कामुकता और हिंदी सेक्स कहानी की दुनिया में आपका स्वागत है। दोस्तों मैं दिल्ली से हूँ और मेरा नाम कृतिका हैं, दोस्तों यह कहानी काफी मजेदार है क्युकी इस सेक्सी स्टोरी में मैं आपको बताऊंगी कि कैसे मैंने अपनी सहेली को अपने पति से चुदवाया। आइये कहानी शुरू करते हैं।
मैं अपने पति धीरज के साथ बहुत खुश हूं। वह वास्तव में मेरी बहुत परवाह करता है। लेकिन कभी-कभी, उनका मन भटक जाता हैं और कुछ अलग करने के बारे में सोचने लगते है।मैं अपने पति को चौंकाना चाहती थी लेकिन समझ नहीं आता था कैसे। धीरज के काम पर जाने के बाद, मैं अपनी सहेली साक्षी से मिली, जो कि एकदम खुले विचारों की थी बिल्कुल मेरे जैसी। हमने सेक्स के बारे में बात की और मैंने उसे अपने अनुभव बताए।
मैंने देखा कि वह भी इस विषय में रुचि लेती दिख रही थी। और मुझे लगने लगा साक्षी मेरे काम आ सकती है मेरे पति को सरप्राइज देने में।
जब हमने सेक्स के बारे में बात की तो वह बहुत गर्म हो जाती और सिसकिया लेने लगती। एक दिन मैंने उससे पूछा कि वह सेक्स के मजे लेना चाहती है।
वो मुस्कुरा कर शर्मा गयी और बोली ऐसा मजा हो जिसमे सब कुछ भूल जाऊ।
फिर मैंने पूछा कि क्या मैं उसे कुछ सिखाऊं?
उसने इसे एक मुस्कान के साथ कहा अपनी हा भरी और इसे करने के लिए तैयार हो गई।
मैंने अपनी योजना का पहला भाग पूरा कर लिया है। हम यह तय करने के लिए योजना बनाने लगे कि हम कब मिलेंगे और हम क्या करेंगे।
आखिरकार, जिस दिन का हमें इंतजार था वह आ ही गया। धीरज काम पर जाने के लिए तैयार हो रहा था और वह रात में देर से आने वाले थे। तो, मैंने साक्षी से झूठ कहा कि मैं दो दिनों के लिए अकेले रहूंगी।
शाम को जब साक्षी घर आई तो मैंने उसे जोर से गले लगाया और उसके गालों पर एक किस किया। उसके गाल लाल हो गए, पर वह कुछ नहीं बोला क्योंकि उसे शर्म आ रही थी।
हम बिस्तर पर बैठे थे और बातचीत कर रहे थे। मैंने बात करते हुए उसका हाथ पकड़ रखा था। फिर, वह चुप हो गई और मेरी आँखों में देखने लगी। बिना रुके, मैंने धीरे से उसके होठों पर किस किया। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं और अपना मुँह थोड़ा सा खोल दिया।
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में घुसा दी और फिर उसे वापस खींच लिया। अब वह भी मेरा खूब साथ देने लगी। उसने मुझे गहराई से चूमा और सारा तरल अपने मुँह में ले लिया। हम एक साथ जोर से सांस ले रहे थे। मैंने उसे एक बड़ा सा किस दिया और फिर उसे बिस्तर पर लिटा दिया।
अब हम दोनों एकदम नंगे हो चुके थे और मेरे पूरे शरीर में एक अजीब सा गुदगुदी का अहसास हुआ। मैं उसके ऊपर चढ़ गयी और हमारे नग्न शरीर आपस में एक दूसरे को रगड़ा रहे थे। मुझे उसके होठों को चूमना बहुत अच्छा लग रहा था।
मैंने उसके स्तनों को बहुत जोर से दबाने लगी और फिर उसकी चूत को अपने हाथो से सहलाने लगी। हम दोनों की चूत रसों से एकदम गीली हो चुकी थी।
