हेलो दोस्तों मेरा नाम “नदीम” है और ये मेरी पहली और सच्ची हिंदी गे कहानी है। ये कहानी मेरी लाइफ की है और मैं कैसे गांडू बना हूँ। इस कहानी का शीर्षक मेरी गांडू बनने की कहानी और गांड में पहले लंड का अहसास।
सबसे पहले मैं अपने बारे में बताता हूं मेरी उम्र 20 साल है ऊंचाई 5.8 है फिगर 34 30 34 है। जी हां मेरी गांड काफी गोल और मस्त है।
तो मैं अब अपनी हिंदी गे सेक्स कहानी पर आता हूं ये बात तब की है जब मैं 18 साल का था इम्तिहान के बाद मैं 12वीं कक्षा में गया। तभी कक्षा में एक नए लड़के “सिराज” का प्रवेश हुआ।
वो काफी हैंडसम और वो गोलमोलू सा था। मेरा मतलब है कि वह थोड़ा स्वस्थ था और मुझसे 2 साल बड़ा भी था।
हमारी झट से एक दूसरे से दोस्ती हो गई। वो मुझे अक्सर सेक्स के बारे में बताता था।
मुझे उस उम्र में सेक्स का कुछ पता नहीं था, इस लिए मैं उससे ज्यादा बातें करता था। वो भी मुझसे क्लोज़ हो रहा था कहीं बार मेरी गांड को हाथ लगता।
मेरी गांडू बनने की कहानी: Hindi Gay Sex Kahani
मुझे ये सब पहले अजीब लगा पर बाद में मुझे अच्छा लगा। एक दिन उसने मेरी गांड में उंगली कर दी पहले तो मैं उसे काफी गुस्सा हुआ।
क्योंकि उसने ये हरकत मेरे एक और दोस्त के सामने की थी फिर उसने मुझसे कहा-
सिराज- तू तो मेरी जान है अब अपनी गांड में उंगली भी नहीं करने देगा?
मैं – हां नहीं करने दूंगा सब के सामने कोई ऐसा करता है!
सिराज – ओह अच्छा मतलब अकेले मैं तेरे साथ कुछ करु तो तैयार है ना?
मैं – हां तैयार हूं पर क्या करोगे तुम?
सिराज- तेरे साथ सेक्स करुगा, तुझे मजा दूंगा।
मैं – ठीक है तुम जो कहोगे पर सबके सामने ऐसी हरकत मत करना ठीक है?
सिराज- ठीक है जान नहीं करुंगा।
हम दोनों ने फैसला तो कर लिया के सब के सामने कुछ नहीं करेंगे लेकिन अकेले में मोका ही नहीं मिलता था ना। उसके घर पर कोई अतिरिक्त कमरा ना था। हम काफी मायुस हो गए थे। (मेरी गांडू बनने की कहानी)
इसी तरह दिन गुजर रहे थे के लोडशेडिंग(लाइट जाना) शुरू हो गई हमारे स्कूल में। एक घंटा तो जरूर लाइट जाती थी, स्कूल में जनरेटर नहीं था तो एक घंटा इंतजार करना पड़ता था।
इस दौरान सिराज मेरी गांड पे हाथ फेरने लगा। मैंने उसे मना किया के कोई देख लेगा। उसने कहा अँधेरे में कौन देखेगा। मैंने फिर कुछ नहीं कहा सोचा बात तो सही है।
फिर ये सब रोज़ाना का काम हो गया, वो रोज़ मेरी गांड पे हाथ फेरता, मेरे छेद पे भी उंगली फेरता पैंट के ऊपर से। मुझे बहुत मजा आता जब वो मुझे हाथ लगता।
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एक दिन उसने अपना लंड ज़िप खोल के बाहर निकाल दिया। मैं डर गया, मैंने कहा कोई देख लेगा, टीचर आ गए तो बहुत मार पड़ेगी।
पर उसने कहा लाइट नहीं है और हम क्लास के आखिरी डेस्क पर बैठे हैं।, ज्यादा शोर बच्चे करेंगे तभी टीचर आएगी ऐसी नहीं आएगी।
मैं फिर मान गया, उसने फिर अपना लंड मुझे पकड़वाया, उसका लंड बहुत गर्म था। और जब मैंने हाथ में पकड़ा तो काफ़ी मोटा भी लग रहा था। लाइट नहीं थी वरना देखने का तो बहुत दिल कर रहा था।
