हेलो सेक्स के पुजारिओं हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi Sex Stories) की दुनिया में आप सभी का स्वागत है, मैं साक्षी आपके लिए एक सेक्सी नौकरानी के साथ चुदाई की कहानी लेकर आई हूँ, इस हिंदी सेक्स कहानी का शीर्षक है नौकरानी के साथ चुदाई (Naukrani Ke Sath Chudai) की कहानी है। इस कहानी में मुख्या पात्र उमेश जी है जिन्होंने ये स्टोरी (xxx Kahani) लिखी है।
तो चलिए हिंदी चुदाई की कहानी (Hindi Chudai Ki Kahani) शुरू करते है……
हेलो दोस्तों, मेरा नाम उमेश है, और मैं द्वारका, दिल्ली से हूं। मेरी उम्र 26 साल है, और मेरी अपनी कपड़ो की दुकान है।
मेरी शादी पिछले साल हुई है, और मेरा ससुराल भी द्वारका में ही है। हाइट मेरी 5’8″ है और लंड मेरा 7 इंच का है।
ये बात कुछ महीने पहले की है। मेरी सास अचानक से बीमार पड़ गई थी, जिसकी वजह से मेरी बीवी उनका ध्यान रखने के लिए अपने घर (मायके) चली गई।
मेरा ससुराल मेरे घर के पास ही था, और मैं वहां नियमित आता जाता था अपनी सास का हाल-चाल पूछने के लिए।
मेरे ससुराल वालो ने काम करने के लिए एक औरत रखी हुई थी। वो कोई 30-32 साल की थी, वो सुबह आ जाती थी, और शाम को सारा काम करके चली जाती थी।
उसका नाम सुधा था, मैंने उसको पहली बार तब देखा, जब वो फर्श पर बैठ कर पोछा लगा रही थी।
जिस दिन से मैंने उसको देखा, मैं तो उसका दीवाना हो गया। हुआ कुछ ऐसा था कि मैं सुबह-सुबह अपने ससुराल गया अपनी बीवी से मिलने के लिए।
जब मैं वहां पहुंचूं तो उनके घर का दरवाजा खुला था। मैं अभी अंदर घुसा ही था, कि मेरी नज़र सुधा पर पड़ी।
वो नीचे बैठ कर पोछा लगा रही थी। और उसके बदन का नजारा क्या कमाल का था। उसका शरीर भारी था, लेकिन जो भी था बवाल था।
उसने लेगिंग्स और सूट पहन रखी थी। उसके चूचे कम से कम 34″ के थे, कमर 30″ की, और गांड 36″ की होगी। वो कुछ इस तरह की लग रही थी:-
अब तो आप समझ ही गए होंगे कि कितनी सेक्सी थी वो। मैं तो बस गेट पर ही खड़ा रह गया, और उसके सूट से बाहर आते हुए चूचे देखने लग गया।
तभी उसने मुझे उसके चुचो को निहारते हुए देख लिया। वो मुस्कुराने लग गई, और अपना काम करने लगी।
उसकी मुस्कान देख कर मैं समझ गया कि वो चालू टाइप थी। उस दिन से मैं जब भी उसको देखता, तो मेरी नज़र उस पर ही टिक जाती।
वो भी मुझे नोटिस कर रही थी। बीच-बीच में वो जान-बूझ कर भी मेरे सामने झुक कर मुझे अपनी गांड दिखा देती थी।
फिर सबकी नजरों से बचते हुए मैंने उसको किस का इशारा किया। वो भी मुस्कुराई, और मुझे वापस से फ्लाइंग किस का इशारा किया। मैं समझ गया कि काम सेट हो गया है।
मेरे ससुराल वालो का घर दो मंजिल का था। सब नीचे वाले कमरों में सोते थे।
ऊपर वाला कमरा मेहमानों के लिए था, और ऊपर लोग कम ही जाते थे। एक दिन नीचे का काम ख़त्म करके सुधा ऊपर सफाई करने जाती थी।
मैंने फिर जैसे ही उसको ऊपर जाते देखा, तो मैंने फोन अपने कान पर लगा लिया। मैंने घर वालो को ये शो किया, कि मुझे आवाज़ नहीं आ रही थी, और इसकी वजह नेटवर्क था।
