October 12, 2024
मेरी गांड मारके गंडवा बनाया

मेरी जिंदगी की पहली चुदाई मेरे दोस्त के पापा ने की थी। और मेरी गांड मारके गंडवा बनाया उस चुदाई के बाद मैं गांड मरवाने का शौकीन बन गया। मेरा नाम है साहिल और मैं 19 साल का हूं। ये हिंदी गे सेक्स कहानी आज से कुछ साल पहले की है।

मैं एक मोटा सा लड़का था मेरी गांड निकली हुई थी। मेरी गोल मटोल गांड थी और अक्सर टाइट कपरे पहनता था तो गांड का आकार बिल्कुल साफ नजर आता था। मेरा 6 इंच का लंड था और एक दिन में 2-3 बार मुठ मारता था।

उस समय पोर्न नहीं देखा था बस मेरे पास एक मैगजीन होती थी वो देख के मुठ मारता था। अब कहानी की तरफ़ आता हूँ।

मेरा एक दोस्त था उसके पापा हमेशा देश से बाहर रहते थे। मेरी कभी उसके पापा से मुलाकात नहीं हुई थी। हुआ कुछ यूं कि मेरे दोस्त की बर्थडे पार्टी थी। मैं और बाकी दोस्त उसकी पार्टी में गए थे और मैं बिल्कुल टाइट से कपड़े पहनकर गया था जिसमें मेरी गांड उभर के दिख रही थी।

अब हम उसके घर पहुंचे तो तब मेरी मुलाकात उसके पापा से हुई। 6 फीट का आदमी, सफैद मुछे थी और पेट निकला हुआ था। चेस्ट के बाल शर्ट से बहार आ रहे थे।

मुझे तो देखते ही डर लग रहा था ये कौन है। फिर उन्होंने बताया के उनका नाम मिन्टू है और वो मेरे दोस्त के पापा हैं। इतने सालों की दोस्ती में मेरी पहली मुलाकात हुई थी उनके साथ।

अब हमने दोस्त का जन्मदिन मनाया और आनंद उठाया। मेरे बाकी दोस्त अंदर कमरे में फिल्म देख रहे थे। मुझे घर से कॉल आई तो बगीचे में बैठ के बात करने लगा। बात करने के बाद में वहीं थोरी देर बैठा तो देखा अंकल मिन्टू मेरे पास आए।

अंकल मिन्टू ने मुझसे बात करना शुरू कर दी और वेगेरा की बातें कर रहे थे। हमने 15 मिनट की बात की फिर से गेस्ट रूम में जाने लगा। हमने फिल्म देखी और फिर वहीं दोस्त के घर ही सो गए।

सुबह को मैंने अपने बैग को खोला तो अंदर कुछ पैसे थे। पैसे के साथ एक लेटर था जिसपे लिखा था “तुम मुझे अच्छे लगे ये तुम्हारे लिए मिन्टू की ओर से उपहार” और मिन्टू अंकल ने अपना नंबर भी लिखा हुआ था और मुझे घर जाकर मैसेज करने को बोला।

मैंने ये बात किसी को ना बताई मुझे लगा बाकी दोस्तों को शायद बुरा ना लगे के अंकल सिर्फ मुझे पैसे दिए और बाकी लोगों को नहीं। मैं घर आया और अंकल को मैसेज कर उनके नंबर पर धन्यवाद लिखा।

फिर अंकल ने मैसेज किया-मिन्टू: मेरा पास की गली में एक फ्लैट है वहां हम मिल सकते हैं वो खाली होता है।

मैं: अंकल मुझे कुछ समझ नहीं आया… आपको मिलना है तो मैं घर में आ जाता हूं।

मिन्टू: बेटा एक चीज़ पूछूं?

मैं: हां?

मिन्टू: क्या तुम समलैंगिक हो?

मैं: समलैंगिक? ये क्या होता है?

