हमारी आज की हिंदी सेक्स कहानी जिसका शीर्षक है “चोरी के आरोप से बचने के लिए पूरी रात थाने में चुदाई करवाई” में मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे चलिए शुरू करते हैं आज की देसी सेक्स कहानी।
दोस्तो, मैं आपकी प्रिय मित्र कृतिका शर्मा हूं। आज मैं आपको एक देसी सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ 10 दिन पहले घटी। भगवान करे ऐसा सब के साथ हो।
तो पढ़िए मेरी सेक्स कहानी।
पिछले हफ्ते मेरे पति ने मुझे बताया कि वह एक हफ्ते के लिए बिजनेस टूर पर सिंगापुर जा रहे हैं। वैसे मैं भी जाना चाहती थी,
क्योंकि मुझे बीच पर चड्डी और ब्रा पहनकर घूमना और पूरे दिन खुले बीच पर आधी नंगी हालत में पड़े रहना अच्छा लगता है।
जब लोग आते-जाते हैं और मेरे गोरे यौवन से भरे बदन को ललचाई नजरों से देखते हैं तो मुझे बहुत ख़ुशी होती है, मुझे अपने आप पर बहुत गर्व होता है।
मैं काला चश्मा भी पहनती हूं ताकि लोगों को पता न चले कि मैं अपने शरीर को घूरते हुए उन्हें देख रही हूं।
मैं पहले भी कई बार सिंगापुर, बैंकॉक और मलेशिया जा चुकी हूं।
ख़ैर, पति तो चले गये, मैं और मेरी छोटी बेटी घर में अकेले रह गये। मैंने अपनी नौकरानी को पूरे दिन रुकने के लिए कहा ताकि घर में कोई और हो। पहले दिन मैं घर पर बोर हो गयी। TV कितना देखलूँगी, मोबाइल पर पोर्न कितनी देखलूँगी,
फिर सोचा, कहीं घूम कर आती हूँ। तो मै खुद तैयार हुई, बच्चे को भी तैयार किया और अपनी नौकरानी पूनम को साथ लेकर बाजार चली गई। बोरियत नहीं गई।
रात को सोना बहुत मुश्किल था।
अगले दिन फिर वही बात। पूनम से भी वह खूब बातें करती थी। आस-पड़ोस के सभी कामकाजी लोग भी सुबह जाते हैं और शाम को आते हैं।
अगले दिन वह फिर बाज़ार गई और फ़िल्म देखने नहीं गई क्योंकि सिनेमा के अँधेरे में बेटी उसे बहुत परेशान करती है इसलिए फ़िल्म का मज़ा ख़राब हो जाता है।
इसी तरह मैं बाजार में घूम रही थी, तभी दो जवान लड़के मेरे आसपास दो-तीन बार आये।
उसके हाव-भाव और चाल-ढाल से ऐसा लग रहा था जैसे उसे मुझमें दिलचस्पी है। (थाने में चुदाई करवाई)
मुझे थोड़ी गुदगुदी भी हुई कि आज भी ऐसे लोग हैं जो मेरी खूबसूरती के दीवाने हैं।
भले ही मैं एक बच्चे की मां बन गई हूं। मैंने भी उसे पूरी लाइन दे दी कि अगर कोई सेटिंग होगयी तो मैं पूनम को घर भेज दूँगी और उन दोनों को होटल ले जाउंगी,
हो सकता है सेक्स मुझे मेरी बोरियत से मुक्ति दिला दे।
लेकिन दो-चार राउंड के बाद वो भी चले गये।
मैं फिर घर वापस आ गयी; आकर टीवी चालू किया, पूनम ने चाय बनाई और बेमन से चाय पी। पूनम ने शाम का खाना भी बनाया,
लेकिन आज मैंने उसे रात को भी अपने पास रुकने के लिए रोक लिया।
मैं बेवजह टीवी देखती रही,
थोड़ी देर बाद बच्ची उठकर बैठ गई और रोने लगी, जब मैंने देखा तो उसका डायपर गीला था, उसने इसे सुबह ही डाला था। घर में देखा तो दूसरा डायपर भी नहीं था।
मैंने पूनम से कहा कि वह बच्चे का ख्याल रखे और मैं बाहर जाकर दुकान से डायपर लाती हूँ।
मैं अपनी सोसायटी से बाहर आयी और कार लेकर पास के एक मॉल में चली गयी। वहां से मैंने बच्चों के डायपर और कुछ अन्य सामान भी खरीदा।
मैं दुकान से बाहर आने लगी तो उनका सायरन बज उठा, गार्ड ने मुझे रोका तो मैंने उससे अपना सामान चेक करवाया। लेकिन मेरे सामान में ऐसा कुछ नहीं मिला।
दोबारा चेक किया तो सायरन फिर बज उठा, इस बार दुकान का मैनेजर और कुछ अन्य लोग भी आ गए।
