October 12, 2024
Padosan Aunty Ki bur chudai

दोस्तो मेरा नाम रोनित है, मैं यूपी का रहने वाला हूं मुझे आंटीयां बहुत पसंद है। मैंने देखा मैं स्मार्ट हूं, हाइट 5 फीट 8 इंच और रंग गोरा है। मेरा लंड 6 इंच का है. ये पड़ोसन आंटी की बुर चुदाई की कहानी मेरी और पड़ोस की आंटी की है जिनका घर मेरे पास वाला है, हमारी छत मिली है।

मैं आंटी के बारे में बता दूं। आंटी का नाम सविता है. उमर 36 साल फिगर 32-30-34 ऊंचाई 5’4″इंच पतली और एक दम गोरी है उनके पति नौकरी करते हैं और उनके दो बेटे हैं जो बाहर पढ़ते हैं।

सविता आंटी को मैं बहुत पसंद करता हूँ। उनके घर के बाथरूम का पाइप किसी वजह से बंद हो गया है। तो आंटी अपने आंगन में नहाती है मैं रोज उनको छत से नहीं देखता था।

आंटी रोज़ मुझे पैंटी में नहाती दिखती थी। मेरा लंड खड़ा हो जाता था. मैं उनको चोदना चाहता था. मैं यही सोचता था कि आंटी को कैसे चोदा जाए।

तभी एक दिन आंटी ने मुझे देख लिया। मैं तुरेंट वाहा से भाग आया। शाम को आंटी छत पर घूम रही थी। तभी मैं भी आ गया.

आंटी – (गुस्से में) रोनित सुबह मेरी छत पर क्या कर रहे हो तुम?

मैं- कुछ नहीं आंटी बॉल लेने गया था।

आंटी- तो वाहा पे बैठ के क्या देख रहा था?

मैं – (हिम्मत करते हुए) आंटी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।

आंटी हल्का से मुस्कुराई और चली गई।

अगली सुबह मैं फिर से आंटी को नहाता देख छत पर गया। तो देखा आंटी बिल्कुल ही नंगी नहा रही थी। क्योंकि इस समय उनके घर पर कोई होता नहीं है, अंकल ड्यूटी चले जाते हैं।

मैंने देखा आंटी बिल्कुल नंगी नहा रही थी, एक भी कपड़ा नहीं था शरीर पे। मेरा लंड एक दम से तन गया, मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी।

आंटी को पता था मैं ऊपर से देख रहा हूँ। आंटी अपने बूब पर सबुन लगा कर अपने बूब सहला रही थी। तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा और एक हल्की से मुस्कुरा दी।

मैं ये सब देख का पागल हुआ जा रहा था, मन कर रहा था अभी भी चोद दूं। तभी मुझे किसी के आने की आवाज सुनाई दी। मैं झट से वहां से भागा और अपने कमरे में जाके आंटी को चोदने की सोचने लगा।

पूरा दिन ऐसे ही निकल गया। अगले दिन सुबह 11 बजे थे, तभी बहुत तेज बारिश होने लगी। मैंने देखा सविता आंटी छत पे नहा रही थी। मैं भी फ़ौरन छत पे गया।

आंटी ने काले रंग की मैक्सी पहनी हुई थी, जिसकी वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी। आंटी का पूरा शरीर भीगा हुआ था, जिस वजह से उनकी मैक्सी साड़ी चिपक गई थी।

देखने से लग रहा था कि आंटी ने मैक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना है। उनकी उठी हुई गांड दूर से ही दिख रही थी, उनकी मैक्सी उनके चुत्तड़ो के बीच में फंसी हुई थी। तभी आंटी और मैं बात करने लगे।

चाची – आज तो बारिश में नहाने का मजा ही आ गया.

मैं- हां आंटी बहुत मजा आ रहा है. पर मुझे तो अब ठंड लगने लगी है।

आंटी- हां ठंड तो मुझे भी लग रही है, चाय पाओगे?

मैं खुश हो गया ये सुन कर. मैं झट से हां बोल दिया और हम दोनों नीचे चले गए।

मैं- आंटी काहा बैठू?

आंटी – कहीं भी बैठ जाओ भीग भी जाएगा कोई दिक्कत नहीं.

मैं बैठ गया.

आंटी किचन में चली गई चाय बनाने – रोनित तुम्हारी कोई जीएफ है?

