दोस्तों मैं साक्षी आपके लिए एक और जबरदस्त हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) लेकर आया हूँ, इस xxx सेक्स कहानी का शीर्षक पडोसी की बीवी (Padosi Ki Biwi Bani Meri Randi) बनी मेरी रंडी है। कहानी का मजा लीजिए………
आगे की ये देसी सेक्स कहानी प्रदीप के शब्दों में लिखी गयी है………
हेलो दोस्तों, मैं प्रदीप हूँ, मैं दिल्ली के द्वारका में अकेला रहता हूँ। मेरी उम्र 25 साल है, कद 5’8″ और लंड 7″ इंच मोटा है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि मैं अभी तक अविवाहित हूं, मैं यौन सुख के लिए हमेशा उपलब्ध हूं।
पिछले साल गर्मी की छुट्टियों की बात है। मेरा पड़ोसी, जिसका नाम सचिन है, वह एक कंपनी का मैनेजर है।
मुझसे चार साल बड़ा है। उसके परिवार में उसको मिलाके चार लोग हैं।
वो खुद, उसकी पत्नी और दो बच्चे जिसका एक लड़का है 4 साल का और एक लड़की है 1.6 साल की। उसके दोनो बच्चे हॉस्टल में पढ़ते हैं।
सचिन और मैं कभी साथ में खेलते थे। पर समय के साथ-साथ काम में बिजी हो गए और फिर बात भी मुश्किल से होने लगी।
5 साल पहले सचिन की शादी हुई थी मनीता से।
जो इस चुदाई की कहानी की हीरोइन है।
जब मनीता पहली बार सचिन के घर आई थी तो मैं भी वही पर था।
मुझे आज भी याद है जब उसने लाल रंग की साड़ी पहनी थी और एक दम मॉडल की तरह लग रही थी।
34-28-36 का परफेक्ट फिगर और गोरा रंग।
रस से भरे हुए बूब्स और मस्तानी गांड उस दिन मनीता कमाल की लग रही थी। दिल तो कर रहा था कि उसकी सुहागरात मेरे साथ ही हो जाए।
समय आगे बढ़ता गया और मनीता के दो बच्चे भी हो गए। पर उसके फिगर पर इसका कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
उसकी गांड और मोटी और सेक्सी हो गई। उसके बूब्स का आकार 34″ से 36″ हो गया और उसकी कमर 32″ के आसपास हो गई।
उसकी गांड तो माशाअल्लाह 40″ की हो चुकी थी।
सचिन का अच्छा खाशी कंपनी में था, पर पिछले कुछ 2 साल से उसका बॉस लगातार उसको काम का प्रेसर देने लगा।
वो अपने बॉस की भड़ास अपनी पत्नी पर निकालने लगा। इसी वजह से उन दोनो में काफी लड़ाई झगडे होने लगे।
वैसे तो मेरी दिनचर्या के कारण मैं उसके घर जा कर उसे समझाने का समय नहीं मिल पाता था।
पर जब मुझे उसके घर के हालात के बारे में पता चला तो मैं उसके घर गया उसको मिलने और बात करने के लिए।
मैं शनिवार को सुबह 9 बजे उसके घर गया।
मैंने बेल बजाई और मनीता ने दरवाजा खोला। मैंने जैसी ही मनीता को देखा मेरी आँखों को ठंडक पड़ गई।
मनीता कोई काम कर रही थी जिसकी वजह से उसको पसीना आया हुआ था।
एक तो ऊपर से वैसे ही बहुत गर्मी थी। उसके पसीने की वजह से उसके कपड़ो में उसकी बॉडी दिख रही थी।
उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने बड़ी मुश्किल से उसे कंट्रोल किया।
मनीता ने नील रंग के कपड़े पहने थे और पसीना आने की वजह से उसके कपड़े पारदर्शी हो चुके थे।
उसकी सफ़ेद ब्रा साफ़ साफ़ दिख रही थी।
मनीता की गांड बहुत सेक्सी हो चुकी थी। जब वो चलती थी तो उसकी गांड हर किसी के लंड को आवाज़ देती थी।
मनीता के पूछने पर मैंने बताया कि मैं सचिन से मिलने आया हूं।
उसने मुझे अंदर आने को कहा। मैं ड्राइंग रूम में इंतजार करने लगा।
सचिन अंदर नहा रहा था, जब वो बाहर आया तो मनीता ने उसको मेरे आने के बारे में बताया।
सचिन ड्राइंग रूम में आया और हमने हाथ मिलाया।
मैंने उसका हाल चाल पूछा तो उसने आगे से उल्टा बोलना शुरू कर दिया “इतने समय में तो याद नहीं आई और अब आ गए हैं हाल चल पूछने”।
मुझे गुस्सा तो बहुत आया पर मनीता की वजह से मैं चुप रहा और चुप चाप वहां से निकल आया।
