November 30, 2024
रूममेट से करवाई चुदाई

हेलो दोस्तों, इस हिंदी गे सेक्स स्टोरी में पढ़िए कैसे हॉस्टल रूममेट से करवाई चुदाई भाग-1

हेलो दोस्तों, इस हिंदी गे सेक्स स्टोरी में पढ़िए कैसे हॉस्टल रूममेट से करवाई चुदाई भाग-1

मेरी गांड बुरी तरह मचल रही थी, खुजली हो रही थी, लंड के लिए तड़प रही थी, लंड से चुदाई कवने की तड़प हो रही थी। क्या करें, मौका ही ऐसा था। मेरा रूममेट, मेरा साथी, जो बहुत ही प्यारा लड़का था, मेरे बगल में लेटा हुआ था और अपने मेहमान से अपनी गांड मरवा रहा था। मैं सोने का बहाना करके सो रहा था।

दोस्त चिल्लाया – आआआआआ लग गई लग गई धीरे से ।।।

मेहमान उसके कान में धीरे में फुसफुसाया-अरे अभी डाला नहीं है; उसे तो सिर्फ छुआ है, अभी से हंगामा शुरू कर दिया है? तुम्हारा दोस्त उठ जायेगा, चुप रहो, अपने पैरों को थोड़ा फैलाओ, अपनी गांड को ढीला करो और इसे इतना टाइट मत करो!

और मेहमान ने जोर से धक्का दिया और गांड के अंदर लंड का टोपा घुस गया !

वो पीठ के बल लेटा हुआ था, उसने अपने हाथों के बल से अपना सिर और छाती ऊपर उठाने की कोशिश की, तो ऊपर लेटे हुए मर्द ने उसे फिर से लिटा दिया।

सिर पर हाथ फिराते हुए बोले- लेटे रहो, यार तुम नखरे बहुत करते हो!

और लड़के की कमर को हाथ से पकड़ लिया, जोर का धक्का दे दिया। अब आधा लंड गांड के अंदर घुस गया है। उसने एक तकिया लिया और उसे उसकी कमर के नीचे रख दिया, दूसरी हाथ उसके गले में लपेट दिया। फिर दो-तीन धक्के जोर से मारा।

अब गांड मरवाने वाला लड़का चुपचाप लेटा हुआ था। मेहमान लौंडेबाज ने अपना पूरा लंड गांड में धकेलना शुरू कर दिया ‘दे दनादन।। दे दनादन।। धच पच ढच पच।।।अंदर बाहर।।।अंदर बाहर!

वो धक्के पर जोर दे रहा था, उसकी सांस जोर-जोर से सुनाई दे रही थी ‘हूं हूं।।’ वो जबरदस्ती लगा हुआ था।

लड़के की पीठ बार-बार ऊपर नीचे हो रही थी। उसकी जाँघें उसके चूतड़ों से टकरा रही थीं, बार-बार ‘पच पच’ की आवाजें आ रही थीं

जो मेरे दिमाग खराब कर रही थीं। उस चुदाई को देखकर मेरी गांड मचल रही थी।

मेरा लंड खड़ा हो गया। मैं खुद उसे बेड पर रगड़ने रहा था। कभी हाथ से लंड को घुमा रहा था, बार बार गांड को सहला रहा था।

मैं उनके ठीक बगल में लेटा हुआ था, लेकिन क्योकि वो दोनों चुदाई में व्यस्त थे, इसलिए उन्होंने मेरी हरकतों पर ध्यान नहीं दिया।

ओह याद नहीं रहा!

मैं अपना परिचय आप को देता हूँ। तब मेरी उम्र 25 साल होगी, मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है। मेरा रंग सांवले रंग से थोड़ा हल्का है। मैं कसरत करता हूँ।।।

हल्की कसरत, सुबह की दौड़, कुछ योगा ! इसलिए मैं स्लिम बॉडी का हूं। पतली कमर, थोड़ी मांसल जांघें और हाथ पर, सपाट पेट!

इसके लिए बहुत मेहनत लगती है।

मैं नौकरी में हूं। नौकरी के बाद वो डिपार्टमेंटल ट्रेनिंग के लिए जबलपुर आ गया। यहां डिपार्टमेंटल ट्रेनिंग के हॅास्टल में रहे।

मैं थोड़ा लेट आया, तो आखिरी कमरा मिला, जिसमें सिर्फ एक बेड था।

मेरा साथी, जिसे हम सुनील कहते हैं, वो मेरे में भी बाद आया। इसलिए उसे मेरे ही कमरे में एडजस्ट होना पड़ा।

पहले तो उसने कहा- मैं नीचे सोऊंगा।

लेकिन मैंने कहा- मेरे साथ ही सो जाओ!