मैं- नहीं आंटी कोई मिली ही नहीं आप जैसी सुंदर।

आंटी – (हैस के बोली) हट नालायक!

मैं – सच में आंटी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।

आंटी- मेरी तो अब शादी हो गई है, दो बच्चे भी हैं तो मैं तो नहीं बन सकती।

इतने में मैं धीरे-धीरे किचन में गया और हिम्मत कर के आंटी को पीछे से कस के पकड़ लिया। आंटी ने सच में मैक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना था, मेरा लंड उनकी चुत्तड़ो के बीच में सीधा हो गया। आंटी मुझे पीछे हटाने लगी.

आंटी- रोनित ये क्या कर रहे हो, गलत है ये और मैं तुमसे उमर में बड़ी हूं।

मैं- आंटी बड़ी हो तो क्या हुआ प्यार बड़ा छोटा नहीं देखता।

आंटी- रोनित किसी को पता लग गया ये सब, तो बहुत बुरा होगा।

मैं- आंटी किसी को पता नहीं लगेगा और मुझे आपकी ठंड भी बहुत ज्यादा करनी है।

इतने में मैंने अपने दोनो हाथ उनके दूध पे रख दिये और जोर से दवाने लगा। आंटी धीमी आवाज में मुझे रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी।

मैं जोर जोर से आंटी के उल्लू दावा कर रहा था और आंटी की गांड पर अपने लंड का दाग बना रहा था।

लगभाग 10 मिनट बूब दबाने के बाद आंटी मेरी तरफ मुड़ी और जोर से मेरी होठों पर अपने होठों को रख दिया। 5 मिनट तक हम हंसते रहे।

आंटी- चाय तो ले लो.

मैं- चाय किसको पीनी है मुझे तो आपका बूब पीना है।

इतने में आंटी ने मेरा मुँह अपने बूब में दबा दिया। हम किचन में ही ये सब कर रहे हैं। तभी आंटी मेरा लंड लोअर के ऊपर से ही पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी।

मैंने आंटी की मैक्सी को निकाल के फेक दिया। उफफफफफ्फ़ क्या मजा आ गया. मैंने तुरंट उनको एक बूब को हाथ से पकड़ा और दूसरे बूब मुँह में ले के पीने लगा। आंटी ताकत लेने लगी अह्ह्ह्हह दर्द हो रहा है रोनित्ल.

अब मैंने एक हाथ उनके बूब से हटाया और उनकी चूत पे रखा, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे। जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा आंटी कास के मुझसे चिपक गई और फिर से होंठ चूसने लगी।

आंटी ने मेरी टी शर्ट निकाल दी और लोअर भी निकाल दिया। अब मैं अंडर वियर में खड़ा मेरा लंड बहार आने को तड़प रहा था। आंटी ने लंड को ऊपर से ही पकड़ के हिला रही थी और किस करने जा रही थी।

तभी आंटी अचानक नीचे बैठ गयी और सीधे अपने होंथ मेरा लंड पर रख दिये और अंडरवियर के ऊपर से ही मुँह में लेने लगी।

बहार बारिश हो रही थी और हल्की रोशनी में नंगी आंटी किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। तभी आंटी ने मेरा लंड बाहर निकाला और उसको प्यार से सहने लगी और अंडरवियर भी निकल दिया।

अब हम दोनो बिलकुल नंगे थे और आंटी फार्स पे बैठ के मेरा लंड चूस रही थी। लगभाग 5 मिनट चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल गया, जिसकी आंटी पूरी हो गई।

आंटी अब खड़ी हुई और मेरे होठों को चूसने लगी। मैं एक हाथ से उनको बूब दबा रहा था, बूब बिल्कुल लाल पड़ गया था। एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और एक उंगली अंदर डाल दी।

चाची – हाआन्नन्नन्न आह्ह्ह्ह राहुल्ल्ल मेरी जान मजा आ गया.

मैं तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रहा था। आंटी उतनी ही तेजी से मेरा होंथ चूस रही थी। अब मैंने दो उंगली आंटी की चूत में डाली आंटी के मुँह से सिस्कारिया निकल रही थी।

अह्ह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह उइइइइइइइइइइइइइ माआआआ और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर कर रहा था। इतने में आंटी का पानी निकल गया आंटी जोर से मेरे होठों से कट लिया।

मैं – क्या कर रही हो आंटी इतना तेज़ क्यू काटा?

