October 12, 2024
पड़ोसन की चुदाई करी

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक चुदाई की कहानी सुनाने आई हूँ जिसका नाम "सर्दियों के मौसम में पड़ोसन की चुदाई करी और गर्मी का मज़ा लिया" है।

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक चुदाई की कहानी सुनाने आई हूँ जिसका नाम “सर्दियों के मौसम में पड़ोसन की चुदाई करी और गर्मी का मज़ा लिया” है आगे की कहानी उस लड़के की ज़ुबानी।

हेलो मेरे देसी दोस्तों, मैं आपका पंकज हूं और मैं भी आप लोगों जैसी कहानियों का दीवाना हूं। मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ने में बहुत मज़ा आता है और मैंने अब तक बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी है।

दोस्तों, जैसा कि आप सभी पाठक अच्छी तरह से जानते हैं कि मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और मुझे सेक्स करना बहुत पसंद है। दोस्तों आज जो मैं आपको जो घटना बताने जा रहा हूँ वो मेरी जिंदगी का सबसे मजेदार सेक्स अनुभव है और ये घटना जोश से भरी हुई है।

दोस्तों यह घटना मेरे साथ अक्तूबर 2019 में घटी थी और यह तब की बात है जब हमारे पड़ोस में एक नए किरायेदार रहने आए थे, उनके घर में दो बहनें और एक छोटा भाई और उनकी माँ भी उनके साथ थी।

दोस्तों सबसे बड़ी बहन का नाम पूनम था और छोटी बहन का नाम कृतिका था और उन दोनों के चूचे बहुत मस्त आकार के गोल-मटोल थे, जिन्हें देखकर में बहुत हैरान था।

दोस्तों में अपने घर की छत पर बैठकर अपने आने वाले पेपर की तैयारी करता था और फिर वो छोटी बहन जिसका नाम कृतिका था वो हमेशा मुझे छुपकर देखा करती थी।

दोस्तों उस लड़की की उम्र उस समय लगभग 19 साल रही होगी, लेकिन उसके गोल-मटोल बड़े आकार के चूचे मुझे हमेशा पागल कर देते थे, मुझे लगता है कि उसके चूचे का आकार लगभग 34 होगा।

दोस्तों उसके भरे हुए गोरे बदन से उसकी उभरती हुई जवानी साफ झलकती थी, जो मुझे हमेशा उसकी तरफ आकर्षित करती थी और उसके चूचो को देखकर मेरे मुहं में हमेशा पानी आ जाता था और,

में उनको देखने के लिए ललचा जाता था। दोस्तो, जब वो मटक-मटक कर चलती थी तो उसकी गांड के साथ-साथ उसके मम्मे भी हिलते थे और मैं उन्हें देख कर ललचा जाता था।

धीरे-धीरे मैं भी उसकी तरफ देखने लगा और वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा देती थी, जो मेरे लिए एक अच्छा संकेत था, जिससे मैं बहुत खुश था।

दोस्तों हमारे बीच ये काम काफी समय तक ऐसे ही चलता रहा और जब भी वो मुझसे मिलने आती थी तो मुझे देखकर मुस्कुरा देती थी।

एक शाम मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसे अपने पास बुलाया और फिर मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है? मुझे अन्दर से डर भी लग रहा था कि कहीं वो मुझसे नाराज न हो जाये, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

फिर उसने मुझे बताया कि उसका नाम कृतिका है और फिर मैंने उससे कहा कि तुम कितनी प्यारी हो और उसके बाद वह हल्की सी मुस्कुरा दी। उसके बाद हम इधर उधर की बातें करते रहे। (पड़ोसन की चुदाई करी)

अब मैंने उससे पूछा कि तुम्हें मेरी किसी भी बात का बुरा तो नहीं लगा ना? वो हंसते हुए चेहरे से कहने लगी कि नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है जैसा आप सोच रहे हो। अब मैंने उससे कहा कि इसका मतलब यह है कि अब तुम मुझसे हर दिन बात कर सकती हो।