फिर मैं बात करने का ड्रामा करता हुआ छत पर चला गया।
ऊपर जाके देखा, तो सुधा कमरे में फर्नीचर को साफ कर रही थी। वो झुक कर टेबल पर कपड़ा मार रही थी।
मैंने पीछे से जाके ही उसको पकड़ लिया। मेरे ऐसे पकड़ने से वो डर गई, और उसके मुँह से आह निकल गई।
अब मैं पीछे से उसके साथ चिपका हुआ था। मेरा लंड उसकी मुलायम गांड पर टच हो रहा था, और मेरे हाथ उसकी कमर में थे।
फिर मैं अपना हाथ ऊपर ले गया, और उसके चूचों पर रख कर उसे चूचे दबा दिए। उसकी सांस तेज़ होने लग गई।
उसने मुझे एक बार भी छोड़ने के लिए नहीं कहा। मैं ऐसे ही उसके मोटे चूचों (Big Boobs) को दबाता रहा, और उसकी सांसे तेज़ हो गई।
फिर मैंने उसको अपनी तरफ घुमाया, और अपनी बाहों में लेके अपने होठों से मिला कर किस करने लगा।
वाह! क्या मजा आ रहा था उसके रसीले होठों को चूसने में। मेरे होठ उसके होठों का मजा ले रहे थे।
उसके चूचे मेरी छाती के साथ दब रहे थे, और मेरा लंड उसकी कोमल और मोटी जाँघों को महसूस कर रहा था।
मुझे तो जन्नत जैसा मजा आ रहा था। तभी मुझे नीचे से मेरी बीवी ने आवाज दी। हम दोनो डर कर अलग हो गये।
फिर मैंने जल्दी से उसको अपना नंबर दिया, और कॉल करने को बोल कर मैं नीचे आ गया।
फिर मैंने नाश्ता किया, और अपनी दुकान पर चला गया। कुछ घंटे तक मैं उसकी कॉल का इंतजार करता रहा, लेकिन उसकी कॉल नहीं आई।
फिर लंच के बाद एक अनजान नंबर से मुझे कॉल आई, मैंने उठाया तो उधर से आवाज आई। वो बोली-
सुधा: हेलो।
मैं: हांजी नमस्ते।
सुधा: जमाई जी मैं सुधा बोल रही हूं।
मैं: हा सुधा हो गई फ्री?
सुधा: जी।
मैं: मेरी दुकान पर आ जाओ, जो अधूरा रह गया है उसको पूरा कर लेते हैं।
सुधा: ठीक है जी, मैं थोड़ी देर में आती हूं।
फिर थोड़ी देर के बाद वो मेरी दुकान पर आ गई। उसने कपड़े बदल लिए थे। अब उसने नीला सूट और काली लेगिंग डाली हुई थी।
माँ कसम पूरी कयामत लग रही थी साली। मैंने उसको अंदर बुलाया, और दुकान का शटर नीचे करके अंदर से बंद कर लिया।
फिर मैं उसको दुकान के अंदर बने कमरे में ले गया। अंदर जाते ही मैंने उसको अपनी बाहों में ले लिया।
हम दोनों ने एक-दूसरे को किस करना शुरू कर दिए। हम पागलों की तरह एक-दूसरे के होंठ चूम रहे थे।
फिर मैं अपने हाथ उसकी गांड पर लेके गया, और अब मैं चुसने के साथ उसकी गांड दबाने लग गया।
दोस्तों उसकी मोटी गांड (Moti Gand) का तो एक अलग ही अहसास था। फिर मैंने ऐसे ही किस करते हुए उसकी लेगिंग नीचे कर दी।
अब उसकी लेगिंग उसके घुटनों पर थी, और मेरे हाथ पैंटी के ऊपर से उसकी मोटी गांड मसल रहे थे, और मेरे होंठ उसके होंठों का मजा ले रहे थे।
फिर मैं एक हाथ आगे लेके आया, और पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को टच किया। उसकी पैंटी चूत के पानी से गीली हुई पड़ी थी।
मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू किया, जिससे उसकी चूत और वाइल्ड हो गई। फिर मैंने उसकी गर्दन पर चूमना शुरू किया, और उसकी शर्ट को कंधों से खींच कर गर्दन को मजे से चाटा।
