October 12, 2024
पहली चुदाई की कहानी

कामुकता और हिंदी सेक्स कहानी की दुनिया में आपका स्वागत है। दोस्तों मैं दिल्ली से हूँ और मेरा नाम कृतिका हैं, मैं आज आपको अपनी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रही हूँ। दोस्तों यह कहानी काफी मजेदार है क्युकी इस सेक्सी स्टोरी में जब मेरी चुदाई हो रही थी तो मेरे चचेरे भाई ने देख लिया और मुझे चुदाई का मजा दिया। आइये कहानी शुरू करते हैं।

मैं एक लड़के को पसंद करती थी जिसका नाम राहुल था और वह मेरे भाई का मित्र था जिस वजह से वो मेरे घर आता जाता रहता था और मेरी भी उसके साथ बात-चित होती रहती थी। मैं उसे बहुत पसंद करती थी। और धीरे धीरे वो भी मुझे चाहने लगा था।

हम दोनों फ़ोन पे बाते करने लगे और पता नहीं कब हम प्यार भरी बाते करने लगे। राहुल हमारे घर अक्सर आता जाता था। एक साल हो गया और हम दोस्ती और प्यार के बीच के अंतर को जान चुके थे और हम दोनों एक दूसरे के बारे में ख्यालो में सोचने लगे थे।

अब हम फ़ोन पे किस करने लगे और राहुल सच में किस करने की जिद करने लगता, और मैं उसे हमेशा मना कर देती। एक दिन वो मुझे पढ़ाने के लिए मेरे घर आया और मौका देख के मुझसे किस मांगने लगा।

मम्मी टीवी देखने में व्यस्त थी तो उसने मौका देखकर मुझे जोर से पकड़ कर किस कर दिया और मैं उसे रोक न सकी। उस रात मैं बेचैनी से राहुल के फोन का इंतजार कर रही थी, और लगभग 10:30 बजे उसका फ़ोन आया। मैं खुश हो गयी।

उसने पूछा: क्या तुमने किस के मजे लिए?

तो मैंने उसे अपने दिल का सारा हाल बता दिया।

उसने उस दिन मेरे साथ फोन पर सेक्स भरी बहुत बाते की। मेरी हालत खराब होती जा रही थी मन कर रहा था राहुल तुरंत मेरे पास आ जाय और जो बाते वो फ़ोन में कर रहा है मेरे साथ करने लगे और मुझे उसका अनुभव दे। अब में राहुल के साथ सेक्स करने के लिए तैयार थी बस मोके का इंतजार था और अपने कंप्यूटर में ब्लू-फिल्मे देख कर काम चला लेती।

और जब भी वो मेरे घर आता हम एक दूसरे को खूब किस करते और और मेरे बूब्स को मजे से सहलाता। मैं मन ही मन में राहुल से चुदवा चुकी थी, और उसके लंड का स्वाद ले चुकी थी। इस बीच, मेरे पिता का तबादला कहीं और हो गया, मेरी पढाई ख़राब न हो इसलिए मैं और मेरी माँ दिल्ली ही रुक गए।

एक दिन हमारा AC ख़राब हो गया और उसे ठीक करने के लिए मेरा चचेरे भाई आया हुआ था। वह भी नौजवान था और 24-25 साल का होगा, उसका नाम मुकेश था और वो मुझे हवस की निगाहो से देख रहा रहा, और मेरे चुचो पे अपनी नजरे जमा रखा था, मैंने उसे ठंडा पिलाया और बाटे की, वो AC ठीक करके चला गया।

फिर हमें एक दिन मौका मिल ही गया, मेरी माँ पार्टी में जा रही थी। जब मेरी माँ चली गईं तो मुकेश भैया भी बाहर खड़े थे। क्योकि मेरी माँ ने उसे मेरा ख्याल रखने के लिए कह कर जाने लगी।

माँ के निकलते ही मैंने राहुल को फोन किया तो राहुल मिलने की जिद करने लगा और मिलना चाहता था। कुछ देर बाद जब माँ चली गयी तो मैंने राहुल को फोन किया और घर बुलाया। मैं बहुत खुश हो रही थी कि जो मैं सपनो में राहुल के साथ करती थी आज उसे सच में करने का मौका मिलेगा।

इसी बीच राहुल आ गया। मैंने उसे घर में बुला के जल्दी से दरवाज़ा बंद कर दिया। उस समय मैंने आसमानी रंग की स्कर्ट और सफेद टोप पहन रखी थी। राहुल ने बिना किसी देरी के मुझे गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया।

