आज की हिंदी सेक्स कहानी है “चचेरी बहन की कुंवारी चूत को चोदा और उसे औरत बनाया” इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे।
दोस्तों, मेरा नाम रितिक है। मेरी उम्र 21 साल है। आज मैं आपको मेरी चचेरी बहन सेक्स कहानी में बता रहा हूँ कि अपनी बहन को कैसे चोदा। मेरी चचेरी बहन का नाम कृतिका है, वह 19 साल की एक टीनएज गर्ल है, यह एक माल की तरह दिखती है।
उसकी गांड का साइज़ 32 इंच है, उसके मम्मे एकदम कसे हुए हैं 30 इंच और कमर 28 इंच है। कृतिका को इस सेक्सी फिगर में देखकर मेरा मन उसे चोदने का करता था।
वह वास्तव में चोदने लायक एक कड़क जवान लड़की लगती है। आप इसे कांटा गुड भी कह सकते हैं।
मेरे चाचा की लड़की यानी कृतिका इंदौर के पास एक गाँव में रहती थी। मैं इंदौर शहर में रहता हूँ।
यह कुछ महीने पहले की बात है जब कृतिका के माता-पिता को शादी में जाना था।
मेरे चाचा ने जाने से एक दिन पहले मेरी माँ को फोन किया और कहा- हम दोनों शादी के लिए बैंगलोर जाना हैं, लेकिन कृतिका साथ नहीं जाना चाहती।
मम्मी ने पूछा कि वह शादी में क्यों नहीं जाना चाहती?
चाचा ने जवाब दिया कि कृतिका का शादी में जाने का मन नहीं है।
मेरी माँ ने चाचा से कहा- ठीक है… तुम कृतिका को मेरे घर छोड़ कर चले जाना।
चाचा बोले- हां, यही तो मैं तुमसे कहना चाहता था।
अगले दिन चाचा कृतिका को छोड़ने आये और कुछ देर मेरे घर रुकने के बाद दोनों बैंगलोर के लिए निकल गये।
उस वक्त मेरे मन में ऐसा कोई ख्याल नहीं था कि मुझे कृतिका को चोदना है।
लेकिन जब अगले दिन मैंने उसे नहाने के बाद देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं।
उस दिन उसने नहा कर टी-शर्ट और हाफ लोअर पहना हुआ था।
जब वो नहा कर बाथरूम से बाहर आई तो गीले बालों के कारण उसकी टी-शर्ट थोड़ी गीली थी और बिना ब्रा के उसके कसे हुए चुचे साफ़ दिख रहे थे। (कुंवारी चूत को चोदा)
उसे ऐसे देख कर मेरा लंड टाइट हो गया। उसकी साफ चमकती चिकनी टांगें देखकर मैं उत्तेजित हो गया और मेरे मन में कृतिका को चोदने के ख्याल आने लगे।
मैं कृतिका के बगल में था और मैं उसके उभरे हुए निपल्स और लहराते बालों को देख रहा था।
शायद वो भी मेरी बात को थोड़ा-थोड़ा समझने लगी थी, लेकिन उस वक्त उसने मुझे नजरअंदाज कर दिया।
उस दिन मैं उससे बातें करने लगा और मजाक करने लगा लेकिन मेरी मां के होने की वजह से मैं उसे देखने के अलावा उसके साथ कुछ नहीं कर पाता था।
अगले ही दिन मेरे माता-पिता को अपने दोस्त की शादी की सालगिरह पर जाना था, इसलिए वो दोनों एक दिन पहले चले गये।
पापा के दोस्त का घर दूर था इसलिए वो दोनों सुबह ही निकल गये थे।
मैंने सोचा कि यही सही समय है जब मैं कृतिका को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता हूं।
कृतिका कमरे में बैठकर अपना मोबाइल चला रही थी। मैं भी उसके पास जाकर बैठ गया।
वो मुझसे बोली- क्या हुआ, ऐसे क्या देख रहे हो?
मैंने कहा कुछ नहीं।
कृतिका ने गर्व से कहा- कुछ तो!
मैं- मैं आपकी खूबसूरती की तरफ देख रहा हूं … आप मस्त लग रही हो।
कृतिका- पागल हो गए हो क्या… ऐसा कैसे कह रहे हो!