उसके बाद मैंने उसका सूट उतार दिया। अब वो सेक्सी कामवाली औरत मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी।
फिर मैंने उसको कहा: तू तो बड़ी सेक्सी है रे। तेरे पति के तो मजे ही मजे है।
सुधा: उसको दारू पीने से फुर्सत मिले, तो वो मुझे देखे ना। मैं तो कब से प्यासी हूं, मेरी प्यास बुझा दो जमाई जी।
फिर मैंने उसको बिस्तर पर धक्का दे दिया, और अपने कपड़े उतारने लग गया। अपने सारे कपड़े उतार कर मैं उसके सामने नंगा हो गया।
अब मेरा मोटा तगड़ा लंड उसकी तरफ इशारा कर रहा था, और वो बिस्तर पर मचल रही थी।
फिर मैंने उसको नीचे से चूमना शुरू किया, और उसकी जाँघें चाटने लग गया। मैंने उसकी पैंटी उतारी, और उसकी चूत में अपना मुँह लगा कर उसकी चूत को चूसने और चाटने लग गया।
क्या बताउ दोस्तों क्या मजा आ रहा था। मैंने उसकी टांगे पूरी खोल दी, और उसकी चूत के मास के हर टुकड़े को दांतो से खीच-खींच कर चूस रहा था।
वो मदहोश होके तड़प रही थी, और उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी।
फिर मैं ऊपर गया, और उसकी नाभि चुसने लग गया। मैंने उसकी ब्रा में हाथ डाला, और ब्रा फाड़ कर फेंक दी।
अब उसके मोटे-मोटे रस से भरे चुके मेरे सामने थे। मैं उसके चूचों पर टूट पड़ा, और पागलों की तरह उनको चुसने लग गया।
वो मुझे अपने आगोश में लेके मुझे अपने चूचों का रस पिला रही थी। मेरा लंड नीचे से उसकी गीली चूत के साथ रगड़ खा रहा था।
फिर मैंने चूचे चुसते हुए अपने हाथ से लंड पकड़ा, और उसकी चूत पर सेट किया। उसने भी अपनी टांगे खोल कर मेरे लंड का स्वागत किया।
लंड जैसा ही चूत के मुँह पर टीका, तो मैंने एक ज़ोर का धक्का मारा, और लंड उसकी चूत में घुस गया।
लंड घुसते ही उसने गांड हिलानी शुरू कर दी, और मैंने भी फुल स्पीड पर धक्के लगाने शुरू किये। हमारी चुदाई की कहानी शुरू होते ही फुल स्पीड पर चल पड़ी।
चप-चप और फट्ट-फट की आवाज आने लगी, और हम दोनों पागलों की तरह एक-दूसरे के होठ चुसने लग गए।
सुधा ने अपनी टांगे मेरी कमर पर लपेट लिया, और मुझे अपनी तरफ खींच रही थी। मैंने भी कोई कमी नहीं रखी, और पूरे ज़ोर शोर से उसकी चूत की चुदाई (Chut Ki Chudai) करने लगा।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था, 20 मिनट तक लगतार मैं उसकी बुर की चुदाई करता रहा। इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी।
फिर जब मेरा निकलने वाला हुआ, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया। उसने झट से मेरा लंड अपने मुँह में डाल लिया, और मैं उसके मुँह में धक्के देने लगा।
कुछ ही धक्कों के बाद मैंने अपने लंड का पानी उसके मुँह में निकाल दिया। वो मेरा सारा पानी पी गई।
उस दिन के बाद से जब भी मेरा दिल करता है, मैं उसको दुकान पर बुला कर चोद लेता हूँ।
दोस्तों मेरी नौकरानी की चुदाई की कहानी (Naukrani Ki Chudai Ki Kahani) का मजा आया हो तो कमेंट करके जरूर बताना।