जब मेरे पर्स की तलाशी ली गई तो उसमें एक मोबाइल फोन मिला, लेकिन मुझे नहीं पता कि वह मोबाइल मेरे बैग में कैसे आया।
मैंने बहुत मना किया, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी, मैंने ऑफर भी दिया कि अगर यह फोन मेरे बैग में मिल जाए तो मैं पैसे दे दूंगी,
लेकिन उनका मैनेजर बहुत गुस्से में था, साले ने पुलिस बुला ली।
झगड़ा बढ़ गया और पुलिस वाले मुझे अपने साथ ले गए। बाहर जाकर उसने मुझे पुलिस वैन में बैठाया और पुलिस चौकी ले गए।
चौकी पहुंचने के बाद मुझे एहसास हुआ कि मैं अपना मोबाइल फोन घर पर भूल गयी हूं। और ये फोन बिल्कुल मेरे फोन जैसा ही था, शायद इसी वजह से मैंने लापरवाही में ये फोन अपने पर्स में रख लिया होगा।
लेकिन अब मैं थाने आ गयी हूं और बिना मोबाइल के मुझे किसी का नंबर भी याद नहीं रहता। पति का नंबर याद था, लेकिन वह विदेश में थे और वहां उनका फोन बंद था। मैं बड़ी मुसीबत में थी।
मुझे बेंच के एक तरफ बैठाया गया।
कुछ देर बाद मैनेजर आया और अपना आवेदन देकर चला गया और इंस्पेक्टर के कान में कुछ कहा भी। रात के नौ बजे थे, पुलिस चौकी में केवल 3 लोग थे, एक इंस्पेक्टर, दूसरा हवलदार और एक सिपाही जो बाहर पहरा दे रहा था।
मेरा दिल बहुत घबरा रहा था, मैंने इंस्पेक्टर से पूछा- सर, कब तक यहाँ रहना पड़ेगा। यह मेरी गलती नहीं है, जरूर कोई गलती हुई होगी।’ कृपया मुझे जाने दो, मेरी छोटी लड़की घर पर अकेली है।
तो इंस्पेक्टर ने कहा- देखिए मैडम, मैंने अभी बड़े साहब को खबर भेजी है, वो आने वाले हैं, उनके आने के बाद ही हम आपको छोड़ सकेंगे। जब तक साहब नहीं आते, तुम चुपचाप वहीं बैठे रहना। (थाने में चुदाई करवाई)
मैं फिर हार कर बैठ गयी। जब मैं पहली बार थाने आयी तो डर के मारे मेरा बुरा हाल था। और तो और, चौकी में कोई महिला पुलिस या कोई अन्य महिला भी नहीं थी।
थोड़ी देर में चाय आ गई तो उस लड़के ने एक गिलास चाय मुझे भी दे दी।
इंस्पेक्टर ने कहा-चाय लीजिए मैडम।
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मैंने उसे हल्की सी स्माइल दी,
मैंने- चाय का गिलास उठाया और पीने लगी। रात के 10 बज गये लेकिन कोई भी वरीय अधिकारी या अन्य अधिकारी नहीं आये।
मैंने दोबारा अनुरोध किया, लेकिन फिर वही जवाब। मैं रोना चाहती थी लेकिन अपनी हिम्मत बनाए रखी और अपने रोने पर काबू पा लिया।
थोड़ी देर में कॉन्स्टेबल ने अपना मोबाइल निकाला और उसमें कुछ देखने लगा, फिर वो मुझे घूरने लगा। मुझे बहुत अजीब लग रहा था, डर भी लग रहा था। तभी वह हवलदार मेरे पास आकर बैठ गया,
कभी वो मोबाइल की तरफ देखता तो कभी मेरे चेहरे की तरफ।
फिर उसने जाकर अपने इंस्पेक्टर को अपना मोबाइल दिखाया, इंस्पेक्टर भी कभी-कभी मोबाइल देखने लगा।
फिर उसने मुझसे पूछा- मैडम, आप क्या काम करती हैं?
मैंने कहा- हाँ, मैं एक गृहिणी हूँ।
“ओर आपके पति?” उन्होंने एक और सवाल पूछा।
मैंने कहा- हां ये तो उसका बिजनेस है।
उन्होंने गहरी नजरों से मेरी ओर देखा और पूछा- आप गृहिणी होने के अलावा और क्या करती हैं?
उन्होंने कहा- आपके पति के साथ आपके रिश्ते कैसे हैं?
मुझे थोड़ा गुस्सा आया, लेकिन भावुक होकर बोला- बहुत अच्छा।
फिर उसने कहा- क्या तुम्हारे घर के बाहर कोई और रिश्ता है?
इस बार मैं चिढ़ गया और बोला- क्या बेहूदा सवाल पूछ रहे हो?
उन्होंने बड़े शांत स्वर में कहा- अगर चक्कर नहीं है तो आपका वीडियो नेट पर कैसे आ गया?