राहुल ने बिना देरी के मेरे कपडे उतार दिए और मैंने उसके, अब हम दोनों एकदम नंगे थे। उसने देखा की मेरे बूब्स मेरी उम्र से ज्यादा बड़े हैं, और वो मेरे बूब्स को सहलाने लगा और जोर जोर से किस करने लगा।

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैं काफी गर्म हो चुकी थी, मैंने तुरंत उसका लंड अपने हाथ से सहलाना शुरू कर दिया और उसक लंड एकदम टाइट हो गया। और राहुल ने अपना एक हाथ मेरी चूत पर रखा दिया, और उसपर हाथ फेरने लगा।

अब हम दोनों बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गए थे और वो मेरे बूब्स को अपने मुँह में डाल के मजे से चूस रहा था और अपने एक हाथ से मेरी चूत सहला रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था, इस तरह मेरी पहली चुदाई की कहानी कि शुरुवात होती हैं।

अब राहुल धीरे से अपनी उंगलियाँ मेरी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा. उसकी हरकतों ने मुझे पागल कर दिया और अब राहुल अपना लंड मेरी चूत में घुसाने कि कोशिस करने लगा। राहुल मेरे हालात को समझते हुए मुझे बिस्तर पर लेटने को बोला। मैंने उसकी बात मानी और बेड पर लेट गयी।

अब राहुल मेरी टांगों के बीच में था और उसने पांव फैलाने को कहा!

मैंने वैसा ही किया, राहुल ने मेरा पैर उठा कर अपने कंधे पर रख दिया और धीरे से अपना लंड मेरे चूत पर रख दिया, ये राहुल और मेरा पहला सेक्स था। राहुल ने अपने लंड से धक्का देना शुरू किया लेकिन मेरी चूत बहुत टाइट थी तो उसका लंड फिसल कर बाहर आ गया, दो-तीन बार कोशिस करने पर राहुल के लंड का ऊपर वाला हिस्सा अंदर घुस गया मुझे जोर से दर्द होने लगा, आहहह उईईई माँ मर गयी।

मेरी चूत टाइट होने की वजह से राहुल तुरंत झाड़ गया और अपना पानी मेरी चूत में छोड़ दिया और उसे गिला कर दिया। इसी बीच दरवाजे पर किसी की आवाज आयी और कोई अंदर घुसा। डर के मारे हम दोनों के होश उड़ गए।

वो कोई और नहीं बल्कि मुकेश भईया थे। राहुल उठकर भागने लगा तो मेरे भाई ने उसे पकड़ लिया। हमने भाई से कई बार मिन्नतें कीं, लेकिन उन्होंने बिल्कुल नहीं सुना और राहुल को उसी बेडरूम में बंद कर दिया और मुझे खींचकर दूसरे कमरे में ले गए और यह से मेरी पहली चुदाई की कहानी में नया मोड़ आया।

पहली चुदाई की कहानी | Pahli chudai ki kahani

मैं सोच रही थी, की हम किस तरह की परेशानी में पड़ गए? बिना कुछ किए पकडे गए!

भईया का मूड कुछ अलग लग रहा था, शायद वो मेरा नंगा बदन देख कर उनकी नीयत बदल गयी थी,और मुझे चोदना चाहते थे। उन्होंने बिना बात घुमाए सीधा बोला अगर तुम चाहती हो के तुम्हरी माँ से कुछ न बताऊ और तुम्हे बदनाम न करू तो तुम्हे मुझसे चुदना होगा और अपनी चूत को मेरे हवाले करना होगा।

चुदने का तो मेरा बहुत मन था क्योंकि राहुल मेरी चूत का पानी निकाले बिना ही छोड़ दिया और मेरे पास और दूसरा रास्ता भी तो नहीं था। फिर मैंने मुकेश भाई की बात मान ली। और बोली कि पहले राहुल को जाने दो। मुकेश भईया मान गए और बोले मुझे तुम्हरी कुछ नंगी फोटो खींचनी है, ताकि तुम बाद में पलट न जाओ।

पर मेरा तो पूरा मन चुदने का था और मैं झट से मान गयी और उन्होंने मेरी 7-8 फोटो खींच ली।

मुकेश भईया ने राहुल को डरा धमका के वहा से भगा दिया और मुझे बेडरूम में बुलाया मेरी जवानी और भरा हुआ गोरा बदन देखते ही मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया।

अब मुकेश भाईया मेरे सामने कपड़े उतारने लगे, उनका लंड अंडरवियर में से थोड़ा सा दिख रहा था, जैसे ही उन्होंने अपना कच्छा निकाला उनका लंड देखाकर तो मैं पागल हो गयी। उनका लंड राहुल के लंड से काफी बड़ा और मोटा था।

भाई ने कहा: क्या तुम डर की वजह से चुदना चाहती हो? या फिर सेक्स के पुरे मजे लेना चाहती हो?