मिन्टू: ओह सॉरी सॉरी मुझसे गलती हो गई मुझे लगा तुम गे हो इसलिए मैंने तुम्हें अपना नंबर दिया… प्लीज इस बात को भूल जाओ और मेरी फैमिली को ना बताना।

अब कुछ महीने गुज़र गए और मैं भी ये बात भूल गया था। अंकल भी वापस चले गए देश से बाहर। उन दिनों मेरे घर वालों ने मुझे स्मार्टफोन लेके दिया। मेरे पिछले फोन में तो सिर्फ कॉल और मैसेज ही होते थे। अब जब नया फोन मिला तो इंटरनेट के लिए जरूरी मुझे पोर्न देखने का मौका मिला।

एक दिन में पोर्न देख रहा था वहां मेरी नज़र परी तो श्रेणियों में समलैंगिक लिखा था। और मेरे दिमाग में अंकल मिन्टू वाला पूरा सीन वापस आया। मैंने गे पोर्न क्लिक किया तो मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं।

पहली बार 2 मर्दों को गांड मरवाते देख रहा था। मुझे पहले तो अजीब लगा. लेकिन फिर वो अंकल वाली बात और खाली फ्लैट वाली बात सोचने लगा।

दिमाग में अजीब अजीब सवाल अराहे थे. आहिस्ता आहिस्ता कुछ दिनों तक मैंने गे पोर्न देखना शुरू कर दिया। मैं अंकल से पूछना चाहता था के वो मेरे साथ सेक्स करना चाहते हैं। लेकिन मुझे ये पता था कि अगर वो हां बोलेगा तो क्या मुझे ये करना होगा।

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पहले तो मैंने सोचा ये कभी नहीं करूंगा लेकिन आहिस्ता-आहिस्ता पॉर्न देखते-देखते मेरे अंदर भी ख्यालात आने लगे के अगर मेरी गांड कोई मारे को कैसा फील होगा।

एक दिन हिम्मत करके मैंने व्हाट्सएप पे अंकल को मैसेज किया। अंकल और मैंने थोरी डेर चैटिंग की।

मैं: अंकल आप कब आओगे?

मिन्टू: बेटा अगले महीने आऊंगा…क्यों? कुछ चाहिए तो लेके आउ?

मैं: नहीं नहीं अंकल धन्यवाद… बस इस लिए पूछ रहा था कि आपका फ्लैट खाली है तो मिलेंगे हम।

मिन्टू: ओह.. अच्छा… मुझे लगा तुम वो नहीं करना चाहते।

मैं: असल में अंकल मुझे यकीन नहीं है लेकिन मैं इसे आज़माना चाहता हूं।

मिन्टू: चलो, मैं तुम्हें पहले पाकर बहुत खुश हूँ। हमने उसके बाद काफी बातें की। अंकल मुझसे मेरी पसंदीदा समलैंगिक अश्लील वीडियो मांगते थे और मुझे समझाते थे। आहिस्ता आहिस्ता सेक्स तक बात हो गई।

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फिर हमने एक दूसरे को न्यूड तस्वीरें भेजना शुरू कर दी। उफ्फ अंकल का लंड 8.5 इंच का था, फिर हम वीडियो चैटिंग करने लग गए और वीडियो कॉल पर मस्त हो जाते।

ऐसा एक महीना गुज़र गया और अंकल के वापस आने का टाइम आ गया। अंकल ने मुझे बता दिया था वो किस दिन आने वाले हैं। जब वो एयरपोर्ट पूछा तो वहां से टैक्सी लेके सीधा फ्लैट चले गए। मुझे कॉल करके फ्लैट का पता बताया और बुला लिया।

मैं वहां गया, बिल्कुल एक रंडी खाने की तरह बनाया हुआ था। शराब का बार भी था और डिस्को लाइट्स वेगेरा और चुदाई के लिए बेड।

अंकल: तुम 2 दिन मेरे साथ यहीं गुजारो… घर पर कोई बहाना करदो।

मैं: अंकल ये पॉसिबल नहीं होगा।

अंकल: प्लीज करलो ना देखो मैंने घर पर ये बोला है कि 2 दिन बाद आऊंगा और मैं तुम्हें एन्जॉय करवाऊंगा।