वो हंसने लगी और बोली कि हाँ बिल्कुल तुमसे बात करने में मुझे क्या परेशानी हो सकती है? मुझे आप से बात करके मज़ा आया।

फिर इसी तरह हम दोनों रोज छत पर बातें करते थे, कभी सुबह तो कभी शाम को और जब मौका मिलता तो हम दोनों रात को भी छत पर बातें करने लगे। दोस्तों मुझे उसके साथ बातें करते हुए समय बिताना अच्छा लगने लगा था।

एक दिन हम दोनों साथ में बैठकर बातें कर रहे थे और कुछ देर बाद वह मुझसे कहने लगी कि मेरे हाथ ठंडे हो रहे हैं। फिर उसके मुहं से यह बात सुनकर तुरंत मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और छूकर महसूस किया कि उसका मुलायम हाथ बहुत ठंडा था।

फिर मैंने उसके हाथ को कुछ देर तक सहलाकर गर्म करने के बाद उसे चूम लिया। अब उसने झट से अपना हाथ हटा लिया, मैंने उससे कहा कि क्यों क्या हुआ? फिर वो कहने लगी कि कुछ नहीं और कुछ देर बाद वो चली गयी और में पूरी रात उसके बारे में सोच सोचकर पागल हुआ जा रहा था।

अगली रात कुछ देर बात करने के बाद और उसका मूड देखकर मैंने उससे कहा कि मैं उसे एक बार किस करना चाहता हूँ। अब वो मुझसे कहने लगी कि हमें ये सब करते हुए कोई न देख ले।

मैं बहुत डर है। फिर मैंने भी उसकी बात मानकर कहा कि हाँ ठीक है में रात को करूँगा, अगर दिन के उजाले में किसी ने हमें देख लिया तो हम दोनों के लिए अच्छा नहीं होगा।

उसी रात मैंने पहले उसके हाथ पर चूमा और फिर उसके खूबसूरत गोरे चेहरे पर भी चूमा और उसने भी एक बार मेरे चेहरे पर चूमा। अब मुझे तुरंत समझ आ गया कि उसकी तरफ से भी इन सबके लिए हाँ है।

अब वह भी मेरे साथ यह सब करने के लिए तैयार है क्योंकि अब उसे भी वह काम करने में मजा आने लगा है। फिर उसी समय मैंने उस मौके का फायदा उठाकर तुरंत उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिए और उसके गुलाबी रसीले होंठो को चूमने लगा।

फिर थोड़ी देर के बाद वो भी मेरा साथ देने लगी और धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी कमर पर चला गया। में उसकी पतली कमर को सहलाने लगा,

लेकिन उसने मेरे सामने बिल्कुल भी विरोध नहीं किया, जिसकी वजह से मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और अब मेरा एक हाथ उसके चूचो पर चला गया।

दोस्तों वो तब भी चुप रही और मैंने छूकर महसूस किया कि उसके चूचे बहुत मुलायम थे, यह मेरा पहला अनुभव था जब मैं किसी के चूचो को अपने हाथों से दबाकर उनका आनंद ले रहा था।

अब मैंने उससे पूछा कि क्या ये इतने मुलायम है? फिर वो मुस्कुराकर कहने लगी कि और क्या? हां ऐसा ही होता है, अब मेरे सामने ज्यादा भोली मत बनो। फिर उसी समय हम सुनते हैं।

कुछ शोर हुआ और हम उस आवाज को सुनकर तुरंत अपनी छत से नीचे चले गए। अब मैं नीचे अपने कमरे में आ गया और उसके साथ पहली बार किए गए मजे के बारे में सोचते हुए सो गया। मुझे पता ही नहीं चला।

फिर अब हम दोनों कभी कभी मिल जाते थे और उसका आनंद लेने लगे थे, जिसकी वजह से हम दोनों एक दूसरे से पूरी तरह से खुल गये थे। अब जैसे-जैसे दिन बीतता गया हमारे बीच की दूरियां कम होती गईं।

