नमस्कार दोस्तो, मैं अंकित एक बार फिर से आपका अपनी सेक्सी साली की चुदाई की कहानी में स्वागत करता हूँ। साली ने पूरी की पत्नी की कमी! अब तक आपने पढ़ा था कि मैं और साली 69 में एक दूसरे का लंड और चूत चूसते हुए स्खलित हो गए थे।
इसके बाद अब सेक्सी साली की चुदाई की कहानी का मजा लें. मेरे कमरे में बेड के एक तरफ मेरी पत्नी आयुषी सो रही थी. उधर मैंने अपनी साली इशिका को लिटा दिया था. इशिका कहने लगी- अगर दीदी बीच में उठ गईं तो क्या होगा?
तो क्या होगा जीजाजी? मैंने कहा- तुम उसकी चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा. वो चुदवाने के लिए तैयार हो गयी. मैंने अपना साँप जैसा फ़ुफ़कारता हुआ लंड उनकी चूत पर रखा और साली की Pink Chut को रगड़ने लगा।
वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी. वो भी कहने लगी- आह जीजू, मुझे क्यों तड़पा रहे हो, अब जल्दी से अन्दर डाल दो। कमरे में अँधेरा था इसलिए मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ते हुए उसकी एक टांग ऊपर उठाई और लंड का सुपारा उसकी चूत की दरार में रखा और धक्का दे दिया.
लेकिन मेरा लंड अन्दर नहीं गया. फिर मैंने कहा- इशिका, अगर तुम्हें दर्द हो तो बताना, लेकिन चिल्लाना मत.. नहीं तो तुम्हारी बहन जाग जाएगी. उसने कहा, हां मैं चिल्लाना नहीं जानती हूं.
लेकिन अब देर क्यों कर रहे हो? तुम इसे जल्दी से फेंक दो! मैंने कहा- ठीक है, तुम अपने हाथ से लंड को अपनी बुर पर फिट करो. उसने अपने हाथ से लंड पकड़ कर अपनी चूत पर रखा और छूने लगी.
मैं जानता था कि लंड घुसेगा तो ये कुतिया जरूर चिल्लायेगी. मैंने उसका चेहरा अपनी तरफ किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख कर उसे चूमने लगा ताकि वो चिल्ला ना सके.
वो उत्तेजित हो गयी, तो मैंने एक जोर का झटका दे मारा. मेरा लंड सरसराता हुआ उसकी चूत में घुस गया. जैसे ही लंड अन्दर गया, उसने अपने होंठ हटा लिये और चिल्लाने लगी और रोने लगी. उनके आंसू बहने लगे.
रोने के कारण आयुषी भी जाग गई थी, लेकिन वह पूरा मामला समझ रही थी इसलिए वह नहीं उठी और सोने का नाटक करती रही। मैं अपना लंड डाल कर रुक गया. दो पल बाद मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा और फिर से लंड पेल दिया.
वह संघर्ष करने लगी. आयुषी ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे कुछ देर रुकने और आराम से आराम करने का इशारा किया। अब मैं धीरे-धीरे अपना लिंग अन्दर-बाहर करने लगा। कुछ देर तक दर्द सहने के बाद इशिका का दर्द कम हो गया.
अब वो मस्ती के मूड में अपनी गांड हिलाते हुए मेरा साथ देने लगी. उसका मजा देख कर मैंने उसे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया. फिर मैंने उसे बिस्तर के नीचे खींच लिया और बैठ गया. फिर मैंने अपनी साली इशिका को अपने ऊपर बैठा लिया.
वो मेरे लंड की सवारी करने की पोजीशन में आ गयी थी. मैंने फिर से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और गांड उठाते हुए उसकी चूत में लंड को धकेलने लगा. अब इशिका के मुँह से मजे से ‘आआह ऊऊह मम्मीईई… मैं मर गई मम्मीईई… आआह जीजू, मजा आ रहा है’ निकल गया। आह्ह.. चोदो… जीजाजी आआआह.