फिर उसने मुझे कहा के लंड को अपने हाथ से हिलाओ। मैंने हिलाना शुरू किया तब मुझे नहीं पता था कि इससे पेशाब के अलावा कम भी निकलता है। मैं हिलाता रहा वो मेरी गांड पे हाथ फेरता रहा। (मेरी गांडू बनने की कहानी)
अब उसने मेरी पेंट का बटन खोल के अंदर हाथ मारना शुरू कर दिया। उफ्फ्फ मुझे और भी मजा आने लगा। मैं भी मजे में उसके लंड को और ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगा।
तभी उसके लंड का पानी निकल आया, तो मैंने कहा ये किया तुमने तो मेरे हाथ पर पेशाब कर दिया।
तब उसने मुझे बताया के जब लंड से सेक्स करो और ज़ोर ज़ोर से हिलाओ तो इससे सफ़ाई मलाई निकलती है, तो चाट ले मज़ा आएगा।
मैंने मना किया पर फिर से उसने इस तरह बोला तो मैंने चाटा, अजीब सा स्वाद लगा मुझे।
इस तरह हमारे दिन निकलते लगे, वो रोज़ मेरी गांड के मज़े लेता और मुझे अपने लंड की मलाई खिलाता।
फिर परीक्षा करीब आ गई, समस्या ये थी के हमारा स्कूल प्राइमरी तक ही था।
12वीं के बाद दूसरा स्कूल, फिर पता नहीं हम दोनों कुछ कर पाते या नहीं। इसलिए हमने तय किया कि परीक्षा के आखिरी दिन स्कूल में ही रुकेंगे। फिर देखेंगे किया होगा।
बस आहिस्ता आहिस्ता सारा पेपर ख़त्म हो गया, आख़िरी पेपर भी हो गया। हम दोनों बैठे रहे दरअसल परीक्षा के दौरान।
हमारा स्कूल सिर्फ 12 बजे तक ही होता था, फिर दोपहर 3 बजे ट्यूशन शुरू होता था। हमने इसी मोके का फायदा उठाया और फिर जब 12:30 बजे तक सब चले गए।
तो सिराज मुझे ले कर लास्ट रो की क्लास में चला आया। क्योंकि वहां अक्सर कोई नहीं आता था और अगर आता भी तो उसके कदम की आवाज आ जाती है। (मेरी गांडू बनने की कहानी)
फिर सिराज को मोका मिल गया उसने मुझे टच करना शुरू कर दिया।
मुझे होठों पे किस किया म्म्म्म्म्म्म्म पहली बार मुझे कोई किस कर रहा था। ऐसा मजा चढ़ रहा पूरे जिस्म में के किया बताउ।
फिर उसने अपने एक हाथ से मेरी पैंट का बटन खोल दिया मेरी पैंट सीधी नीचे खिसक गई। मैं अंडरवियर तो पहनता नहीं था, उसने जब मेरी गांड देखी तो कहा की-
सिराज – इन दो तरबूज़ों को कहा छुपा रखा था यार तूने, इन्हें चोदने में बहुत मज़ा आएगा।
मैं – थे तो यहां तुमने कभी देखा ही नहीं, अब कुछ भी करो मजा दो।
सिराज- मजा भी दूंगा पहले मेरा लॉली पॉप तो चाट।
मैं – हाय यार, तो निकल ना मैं भी तो आज तेरा लॉलीपॉप देखु, रोज़ तो लाइट की वजह से नहीं दिखता।
फिर उसने अपनी पेंट उतारी और जब मैंने उसका लंड देखा तो मेरी तो आंखें ही खुली रह गईं। इतना गोल और मोटा लंड, मेरा तो औसत था. (मेरी गांडू बनने की कहानी)
मुझे लगा ऐसा ही होगा। लेकिन इतना मोटा ताज़ा उसका लंड मैं इसे कैसे मुँह में लूँगा, कैसे चाटूँगा।
मैं यही सोचने लगा पर दिल भी बहुत कर रहा था। इस लिए मैंने जैसे तैसे हिम्मत जुटायी और अपने घुटनो पे आ गया।
और उसके मोटे फौलाद को अपने मुँह में ले लिया। सेक्सी मूवी तो कंप्यूटर पर एक दो बार देखी थी तो पता था के क्या करना है।
तो जैसे ही मैंने इसे मुँह में लिया, इतना गरम और अच्छा था और बड़ा था के मुँह में पूरा आ ही नहीं रहा था।
फिर भी मैं थूक लगा के उसे मुँह में लेता रहा। और फिर चाटने लगा आइसक्रीम की तरह, पहले पहले बहुत अजीब लगा फिर मजा आने लगा।
