हेलो दोस्तों मैं आपको आज जो गे चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूं, ये मेरी और मेरे एक दोस्त की है जिस पर मेरा क्रश नहीं था, पर फिर भी मुझे वो पसंद था क्योंकि वो बहुत हैंडसम था। इस कहानी में मैं पैंट सिलने के चक्कर में गांड चुदवा ली।
मसला ये था कि वो स्ट्रैट था और मैंने भी उसको कभी नहीं बताया था कि मैं गे हूं और मुझे उसके साथ गांड की चुदाई करने का बहुत दिल करता है।
वो कभी बैगर कमीज के होता है और उसकी ढीली पैंट पहनती होती है जिसमें से उसके जिस्म के बाल दिख रहे होते हैं, तो मेरे दिल की धड़कने तेज हो जाती थी।
मैं अपने दोस्त के घर के साथ रहता था, एक दिन बेल बजाई, मैंने देखा था बाहर वो खड़ा था डरा हुआ घबराया हुआ। मैं समय हिंदी गे सेक्स कहानिया (Hindi Gay Sex Stories) पढ़ रहा था, बेल की आवाज सुनकर मैंने दरवाजा खोला।
वो आ कर मेरे सोफे पर बैठ गया और जब मैंने उससे परेशानी का पूछा तो रुकते-रुकते बताने लगा के उसकी पैंट नीचे से फट गई है खेलते हुए और उसको इस हालत में घर जाने में बहुत बुरा लग रहा है।
उसने कहा कि अगर मैं उसकी पैंट सील दूं तो वो मेरा बहुत आभारी होगा। मैंने भी सोचा यही मोका है इसके करीब होने का। मैंने भी उसको पूछा के यार तुम पैंट उतार के दे रहे हो या पहनने-पहने ही सील दूं?
तो उसने कहा के अगर पहने ही हो जाए तो इससे बेहतर क्या हो सकता है। मैं भी सुई धागा ले आया और उसको सोफा पर बिठाया और उसकी दोनों टांगें सामने पड़ी टेबल पर रखवा दी और बीच में जमीन पर बैठ गया और कहा अच्छा हाथ हटाओ और दिखाओ कितनी फटी हुई है पैंट?
उसने हाथ हटाये तो मेरे तो जैसे लफ़्ज़ भी मेरे मुँह में ही रुक गये हो, याक़ीन ही नहीं हुआ अपनी आँखों पर उसकी पैंट बीच से तकरीबन 7 से 8 इंच तक फटी हुई थी और उसने नीचे अंडरवियर भी नहीं पहनना हुआ था।
आज मैंने उसका लंड पहली बार देखा था। हल्की-हल्की शेव और भरे हुए, मैं तो जैसा कंट्रोल लूज़ कर रहा हूं।
पर मैंने सिलाई लगना शुरू की और हर बार मेरी एक ही कोशिश होती के उसके लंड को हाथ लगा के ही आगे बढू। वो चुप चाप बैठा था क्योंकि उसको लग रहा था के मेरा हाथ लगना जान बूझ कर नहीं था।
बस अभी 2-4 सिलाई ही लगी थी के उसका लंड खड़ा होने लगा और टाइट होते उसकी पैंट के सुरख से बाहर निकल आया, मैंने उसका लंड पकड़ लिया और हंस के पैंट के अंदर करते हुए कहा इसको अंदर करो ये बीच में आ रहा है।
वो शर्मिंदा हो गया और कहा सॉरी मुझे पता नहीं चला। फिर मैंने उसको कहा तुम ऐसा करो ये पैंट उतार कर मुझे दो मैं तसली से इसको सील देता हूं तब तक तुम रिलैक्स हो जाओ।
पहले तो वो हिचकिचाया, पर फिर वो खड़ा हुआ वो अपनी पैंट का बटन खोल कर पैंट गिरा दी। अब उसका 7 इंच का लंड मेरी आँखों के सामने था और मेरा मुँह सूख रहा था उसको चुसने के लिए।
उसने अपने लंड को अपनी कमीज़ से ढका और मुझे अपनी पैंट थमा दी। मैं उसके सामने बैठ कर पैंट सिलने लगा पर मेरी नजरें अभी भी उसके लंड पर ही टिकी हुई थी के वो बैठ कर उसे सुलाने की कोशिश कर रहा था।
मैं बोला अरे खड़ा हो ही गया है तो क्या सुला रहे हो, इसको दबा कर कुछ नहीं होता अब तो मैंने देख ही लिया है।
रिलैक्स हो जाओ और सुकून से बैठो, वैसे भी तुम्हारा लंड बहुत कमाल है इसलिए शर्माने की ज़रूरत नहीं।
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उसने मेरी तरफ इत्मीनान से देखा और टाँगे खोल के अपने लंड को देखने लगा और बोला आपको पसंद आया मेरा लंड?
