October 12, 2024
पड़ोस वाली आंटी को चोदा

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक लड़के की सेक्स स्टोरी सुनाने आई हूँ जिसका नाम "पड़ोस वाली आंटी को चोदा जब उन्होंने अपने घर काम से बुलाया था"।

हेलो, दोस्तों, मैं आपकी पिया, आज फिर आपको एक लड़के की सेक्स स्टोरी सुनाने आई हूँ जिसका नाम “पड़ोस वाली आंटी को चोदा जब उन्होंने अपने घर काम से बुलाया था” है आगे की कहने उस लड़के की ज़ुबानी।

दोस्तों मेरा नाम दीपक है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मैं 22 साल का हूं और बहुत स्मार्ट भी हूं। मेरी हाइट 5 फीट 6 इंच है।

ये चुदाई की कहानी अक्टूबर 2019 की है, जब मैं 18 साल का था। हमारे पड़ोस में शहनाज़ नाम की एक आंटी रहती हैं। शहनाज़ आंटी की उम्र करीब 37 साल रही होगी।

उनका फिगर 36-34-38 का होगा। आंटी बेहद हॉट और सेक्सी लग रही थीं। उसके उठे हुए मोटे चूचे मुझे बहुत आकर्षित करते थे। सिर्फ में ही नहीं बल्कि इनके ये मदहोश चूचे… सबको देखने पर मजबूर कर देते थे।

वो जब भी हमारे घर आती थी या मुझे किसी काम से बुलाती थी तो बड़े प्यार से और मुस्कुरा कर मुझसे बात करती थी। जब वो सेक्सी मूड में होती तो इधर उधर हाथ डालकर मुझे चिढ़ाती,

मेरी gf के बारे में पूछ कर चिढ़ाती… भले ही मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी। हालांकि मुझे भी उनकी बातों में मजा आता था। मैं उनके इस तरह के सेक्सी व्यवहार का आनंद लेता था।

त्योहार के 5 दिन पहले आंटी घर की सफाई कर रही थीं। उसी समय उन्होंने मुझे ऊपर वाले कमरे में सामान उतारने के लिए बुलाया। उस वक्त उन्होंने रेड कलर का गाउन पहना हुआ था,

जिसमें उनके निप्पल्स की लाइन साफ नजर आ रही थी। मैं उसके निप्पलों को देख रहा था, और उन्होंने मुझे उनके निप्पलो को घूरते हुए देख लिया था।

थोड़ी ही देर में वो बाथरूम में चली गई और नीले रंग का सूट पहनकर आ गई, जिससे मुझे उसके बड़े-बड़े बूब्स और भी साफ दिख रहे थे।

उसे देखकर मेरा 6.5 इंच लम्बा लंड खड़ा हो गया। मेरे खड़े लंड पर उनकी नजर थी।

जिस कमरे में हम खड़े थे उसमें सामान ज्यादा होने के कारण जगह बहुत कम थी। आंटी जब कुछ लेने आती थीं तो अपनी चूची मेरे सीने से लगा कर निकल जाती थीं।

हालांकि ऐसे में खुद को बचाते हुए बाहर निकलने का रास्ता तो होता ही है, भले ही चूचे रगड़ खा रहे हो, लेकिन खुद से ऐसा शो करना मजबूरी है।

लेकिन जब भी आंटी मेरे बगल से बाहर आतीं, तो और भी जानबूझकर अपने चूचो को मेरे सीने से रगड़ने की कोशिश करतीं। इससे मुझे पता चला कि आंटी का मूड आज कुछ अलग है।

छोटी-छोटी बातों में मैंने भी आंटी के चूचो को छुआ, कभी-कभी मैंने उन्हें छुआ। आंटी भी हंस रही थीं। मैं समझ गया कि आज लाइन साफ़ है। कुछ देर तक तो काम ऐसे ही चलता रहा। (पड़ोस वाली आंटी को चोदा)

आंटी की बड़ी गांड देखकर मेरे लिंग का बुरा हाल हो गया था। मैं बार-बार अपने लंड को एडजस्ट करता था।

आंटी बोली- क्या हुआ?

