कामुकता और हिंदी सेक्स कहानी की दुनिया में आपका स्वागत है। इस सेक्सी स्टोरी एक ऐसी लड़की की है जिसके सपने बहुत थे और जिसकी चाह में वो एक रंडी बन गयी। इस कहानी का शीर्षक नेता बनने कि चाह में रंडी बनने का सफर है।
नमस्ते! मेरा नाम दीपा है और मैं दिल्ली के शहर महिपालपुर से आती हूँ। जब हम छोटे थे तो बहुत गरीब हुआ करते थे, इसलिए मैं अपने परिवार की मदद करने की सोची।
मैंने सोचा कि नेता बहुत पैसा कमाते हैं, इसलिए मैंने फैसला किया कि बड़ी होकर मैं एक नेता बनूँगी। जब मैंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली तो मैं नेता बनाने का काम करने लगी।
ये तब हुआ जब मैं 21 साल की थी और अपने मैं अपने क्षेत्र में होने वाले चुनाव में भाग लेने के लिए मेहनत करने लगी। मैंने कई महत्वपूर्ण लोगों से उनका समर्थन पाने और उनकी राजनीतिक पार्टी में शामिल होने के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार थी।
मैंने उनसे मुझे चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए कहा लेकिन उसके लिए मुझे पता नहीं कितने नेताओ का लंड अपनी चूत में लेना पड़ा। आइये इसको विस्तार से जानते है की क्या हुआ था।
मैंने 4 महीने पहले कॉलेज ख़त्म कर लिया था, लेकिन मुझे नहीं पता था कि आगे क्या करना है। मेरे पिता मेरी शादी के लिए लड़का तलाश रहे थे, लेकिन मैं कुछ बड़ा करने की कोशिश कर रही थी। कुछ समय बाद ही हमारे क्षेत्र में निर्वाचित चुनाव होने वाले थे, तभी मैंने सोचा यही समय मेरा कुछ करने का और अपनी जवानी का फायदा उठाने का। मैं सभी पार्टिओ के अधिकारिओ के पास जा के मिलने लगी और मुझे एक बड़ी राजनीतिक पार्टी में एक बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति मिला। मैंने उनसे मुझे अपनी पार्टी में शामिल होने देने के लिए कहा, मैं बहुत मेहनत हूं और अपने क्षेत्र को बेहतर बनाना चाहती हूं। उस आदमी ने मुझे और मेरे कपड़ों को देखा और मुझसे पूछा कि मैं एक पार्टी के लिए क्या कर सकती हूँ। मैंने कहा कि मैं कुछ भी कर सकती हूँ। फिर, वह आदमी मेरे करीब आया, मुझे दो बार चूमा और मुझे एक मेज झुका दिया। उसके साथी बाहर से देख रहे थे और उस आदमी ने कुछ इशारा किया और वो लोग वह से चले गए। फिर उसने मेरी पैंट नीचे खींची और मेरा अंडरवियर उतारने की कोशिश की, लेकिन मैंने उसे रोक दिया और कहा, “क्या मैं भी पार्टी में शामिल हो सकती हूं?” उसने मुझे आश्वस्त करते हुए कहा, “चिंता मत करो, तुम पहले से ही पार्टी का हिस्सा हो।” मुझे ख़ुशी महसूस हुई क्योंकि मुझे लगा कि मैं अपने लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए एक कदम आगे बढ़ा लिया है। उसने अपना अंडरवियर उतारकर अपने लंड पर थूक लगा दिया. और 10-15 झटके मारने लगा। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पे रखा दिया और जोर का धक्का देने लगा।मेरी चूत पहले ही मेरे बॉयफ्रेंड ने फाड़ दी थी तो उसका लंड घुसने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई, और वैसे भी उसका लंड मेरे बॉयफ्रेंड के लंड से काफी छोटा था। अब वो धीरे-धीरे मुझे चोदने लगा और मेरे बूब्स को सहलाने लगा।
5 मिनट के अंदर ही उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत के उपर छोड़ दिया और थोड़ी देर मेरे उपर लेता रहा। उसके बाद मैंने कपड़े पहने और लेटर लेकर घर आ गयी।
उस दिन से मैंने पार्टी कार्यालय जाना शुरू कर दिया, जहां मुझे एक महत्वपूर्ण पद संभालने को दिया। अब वो हर सुबह आता और मुझे चोदता लेकिन उसके साथ चुदाई करवाने का मुझे कोई गम नहीं था।
लेकिन उसके चमचे भी मुझे बुरी नजर से देखने लगे और मुझे चोदने की फ़िराक में लगे रहते थे, और कभी भी रात विरात मौका देख के मुझे चोद देते थे लेकिन मुझे ज्यादा बुरा नहीं लगता था क्योकि मुझे तो अपना काम निकलवाना था उन लोगो से।
ये सब चलता रहा मुझे घर की देखभाल के लिए पर्याप्त पैसे मिलते रहे, लेकिन फिर मैं और अधिक चाहत रखित थी। मैं पार्टी में और ऊँचे पोस्ट पे जाने का सोच रही थी और अपनी पकड़ को और भी मजबूत बनाने में लगी रही।