मैंने बिना किसी हिचकिचाहट के कहा: मैं मज़े करना चाहता हूँ।

तो मुकेश भईया बहुत खुश हो गए और बोले आज मैं तुम्हे इतना मजा दूंगा जितना तुमने सोचा भी नहीं होगा, इतना बोलते ही उन्होंने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और बोले इसे लॉलीपॉप की तरह चूसो!

मैं लंड को मुँह में लेकर मजे से चूसने लगी। मैं 3-4 मिनट तक उसके लंड को चूसती रही, लेकिन मुकेश भईया का लंड लगभग 8″ इंच का था, और इस कारण मेरे मुँह में पूरी तरह नहीं जा पा रहा था। तो मेरे भाई ने मेरे मुंह से लंड निकाल लिया.

अब वो मेरे बूब्स को दबा रहे थे और मेरे गुलाबी निप्पल को सहला रहे थे जिससे मुझे बहुत मजा आ रहा था, वो मेरे चुचो को इस कदर मसल के चूसने लगे कि मैं जोश से भर गयी।

भईया ने मेरे बूब्स को चूसते-चूसते धीरे से अपनी एक उँगली मेरी चूत में डाली। मैं अपना आपा खोने लगी। और अब वो मेरी चूत को चाटने लगे, और मुझे करंट सा महशूस होने लगा अब मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था।

मैंने “कामुक” स्वर में बोला: भईया अब और मत तड़पाओ और मेरी चूत में अपना मोटा लंड डालो।

ये सुनकर भईया ने मेरी चूत में खूब थूका और अपना मोटा लंड मेरी चूत के मुँह पे रखकर दबाने लगे. मुझे बहुत दर्द हुआ अह्ह्ह उईईई बस्सस , मेरी चूत की सील न टूटने के कारण वह बहुत ही टाइट थी और भईया का लंड मेरी चूत से फिसल जा रहा था और जिसकी वजह से मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हो रह था।

लेकिन मुकेश भईया तो असली खिलाडी थे, और अपने होंठ मेरे होठों से लगा दिए, मेरी जाँघों को अपने हाथों से थोड़ा और फैला दिया, फिर से लंड मेरी चूत में घुसाने लगे और धक्का देने लगे। इस बार जब मेरे भाई ने मुझे थोड़ा सा धक्का दिया तो उनके लिंग का मुंह घुस गया और मेरी चूत को फाड़ दिया।

मैं दर्द से कराह उठी… अरे मेरी माँ मर गई… प्लीज… निकालो…मेरे इतना कहते ही मुकेश ने अपना लंड तोडा पीछे किया और फिर से एक बार जोरदार धक्का दिया, और उसके लंड का उपर वाला हिस्सा मेरी चूत में घुस गया।

मैं जोर से चिल्लाई- उफ…आई…माँ मर गयी… प्लीज…भाईया प्लीज निकाल लो….ओह…अहह दर्द के मरे मेरी ज्यादा आवाज नहीं निकली और मैंने अपना मुँह तकिये से दबा लिया, मेरी आँखों से आंशु आ चूका था।

भाईया ने कहा – अभी तो सिर्फ एक या दो इंच ही घुसा है … अभी तो पूरा घुसना है इसे।

मैंने कहा-…अब इतने में ही बहुत दर्द हो रहा है… पूरा घुसेगा तो मेरा क्या हाल होगा।

फिर उन्होंने अपना लंड एक बार और पीछे खींचा और पहले से भी ज्यादा तेज धक्का दिया मेरी चूत अब फट गयी थी और उनका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था। मैं दर्द से चीख पड़ी और उनको हटाने लगी क्योकि अब मुझसे इतना दर्द नहीं झेला जा रहा था, ऐसा लग रहा था मेरी जान निकल गयी हो।

अब वो थोड़ी देर तक अपना आधा लंड मेरी चूत में डालके रुक गए और मेरे चुचो को मसलने लगे ताकि मेरा दर्द काम हो और वो अपना काम फिर से शुरू कर सके।