अब मैं किसी खास मौके का इंतजार कर रहा था, जिसका फायदा उठाकर मैं उसके साथ अपनी पहली चुदाई का मजा ले सकूं। फिर एक दिन हमारी अच्छी किस्मत की वजह से मेरे परिवार के सभी सदस्य एक शादी में गये और उन्होंने मुझे अगले दिन आने के लिए कहकर अपने घर में अकेला छोड़ दिया।

मैंने उससे कहा कि आज हमारे पास बहुत अच्छा मौका है, तुम मेरे घर आ जाओ और वो मुझसे पूछने लगी कि घर आकर क्या करना है? फिर मैंने उससे कहा कि हम दोनों मेरे घर में बैठकर आराम से बातें करेंगे और अकेले में हमें किसी का डर नहीं रहेगा।

अब वो कहने लगी कि हाँ ठीक है में आ जाउंगी और कुछ देर बाद वो मेरे घर पर आई और पहले हम दोनों आराम से बैठे और कुछ हंसी मजाक वाली बाते करी। (पड़ोसन की चुदाई करी)

मैंने उसके होठों पर किस करना शुरू कर दिया, जिससे कुछ देर बाद वो भी गर्म होने लगी और तुरंत मुझसे लिपट गई। अब वो मुझसे लिपट कर उस मस्ती में डूबकर मेरा पूरा मजा लेने लगी।

अब उसके चूचे मेरी छाती से दब गये और फिर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और अब में उसकी गर्दन पर और उसके चेहरे पर चूमने लगा।

अब मैंने उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया, जिससे वो भी कुछ ही देर में गर्म हो गई और फिर मैंने उसकी शर्ट ऊपर कर दी।

अब मैंने देखा कि उसने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, मैंने पहले तो उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को एक बार चूमा और फिर उसके बाद मैंने ब्रा भी उतार दी।

फिर उसने मेरी शर्ट भी उतार दी और अब मेरे सामने उसके गोरे नंगे चूचे थे, जिन्हें मैं शुरू से ही बहुत पसंद करता था और पहली बार चूचो को अपने सामने पूरा नंगा देखकर मैं पागल हो गया।

अब में उसके एक मम्मे को चूसने लगा और दूसरे को अपने एक हाथ से दबाने लगा और में बहुत देर तक उसके मम्मे के साथ मज़े लेता रहा और कुछ देर बाद मुझे जोश आने लगा।

अब मेरा लंड उसके कपड़ों के ऊपर से ही उसकी चूत पर था, मैं उसके ऊपर था और वो मेरे नीचे थी। फिर मैं अपना एक हाथ उसकी चूत पर ले गया।

तब मुझे छूकर पता चला कि उसने अपनी सलवार के अंदर पेंटी नहीं पहनी थी और मैंने छूकर महसूस किया कि अत्यधिक जोश के कारण सलवार चूत वाले हिस्से से गीली हो गयी थी।

फिर कुछ देर बाद उसने अपनी चूत का पानी छोड़ दिया और वो थोड़ी ठंडी हो गयी। अब मैंने एक बार फिर से उसके मम्मों को चूसना शुरू कर दिया, जिससे वो कुछ ही देर में फिर से गर्म होने लगी।

तभी उसी समय मेरे घर की दरवाजे की घंटी बजी और मैंने उसे वहीं छुपा दिया और जाकर दरवाजा खोला तो मेरा एक चचेरा भाई बाहर खड़ा था।

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अब मैंने झूठा बहाना बनाकर उसी समय अपने चचेरे भाई को बाहर से कोल्ड ड्रिंक लेने के लिए भेज दिया और जब वो चला गया तो मैंने तुरंत कृतिका को उसके घर भेज दिया।

