October 12, 2024
Kunwari Chut or Gand Ka Gangbang

हेलो दोस्तों, मेरा नाम साक्षी है, मैं दिल्ली की रहनी वाली हूँ। मेरी उम्र 20 साल है। आज की हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) में मैं आपको बताउंगी की कैसे मैंने पैसो के लिए कुंवारी चूत और गांड का गैंगबैंग (Kunwari Chut or Gand Ka Gangbang)।

मेरी माँ का नाम शीला है, वह 46 साल की है, उम्र के हिसाब से मेरी माँ बहुत ही ज्यादा सेक्सी और चुदक्कड़ औरत है।

मेरे पिता की मौत के बाद मैंने उसको बहुत लोगों से अपनी चूत की चुदाई करवाते हुए देखा है।

तो चलो दोस्तों मैं आपको अपनी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Story) बताती हूँ जो मेरी माँ ने मुझसे करवाया था।

मुझे सेक्स करने का बहुत शौक था। लेकिन मैंने अभी तक सेक्स नहीं किया था। लेकिन मैं रोज़ रात को पोर्न मूवी देख कर अपनी चूत में उंगली करती थी।

एक दिन रात को दरवाजे की घंटी बजी, और माँ ने दरवाजा खोला। तभी तीन हट्टे कट्टे हब्शियो जैसे आदमी अंदर आये।

वो लोग माँ के दोस्तों ही थे, जो मेरी माँ की चुदाई करते रहते थे। माँ ने उनको हॉल में बिठाया, और मुझसे कहा: बेटा सामने आ कर बैठो।

वो लोग मुझे बहुत अजीब नज़रों से देख रहे थे। मैंने बहुत टाइट नाइटी पहनी थी, जिसकी वजह से मेरे बूब्स बाहर की तरह नजर आ रहे थे, और मैं बहुत ज्यादा सेक्सी भी लग रही थी।

तब एक आदमी उठा, और माँ को साइड पर ले जा कर कुछ बात की, और वापस सोफे पर आ कर बैठ गया।

तब माँ अंदर से दारू की बोतल ले आई, और मुझसे कहा: बेटा, अंकल लोगो को दारू अपने हाथ से परोसो।

मैं बहुत शॉक हो गयी, मैं उठी, और तीनो अंकल की सेवा करने लगी। पहले दो अंकलों को दारू दी, तो वो सिर्फ मेरे बूब्सों को देख रहे थे।

लेकिन तीसरे अंकल ने तो हद ही पार कर दी। उसने मेरी बाजू पकड़ी, और मेरे बूब्स पर हाथ फेरने लगा।

मैंने माँ की तरफ देखा तो माँ मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी। लेकिन कुछ बोल नहीं रही थी।

मैंने माँ से गुस्से में पूछा: ये सब क्या है? तुम्हे शर्म नहीं आती तुम्हारे सामने ये सब मेरे साथ ये सब कर रहे है।

तो माँ ने मुस्कुराते हुए कहा: मेरी प्यारी बेटी अब तुम जवान हो गई हो। और अब तुम्हारी बहुत डिमांड बहुत ज्यादा है, ये तीनो अंकल आज तुम्हें चोदना चाहते हैं।

मैं ये सब सुन कर बहुत शॉक हुई, की मेरी माँ ही मेरी चुदाई करवाना चाहती है।

माँ ने बोला: इन लोगों ने तुम्हारे साथ एक रात के 1,25,000 दिए हैं। कृपया मान जाओ बेटी।

मैंने जब पैसे देखे तो मेरी आँखों में कामुकता की चमक आ गयी और सोचा कि मजा भी मिलेगा और पैसे भी। और वैसे भी उंगली की जगह आज असली लंड मेरी चूत को चोदेगा।

फ़िर मैंने माँ को बोला: ठीक है। लेकिन गांड नहीं मारवाउंगी। उसके पैसे अलग से लगेंगे।