मैंने कहा- कौन सा वीडियो” उसने एक वीडियो चलाया और मुझे मोबाइल दिया- देख, ये तुम नहीं हो?
मैंने वो वीडियो देखा, एक औरत दो मर्दों के साथ सेक्स कर रही थी, लेकिन खास बात ये है कि वो औरत बिल्कुल मेरी तरह दिख रही थी, मैं हैरान थी, लेकिन अगर कोई और देखता तो सोचता कि ये मैं हूं।
मैंने मोबाइल टेबल पर रख दिया- नहीं, ये मैं नहीं हूं। (थाने में चुदाई करवाई)
उसने कहा- क्या कोई सबूत है जिससे तुम साबित कर सको कि ये लड़की तुम नहीं हो।
अब मेरे पास वहां कौन सा सबूत था, जिससे मैं साबित कर पाती?
मैंने उनसे फिर अनुरोध किया- मेरे पति बाहर गए हैं, मेरी बेटी घर पर अकेली है, कृपया मुझे अकेला छोड़ दीजिए।
लेकिन उसने कहा- मैडम, हम आपको कैसे छोड़ सकते हैं, आप पर चोरी का आरोप है,
आप रंगे हाथ पकड़ी गई हैं और साहब अभी तक नहीं आए हैं, किससे पूछकर हम आपको छोड़ दें। और दूसरी बात अब आपका ये एमएमएस आ गया है।
वह बोला तो दूसरा हवलदार बहुत गंदा हँसा, फिर दोनों हँसने लगे।
मैंने कहा- देखिए सर, मैं एक अच्छे परिवार से हूं, अगर आप मुझे छोड़ देंगे तो मेरे पति आपको सर्विस बुलाएंगे, वो कर देंगे।
उसने पूछा- क्या आपके पति आएंगे?
मैंने कहा- 5 दिन बाद!
वो दोनों फिर खिलखिलाकर हंस पड़े- हमें तुम्हें अभी छोड़ देना चाहिए, और तुम्हारा पति 5 दिन बाद हमारी सेवा करेगा? 5 दिन किसने देखे मैडम?
मैंने अपना पर्स खोला, उसमें 4000 रुपए थे, मैंने उसके सामने रख दिए- अब आप ये 4000 ले लीजिए, अगर आप ज्यादा कहेंगे तो मैं आपको और दे दूंगा।
वो बोला- मैडम, सैलरी 50000 रुपए महीना है, गांव में खेती भी है। मैं तुम्हारे 4000 पर थूकता भी नहीं, उठाकर अपने पास रख लेता हूँ।
मैंने पैसे अपने पर्स में रख लिये।
मैंने फिर पूछा- तो और क्या चाहिए?
उन दोनों ने एक दूसरे की ओर ऐसे देखा मानो आँखों में आँखें डालकर बात कर रहे हों। लेकिन इतना तो तय था कि उनके चेहरे देखकर मुझे डर लग रहा था। (थाने में चुदाई करवाई)
तो हवलदार ने कहा- देखिए मैडम, हम आपके साथ जबरदस्ती नहीं करना चाहते, लेकिन इस वीडियो में आप जो काम कर रही हैं।।।
उसकी बात अभी ख़त्म नहीं हुई थी, मैं चिल्लायी- वो मेरा वीडियो नहीं है, मैं उस वीडियो में नहीं हूँ!
मेरी तेज़ आवाज़ सुनकर वो दोनों भी डर गये।
तब इंस्पेक्टर ने कहा- मैंने तुमसे पहले ही कहा था, यह औरत बड़ी गड़बड़ है, इसे कहीं हवालात में डाल दो और कल हमें किसी चक्कर में फँसा दो।
और हवलदार ने मेरी बांह पकड़ कर मुझे खींच लिया, मैं शोर मचाती रही, लेकिन उसने मुझे हवालात में धकेल दिया और दरवाजा बंद कर दिया।
मैंने अपने जीवन में पहली बार खुद को जेल में देखा। फिल्मों में हीरो लोगों को देखा था, लेकिन खुद को पहली बार देखा। इससे मैं टूट गयी और फूट-फूटकर रोने लगी।
मैं थोड़ी देर तक रोती रही। फिर मैंने सोचा, अगर मुझे यहां से निकलना है तो मुझे उनकी शर्त माननी होगी।
दो लोग हैं, कितनी देर लगेगी, और अगर बाहर खड़ा तीसरा सिपाही भी आ जाए, तो अधिकतम एक घंटा, जो यहां मुझे देख रहा है, लेकिन एक घंटे में मैं फ्री होकर जाऊंगी और घर चली जाऊंगी।
दोस्तों, थाने में चुदाई करवाई में आगे क्या हुआ… वो मैं आपको अपनी कहानी के अगले भाग में बताऊँगी।
कहानी का अगला भाग:
चोरी के आरोप से बचने के के लिए पूरी रात थाने में चुदाई करवाई भाग-2
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