मेंने कुछ नहीं कहा!

तो आंटी बोलीं- अरे बताओ भी ?

मैंने कहा- नहीं आंटी… कुछ नहीं।

आंटी नीचे झुकी और कुछ सामान उठाने लगीं तो मुझे उनकी निप्पल का काला निप्पल दिखाई दिया। फिर जैसे ही वह उठी, मैंने उसे दीवार के सहारे लगा दिया और उसके चूचो को जोर से दबाने लगा।

उसने कहा- क्या कर रहे हो?

मैंने कहा- आंटी सॉरी… प्लीज आज मुझे मत रोको।

आंटी ने मुझे धक्का दिया और कहा- मैं तुम्हारी माँ को बता दूंगी।

उसका बदला हुआ रूप देखकर मैं बहुत डर गया और वहां से भाग गया। उस दिन मैं गांड फटी में रहा कि चुदाई की कहानी तो बनी नहीं …माँ को आंटी बता ना दे नहीं तो घर में मेरी पिटाई होजायेगी।

फिर शाम तक ऐसा ही चलता रहा और रात को मैं यह सोचकर सो रहा था कि आज तो बच गया, कुछ नहीं हुआ।

सुबह आंटी ने मुझे वापस ऊपर बुलाया।

जाते ही मैंने उससे माफ़ी मांगी- आंटी मुझे कल के लिए माफ़ कर दो।

आंटी बोलीं- कोई बात नहीं।

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आंटी कल से ज्यादा सेक्सी लग रही थीं। आंटी फिर हंस पड़ीं और बोलीं- आज तुम मुझे नहीं देख रहे हो, क्या आज मैं अच्छी नहीं लग रही हूं?

मैंने उससे कहा- नहीं आंटी, आज आप बहुत मस्त लग रही हो। आप कल से ज्यादा मस्त दिख रही हो।

इस पर उन्होंने कहा- तुम्हारे अंकल को यह सब नहीं दिखता, तो यह सब किस काम का।

इस पर मैंने उनके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- मैं आपके साथ हूं ना आंटी।

मेरा सहारा मिलते ही वह रोने लगी।

मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें बहुत पसंद करता हूं।

आंटी बोलीं- आपको अच्छा लगा तो क्या हुआ… मैं खूबसूरत नहीं हूं।

फिर मैंने कहा- आंटी आप बहुत खूबसूरत हो… आप अपनी गली में नंबर वन हो।

आंटी ने मुझसे पूछा- क्या तुम्हे में सेक्सी लगती हूँ?

मैंने कहा हां आंटी बहुत।(पड़ोस वाली आंटी को चोदा)

उसने मेरे तरफ होंठ बढ़ाए तो मुझे लगा कि आज शायद आंटी पहल कर रही हैं, मेरी चुदाई की कहानी अब बनेगी। मैंने भी अपने होंठ उसकी ओर बढ़ा दिए। आंटी ने आंखें बंद कर लीं। फिर मैंने उसे दीवार से चिपका दिया और उसके होठों पर ज़ोर से चूमा।

पहले तो उन्होंने थोड़ा विरोध किया… लेकिन 2 मिनट बाद उन्होंने भी विरोध करना बंद कर दिया। अब मैं सूट के ऊपर से ही उसके निप्पलों को दबा रहा था।

मैंने उसकी कमीज उतारने की कोशिश की, लेकिन वह कसी हुई होने के कारण नहीं उतरी। आंटी के बड़े बूब्स की वजह से ये सूट काफी टाइट था।

आंटी हंस पड़ीं और बोलीं- फाड़ दोगे क्या… आराम से उतारो।

मैंने एक झटके से फाड़ा तो वह बोली- तुमने मेरा नुकसान किया है न?