मैंने कहा- हाँ कृतिका, मैं तुम्हारी जवानी देख कर पागल हो गया हूँ।
ये कहते हुए मैंने तुरंत उसे गले लगा लिया।
वो विरोध करने लगी- मुझे छोड़ो.. ये ग़लत है भैया।
लेकिन मैंने कृतिका को नहीं छोड़ा।
कुछ मिनट तक उससे लिपटे रहने के बाद मुझे लगने लगा कि उसे भी मजा आ रहा है क्योंकि उसका विरोध खत्म हो गया था और उसकी सांसें तेज होने लगी थीं।
ये देख कर मैंने झट से उसके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और चूमने लगा।
उसके होंठ भी मेरे होंठों पर फिरने लगे।
वो भी मेरा साथ देने लगी।
इस बात का एहसास होते ही मैं भी जोश में आकर उसके होंठों का रस चूसने लगा। (कुंवारी चूत को चोदा)
तभी मैंने अपना एक हाथ उसकी चूची पर रख दिया और चूची को पकड़कर दबाने लगा।
वो आह आह करने लगी तो मैंने उसकी टी-शर्ट ऊपर उठा दी और ब्रा के ऊपर से ही मम्मों को दबाने लगा।
वो अब भी बड़े जोश से मेरे होंठों को चूस रही थी। मैं मजे से उसके दोनों मम्मों को दबा रहा था।
उसके दोनों निपल्स वासना से कड़क हो गये थे।
मैंने उसके चूचों को ब्रा से बाहर निकाला और उसके ऊपर लेट कर उसे चूसने लगा।
वह तड़पने लगी।
मैंने उसके एक चूचे को दांतों से दबा कर खींचा, तो वो चिल्ला पड़ी- आह … ऐसे मत खींचो … लगती है।
उसकी मादक सिसकारियों से कमरे का माहौल गर्म होने लगा। वह जोर-जोर से सांस लेने लगी। शायद वो भी अब चुदने के लिए तैयार थी।
मैंने बिना समय बर्बाद किये उसके पूरे शरीर को चूमना शुरू कर दिया। उसके पेट को जीभ से चाटा, नाभि में जीभ डाल कर कुरेदा।
इस तरह मैं धीरे-धीरे उसकी चूत तक पहुंच गया।
मैंने उसका लोअर आधा नीचे खींच दिया तो उसने भी अपनी गांड उठाकर लोअर उतारने में मदद की।
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अब मैं उसकी पैंटी के आसपास चूमने लगा।
इससे उसकी चूत से पानी निकल गया और उसकी पैंटी पूरी गीली हो गयी।
मैंने दांतों से पकड़ कर उसकी पैंटी उतार दी और देखा कि उसके बालों में छुपी उसकी गोरी चूत दिख रही थी।
मैंने तुरंत अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी और वो गर्म सिसकारियां लेने लगी।
मैं उसे चोदने से पहले खूब तड़पाना चाहता था इसलिए उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा।
तभी अचानक मैंने अपनी जीभ उसकी चूत से बाहर निकाल ली और वो छटपटाने लगी- उन्ह भैया… और करो ना… दूर क्यों हट गये?
इतना कह कर वो मेरे सर को अपनी चूत पर दबाने की कोशिश करने लगी।
कृतिका बहुत उत्साहित थी। (कुंवारी चूत को चोदा)
मैं दूर हट गया और बोला- अब कपड़े उतारने का समय आ गया है।
वो तुरंत उठी और मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरी पैंट भी उतार दी और मेरे अंडरवियर में मेरे फूले हुए लंड को देखने लगी।
मैंने उससे कहा- इसे भी हटाओ कृतिका।
उसने देर नहीं की और अपने दोनों हाथों से मेरा अंडरवियर खींच कर उतार दिया।
अंडरवियर हटते ही मेरा लंड कृतिका के मुँह में चला गया, लंड का प्रहार पाकर उसकी चीख निकल गई।
मैंने अपना लंड उसके सामने लहराया और कहा- अब तुम्हारी बारी है। कृतिका मेरा लंड अपने मुँह में ले लो।
वो लंड देख कर मना करने लगी।
मैंने कई बार कहा, तो वो मान गयी और मेरा लंड चूसने लगी।
मेरा मोटा लम्बा लंड उसके मुँह में जाने लगा। मुझे अपने लंड को सहलाने में उसकी जीभ की गर्मी बहुत अच्छी लग रही थी।
कुछ ही देर में वो किसी पोर्न एक्ट्रेस की तरह लंड चूसने लगी।
उसकी आंखें लाल हो गई थीं और वो किसी रंडी की तरह मेरा लंड चूस कर मुझे मदहोश कर रही थी।