तो वो मान गया।

क्योकि वोा एक ही बेड था, हम दोनों अगल-बगल सोते थे।

मेरा रूम मेट यही 24 साल का होगा, मुझसे ज्यादा गोरा। वो मेरे जैसा ही स्मार्ट था।

एक दिन मैं और सुनील शाम को मूवी देखने गए। हम्हें लौटने में बहुत देर हो चुकी है। हम मेस में पहुँचे – कुछ मिलेगा?

मेस वाला शराब के नशे में था लेकिन उसकी लड़की बोली – दाल चावल मिल जाएगंगे !

हम लोग खाना खा रहे थे, तभी परोसते वक्त सुनील का हाथ लड़की के बूब्स को लग गया।

जब वो मुस्कुराई तो सुनील मुस्कुराया। खाना छोड़कर वो उस पर झपट पड़ा और उसे एक कोने में ले जाकर खड़े होकर उसकी चड्डी नीचे कर दी और पूरे लंड को धक्का दे दिया।

उसने मुझे इशारा किया और मैं बाहर देखता रहा। फिर रात के करीब ग्यारह बजे होंगे। सुनील अपना प्यासा लंड उसकी चूत में डाल कर धक्का दे रहा था।

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वो जल्दी में था, उसकी पीठ बुरी तरह झटके ले रही थी।

सुनील ने लड़की की चूत को मसला। लड़की मुश्किल से 19 की रही होगी लेकिन सेक्स में अनुभवी लग रही थी। लड़की आधी बंद आँखों से मस्ती में सिसक रही थी।

चुदाई के बाद टेबल के कपडे से लंड को पोंछा और बोला- तुम लोगे?

मैंने मना कर दिया।

वो बहुत शुक्रगुज़ार था – अरे यार, मज़ा आ गया! तुमने बहुत मदद की। तुम न होते तो मैं यह न कर पाता। चुदाई के समय भी मेरी गांड फट रही थी।

जब हम कमरे में लौटे तो हमने कपड़े उतारे, जब अंडरवियर बनियान में थे। तो मैंने देखा कि उसका अंडरवियर भी खराब होगया था, उसने उसे उतार कर धोया और सुखाने के लिए रख दिया।

वो तोलिया  लपेटे था।

हम लेटे तो उनका तौलिया भी खुल गया। वो मेरे साथ नंगा लेता था। उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने कहा- तुम्हारा लंड मस्त है।

वो मुस्कराया।

मैंने उनका लंड पकड़ा और कहा- वाह यार।।। ये तो लोहे की रॉड जैसा है। तुमने उसकी फाड़ कर रख दी होगी।

वो खुश हो गया, मुझसे और लिपट गया। अब उसका लंड मेरे पेट पर लग रहा था। मैं दिशा बदलना चाहता था, अपनी पीठ उसकी तरफ करदु और वो अपना शांत और मजेदार लंड मेरी गांड में डाल दे।

मैंने अंडरवियर पहना हुआ था, वो नंगा था।

उसने कहा- तुमने अपना तो दिखाया ही नहीं ?

मैंने कहा- रहने दो, फिर कभी!

उसने अपना हाथ बढ़ाया और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से सहलाया, फिर खड़ा हो गया।

मैंने करवट बदल दिया – नहीं रेहेनेदे!

अब मेरी पीठ उसकी तरफ थी, उसका खड़ा हुआ लंड ठीक मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे दोनों चूतड़ों के बीच रगड़ने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था; मैं चाहता था कि वो मेरा अंडरवियर उतारे और मेरी गांड में घुसेड़ दे।

लेकिन वो हाथ बढ़ाकर मेरा लंड पकड़ने की कोशिश कर रहा था। बुरी तरह मेरे ऊपर चढ़ गया, बोला-दिखाना ही पड़ेगा!
इस चपेट में उसके लंड के धक्के मेरी गांड पर लग रहे थे, मुझे मज़ा दे रहे थे।

वो बुरी तरह मेरे पीछे से लिपटा हुआ था, उसने अपना हाथ मेरे अंडरवियर में डाल दिया। मैं जानबूझकर उल्टा हो गया। फिर उसने मेरे अंडरवियर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे नीचे कर लिया।

मेरे चूतड़ देखकर वो खुश हो गया- यार, तुम्हारे चूतड़ क्या हैं।।। लड़कियों को मत देते है। वो मुझसे काफी बड़े और मस्त है।
वो मेरे दोनों चूतड़ को अपने हाथों से रगड़ने लगा, बोला- ये बहुत टाइट हैं।

मैंने कहा- डालेगा? ढीली करूं?