दोस्तों उस दिन मुझे बहुत दुख हुआ क्योंकि हाथ में आने के बाद भी मैं उसके साथ कुछ नहीं कर सका, लेकिन उसके चूचे मुझे बहुत मजा दे रहे थे। फिर हमारे दिन ऐसे ही बीतने लगे,

जब भी मौका मिलता हम दोनों साथ बैठ कर बातें करते और कभी-कभी किस भी कर लेते क्योंकि अब मौसम बहुत बदल गया है इसलिए अब ऐसे मौके कम ही मिलते हैं।

फिर एक बार मुझे पता चला कि उसके घर पर दो दिन के लिए कोई नहीं है, उसकी माँ और बहन किसी काम से अपने गाँव गये थे। अब कृतिका और उसका एक छोटा भाई घर पर अकेले थे और जब कृतिका ने मुझे यह सब बताया तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।

फिर मैंने ख़ुशी से उससे कहा कि में आज रात को ठीक 12 बजे के बाद छत पर आऊंगा, तुम मुझे वहीं पर मिलना। दोस्तों जब मैं छत पर गया तो मैंने देखा कि वह पहले से ही छत पर मेरा इंतजार कर रही थी और मैं उसे देखकर बहुत खुश हुआ।

दोस्तों पहले तो हम दोनों ने एक साथ बैठकर बहुत देर तक इधर उधर की बातें करते हुए अपना समय बिताया और वो मुझसे कह रही थी कि अब में उसे समय नहीं देता, में बहुत व्यस्त हो गया हूँ। (पड़ोसन की चुदाई करी)

फिर मैंने उसे बहुत प्यार से समझाया और कहा कि अब मेरे घर वालों को हम दोनों पर कुछ शक है इसलिए हमें थोड़ी दूरी बनाकर रखनी होगी, यही हमारे लिए ठीक रहेगा।

फिर कुछ देर बात करने के बाद मैंने उससे कहा कि मुझे अब बहुत ठंड लग रही है और वो कहने लगी कि हाँ मुझे भी अब ठंड लग रही है।

मैंने उससे कहा कि हम दोनों अब ऐसा करते हैं कि तुम्हारे कमरे में बैठ जाते हैं और आराम से बातें करते हैं, यहां कोई भी छत से इधर-उधर आ सकता है और खुली जगह पर हमें ठंड ज्यादा लगेगी।

अब वो कहने लगी कि हाँ ठीक है और फिर में उसके साथ उसके कमरे में चला गया और हम दोनों उसकी बहन के कमरे में जाकर बैठ गये।

दोस्तों पहले तो हम दोनों ने थोड़ी बातें की और फिर सही मौका देखकर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया। अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज मेरे साथ ऐसा कुछ मत करो।

फिर मैंने उससे कहा कि मुझे बहुत ठंड लग रही है तो प्लीज मुझे थोड़ा गर्म कर लो, में तुमसे यह कैसा काम कर रहा हूँ? मैंने तो सिर्फ तुम्हारा हाथ अपने हाथ में लिया है।

फिर मैंने उसे गले लगा लिया और वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी, उसके बाद धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी शर्ट के अंदर चला गया 

उसके चूचे। मैंने उसके चूचो को सहलाना शुरू कर दिया और वह उत्तेजना के कारण अपने मुँह से स्सीईईई आह्ह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी।

कुछ देर बाद उसने जोश में आकर अपनी शर्ट ऊपर उठाई और अपने दोनों मम्मे ब्रा से बाहर निकाल लिए, ब्रा से बाहर आकर पिंजरे में बंद उसके दोनों कबूतर अब खुली हवा में सांस ले रहे थे और उसके गोल-मटोल गोरे मम्मे देख कर उसका होश उड़ गए।

अब मैंने उसके दोनों चूचेों को बारी-बारी से चूसना शुरू कर दिया और उस समय मेरा एक हाथ उसकी कमर पर था और एक हाथ उसकी कामुक चूत पर था जो अब जोश की वजह से गीली हो चुकी थी।