2 मिनट के आराम के बाद मेरा दर्द कम हो गया और उन्होंने फिर से एक जोर का झटका मारा और अपना पूरा लंड मेरी नाजुक से चूत में घुसा दिया।

मैंने अपनी चूत पे गीला पन महशूस किया और देखा की मेरी चूत में से खून निकल रहा है, मैं बहुत दर गई क्योकि मेरी उंगलियां खून से गीली हो गयी थी और मेरी चूत पूरी तरह से जख्मी हो गयी थी जैसे किसी ने उसे ब्लेड से काटा हो।

मेरी चूचियों को रगड़ते हुए, भाईया ने कहा, “तुम्हरी पहली चुदाई है इसलिए खून निकल रहा है… अब तुम सिर्फ चुदाई के मजे लो।

उनकी बात सच थी – मेरा दर्द धीरे-धीरे खुशी में बदल गया।

अब उन्होंने अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगे और मुझे बहुत मजा आने लगा।

अब मेरे मुँह से सिसकिया निकलने लगी अहह अहह अहहा, मेरे मुंह से एक कामुक आवाज निकली। भईया मुझे अब बहुत मज़ा आ रहा हैं।

मैंने कहा- और जोर से करो उफ़… उफ़…! मैंने हल्की आवाज में बोला।

अब भैया और जोर जोर से मुझे चोदने लगे और मेरी चूत का पानी निकलने में व्यस्त हो गए मेरी सिसकियाँ और भी कामुक हो गयी, और वो मुझे पागलो की तरह चोदने लगे एकदम निरदई हो चुके थे। उनका लंड मेरी चूत में पूरा घुस रहा था और मुझे मीठे-मीठे दर्द के साथ बहुत मजा आ रहा था। मैं पुरे जोश में थी और भईया की पीठ को नोच रही थी और वो मेरे चुचो को अपने मुँह में ले कर उसे मजे से चूस रहे थे।

उफ़, उफ़ आवाज मेरे मुँह से आने लगी और मैं बिस्तर पे रगड़ खाने लगी। मेरी चूत से फ़च-फ़च की आवाज पुरे कमरे में गूंज रही थी और मुकेश बहुत जोर से धक्का दे कर मेरी चूत को चोद रहा था।

थोड़ी देर में वो थक गए और मुझे अपने लंड पे बैठा दिया और मैं खुद ही ऊपर-नीचे झटके मारने लगी। AC चालू होने के बावजूद हम दोनों को पसीना आ रहा था।

थोड़ी देर बाद भईया ने मुझे घोड़ी बना दिया और मेरी चूत में अपना लंड डालकर जोर जोर से धक्के देने लगे, पीछे से धक्के देने के कारण उनका लंड मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा था और मुझे थोड़ा दर्द होना शुरू हो गया।

लेकिन भईया रुके नहीं और अपना धक्का जारी रखा और मुझे चोदते रहे, थोड़ी देर में मैं झाड़ गयी और मेरी चूत का पानी उनके लंड पे लग गया और उनका लंड और तेजी से मेरी चूत में जाने लगा और जोर जोर से फच-फच की आवाजे आने लगी।

अब मुकेश भईया का भी झड़ने वाला था तो उन्होंने अपने झटके और तेज कर दिए और मेरी खूब चुदाई करने लगे। 2 मिनट बाद उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाल के मेरे मुँह में डाल दिया और जोर से धक्का देने लगे, थोड़ी देर में ही वो झाड़ गए और अपने लंड का पानी मेरे मुँह में भर दिया। मैंने भी उनका लंड अपने मुँह में रखकर उनके लंड का पूरा पानी पीने लगी और उनके लंड को को चाट-चाट के साफ कर दिया।

फिर भईया ने कहा मजा आया? मैंने कहा: है बहुत मजा आया लेकिन मेरी चूत सुन्न लग रही है। उन्होंने कहा: पहली बार ऐसा होता है। फिर हम दोनों एकदूसरे के साथ ऐसे ही सो गए और एक दूसरे को किस करते रहे। और थोड़ी देर बाद हमने एक बार और जमकर चुदाई की।

और फिर वो चले गए और मैं भी नहा धोकर आराम करने लगी, अब मुझे चुदाई का इतना मन करने लगा के मैं बीच-बीच में राहुल से भी चुदवा लेती थी, लेकिन मुकेश भईया के साथ चुदाई का मजा तो बिल्कुल ही अलग रहता था।

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