मैंने कहा कि किसे नहीं आएगा इतना लम्बा मोटा और गरम लंड।
वो बोला हां मैं कब से देख रहा था कि आपकी नजरें मेरे लंड पर ही हैं।
मैंने कहा हां हमेशा से ही सपना था तुम्हारा लंड देखने का कि कैसा होगा, क्योंकि बाकी जिस्म तो तुम्हारा बहुत हैंडसम है और खूबसूरत है।
वो बोला तो यार आप पहले बताते हैं कि पहले ही आपको दिखा देता हूं कर, क्योंकि मैं तो समझता था कि आप सीधे हो तो आपकी दिलचस्पी नहीं होगी मेरे लंड में। मैंने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है।
ये कह कर मैं अपने सोफ़े से उठा और उसके नज़दीक जा के बैठ गया। वो आहिस्ता आहिस्ता मेरी टांग पर हाथ फेरने लगा।
मैंने उसकी तरफ देखा तो वो हल्का सा मुस्कुराया और मुझे किस करने आगे बढ़ा और मैंने भी मोके का पूरा फायदा उठाया और उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया।
वो मेरे होंठ ऐसे चूसने लगा जैसा मुझे काट खायेगा। उसने मेरी कमर में हाथ डाला और मुझे खींच कर अपनी टांगों पर बिठा लिया।
अब वो मेरा मुंह पकड़ कर कभी मेरे निचले हिस्से को चुमता है तो मेरी जुबान को चुमना शुरू कर देता है।
मैं तो जैसे अपने होशो हवस में ही नहीं था अब। वो मेरी टी-शर्ट में पीछे से हाथ घुसाए मेरी कमर के कर्व्स को महसूस कर रहा था।
अब मुझे पूरी गर्मी चढ़ गई थी, मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपनी गांड आगे पीछे करनी शुरू कर दी, वो भी समझ गया के अब मेरी गांड को लंड की भूख है।
उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मुझे किस करते हुए उठाया और लेजा कर अंदर बिस्तर पर फेंक दिया और मेरे जिस्म को चाटने लगा।
कभी वो मेरी गर्दन को छूता तो कभी मेरे निपल्स को चूसता, मेरे निपल्स भी टाइट होते थे और वो उनको थूक लगा कर हल्का हल्का मसल रहा था।
फिर वो सीधा खड़ा हो गया और अपनी कमीज उतारने लगा। एक एक कार के कमीज के बटन खुल रहे थे और लंड नीचे झटके लगा रहा था जोश से। वो अपनी कमीज़ उतार कर मेरी पैंट को उतारने लगा।
पहले उसने मेरी पैंट का बटन खोला, फिर ज़िप और एक झटके में मुझे नंगा कर दिया। अब उसने मुझे बिस्तार पर घोड़ा बनाया और मेरी नरम नरम गांड पर ज़ोर ज़ोर से थप्पड़ मारने लगा।
मेरी गांड लाल हो गई थी उसकी मार खाने से पर आग थी के और बढ़ गई थी।
फिर उसने मेरी थोड़ी सी टांगें खोली और गांड को छूने लगा और आहिस्ता आहिस्ता मेरी मोटी गांड के सुराख़ तक आ गया।
जब उसने पहला चुंबन किया मेरी गांड के सुरख पर तो इतना मजा आया के मुझे होश ही ना रहा और मेरा सर झुक गया और टांगें जरा और खुल गई।
उसने मेरी गांड को मज़बूती से पकड़ा और बीच से चाटने लगा। मैं आह आह कर रहा था और वो चैट चला जा रहा था।