आंटी- रोनित मेरी जान तुमने उंगली से ही पानी निकाल दिया मेरा, अब मेरी चूत को अपने मुँह में लेलो। खा जाओ मेरी चूत को भोसड़ा बना दो अपनी आंटी की चूत का।

मेरा मुँह आंटी ने अपनी चूत पर रख दिया। मैंने आंटी की एक टांग ऊपर शिल्प पे रख दी और चूत चटने लगा। मैंने अपनी जिभ आंटी के चूत में डाली.

आंटी – आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह रोनित्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल् और अंदर डाल डाल्ल्ल्ल्ल मेरे राजा.

मैंने 10 मिनट तक आंटी की चूत को चाटा। इतने में आंटी एक बार और झड़ गई। आंटी ने मुझे गले लगाया सुर फिर किस करने लगी और धीरे-धीरे चूमती हुई नीचे बड़ी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया, मेरा लंड पूरा तन हुआ था।

चाची- रोनित अब नहीं रह जाता बना दे मेरी चूत का भोसड़ा.

मैं- आंटी अपनी एक टाँग तो ऊपर स्लिप पे रखो।

अब आंटी का एक जोड़ी फर्स पे दूसरा स्लिप पे था। आंटी के चूत पूरी तरह से खुल गई थी. मैंने अपना लंड आंटी की चूत पर रगड़ा और एक झटका मारा आधा लंड अंदर और आंटी आगे की ओर बढ़ गई।

आंटी – आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.

अब मैंने एक और झटका मारा और पूरा लंड अन्दर, आंटी जोर से चिकने लगी अह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।

मैं थोड़ा रुखा, अब आंटी अपने कमर को आगे पीछे करने लगी। मैंने दोनो हाथो से आंटी के बूब पकड़ लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा।

लगभाग 20 मिनट के बाद मैंने आंटी की चूत में अपना पानी चोद दिया। आंटी बहुत खुश लग रही थी। आंटी उठी और मेरा लंड मुँह में लेकर साफ करने लगी।

2 मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। अब मैंने आंटी को किचन में ही घोड़ी बना दिया और उनको बालो को पकड़ के अपने लंड उनकी चूत में डाल दिया।

आंटी- आआहहह रोनित बहुत मजा आ रहा है. चोदो मुझे आज मेरी चूत फाड़ डाल मेरे शेर।

मैं- आंटी आज तो तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना के ही मंगाऊंगा.

आंटी – आअह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह रोनित मेरे राजा मुझे रोज तुम्हारा लंड चाहिए.

मैं- हां आंटी मेरा लंड तुम्हारा ही है. लेकिन मुझे आपकी खोख से एक मेरा बच्चा चाहिए।

आंटी – ये क्या बोल रहे हो रोनित ऐसा नहीं हो सकता जरा धीरे धीरे चोदोऊऊ मेरे राजा.

मैं – हा आंटी मुझे मेरा एक बच्चा चाहिए आप से।

आंटी – इतने सालो के बाद बच्चा लोग क्या कहेंगे?

ये सुन कर मैं जोर जोर से चोद रहा था। आंटी भी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी।

मैं- लोग कुछ भी कहें मुझे तो आपसे मेरा बच्चा चाहिए।

इतने में मैंने एक बार फिर आंटी की चूत में पानी छोड़ दिया और आंटी के ऊपर लेट गया।

मैं- आंटी बच्चा करोगी ना मेरा?

आंटी घूम के मुझे चिल्ला के ज़मीन पर लेट गई और किस करने लगी।

वो बोली- हां मेरे राजा तुम्हारी खुशी के लिए तुम्हारा बच्चा पैदा करूंगी।

मैं खुशी गया और हम आधे घंटे तक ऐसे ही लेते रहे।

फिर मैंने उसी दिन आंटी की गांड भी मारी और कैसे मेरा बच्चा हुआ, उसकी कहानी अगले भाग में बताऊंगा।

दोस्तो आंटी के साथ इस चोदम चोदी में मुझे तो मजा आया था, पर आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी? मुझे ज़रूर बताना, कृपया लाइक करें और अपनी टिप्पणी लिखें।

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