फिर मैंने उसके निप्पलों को अपने मुँह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगा। उनका रंग बहुत गोरा था। मैंने सफेद चूचो को चूसकर लाल कर दिया था।

फिर मैंने धीरे-धीरे उसके पेट पर किस करना शुरू कर दिया। जब मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोलना शुरू किया तो वह बोली- कोई आ जाएगा।

तो मैंने कहा- घर में कोई नहीं है।

और मैं नीचे से तुम्हारा गेट बन्द करके आया हूं।

आंटी ने कहा – प्लीज़ ये बात किसी को मत बताना !

मैंने कहा- आंटी आपकी कसम… मेरे तक ही रहेगी।

मैंने फटाफट आंटी का नाड़ा खोला और नीचे देखा तो उनकी टांगों के बीच में गुफा में कुछ बाल थे, जो भूरे रंग के थे।

इसके बाद उन्होंने मेरे पूरे कपड़े भी उतार दिए। कुछ समय के बाद मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया और उसकी पैंटी भी उतार दी।

फिर मैं बिना कुछ सोचे-समझे बैठ गया और उसकी चूत को चाटने लगा, जिससे उसे बहुत मज़ा आ रहा था। गरमागरम आंटी जोर-जोर से सिसकने लगीं।

उसने उत्तेजित होकर मेरा सिर दबा दिया। वो मेरा सिर अपनी चूत के अंदर पूरी तरह घुसाना चाहती थी।

मेरे लगातार चूत चूसने की वजह से उसकी चूत में पानी आ गया था और वो कभी भी झाड़ सकती थी। फिर भी मैंने चूत चूसना बंद नहीं किया।(पड़ोस वाली आंटी को चोदा)

जिन लोगों ने सुहागिन औरतों की चूत चाटी है, उन्हें पता होगा कि चूत चूसने का अपना एक अलग ही मजा है।

लगातार 7 से 8 मिनट तक चूत को चूसने के बाद आंटी जोर से अकड़कर झाड़ पड़ीं। उसने खूब पानी बहाया और कुछ देर के लिए शांत हो गई।

फिर कुछ देर बाद उन्होंने मेरी पैंट खोली तो मेरा लंड मेरे चड्डी में आतंक मचा रहा था। आंटी ने मेरे लंड को मेरे चड्डी से बाहर निकाला और देखा तो उनकी आँखों में आंसू आ गए।

‘बाप रे बाप..इत्ता बड़ा..’ आंटी के मुंह से निकला।

मैं हँसा – यह तुम्हारा ही है आंटी।

उसने मुझसे कहा – ऐसा क्या करता है? तुम्हारा लंड इतना मोटा कैसे हो गया? अगर ये  मेरे अंदर गया तो मेरी पूरी चूत छील देगा। तुम्हारे अंकल का तो पतला हैं।

इतना कहते ही वो जमीन पर बैठ गई और मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी।

दोस्तों यकीन मानिए… वो मेरा पहला अनुभव था। मुश्किल से 2 मिनट में मैं आंटी के चेहरे पर झाड़ दिया।

उसने ‘शिट..’ की आवाज करते हुए मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल लिया और जल्दी से उसे एक कपड़े से साफ करने लगी।

मुझे अपने आप पर बहुत शर्म आ रही थी और जब वो मेरी तरफ आई तो मैं उससे आँख नहीं मिला सका।

उसने मुझसे कहा, परेशान मत हो, तुम्हारा हथियार मजबूत है, लेकिन यह पहली बार था, इसलिए तुम जल्दी झाड़ गए। असली मजा तो अब आएगा।(पड़ोस वाली आंटी को चोदा)

फिर मैं फिर से आंटी की चूत चाटने लगा। मुझे आंटी की चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

आंटी ने मुझसे कहा- बेटा अब और मत सताओ.. जल्दी से इसकी सारी गर्मी मेरे अंदर डालकर दूर कर दो।

फिर उसने खुद अपने हाथ से मेरे लंड को अपनी चूत के मुहाने पर सेट किया और मुझे अंदर घुसाने को कहा।

मैं उस पल के अहसास को कभी नहीं भूलना चाहता, जब मैंने धीरे-धीरे अपना लंड आंटी की चूत की गहराई में उतारा; जैसे मैंने लंड को चूत में नहीं, गरम भट्टी में फेंका हो।