कुछ देर चाटने के बाद उसने मेरी गांड में अपनी उंगली दी और धीरे से घुमा कर बाहर निकला, फिर दूसरी बार उसने दो उंगली डाली और आहिस्ता आहिस्ता अंदर बाहर करने लगा उनको।
मैं तो मदहोश हुआ जा रहा था पर फिर मेरी चुप टूटी और मैं बोला यार उंगली निकालो और मेरी गांड में अपना लंड डालो जिसका मैंने इतना इंतज़ार किया है।
ये सुन कर तो जैसे उसमें और जोश भर गया हो, वो उठा और मेरी गांड पर थूक लगा अपने हाथ के अंगूठों से मसला और फिर अपने लंड को मेरे सुरख पर रख कर एक दो बार घीसा और फिर अंदर करने लगा।
उसका आधा लंड तो जैसे तैसे कर के मैंने अंदर समा लिया पर बाकी का सोच के मेरी जान निकली जाने लगी, क्योंकि इतना लंबा लंड मैंने पहले कभी नहीं लिया था।
मुझे डर था के ये मेरी गांड फाड़ देगा पूरी तरह से, उसने मेरा हिचकिचाना महसूस कर लिया और मेरी छती को पकड़ लिया और निपल्स को दबाने लगा।
अब आहिस्ता आहिस्ता वो अपना लंड अंदर बाहर कर रही थी और मैं तो जैसे हमें वक्त जन्नत में था, कुछ नहीं पा रहा था, बस उसका लंड था और मैं।
यू ही अराम अराम से मुझे चोदने के बाद जब उसे लगने लगा के अब मेरी गांड उसके लंड की आदी हो गई है।
तो उसने मुझे मज़बूती से पकड़ा और एक ज़ोर का झटका लगाया अपने लंड से और अपना पूरा लंड मेरी गांड में दे दिया।
मैं चिल्लाया आअहह आअहह आअह बस करो और नहीं, पर वो था के अब रुकने को तैयार ही नहीं था। उसने मुझे मज़बूती से पकड़ा और लगतार मुझे चोदता गया।
पहले पहले तो दर्द हुआ पर फिर मजा आने लगा, फिर मैंने भी अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया। अब मैं पूरी तरह से उसके काबू में था और वो मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से चोद रहा था।
जब के मैं आअहह आअह्ह्ह्ह करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा था, बीच बीच में वो गांड पर थप्पड़ भी लगाता।
यू ही मुझे 10 मिनट चोदने के बाद उसका पानी मेरी गांड में ही निकल गया, और वो आहिस्ता आहिस्ता अपना लंड बाहर निकलने लगा। मुझे भी अब जैसे सुकून का सांस आया हो।
मैं उल्टा ही बिस्तर पर गिर गया और फिर उसकी नजर मेरी भीगी हुई गांड पर पड़ी, उसने टिशू पेपर निकाला और आराम आराम से मेरी गांड को साफ करने लगा और साथ साथ प्यार प्यार से किस करने लगा।
हमें हर किस से ऐसा लग रहा था जैसे मुझे कोई दर्द ही महसूस नहीं हो रहा हो। हम फिर कुछ घंटे के लिए नंगे ही एक दूसरे के ऊपर सोए रहे।
उठने के बाद मैंने उसकी पैंट की सिलाई कर उसको पहनाई और फिर वो कपड़े पहन कर चला गया।
दोस्तों आपको मेरी गे सेक्स स्टोरी कैसी लगी पढ़ के? आप मुझे कमेंट करके बता सकते हो।