कुछ दिन बाद शाम के समय में मनीता मेरे घर आई।
जब मैंने गेट खोला तो मैं हैरान था कि वो अचानक कैसे आ गई।
मैंने उसको अंदर बिठाया और आने का कारण पूछा।
मनीता ने बोला कि वो उस दिन के लिए माफ़ी मांगने आई है अपने पति के व्यवहार की वजह से।
मैंने उसको बोला कि माफ़ी माँगने की कोई बात नहीं है बुरे वक़्त में तो ऐसा होता रहता है।
मनीता माफ़ी मांगते हुए रोने लगी तो मैंने उसको गले लगा लिया। उसने भी मुझे टाइट से कस कर गले लगा लिया।
मुझे लगा यही मौका है और मैंने उसकी गर्दन पर किस कर दिया। वो हैरान होके पीछे हट गई।
उसने मुझसे कहा कि, “ये क्या बदतमीजी है।” मैं घबरा गया और मैंने उसको सॉरी बोला।
मैंने उसको बोला कि जब से मैंने उसको पहली बार उस लाल साड़ी में देखा है तब से मैं तुम्हारे लिए पागल हूँ।
मैंने ये भी बताया कि जब सचिन बिना वजह बोलता है तो मुझे बहुत बुरा लगता है।
वो चुप चाप मेरी सारी बातें सुनती रही और “ओके बाय” बोलके चली गई।
कुछ दिन बाद मैं अपने घर की छत पर गया तो वहां पे कुछ कपड़े गिरे हुए पर वो मेरे नहीं थे।
वो सारे कपड़े मनीता और सचिन के थे जो हवा से उड़के मेरी छत पर आके गिर गये थे।
मैंने सारे कपड़े इकठ्ठे किये और सचिन के घर उनको वापस लेने चला गया।
फिर मैंने बेल बजाई और सचिन ने दरवाजा खोला।
मैंने उसको बोला कि आपके कुछ कपड़े हमारी छत पर गिरे थे और मैं वो वापस करने आया हूं।
उसने मुझे कपड़े अंदर रखने को कहा। और मनीता पर चिल्लाना शुरू कर दिया कि उससे कोई काम ठीक से नहीं होता।
मनीता बड़ी शर्मिंदा हो गई, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं।
सचिन चिल्लाता हुए बाहर चला गया और मनीता ने फिर से रोना शुरू कर दिया।
मैंने मनीता को सोफे पर बिठाया और उसको चुप कराने की कोशिश की।
तभी अचानक मनीता ने मेरा चेहरा पकड़ा और मुझे किस करना शुरू कर दिया।
मैं समझ गया कि वो रोज-रोज की डांट से तंग आ चुकी है और प्यार चाहती है।
मैंने भी मनीता का पूरा-पूरा साथ देना शुरू कर दिया।
फिर मैंने उसको अपनी बाहों में कस लिया और हम दोनों ने किस करना शुरू कर दिया।
मैंने उसकी गांड को दबाना शुरू कर दिया। क्या गांड थी उसकी इतनी बड़ी और एक दम नरम मुलायम।
उसके होंठ बहुत ज्यादा स्वादिष्ट थे।
8-10 मिनट की किस के बाद उसने मुझे इंतजार करने को कहा और अपने कमरे में चली गई।
मैं बहुत उत्साहित था पर ये नहीं समझ पाया कि वो अंदर क्यों गई। कुछ देर बाद उसकी आवाज आई अंदर से।
वो मुझे रूम में बुला रही थी, मैं कमरे में गया तो मुझे लगा कि मेरा सपना पूरा हो गया।
वो भी लाल साड़ी पहन के बैठी थी जिसके बारे में मैंने उसको बोला था।
मनीता गजब की हॉट लग रही थी। ब्लाउज से बाहर आते उसके गोरे गोरे और मोटे चुचे।
बड़ी साड़ी गांड देख के मैं पागल हो रहा था।
वो मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ के उसने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।
उसके बाद वो मेरे ऊपर आके बैठ गई। उसने मुझसे कहा “प्यार करो मुझसे।”
उसकी गांड की गर्मी से मेरा लंड जींस से बाहर आने वाला हो था।
मैंने उसका पल्लू हटाया और उसके बूब्स दबाने लगा।
वो अपनी गांड को मेरे लंड पर रगड़ने लगी और कराहने लगी।
वो बड़ी मस्ती में लग रही थी। मुझे पता था आज बड़ा मजा आने वाला है।
मैंने उसकी साड़ी उतारी और उसको नीचे लिटा दिया।
फिर मैं उसकी कमर पे किस करने लगा और उसके ब्लाउज का हुक खोला।
उसने गुलाबी रंग की ब्रा पहनी थी।
मैंने उसकी ब्रा उतारी और उसके मोटे चुचो को चुसना शुरू कर दिया।