उसके लंड को अपने ज़बान से चाटा, उसकी गेंदों को भी चूसो मम्मम। अब मैं बस उसका लंड चूसने लगा था। आहिस्ता-आहिस्ता मुँह में भी ले रहा था बहुत ज़ोर ज़ोर से चाट रहा था।
सिराज से भी फिर रहा नहीं गया वो भी मेरे सर को पाकर अपना लंड मेरे मुँह के अंदर बाहर करने लगा।
मैं ये सब पहली बार अनुभव कर रहा था। उसका लंड अब मेरे पूरे मुँह को चोद रहा था। तक़लीफ़ भी हो रही थी पर मज़ा भी आ रहा था।
ऐसा करते करते वो मेरे मुँह में ही झाड़ गया और उसकी पूरी मलाई मेरे मुँह में आ गिरी।
और मैं वो पूरी मलाई मजे ले कर खा गया और उसके लंड से भी मलाई साफ करने लगा। जैसी ही मैं मलाई चाट के फ्री हुआ, उसने मुझे खींचा और किस करना शुरू कर दिया।
मम्म बस फिर वो मुझे चूमता रहा अब मेरे पुरे जिस्म पर उसका पीछा लग रहा है।
वो हर एक जगह छू रहा था और मैं तो बस मजे में खो रहा था। फिर वो मेरे लंड से खेलने लगा, मेरे लंड को हिलाता और मुझे किस करता रहा। (मेरी गांडू बनने की कहानी)
मैं इतना मजा पहली बार महसूस कर रहा था। इतने सारे मजे में अचानक ही मैं भी झाड़ हो गया। उफ्फ्फ मुझे पता था के सेक्स करते वक्त बहुत मजा आता है पर इतना मजा आएगा, ये मुझे नहीं पता था।
मैं लेटा हुआ ही था और तब तक उसका लंड भी खड़ा हो चुका था। उसने फिर मुझे इशारा किया के घूम जाउ।
मैं घूम तो गया पर मुझे पता था कि पहली बार में बहुत दर्द होता है। पर फिर भी मैंने हिम्मत बनाई और उल्टा हो गया।
हम दोनों ने पहले कभी सेक्स नहीं किया था, इस लिए पता नहीं था पहले क्या करना चाहिए।
उसने सीधे ही अपना लंड मेरे छेद पर रखा और धक्का मारने लगा। मुझे दर्द होने लगा, उसने काफी कोशिश की पर लंड अंदर नहीं गया।
मुझे भी तकलीफ हो रही थी और अब ज्यादा समय भी नहीं था। क्योंकि 1 बजने वाले थे फिर हम दोनों ने हिम्मत हारी और रुक गए।
सिराज का लंड अभी तक खड़ा था उसने मुझे कहा के इसका तो कुछ कर दे यार। मैं मुस्कुराया और उसके लंड को फिर चटाना शुरू किया।
अब तो मैं लंड चाटने का एक्सपर्ट बन चुका था। मम्म्म बस फिर किया मैंने पूरे मुँह में उसके लंड को घुमाने लगा। सिराज का भी मजे से बुरा हाल था और कहने लगा-
सिराज- आह्ह यार नदीम तू कमाल का है मेरी रंडी बन जा तू क्या चाटता है तू।
मैं – मम्मम तेरा लंड बहुत कमाल का है यार इसने तो मुझे तेरी रंडी बना दिया है।
सिराज – आज तो मोका नहीं मिला पर तेरी गांड का छेद मैं ही खोलूंगा देख लेना।
मैं – तू ही खोलना मेरे जान अब तू ही तो मेरा चोदो है और मेरी तेरी रंडी। (मेरी गांडू बनने की कहानी)
सिराज बस अब मलाई छोड़ने ही वाला था, तो उसने मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया। फिर उसका लंड मेरे मुँह के हर हिस्से को लग रहा था।
बस इसी तरह मेरे मुँह को चोदते चोदते वो फ़ारिग हो गया। और मुझे फिर से इनाम में उसकी मलाई खाने का मोका मिला।
उसके बाद हम जल्दी से उठे और कपड़े पहन कर स्कूल से जल्दी से निकल गये।
दोस्तों मेरी पहली गे कहानी आप लोगो को कैसी लगी मुझे कमेंट में जरूर बताए। धन्यवाद।