लेकिन वो फिर से मेरी पीठ से चिपक गया। मैं उल्टा था, वो मेरे लंड को थामने की जिद पर अड़ा हुआ था, मुझे मजा आ रहा था।
खैर, उसने हाथ डालकर मेरा लंड पकड़ लिया, बोला- बहुत मोटा है, दिखा तो दो!

मैं पीठ के बल लेटा था, वो भी मुझसे चिपका हुआ था। अब उसका खड़ा मस्त लंड मेरी खुली गांड पर लग रहा था और मुझे घुमाने की कोशिश में उसके लंड का टोपा बार-बार मेरी गांड के छेद से टकरा रहा था।

एक बार टोपा मेरी गांड में भी घुस गया। मैंने भी अपनी गांड ढीली की और अपने चूतड़ों के ज़ोरदार धक्के दिये। लेकिन लंड पर कोई चिकनाई नहीं थी और न ही वो ठीक से कोशिश कर रहा था।

तो वो टोपा से ज्यादा अंदर नहीं घुसा, जल्द ही गांड में डाला हुआ लंड भी बाहर आ गया क्योंकि वो बिना आगे-पीछे धकेले एक तरफ से दूसरी तरफ जा रहा था और वो मुझे गुदगुदाने की बहुत कोशिश कर रहा था।

एक बार जब वो धक्का दे रहा था तो उसका हथियार जो तना था, मेरी गांड के छेद पर अटक गया, एक-दो बार उसके जोर से पूरा सुपारा मेरी गांड में घुस गया। मैं पूरी ताकत से करवट लेकर लेटा हुआ था, हिल नहीं पा रहा था।

मैंने अपने पैर फैला दिए और वो मुझे खुश करने की पूरी कोशिश कर रहा था। मैं उससे ज्यादा ताकतवर था और उसके लंड का सुपारा खुशी देते हुए मेरी गांड में घुस गया।

लेकिन यह ख़ुशी ज्यादा देर तक नहीं रही। लेकिन इस चक्कर में उसकी जबरदस्ती से उसका खड़ा हुआ लंड मेरी गांड के छेद पर बार-बार हल्का रगड़ जाता था तो मुझे मजा आता था।

अंत में वो मुझे शांत करने में सफल रहे। मैं भी उसे नाराज नहीं करना चाहता था, इसलिए मैंने हामी भर दी।
उसने मेरे लंड को देखा और कहा- क्या मस्त हथियार है। कितना मोटा!

उसने फिर हाथ में ले लिया-नौ इंच का होगा!
वो मुझसे लिपटा हुआ था, बोला- मैं तुम्हें चूत दिलवा दूंगा। क्या तुम चोदोगे? तुमने कभी चुदाई किया हे?

वो बहुत प्रभावित हुआ, बार-बार मेरे लंड को हाथ में लेकर कहता- यह इतना बड़ा है कि बहुत कम लोगों के पास होता है।
मेरे लंड को देख वो अपने ही लंड को देख रहा था, कंपेयर कर रहा था।

मैंने उसका मन बहलाया, मैंने कहा- यार तेरा भी मस्त है।

मैंने उसके लंड मरोड़ते हुए कहा- अभी ये लड़की चोद कर खुश है। क्या चुदाई है।।। वो अभी अपनी चूत को सहला रही होंगी।
वो मुस्कराया।

मैं लेटा हुआ था। वो अपनी तरफ घुमाते हुए मुझसे लिपट गया, उसकी जांघें मेरी जांघों के ऊपर आ गईं। उसका लंड मेरे लंड को मार रहा था। उसने मेरा लंड पकड़ लिया और उसे आगे पीछे करने लगा।

मैंने अपना एक हाथ उसकी गर्दन में रखा और चिपका दिया। पीठ पर हाथ फेरते हुए मैं उसकी गांड को सहलाने लगा। फिर मैंने अपनी उँगली उसकी गांड पर फिरानी शुरू कर दी।

उसने फिर कहा- लौंडिया को चोदोगे?
मैंने उसके चेहरे को चूमा – नहीं, रहने दो यार! मैं एक लौंडेबाज हूँ।

वो दिन भर क्लास की बैचमेट लड़कियों के साथ फ्लर्ट करता, उनके आगे-पीछे घूमता। कुछ क्लास के और लौंडियाबाज दोस्तों से मिल कर लौंडियां लगाई। वो थोड़ा डरपोक और शर्मीला भी था।

कहानी का अगला भाग: हॉस्टल रूममेट से करवाई चुदाई भाग-2

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