कुछ देर बाद मैंने उसके मुँह से लंड निकाला और उसे बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके ऊपर झुक कर उसकी चूत चाटने लगा।
उसने अपने दोनों पैर हवा में उठा रखे थे और अपनी गांड उठा कर मेरे मुँह से अपनी चूत चटवाने का मजा लेते हुए मादक आहें और कराहें निकाल रही थी।
उसकी गर्म आवाजें सुनकर मैं और तेजी से उसकी गांड को जीभ से चोदने लगा।
वो कहने लगी- आह रितिक … अब चोद दो मुझे … रहा नहीं जाता।
लेकिन मैं उसे तड़पाना चाहता था.. इसलिए मैंने उसकी बातों को अनसुना कर दिया और अपनी जीभ उसकी चूत में अन्दर-बाहर करता रहा।
तभी उसकी ऐंठन बढ़ गयी और वो अपनी गांड उठा उठा कर झटके मारने लगी।
उसकी चूत से गर्म पानी की लहरें मेरे मुँह में आने लगीं। मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया।
वह कांपती सिसकारियां लेती रही और निढाल होकर बिस्तर पर गिरती रही।
मैंने उसकी चूत चाटना बंद नहीं किया और नतीजा ये हुआ कि वो कुछ देर बाद फिर से गर्म हो गयी।
अब कृतिका मेरे सामने गिड़गिड़ाने लगी- भाई, अब मत तड़पाओ.. प्लीज़ मुझे चोद दो.. जल्दी से अपना लंड डालो। आह और फाड़ दो मेरी चूत को। (कुंवारी चूत को चोदा)
लेकिन मैं फिर भी उसकी बातों को अनसुना करते हुए उसकी चूत को चाटता रहा।
कुछ देर बाद कृतिका ने फिर से अपनी चूत से पानी फेंक दिया।
अब वो और भी उत्तेजित हो गयी थी और गिड़गिड़ा भी रही थी।
फिर मैंने चुदाई की पोजीशन बनाई और अपने लंड का टोपा उसकी चूत की फांकों में फंसा कर लंड को रगड़ने लगा।
लंड की गर्मी से वो बहुत कामुक हो गई और अपनी गांड उठा कर लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश करने लगी।
फिर मैंने अचानक से लंड को चूत में डाल दिया।
जैसे ही उसने लंड अंदर दिया तो बहुत जोर से चिल्लाई- आ माँ, बाहर निकालो रितिक मर गयी… मुझे बहुत तेज़ दर्द हो रहा है… बाहर आओ प्लीज़ लंड बाहर निकालो।
अभी मैंने थोड़ा सा लंड ही चूत में डाला था, लेकिन उसकी चीख सुनकर मैं उसी पोजीशन में रुक गया और उसे सहलाने लगा।
जब वो शांत हुई तो मैंने फिर से एक जोरदार धक्का लगा दिया।
उसने फिर चिल्लाकर मुझे रोका।
लेकिन इस बार वो जल्दी ही शांत हो गयी और मैं धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगा।
अब उसे भी मजा आ रहा था।
कुछ झटकों के बाद उसकी गांड भी हिलने लगी और अब वो पूरी मस्ती से चुदाई का मजा ले रही थी।
करीब 10 मिनट की चुदाई में वो फिर से अकड़ गयी और उसने अपनी चूत से पानी छोड़ दिया।
चूत के पानी से लंड चूत में अंदर बाहर होने लगा और कुछ मिनट बाद मैं भी उसकी चूत में ही झड़ गया।
मैं उसके ऊपर गिर गया और उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया। हम दोनों की सांसें धौंकनी की तरह चल रही थीं।
एक मिनट बाद मैं उसके बगल में लेट गया। हम दोनों कुछ देर तक बिस्तर पर नंगे पड़े रहे और एक दूसरे को देखते रहे।
वो उठते हुए बोली- तुमने तो मेरी फाड़ दी।
मैंने कहा- मज़ा नहीं आया तुझे गांड मरवाने में?
इस पर वो हंस पड़ी और मुझे गले लगा कर चूमते हुए बोली- मैं घर से यही सोच कर आई थी कि तुमसे अपनी सील खुलवानी है।
मैंने उसे अपने सीने में भर लिया और एक बार फिर से चुदाई का दौर शुरू हो गया।
करीब आधे घंटे की दूसरी चुदाई में वो मस्त खेली।
फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए.. क्योंकि बहुत देर हो गई थी.. अब मम्मी-पापा भी आने वाले थे।
अब हम दोनों जब भी मिलते हैं तो एक बार जरूर चुदाई करते हैं। मैंने एक कुंवारी लड़की को चोद कर उसे लंडखोर बना दिया था।
तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं।
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