मैंने जल्दी से अपनी उंगली चूत में घुसाने लगी वो और मदहोश होने लगी। और उसकी चूत का रस मेरे हाथो में लग गया। मैंने तुरंत अपना गिला हाथ उसकी चूत से निकाल के उसके मुँह में डाल दिया और वो मजे से अपनी ही चूत का पानी मजे से चाटने लगी।
और एक बार फिर से उसकी चूत में अपनी ऊँगली डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगी उसे थोड़ा दर्द होता लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने दो उंगलिओ को उसकी चूत में घुसा दिया वो छटपटाने लगी।
उसने आँखें बंद कर ली और उसके होंठ खुले थे। मैं उसके होठो को जोर से चूमने लगी और थोड़ी देर बाद जब मेरी चूत गीली हो गयी तो मैंने अपनी चूत को उसके मुँह पे रख दिया और वो उसे मजे से चाटने लगी मुझे भी अब जोश आने लगा था तो मैं भी उसकी चूत में उंगलिया डाल के उसे चोद रही थी।
अब मैं भी सिसकिया लेने लगी और जब उसने मेरा शोर(सिसकिया) सुना तो वह और भी उत्तेजित हो गई और अपनी उंगली मेरी गांड में डालने लगी।
मुझे और मजा आने लगा और मैं अपने चरम तक पहुंचने वाली थी। जैसे ही मैं झड़ने वाली थी तो मैंने तुरंत अपनी चूत को उसके मुँह पे रख दिया और उसके मुँह पे ही मैंने अपना सारा पानी झाड़ दिया और उसने एक-एक बून्द को अपने मुँह में भर लिया।
अब वो सेक्स के बहुत नशे में थी और उसने अपना मुँह मेरे मुँह में लगा के मेरी चूत का पानी मेरे ही मुँह में डाल दिया और हम दोनों ने मेरी चूत के पानी का स्वाद लिया। लेकिन अब झड़ने की बारी उसकी थी।
मैंने उसे बिस्तर पर पलट दिया और उत्साहित और खुश महसूस करते हुए उसके गांड कि मालिश करने लगी।
उसने कहा- कृतिका, काश अभी हमारे साथ कोई लड़का होता। तो वो मेरी गांड मारता और मैं तुम्हारी तुम्हारी चूत को चाटती।
मैंने मन ही मन सोचा- मेरा प्लान कामयाब हो गया। और मैं काफी खुश हुई।
मैंने साक्षी की गांड को धीरे से अपनी जीभ से काचाटने लगी। उसकी गांड से अजीब तरह की महक आ रही थी जो मुझे और भी मदहोश कर रही थी।
मैं उसकी चूत में ऊँगली करते जा रही थी जिससे उसका पानी निकलने लगा और मेरी ऊँगली गीली हो चुकी थी।
जब हम सेक्स के मजे में खोये हुए थे, तब धीरज दरवाजे से अंदर आया तो हमें ध्यान नहीं आया। लेकिन तभी हमने देखा कि वह अपने लंड को अपनी पैंट से बाहर निकाल के मुठ मार रहा था।
मैं उसे देखकर हसने लगी और मेरी योजना काम कर गयी थी। साक्षी अब भी आंखें बंद किए लेटी थी।
मैंने अपने पति को पास आने का इशारा किया और धीरे से साक्षी की गांड को खोला और उन्हें इशारा करते हुए कहा घुसा दो अपना बदमाश लोडा साक्षी की गांड में।
मेरे पति समझ गए और धीरे से अपना गर्म लोडा उसकी गांड पर रख दिया। साक्षी एकदम चौंक गयी, जब तक वो कुछ समझ पाती सुधीर का आधा लंड उसकी गांड में चिकनाहट की वजह से घुस गया था।