मैं: ठीक है अंकल कोशिश करता हूँ।

मैंने घर पे बात की और बड़ी मुश्किल से इजाज़त मिल गई अपने एक दोस्त के घर रुकने की। मैंने दोस्त को कॉल करके बोल दिया के बीच कहीं काम से जा रहा हूं और घर वालों को ये बोला है कि तुम्हारे पास रुक रहा हूं।

अंकल ने खाना ऑर्डर किया और हमने खाना खाया। अंकल और मैंने थोड़ी देर टीवी देखा। मैं शर्म से बैठा हुआ था के कुछ समझ नहीं आ रहा था। फिर अंकल मेरे करीब आके बैठ गए। मेरी जांघ पर हाथ रगड़ने लगे तो मेरा लंड टाइट हो गया।

अंकल ने मेरा लंड पकड़ लिया और ऊपर ऊपर से रगड़ने लगे। मेरी शर्ट में हाथ डालके मेरे निपल्स दबाने लगे। उफ्फ क्या मजा आ रहा था। अंकल ने मुझे खींच के अपनी गोद में बिठा दिया।

अंकल: किस करो साहिल?

मैं: हम्म अंकल मेरे करीब हुए और होठों पर रख दिया। उफ्फ मेरी पहली किस, और इतना मजा आया वो मेरे होंट जानवर की तरह चुम रहे थे। अंकल पीछे से मेरी गांड दबा रहे थे और थप्पड़ मार रहे थे।

मेरी शर्ट निकल दी और मेरे निपल्स पर जीभ फेरने लगे। मुझे अंकल का सख्त लंड मेरी गांड पे रगड़ रहा था। अंकल ने मुझे उठाया और बेडरूम में ले गए। वहां मेरी पैंट भी निकाल दी।

अब मैं शरम से डूब रहा था और अंकल सामने बिल्कुल नंगा लेटे हुए थे। फिर अंकल ने अपने कपरे उतारे। उनका लंड जैसे ही अंडरवियर से निकला उफ़ में तो एक्साइटेड हो गया था। अंकल ने मुझे करीब आने का इशारा दिया और अपना लंड चूमने का बोला।

मैंने पहले लंड का टोपा चाटा, उनका प्रीकम काफी टेस्टी था, फिर मैंने मुँह खोलकर लंड चूसना शुरू कर दिया। बहुत लंबा लंड था मुँह में फिट ही नहीं हो रहा था।

मेरी गांड मारके गंडवा बनाया

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मैने 20-25 मिनट तक लंड चूसा और मेरे जबड़े में दर्द होने लगा। फिर अंकल ने मुझे डॉगी स्टाइल में सेट किया। अंकल अपने बैग से चिकनाई की बोतल ले आये और मेरी गांड के छेद पर लगा दिया और अपने लंड पर भी।

मैं: अंकल ये क्या लगा रहे हो बहुत ठंडा ठंडा है..

अंकल: बेटा ये चिकनाई है इसमें आराम से जाएगा और दर्द कम होगा।

मैं: दर्द होगा क्या?

अंकल: हां थोड़ा सा होगा लेकिन तुम बर्दाश्त करना ठीक है।

फिर अंकल ने सही से चिकनाई लगायी, फिर अपना लंड मेरे छेद पर सेट किया। अंकल ने थोड़ा ज़ोर दिया और लंड फिसल गया। काफ़ी फ़िसल रहा था, आख़िर अंकल का टोपा अंदर घुसा और मुझे ज़ोर दर्द हुआ।

अंकल ने मेरी कमर कसकर पकड़ ली और मुझे हिलने नहीं दिया।

मैं: उफ्फ्फ.. आई… अंकल.. प्लीज़ निकालो… मुझे बहुत दर्द हो रहा है…

अंकल: बस बेटा यही दर्द था अब और नहीं होगा बस बर्दाश्त करो फिर मजा ही मजा। अंकल ने सब्र किया जब तक मेरा दर्द कम हुआ। फिर अंकल ने आहिस्ता आहिस्ता लंड अंदर करना शुरू किया।