माँ ने गांड की बात को इग्नोर किया, और मुझे कहा: अंकल को मजे दे कर उन्हें खुश करना।

अब वो लोग उठे, और मुझे किस करने लगे। वो लोग मुझे बेरहमो की तरह नोच रहे थे।

एक अंकल ने मेरी नाइटी को सेंटर से पकड़ा और फाड़ दिया, और मेरी ब्रा और पैंटी भी फाड़ दी।

मैं अब पूरी नंगी थी, माँ ने भी अपने कपड़े निकाल दिये थे। माँ के बूब्स बहुत सेक्सी और गांड बहुत बड़ी थी। एक दम रंडी जैसी।

अब उन लोगों ने मुझे एक आउटफिट दिया, और बोले: जाओ इसको पहन कर आओ।

मैं कमरे में गई और मैंने वो आउटफिट देखा, तो वो आउटफिट पोर्नस्टार वाला था, जिसकी बेल्ट होती है।

अब मैंने वो पहन लिया और बाहर आई। माँ गिलाश में दारू डाल रही थी, और अब अंकल बिल्कुल नंगे थे।

मैंने उनका लंड देखा तो मैं घबरा गयी। क्योंकि उनका लंड 8-8 इंच से भी ज्यादा मोटे और लम्बे लग रहे थे।

मुझे देख कर वो तीनो बोले: वाह क्या माल है शीला। इतने दिनों से कहाँ छुपा कर रखा था?

अब वो तीनो मुझे पर टूट पड़े। मुझे घुटनो के बाल बिठाया, और मुझसे अपना लंड चूसवाने लगे।

मैंने मना किया, लेकिन वो मेरे मुँह में लंड घुसा रहे थे। वो मेरे मुँह को बेदर्दी से चोद रहे थे।

अब वो मुझे बेडरूम में ले आये और मुझे बिस्तर पर पटक दिया। माँ भी हमारे पीछे एकदम नंगी होकर आ गयी।

अब एक अंकल नीचे लेट गए, और मुझे कहा: अपनी चूत में मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ कर डालो।

मैं ऊपर बैठी तो उनका लंड बहुत बड़ा होने की वजह से मेरी वर्जिन चूत के अंदर नहीं जा रहा था।

तब माँ पीछे से आई, और मेरी चूत में वैसलीन लगाई, और अपनी एक उंगली मेरी चूत में घुसा दी।

माँ ने उन अंकल से बोला: आज मेरी प्यारी बेटी की चूत की सील तोड़ दो, और साक्षी को भी मेरी तरह रंडी बना दो।

नीचे वाले अंकल ने थोड़ा ज़ोर लगाया, वैसलीन की वजह से लंड का टोपा मेरी टाइट चूत के अंदर चला गया।

मुझे लगा कि मुझे कोई काट रहा था। मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा था, जबकी अभी सिर्फ उसके लंड का टोपा ही अंदर घुसा था।

अब उसने एक और झटका लगाया, तो आधा लंड अंदर चला गया। अब तो मैं मरने वाली थी, मेरी आंखों में आंसू आ गये थे।

लेकिन अंकल और मेरी माँ मुस्कुरा रहे थे। अब अंकल ने लंड बाहर निकाला, तो मेरी चूत से खून आने लगा।

मेरी चूत की सील खुल चुकी थी, माँ ने मेरी चूत से खून को साफ किया, तो अंकल ने फिर एक झटके में पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया। इस बार मुझे दर्द कम हो रहा था।

अभी थोड़ा-थोड़ा मजा आने लगा था। मैं विलाप करने ही वाली थी, कि पीछे से दूसरा अंकल आया और मेरी गांड चाटने लगा।

मुझे अब बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था। मैं अब गांड उठा-उठा कर उनका साथ दे रही थी। और उनका पूरा लंड अपनी चूत में ले रही थी।