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अब मैं सबका ध्यान देने लगी किसी को कोई भी काम होता तो मना नहीं करती चाहे ऑफिस से बाहर का हो या फिर ऑफिस के अंदर का। चाहे अपनी चूत ही क्यों न दान करनी पड़े।
अब मैं सारे काम करने लगी चाहे किसी का लंड चूसना, या अपने बूब्स को दबवाना, या फिर किसी को मेरी चूत मारनी हो मैं अब किसी को भी मना नहीं करती थी। और इस तरह मैं सबकी पसंदीदा बन गयी थी।
कुछ तोसाले इतने हरामी थे की मेरी गांड को ही चोदना चाहते थे मेरे बार-बार मना करने के बाद भी जबरदस्ती मेरी गांड की चुदाई कर देते।
मतदान का समय जल्द ही आ रहा था, और मैं अपना नामांकन करवाना चाहती थी। मेरे राजनीतिक दल के महत्वपूर्ण लोग दौरा कर रहे थे और सुनिश्चित कर रहे थे कि हम मतदान के लिए तैयार हैं। हमारी पार्टी का नेता अशोक एक युवक था, जो हमारी पार्टी के लिए टिकट देने का प्रभारी था। अब मुझे अशोक पटाना था, जब अशोक मेरे क्षेत्र में आए, तो मैं भी यह देखने के लिए उनके साथ वहां था कि चुनाव के लिए चीजें कैसी हो रही हैं।
उसका ध्यान आकर्षित करने के लिए, मैंने खुद को मेकअप से सुंदर दिखाया और ऐसे कपड़े पहने जो अलग दिखें। मैं अलग-अलग कारणों से बार-बार उनके सामने जाने लगी ।
ऑफिस में सभी लोगो ने मेरी गांड मार-मार के मोटी कर दिए और मेरे बूब्स को भी काफी बड़े कर दिय थे। जिससे वो काफी आकर्षक दिख रहे थे और इससे राहुल मुझ पर ध्यान दे रहा था. लेकिन, हमने दो दिनों तक ज्यादा बात नहीं की। आज उसका आखिरी दिन था इसलिए मुझे नहीं पता था कि क्या करूं। रात में वो आदमी 5* होटल में था और मैं भी उससे मिलने चली गयी और बोलने लगी के मुझे पार्टी का चुनाव लड़ना है, जिसके लिए मैं कुछ भी कर सकती हूँ तभी उसने मुझे अपनी और खींच लिया और अपनी बहो में भर लिया और बोला कुछ भी कर सकती हो….. मैंने हा कहा।तो उसने बोला अपने कपडे निकालो एक डैम नंगी हो जाओ और मेरे लंड को अच्छे से चुसो, उसके बाद बात करते है, मुझे किसी तरह की शर्म नहीं आ रही थी क्योकि मुझे पता था ये साला ऐसा ही कुछ करने वाला है और वैसे भी इतने लंड ले चुकी हूँ तो इसका लेने में क्या जा रहा है।
वो सोफे पे बैठ गया और मैं फर्स पे बैठी थी और मैंने उसके लंड को बाहर निकाला और उसको मजे से चूसने लगी। उसके लंड को मैंने ऐसे चाटा की वो मजे से सिसकिया लेने लगा और मेरा सर पकड़ के मेरे मुँह को चोदने लगा।
अब वो काफी खुश था और बोला तुम बहुत अच्छी कार्यकर्ता हो पार्टी की तुम्हारी जरूरत है, इसके बाद वो बीएड पे लेट गया और कहने लगा अगर तुमने मेरे लंड की प्यास बुझा दी तो टिकट तुम्हारा।
मैंने झट से उसका लंड लपक लिया और उसके लंड को अपनी चूत में घुसाने लगी, जिसे ही उसका लंड मेरी चूत में घुसा मैं खुद ही उपर निचे करके चुदने लगी उसे बहुत मजा आ रहा था।
मैं उसके उपर जोर-जोर से उछल रही थी और उसकी आवाज निकलने लगी। मेरी चूत थोड़ी सी गीली हो चुकी थी और धक्को से फच फच की आवाज आ रही थी और उसका जोश और ज्यादा बढ़ने लगा और उसने मुझे निचे लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़कर मुझे चोदने लगा।
अशोक काफी देर तक मेरी चूत को चोदता रहा उसका झाड़ भी नहीं रहा था उसने मुझे बहुत चोदा और मेरी चूत को लाल कर दिया ये पहली बार था जब किसी ने मेरी चूत को इतना चोदा और उसे लाल किया।
अब वो झाड़ गया था और मेरे उपर ही लेटा रहा थोड़ी देर तक और थोड़ी ही देर बाद उसने एक बार फिर से मेरी जमकर चुदाई करी और मुझे भरोसा दिया की पार्टी का टिकट मुझे ही मिलेगा।
उसके बाद मैं वहा से अपने घर आ गयी। अगले चुनाव की लिस्ट जारी हुई और टिकट मुझे मिल गया था और मैं चुनाव लड़ी लेकिन चुनाव जीत न सकी और फिर से उसी ऑफिस में काम करने लगी और अपनी चूत को सबके हवाले कर दिया।
जिससे मुझे थोड़े और पैसे मिल जाते और मेरा काम भी निकल जाता अब मैं एक रंडी बनकर रह गयी थी कोई भी पार्टी का नया नेता आता तो मेरी चूत जरूर मरता।