फिर हम दोनों बहुत देर तक ऐसे ही प्यार करते रहे, क्योंकि दोस्तों में अपनी पहली चुदाई को बहुत आरामदायक और मज़ेदार बनाना चाहता था इसलिए मैंने पहले उसे कुछ देर तक बहुत गरम किया।

अब में अपना एक हाथ उसकी सलवार के अंदर ले गया और उसकी कुंवारी, बिना चुदी हुई चूत पर घुमाने लगा और उसके बाद मैंने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अंदर डाल दी,

जिसकी वजह से उसके मुहं से अब आआहह ऊऊहह की आवाज़ आने लगी और फिर सही मौका देखकर, मैंने उसे अपना 7 इंच का लंड पकड़ा दिया। अब वो मेरे लंड को अपनी मुट्ठी में पकड़कर ऊपर-नीचे करने लगी थी।

दोस्तों मुझे छूकर महसूस हुआ कि उसकी चूत बहुत छोटी थी और टाईट भी थी, लेकिन अब उसे डर लग रहा था कि कहीं मेरे साथ वो सब करने से वो प्रेग्नेंट ना हो जाए।

अब में उसे प्यार से समझा रहा था कि ये सब करने से ऐसा कुछ नहीं होगा, लेकिन वो आगे कुछ भी करने से मना कर रही थी।

फिर मुझे उस पर थोड़ा सा तरस आया और मैंने उससे कहा कि चलो, अगर तुम नहीं चाहती हो तो रहने दो, हम ऐसे ही प्यार करते हैं। फिर हम दोनों ने वैसे ही किस किया और ऊपर से मैं उसके शरीर को छूकर और उसके मम्मों को सहलाकर प्यार करने लगा।

फिर कुछ देर बाद मैंने उससे पूछा कि अब तुम खुश हो? देखो, मैंने कुछ नहीं किया, बस आपकी इच्छा के अनुसार चलता रहा, जैसा आप चाहते थे। (पड़ोसन की चुदाई करी)

अब वो मुझसे कहने लगी कि अगर मैं नहीं चाहती तो तुम मेरे साथ कुछ नहीं कर पाते। दोस्तों उसके मुहं से यह बात सुनकर मुझे बहुत जोश आ गया और मैंने उससे कहा कि अगर में चाहूं तो मैं अभी भी तुम्हारे साथ बहुत कुछ कर सकता हूँ।

वो मुझसे कहने लगी कि ऐसा नहीं हो सकता और फिर क्या था? सबसे पहले मैंने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और उसके बाद एक हाथ से उसकी सलवार को पूरा उतार दिया और

फिर मैंने अपना लंड पेंट की चेन से बाहर निकाला और उसकी चूत के मुँह पर रख दिया। अब मैंने कहा कि हाँ, अब तुम बताओ कि में तुम्हारे साथ क्या करूँ?

वह मुझसे कहने लगी कि कुछ नहीं प्लीज मुझे छोड़ दो। फिर मैंने उससे कहा कि में तुम्हे ऐसे नहीं छोड़ सकता, तुमने ही मुझे यह काम करने के लिए उकसाया है और फिर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुहं पर रखा और काट लिया।

मैंने और ज़ोर से दबाया तो वो दर्द की वजह से चिल्लाने लगी ऊईईईई आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ और वो मुझसे कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज तुम इसे बाहर निकाल लो, नहीं तो में इस दर्द की वजह से मर जाउंगी।

दोस्तों अब, लेकिन में वो सब कुछ देख या सुन नहीं सकता था। फिर मैंने अपना एक हाथ उसके मुहं पर रख दिया और फिर में अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा और वो उस दर्द की वजह से बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी,

लेकिन मैंने दो ही झटकों में एक तरह से पूरा जोश पैदा कर दिया। उसने अपनी तेज गति से अपना पूरा लंड उसकी कुंवारी चूत की गहराइयों में उतार दिया था। अब वो दर्द की वजह से बहुत तड़प रही थी और मैंने तुरंत ही हिलना बंद कर दिया और थोड़ी देर तक वैसे ही उसके ऊपर लेटा रहा।