दूसरे अंकल ने मेरी माँ को बोला: शीला, साक्षी की गांड पर वैसलीन लगा।

माँ ने गांड में वैसलीन लगाई, और एक उंगली पूरी गांड में घुसा दी। मैं जोर से चिल्लाने लगी, मैं अब समझ गई कि अंकल अब मेरी गांड मारने वाला था।

मैंने माँ से कहा: मैंने आपको पहले बोला था कि गांड नहीं मारने दूंगी उसके लिए अलग से पैसे लगेंगे।

अंकल बोला: 50,000 और ले ले और खुश होकर, अब अपनी गांड में चुप-चाप वैसलीन लगा और गांड मरवा।

मैं: मेरा मन नहीं मान रहा था गांड की चुदाई करवाने का।

फिर माँ उठ कर आयी और बोली: बेटा आज तुझे ये लोग रंडी बना कर छोड़ेंगे वैसे भी अब 50,000 भी तो मिल रहे है तुझे गांड चुदवाने के लिए, और रंडियाँ तो ये सब काम करती हैं।

मैं उठने लगी तो नीचे वाले अंकल ने ज़ोर से पकड़ लिया। माँ ने मेरे मुँह को बेल्ट से बंद कर दिया।

फिर एक अंकल पीछे आया, और गांड पे लंड सेट किया, और धक्का मारा।

पहली दफ़ा तो लंड मेरी गांड के ज़रा भी अंदर नहीं गया। लेकिन दूसरी दफ़ा ज़ोर से धक्का मारा, जिसकी वजह से आधा लंड मेरी गांड को चीरता हुआ अंदर चला गया था।

ये मेरा पहला सेक्स (First Time Sex) था, और पहले सेक्स में ही मैंने 8 इंच का लंड अपनी गांड और चूत में लिया था।

माँ अब मेरे पास आई और मेरे मुँह की बेल्ट खोली, तो मुझे थोड़ा आराम मिला। लेकिन अंकल के हर एक झटके से मेरी जान निकल रही थी।

अब माँ आई और मुझे गांड और चेहरे पर थप्पड़ मारने लगी, मुझे माँ के थप्पड़ से और उत्तेजना हो रही थी।

20 मिनट की गांड और चूत की चुदाई के बाद उन दोनों ने अपना लंड निकाला, और मेरे मुँह पर आ गए। और एक ने मेरे मुँह में ही अपना माल छोड़ा और बोला-

आदमी: अगर एक बूंद भी बाहर आई, तो बहुत जोर से थप्पड़ मारूंगा।

मुझे मजबूरी में पीना पड़ा, लेकिन वो स्वादिष्ट था। दूसरे आदमी ने भी यहीं किया, और तीसरे आदमी को मैंने देखा तो वो मेरी माँ की गांड मार रहा था। माँ भी बहुत मजे से उससे गांड मरवा रही थी।

अब हम सब झड़ गए, तो मैं बिस्तर पर लेट गई। अब एक अंकल लेफ्ट और दूसरे अंकल मेरी राइट साइड पर आ कर सो गए।

मैंने माँ को देखा तो वो तीसरे अंकल के ऊपर ही सोफे पर उसका लंड अपनी चूत में ले कर सो रही थी।

मैं जब सुबह उठी, तो तीनो अंकल जा चुके थे, और मैं कमरे में अकेली नंगी लेटी पड़ी थी।

उसके बाद अब मैं भी पैसे लेकर रात-रात भर अपनी चूत और गांड की चुदाई (Chut or Gand Ki Chudai) करवाने लगी और पैसे कमाने लगी।

मुझे अच्छे खासे पैसे मिल जाते थे, न नौकरी की टेंशन न किसी की कोई बात सुननी पड़ती, बस ग्राहक पकड़ो चुदवाओ और पैसे कमाओ।

दोस्तों ये थी मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी जो मेरी पहली चुदाई की कहानी है।

अगर आपको मेरी फॅमिली सेक्स स्टोरी पसंद आई तो कमेंट करके जरूर बताये। धन्यवाद।

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