वो इतने मोटे थे कि हाथ में नहीं आ रहे थे।
उसने भी अपने हाथ से मेरे लंड को सहलाना शुरू कर दिया।
हम दोनों ने काफ़ी देर एक दूसरे के होंठ चुसे।
फिर मैं नीचे हुआ और उसका पेटीकोट उतारा।
उसकी टाँगें तो जन्नत जैसी थी और उसकी चूत से उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैंने उसकी पैंटी उतारी और अपनी उंगलियों से उसकी चूत मसलने लगा।
उसने सिसकिया लेना शुरू कर दिया।
मेरे मुँह में उसके निपल्स थे और मेरी उंगलियाँ उसकी चूत मसल रही थी।
मैं उसके सारे बदन को चूम रहा था।
उसने मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर आ गई।
मेरा लंड उसकी चूत में जाने को तरस रहा था।
उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी जींस उतार दी और फिर मैंने जल्दी से अपना अंडरवियर उतार दिया।
वो मेरे लंड को प्यार करने लगी।
हम दोनों एक दूसरे में खो चुके थे।
मैं सीधा हो गया और अब वो मेरी गोद में थी।
हम दोनों बस चूमे जा रहे थे एक दूसरे को, उसकी त्वचा बहुत मुलायम थी।
मैं उसकी गर्दन पर काट रहा था और वो मेरे कानों पर काट रही थी।
फिर उसने मेरा लंड अपनी चूत में ले लिया, उसकी चूत बहुत गर्म थी।
वो मेरा लंड अंदर ले कर कराहने लगी, उसने मेरी पीठ पर नाखून मारने शुरू कर दिये।
हम दोनो एक दूसरे के प्यार में पागल हो रहे थे।
ना तो उसकी चूत की गर्मी कम हो रही थी और ना मेरा लंड झड़ रहा था।
हम दोनो के जिस्म हमारा पूरा साथ दे रहे थे।
स्वर्ग जैसा मजा आ रहा था, फिर मैंने उसको लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया और उसको चोदने लगा।
अभी हम दोनों की चुदाई का खेल ख़तम हुआ नहीं की अचानक बेल बजी और हम दोनों डर गये।
सचिन बहार से आवाज लगाने लगा।
मनीता ने मुझे बिस्तर के नीचे जाने को कहा और खुद तौलिया लपेट के दरवाजा खोलने चली गई।
वो नहाने का बहाना करने लगी सचिन ने 8-10 मिनट लगाए और अपना सामान लेके चला गया।
उसके जाते ही मनीता रूम में आई और मुझे बिस्तर के नीचे से निकलने को कहा।
मैं बाहर आ गया, मनीता पूरे मूड में थी, वो बिस्तर पर उल्टी होके बैठ गई उसने अपनी गांड आगे की और बोली, “आज निकाल दो मेरी चूत की सारी गर्मी, मेरी जान।”
मैंने तुरंत अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया और तेजी से उसको चोदने लगा।
वो जोर से सिसकिया ले रही थी। मेरा लंड बस झड़ने वाला था पर वो ठंडी होने का नाम नहीं ले रही थी।
मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उसकी गांड पर थप्पड़ मारने लगा।
वो मजे से चिल्लाने लगी। मैंने उसके बाल पकड़ लिया और ट्रेन की स्पीड पकड़ ली।
मैं उसको कुतिया की तरह चोदने लगा और वो और जोर से चिल्लाने लगी।
उसकी गांड लाल हो गई और चूत में से पानी बहने लग गया, वो झड़ कर नीचे गिरने लगी।
मैंने उसके कंधों से उसको पकड़ लिया और उसकी चूत को चोदता रहा।
कुछ ही मिनट में मैं भी झड़ गया।
कुछ देर में मेरा लंड फिर से चार्ज हो गया और उसकी गांड मारना चाहता था।
पर उसने कहा कि वो थक गई है और वो फिर मुझे बुलाएगी जब सचिन घर पर नहीं होगा।
मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि जिस लड़की के साथ होने के मैंने सिर्फ सपने देखे थे वह आज उसकी चूत की चुदाई की थी। उसी दिन के बाद से हमारा ये रिश्ता अभी तक चल रहा है।
अब मनीता पूरी तरह से मेरी रंडी बन चुकी थी, और वो मेरे लंड की आदी हो चुकी थी।
तो दोस्तों ये थी मेरी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Story) उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। अलविदा।