जैसे ही मैंने लंड को अंदर डाला तो आंटी के मुंह से एक मीठी आह निकली, जिसमें एक सुकून देने वाला दर्द था।

मैंने फिर धीरे-धीरे अपने झटकों की स्पीड बढ़ाई तो आंटी की चीखें अब कामुक सिसकियों में बदल चुकी थीं। अब वो भी अपनी गांड हिला कर मेरा साथ दे रही थी।

कोई 5 मिनट के जोर-जोर से सेक्स करने के बाद वह एक जोर की आह के साथ नीचे गिर गई, लेकिन मैंने अपनी रफ्तार बरकरार रखी.. जिससे उसकी चूत के पानी से फच फच की मधुर आवाज हमारी चुदाई की खूबसूरती में चार चांद लगा रही थी।

15 मिनट तक लगातार चोदने के बाद मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूं तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी और पूरी रफ्तार से उसकी चूत में झाड़ दिया। मैंने भी अपनी आखिरी बूंद आंटी की चूत में झाड़ दी।

जब मैंने उसके पास से हटाया तो देखा कि उसकी चूत से मेरे लंड का पानी टपक रहा था।

आंटी बोलीं- अभी तुम्हें बहुत कुछ सिखाना है।

फिर हम दोनों लेट गए। आधा घंटा आराम किया।

लेकिन मैं संतुष्ट नहीं था तो मैंने आंटी को टेबल पर झुक जाने को कहा। मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला और फिर उसे चोदने लगा। करीब 10 मिनट तक मैं उसे ऐसे ही चोदता रहा।

फिर मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रखा और जोर का धक्का दिया।

इससे मेरा 4 इंच का लंड अंदर चला गया और आंटी जोर-जोर से रोने लगीं। ज्यादा दर्द के कारण वह मुझसे दूर जाने लगी, लेकिन मैं अपना दबाव उस पर बनाए रखा और उसके निप्पलों को दबाता रहा।

कुछ पलों के बाद मैंने फिर जोर से धक्का दिया। इस बार मेरा पूरा लंड उसकी गांड में चला गया। एक बार फिर चुदाई शुरू हो गई। आंटी को भी गांड में लंड लेकर आराम मिलने लगा तो उन्हें भी मजा आने लगा।

करीब 15 मिनट तक मैं जोर-जोर से चोदता रहा और आंटी भी खूब एन्जॉय करने लगीं। मैं उनकी मस्ती भरी आवाजों में खो गया था और आंटी की आवाजे मजा दे रही है।(पड़ोस वाली आंटी को चोदा)

आंटी- उम्म्ह… आह… हाय… ओह… आह मां मर गई… आह।

सेक्सी आंटी की ऐसी सुरीली आवाजें निकल रही थीं। मैं भी उसकी मोटी गांड पर थप्पड़ मार रहा था, जो उसे और भी गर्म कर रहा था।

इस बीच, उसने पानी का एक बार और छोड़ दिया था। मैं भी कुछ ही देर में झड़ने वाला था। दस धक्के के बाद मैंने सारा वीर्य उसकी गांड में छोड़ दिया।

हम दोनों वहीं टेबल पर लेट गए और किस करने लगे। दस मिनट बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और मैं अपने घर आ गया।

अगले 2 महीने तक मैंने उसकी चूत और गांड पर कई बार हाथ मारा। इसके बाद उन्होंने घर मुंबई शिफ्ट कर लिया था। अब मैं उससे कभी-कभार ही फोन पर बात करता हूं।

इस समय मुझे चूत और गांड की बहुत प्यास लगी है। भाईयों मेरा कहना है कि लड़की पटाने से अच्छा है आंटी या भाभी को इम्प्रेस करना, दोनों के ही छेद बहुत मज़ा देते हैं।

यदि आप ऐसी और कहानियाँ पढ़ना चाहते हैं तो आप “Readxstories.com” पर पढ़ सकते हैं।

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