उसकी कामुक आवाजें मेरी उत्तेजना बढ़ा रही थीं. मैंने उससे कहा- डार्लिंग, धीरे बोलो, तुम्हारी बहन जाग सकती है, ज्यादा चिल्लाओ मत. वो बोली- जीजू, मैं कोशिश कर रही हूँ. लेकिन मैं चिल्ला रही हूं, मुझे मजा भी आ रहा है और दर्द भी हो रहा है.
मैंने उसे Land देना बंद कर दिया और उसके मम्मों को पकड़ लिया और उसकी चूत को चोदने की स्पीड अचानक तेज मेल की तरह बढ़ा दी. जोरदार चुदाई शुरू हो गई. छह-सात मिनट में ही वो झड़ने वाली थी.
जब वह अपनी चरम सीमा पर पहुंची तो अपनी गांड को और तेजी से उछालने लगी. उसकी मादक आवाजें आने लगीं, आह जीजू आआआ उईईईईई… और तेज़ पेलो आआ आ आ उईईईई और तेज़। मैं समझ गया कि उसकी चूत झड़ने वाली थी. मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी.
वो अचानक सुस्ताने लगी और मुझसे लिपट गयी. इशिका ने अपनी चूत का रस मेरे लंड पर छोड़ दिया था. मैं अभी भी गर्म थी. मेरा लंड अपनी रफ़्तार से उसकी चूत के अंदर चोदने में लगा हुआ था.
उसका वीर्य मेरे नितंबों पर बह चुका था, लेकिन मैं अब रुकने वाला नहीं था, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे बाल खींचने लगी। कुछ पल बाद इशिका ढीली पड़ गई थी.
मैंने सोचा कि अब रुक जाऊंगा. वह अभी इसका आनंद नहीं ले रहा होगा. बेचारी थक गयी है. मैंने अपना लिंग बाहर निकाला और उठ कर एक कपड़े से अपना लिंग साफ़ किया। उसने अपनी चूत भी साफ़ की.
कुछ देर रुकने के बाद मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया. उसने मेरे लिंग को अपने हाथों से सहला कर एकदम सख्त कर दिया. मैंने कहा- कुतिया, अभी तो तेरी असली चुदाई बाकी है, तैयार हो जा। वो कहने लगी- जीजा जी, अब रहने दो, आपने बहुत कर लिया.
मैंने कहा अरे कुतिया अभी तो मैंने तुझे ठीक से चोदा ही नहीं. अब मैं तुम्हें अच्छे से चोदूंगा, तभी मेरा लंड झड़ेगा. वह कुछ नहीं बोली. मैंने उसे फिर से बेड पर डॉगी स्टाइल में किया
मैं अपने लंड पर थोड़ा सा थूक लगा कर उसकी चूत में डालने लगा. कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा. उसने मुझे उकसाते हुए कहा- जीजा जी, अब आप मुझे जोर से चोदो.. जितनी ताकत हो, उतना चोदो।
अब मुझे दर्द नहीं है. मैंने कहा- कुतिया, सच बता, मैं तुझे अपने तरीके से चोदूंगा! वह कहने लगी- जीजाजी, जो करना है करो, मुझे भी मजा आ रहा है। मैंने कहा- सोच ले रानी, तेरी चूत फट जायेगी!
वो बोली- फट जाने दो, अगर चूत है तो कल सुबह भी ऐसा ही होगा. तुम बकवास करो, बातें मत बनाओ। मैं आयुषी को जगाने लगा तो इशिका बोली- नहीं, दीदी को मत बताना. मैंने कहा, चिंता मत करो, मैं यहाँ हूँ!