वो अचानक पीछे देखकर हैरान थी। मैं अपनी हसी रोक नहीं पा रही थी, और साक्षी हैरानी से धीरज को देखे जा रहा थी।
मैं उसके बगल में लेट गयी और कहा कि देखो तुम्हारी इच्छा जल्दी पूरी हो गई। फिर मैं उसे चूमने लगी और उसके पूरे बदन को सहलाते रही।
कुछ देर सोचने के बाद उसे एहसास हुआ कि क्या हो रहा है और बोली- अगर पहले बोलती तो मैं धीरज के साथ और अच्छे से और मजे से सेक्स करवाती और चुदवाती।
मैंने कहा -हा तो अब पूरा कर ले अपने दिल की तमन्ना को पूरा और फड़वा ले अपनी गांड और चूत मेरे पति से।
धीरज पूरी तरह तैयार था और उसने जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए। उसने अपना सात इंच के मोटे लंड से साक्षी को चोदने के लिए तड़प रहा था।अब साक्षी खुद ही बेड पे लेट गयी और अपनी टंगे फैला कर बोली- लो सुधीर आज मेरी चूत की गर्मी को शांत करो और इसे इस तरह से चोदो की इसका सारा पानी निकल जाए।
सुधीर ने अपना लंड साक्षी की चूत में डालने लगा और साक्षी बोली कृतिका ऊपर आ कर अपनी चूत को मेरे मुँह में डालो ताकि तुम्हे भी मजा आए।
धीरज उसे जोर जोर से चोदने लगा और साक्षी मेरी गुलाबी चूत को मजे से चाटने लगी उसने अपनी उंगली मेरी गांड में डाली और उसे अंदर-बाहर करने लगी।
साक्षी अपने हाथों से अपनी बूब्स के निप्पल को सहला रही थी, और धीरज साक्षी को मजे से चोद रहे थे मैं धीरज को इस तरीके से चोदता हुआ कभी नहीं देखि थी। (धीरज की तरह अगर आपको भी सेक्स के मजे चाहिए तो Paharganj Escorts से सेक्सी कॉल गर्ल बुक करे)।
मनो जैसे कोई और ही साक्षी को चोद रहा है उन्हें बहुत मजा आ रहा था और मैं उनके लिए बहुत खुश हो रही थी, अब साक्षी झड़ने वाली थी और वो अपने हाथ पैर ऐंठ रही थी तभी धीरज ने अपने झटको को बहुत तेज कर दिया साक्षी जोर-जोर से चिल्लाने लगी मुझे छोड़ दो।
लेकिन धीरज तो अलग ही मूड में लग रहे थे वो उसे हिलने का भी मौका नहीं दे रहे थे और चोदे जा रहे थे, अब साक्षी झाड़ गयी थी और एकदम ढीली पड़ गयी।
लेकिन धीरज उसे चोदते रहे कभी घोड़ी बनाके तो कभी उसे अपने ऊपर उठा के। कुछ देर जब धीरज के लंड ने अपना पानी छोड़ दिया तो मैंने साक्षी से कहा- मजा आया मेरी जान की नहीं।
तो वो उठकर मेरे पास आ गयी और अपनी छूट को मेरे मुँह पे रख दिया और धीरज के लंड के पानी को मुझसे चटवाने लगी।
अब हम शांत हो चुके थे और एक दूसरे के ऊपर लेटे हुए थे और धीरज एक हाथ से मेरी चूत को सहलाते तो दूसरे हाथ से साक्षी कि छूट को सहलाते, हम तीनो को बहुत मजा आ रहा था।धीरज ने कुछ देर बाद कहा की आज रात फिर से वो हम दोनों को ऐसे ही चोदना चाहता है। हम मान गए और धीरज ने हमे उस रात 3-3 बार चोदा और हमारे चूत का पानी निकाल के हमारी चूत को शांत किया।
इस तरह हमने कई बार ऐसे ही एक साथ चुदाई की और कुछ दिन बाद साक्षी की शादी हो गयी लेकिन शादी के बाद भी वो जब भी मौका पाती धीरज और मेरे साथ चुदने के लिए आ जाती और हम खूब मस्ती करते।