मुझे जब दर्द होता है तो आराम देते थे और आहिस्ता आहिस्ता करके लंड घुसा देते हैं। काफी देर बाद आखिरकार उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया और मेरी गांड अब खुल गई थी।

अंकल ने लंड निकाला और मेरे छेद में चिकना करने वाली क्रीम डाली। फिर वापस लंड सेट किया और एक ही झटके में पूरा घुसा दिया। मेरी फिर से चीखें निकल गयीं। मेरे आंसू निकल गए और मैं बिस्तर पर गिर गया।

लेकिन अंकल तो अभी शुरू हुए थे। अंकल ने मुझे उछाल उछाल के चोदना शुरू कर दिया, शुरू के 15-20 मिनट की चुदाई के बाद मुझे इतना ज्यादा दर्द हो रहा था। लेकिन फिर अंकल ने पोजीशन चेंज की और मेरी टांगें उठा दी।

अंकल ने स्पीड से झटके मारना शुरू कर दिया। अब दर्द कम हो गया था और आहिस्ता आहिस्ता मजा आ रहा था क्योंकि लंड अंदर जा रहा था। काफ़ी देर की चुदाई के बाद असल मज़ा आने लगा।

मेरा लंड भी टाइट हो गया और जिस्म कांपना शुरू हो गया। अंकल भी समझ गए कि मैं झड़ने वाला होने वाला हूं और अंकल ने स्पीड से चुदाई शुरू कर दी। उफ्फ क्या मजा आया…10 मिनट तक ऐसा लगा कि जिस्म में करंट दौड़ रहा हो।

अंकल भी अब झड़ने वाले थे और मुझे किस करने लगे और स्पीड से झटके मारने लगे। 5 मिनट बाद मुझे गांड में उनका गरम गरम पानी महसूस हुआ। मेरी गांड इतनी खुल गई थी के जेसे अंकल ने लंड निकला तो उनके लंड का पूरा रस बहने लगा।

अंकल: मजा आया?

मैं: हम्म लेकिन पहले दर्द बहुत हुआ।

अंकल: पहले होता है मेरी जान अब नहीं होगा।

मैं: आप फिर से करोगे?

हा 2 दिन तुम्हे पुरे मजे दूंगा।

तुम बोलो तो तुम्हे और भी लोगो को बुला के मजे दूंगा।

मैं: नहीं अंकल बस आप और मैं।

अंकल बाद हमने थोड़ा आराम किया और एक बार फिर अंकल ने मुझे चोदा। फिर थोरी देर आराम करके फिर से चोदा। ऐसा रात के 12 बजे तक मेरी 4-5 बार गांड मर चुके थे।

मुझसे तो पता भी नहीं चल रहा था। अगले दिन मुझसे पूछे बिना अंकल ने अपने 3 दोस्त बुला लिया।

फिर क्या मुझे उनका लंड चूसने का मौका मिला और गांड में लेने का मौका मिला। मैंने 2 दिन में इतनी बार गांड मरवाया के मेरी गांड पूरी खुल गई थी। अंकल के लंड का रस हर वक्त मेरी गांड में भारी रहती थी।

2 दिन बाद मैं अपने घर गया और अंकल भी अपने घर चले गए। अंकल 2 महीने तक रुके थे और वो 2 महीने मैंने अपनी गांड बहुत मरवाई।

अंकल ने अपने फ्लैट की चाबी भी मुझे दी जहां उन्हें दोस्तों के साथ मिलता था या किसी ऑनलाइन फ्रेंड को वहां ले जाता और सेक्स करता था। मैंने बहुत चुदवाया और तब से अभी तक मैंने बहुत गांड मरवाई है।

दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको मेरी ये गे हिंदी सेक्स कहानी पसंद आई होगी।

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