कुछ देर बाद दर्द कम होने से उसे भी मजा आने लगा तो अब वो नीचे से अपने कूल्हे हिलाने लगी। अब में भी खुश हो गया था और हल्के-हल्के धक्के लगाने लगा था और अब वो भी जोश में आकर मज़े ले रही थी और मुझसे कह रही थी हाँ और

ज़ोर से करो ऊउफ़्फ़्फ़ हाँ पंकज और ज़ोर से धक्के मारो, वाह इस खेल में बहुत मज़ा है तुमने यह सब पहले क्यों नहीं किया? आह्ह्ह्ह ओह्ह्हह्ह हाँ तुम और भी ज़ोर से धक्के दो मुझे आज पूरा मज़ा दो।

अब में उसकी बातें सुनकर जोश में आ गया था और अपनी पूरी ताकत से अपने लंड को उसकी चूत में धकेल रहा था, में अपने लंड को पूरा बाहर निकालता और फिर तेज गति से अंदर डालता,

ऐसा करने से हम दोनों को बहुत मज़ा आता और वो भी हर धक्के से पूरी हिल जाती। फिर कुछ देर बाद उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, लेकिन में अभी भी गरम था और जोश से भरा हुआ था, कुछ देर बाद वो एक बार फिर से नीचे से हिलने लगी।

दोस्तों अब वो पहले से भी ज्यादा गर्म हो गई थी इसलिए हम दोनों लगातार ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहे थे, धक्के लगाते समय मैं उसके एक मम्मे को दबाते हुए चूस भी रहा था और एक हाथ से उसके दूसरे मम्मे को भी दबा रहा था।

दोस्तों अब वो एक बार फिर से अपनी चूत से पानी छोड़ने वाली थी और में भी अब झड़ने वाला था। फिर कुछ ही देर में उसने अपनी चूत से पानी निकाल दिया और में थोड़ी देर रुक गया, (पड़ोसन की चुदाई करी)

दो मिनट के बाद मुझसे भी बर्दाश्त के बाहर हो गया और में झड़ने वाला था तो मैंने जल्दी से अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया। अपना सारा वीर्य उसके गोरे मुलायम पेट पर निकाल दिया। उसके बाद कुछ देर तक हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे की बांहों में पड़े रहे।

फिर कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहन लिए और कृतिका ने भी अपने कपड़े पहन लिए, उसके बाद जब में बाहर जाने लगा तो उसी समय उसने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया और

वो मुस्कुराने लगी और मुझसे बोली कि एक बार गले लगा जाओ, तुम्हें जाने की इतनी जल्दी है क्यों ? और फिर कुछ देर के लिए हम दोनों एक दूसरे की बांहों में फंसे खड़े थे।

में कुछ देर तक लगातार उसके पूरे बदन को चूमता हुआ प्यार करता रहा, जिसकी वजह से वो बहुत खुश थी और मुझे भी मज़ा आ रहा था और उसने भी मुझे प्यार करने में या वो गेम खेलने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उन्होंने हर बार मेरा पूरा साथ दिया। फिर उसके बाद मैं अपने घर वापस आ गया और मैं आप सभी को लिखकर नहीं बता सकता कि उस लड़की की कुंवारी चूत को पहली बार चोदकर मुझे कितना ख़ुशी हुई? इस बात का अंदाजा भी किसी को नहीं होगा।

दोस्तों मुझे उम्मीद है कि सेक्सी कहानियों का आनंद लेने वाले आप सभी लोगों को मेरी यह सर्दियों के मौसम में पड़ोसन की चुदाई करी और गर्मी का मज़ा लिया कहानी पसंद आएगी।

यदि आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “Readxstories.com” पर पढ़ सकते हैं।

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