मैंने आयुषी को हिलाया और उठने का कहा। उसने मुझे और इशिका को नंगा देखा।इशिका कहने लगी, दीदी सॉरी, जीजू ने जबरदस्ती आपकी कसम दे कर ये सब किया है। तभी आयुषी ने कहा, कोई बात नहीं इशिका।
तेरे जीजू ही तो हैं। मैंने ही उनसे ये सब करने को कहा था। तुम मेरी कमी पूरी कर दो। कुछ दिनों की ही तो बात है। पहले तो इशिका शायद सोच रही थी कि उसे रोज रोज चुदना पड़ेगा … उसका क्या होगा। लेकिन जब दीदी ने कुछ नहीं कहा, तो उसकी हिम्मत बढ़ गई थी।
मैंने आयुषी से कहा कि जो मैंने सेक्स टाइम बढ़ाने की और लंड कड़क करने की दवाइयां उसको दी थीं, तुम वो लेकर आओ। तो आयुषी कहने लगी, वो सब रहने दो। इसके साथ वो सब नहीं करो। मैंने कहा, ले आओ यार।
फिर आयुषी ने उसने मुझे दवाई दे दी। मैंने एक टेबलेट खाई और एक पेनकिलर टेबलेट इशिका को खिला दी। मैंने आयुषी से कहा, अब तुम सो जाओ। आयुषी बोली, कुछ देर देख लेने दो, फिर सो जाऊंगी।
मैंने इशिका से कहा, साली जी, अब चुत फड़वाने के लिए तैयार हो जाओ। उसने कहा, जीजू, मैं तैयार ही हूँ। मैंने उसको डॉगी की तरह किया और पीछे से अपने लंड को उसकी चूत के मुँह पर रख दिया। गोली खा लेने से अब मेरा लंड कड़क हो गया था और थोड़ा फूल चुका था।
मैंने उसके मुँह पर हाथ रखते हुए उसको एक धक्का दिया। मेरा पूरा लंड अन्दर उसकी चुत की दीवारों को फाड़ते हुए उसकी बच्चेदानी तक पहुंच गया। उसके मुँह से चीख निकल गई ‘आह मर गई दीदी बचाओ मुझे …’
आयुषी ने मेरा हाथ पकड़ा तो मैंने आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद मेरी साली का दर्द कम हो गया और वो भी मजे लेकर चुदने लगी। मैंने अपनी स्पीड तेज करते हुए उसको चोदना शुरू कर दिया।
वो ‘बस अअअअ उईईई जीजू … ज्यादा तेज नहीं।। ओ मम्मीईई मैं मर जाऊंगी। आह दीदी अह रोको न।। ओईई आराम से करो जीजू।। अअअअ।’ की मस्त कामुक आवाजें निकाल रही थी।
मैं भी कहां रुकने वाला था। मैं अपने दोनों हाथों में उसके दूध पकड़े हुए भींच रहा था और अपने मोटे लंड को उसकी चूत में धकापेल अन्दर बाहर कर रहा था। पांच मिनट बाद मैंने इशिका को फिर से उसी पोजीशन में बने रहते हुए खड़ा किया और स्टेंडिंग डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया।
मैंने उसके हाथ पीछे करके पकड़ रखे थे और तेज तेज चोद रहा था। मेरी रफ्तार इतनी तेज थी कि उसके चूतड़ मेरी जांघों में टकरा कर पच पच कर रहे थे। इशिका , अअअह उईईई बस करो जीजू। वो यही सब आवाजें निकाले जा रही थी।
दवा के असर के कारण करीब एक घंटे तक चुदाई चलती रही। मैं मदहोशी में उसकी चुदाई करता रहा। वो तीन चार बार झड़ चुकी थी और एकदम से निढाल हो चुकी थी।मुझ पर दवा का इतना ज्यादा असर था
कि मैं झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था। मेरी ताकत अभी भी बनी हुई थी। फिर मैंने उसको सीधा लिटाया और उसकी टांगों को अपने कंधों पर रखकर उसे चोदना शुरू किया। इस वक्त मेरे होंठ उसके होंठों पर थे।
मेरे हाथ उसको मम्मों को मसल रहे थे। साथ ही मेरा मस्त लंड उसकी प्यारी सी चूत में लगातार आक्रमण किये जा रहा था। वो रोने लगी थी, अअअह ऊऊउ मम्मीईई रे … जीजू तुम तो हैवान हो गए हो अअअअ … दीदी कैसे सहती हैं।