमल: आआआआअह्हह्हह…. आआआआअह्हह्हह.. मेरा पेट।
पेट पकड़ कर लाल करने के बाद, राहुल ने उसको अपनी गोद में खींच कर बिठा लिया और उसका फटा हुआ थोड़ा सा ब्लाउज खींच कर फेंक दिया और उसके मोटे चूचे बाहर आते ही, क्कचह्ह्ह्ह.. से उसके निपल पर काट लिया।
कोमल: आआआआआअहहहहहहहह.. मालिक दर्द होता है आआहह.. मालिक मेरा निप्पल कट जाएगा मालिक.. आआआहह.. हह..
फिर कोमल सोचने लगी की क्यों न थोड़े और पैसे कमा लिए जाए जब ये सब करना ही है तो क्यों न सही से किया जय और पैसे भी अच्छे हो।
फिर कोमल ने बोला मालिक इतने पैसे में सिर्फ इतना ही करने को मिलेगा। आगे बढ़ने के लिए और पैसा लगेगा।
राहुल ख़ुशी ख़ुशी जेब से 500-500 के दो नोट निकल कर उसके चुचो पे रगड़ने लगता है और बोलता है इतने में हो जायगा या नहीं।
1000 रुपये देखकर कोमल की आंखे चमक गयी और वो पैसे लेकर अपने आप को राहुल के हवाले अपनी चूत कर देती है और कुछ नहीं बोलती।
फिर राहुल 15 मिनट तक कोमल के मोटे चूचो के कड़क निपल चबा-चबा कर आधे फाड़ दिए। वो बुरी तरह हाफ गई थी। फिर उसने कोमल को घोड़ी बना दिया और खुद पूरा नंगा होके पीछे से कोमल की साड़ी उठा दी
कोमल: आआह… आआहह.. मालिक आराम से करना… आआआआअह्हह्हह…. मर गयी..
राहुल ने एक ही झटके में उसकी कस्सी हुई खूबसूरत चूत में अंदर तक अपना लंड घुसेड़ दिया। कोमल काँप गई और नीचे गिरने लगी।
राहुल: उउउउउम्म्म.. साली इतनी टाइट चूत होगी तेरी, पता नहीं था मुझे। अब तो और मजा आएगा।
कोमल के बाल खींच कर, उसने उसको ऊपर किया और उसकी चूत को फाड़ने लगा फचह.. फचह… फच.. ग्घप्पाआ…।
2 बार राहुल ने कोमल को खूब दबा कर कुतिया की तरह उसकी चूत की चुदाई करी। उसकी इतनी टाइट चूत देख कर वो पागल हो गया था।
कोमल: मालिक अब तो जाने दो, शाम के 6 बज गए हैं। सब मजदूर चले गये हैं।
इसके आगे की सेक्स कहानी के लिए आपको अगले भाग का इंतजार करना पड़ेगा। तो अगला भाग जरूर पढ़े और मजा करे।