November 21, 2024
कोमल और नाजुक गांड को चोदा

देसी कहानी पाठकों को मेरा नमस्कार, आज मैं आपको मेरी सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। जिसमे मैंने एक मासूम बच्चे की कोमल और नाजुक गांड को चोदा और अपने लंड को शांत किया।

मेरा नाम दिलीप है और मैं उत्तर प्रदेश के छोटे गांव का रहने वाला हूं। खैर ये तब की बात है जब 12वीं में पढाई करता था। जनवरी का महीना चल रहा था और काफी ठंडा मौसम था।

अब और देर ना करते हुए मैं सिधे अपनी हिंदी गे सेक्स स्टोरी पर आता हूँ।

उस दिन रविवार था, हम लोग रविवार के दिन क्रिकेट खेलने के लिए सरकारी स्कूल में जाते थे, लेकिन उस दिन मुझसे देर हो गया और क्रिकेट वाले बच्चे वापस आ गए। लेकिन कुछ बच्चे जो के हमारे पड़ोस में रहते थे।

मेरे से छोटी उम्र कई वहा छुपम छूपाई खेल रहे थे।

मैंने भी सोचो बैठने से अच्छा है इनके साथ ही टाइमपास कर लिया जाए, तो मैं भी खेलने लगा।

मैं और एक लड़का जिसका नाम मिन्टू था एक रूम में जा कर चुप हो गए, जिसका गेट टूटा हुआ था हम दोनों खिड़की के पास वाले कोने में जा कर छुप गए।

मिन्टू मेरे आगे खड़ा हो कर ढूंढने वाले को देख रहा था मैं भी उसके पीछे खड़ा हो कर ढूंढने वाले को देख रहा था। उसका मुँह आगे की तरफ था और उसका चूतड़ मेरी तरफ था।

हम दोनों ने ढीले लोअर डाले हुए थे, तो मुझे उसकी नरम नरम गांड का एहसास हुआ, हम करीब 5 मिनट ऐसे ही खड़े रहे, मेरा लंड खड़ा हो गया और उसके लोअर के ऊपर से ही उसकी गांड की दरार में दाखिल होने लगा।

बाहर थंड थी तो मुझे मजा बहुत आया था पर उसने पिछे मुड़ कर देखा और मुझे पिछे हटने को कहा मैंने कहा यार ऐसा करने पर हम पकड़े जा सकते हैं तो वो फिर से सीधा मुंह कर के खड़ा हो गया।

अब मेरा मन उसकी कोमल गांड की चुदाई को तैयार था और मेरा लंड नीचे से ऊपर तक उसकी गांड में जगह बन रहा था।

उसे तक्लीफ हो रही थी और वो बार-बार पीछे देख भी रहा था पर शायद उसका मन भी कर रहा था।

हिम्मत करके उसके निचले हिस्से को अलग करने लगा तो उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया।

मैंने प्यार भरी आँखो से प्लीज कहा तो वो फिर से आगे की मुँह कर के खड़ा हो गया और अपनी आँख बंद कर ली मेरी खुसी का ठिकाना ना रहा मैंने उसका लोअर घुटनो तक कर दिया और अपना लंड भी बाहर निकल लिया।

कोमल और नाजुक गांड को चोदा

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अपने लंड पर और उसकी गांड पर खूब सारा थूक लगया अब लंड को उसकी गांड के होल पर रखा और थोड़ा जोर लगाया।

लंड का टोप्पा अंदर चल गया और उस मासूम बच्चे की चीख निकल गई और वो बोल अब बाहर निकलो मुझे नहीं करना।

मगर कोई इतनी चिकनी गांड को हाथो से कैसे जाने दे, मैंने उसे अपने और दीवार के बीच में दबा लिया, एक जोरदार शॉट लगाया और मेरा आधे से ज्यादा लंड उसकी चिकनी और बिना बालो की गांड में चला गया।

उसकी आँखों मैं अंशु थे और वो बिल्कुल असहाय था।

थोड़ी देर रुक कर मैंने एके जोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी गांड की गहरायी में समा गया, वो बुरी तरह से रोने लगा।

मैंने उसके होठो पर अपने होठ रख दिए, क्या मुलायम होठ थे उसके बिल्कुल औरतें जैसे। क्योंकि वो अभी तक एक मासूम बच्चा था और ये सोच कर मेरा लंड इतना मुलायम गांड में है मेरे धक्को की स्पीड और तेज़ हो जाती है..

मुझे 20 मिनट हो चुके थे उसे चोदते हुए अब वो बार-बार कह रहा था कि बाहर निकलो बहुत दर्द हो रहा है। क्योकि मैंने उसकी गांड की सील तोड़ दी थी।

उसकी हालत ख़राब हो रही थी, पर मेरी स्पीड तेज होती जा रही थी। वो छटपटा रह रहा था।

आख़िरकार मैं चरम सीमा पर आ पहुचा और कुछ तेज़ धक्को के साथ मैंने अपना सारा पानी उसकी गांड मैं उड़ेल दिया और उसके सहारे ही दीवार से टिक गया।

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मैंने अपना लंड उसके चूतडो से बाहर नहीं निकाला और उसको किस करने लगा और उसके चिकने बदन पर हाथ फेरने लगा।

थोड़ी देर बाद फिर से मेरा लंड एकदम से तैयार हो गया और मैं अब लंड को पूरा बाहर निकालता हूं और वापिस उसकी गांड मैं पूरा डाल देता हूँ।

वो हर झटके में आहे भर रहा था।

मेरे तो हर झटके में जैसे अरमान पूरे हो गए।

मैं पुरे जोश में था, और मुझे लड़की की चुदाई करने से भी ज्यादा अच्छी फीलिंग आ रही थी। क्योकि उसकी गांड ही इतनी मुलायम और उभरी हुई थी। मैं जब भी उसे देखता तो मेरा पूरा लंड उसके अंदर जाने को छटपटाने लगता।

आख़िरकार भगवान ने मेरी सुन ली थी और मेरा लंड मेरी मनपसंद गांड में था, उसे चोद रहा था और उसे किस भी कर रहा था।

अब हम लोग खड़े खड़े थक गए थे तो वो बोला अभी आज के दिन बहुत है यार मैं अब और खड़ा नहीं रह सकता है तो मैंने बोला यार बस ये पूरा पूरा हो लेने दें..

लेकिन वो काफी थक चुका था उसकी हालत देख कर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में उसे करने के लिए कहा था, वो मन गया और ऐसा ही किया, फिर मैं उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा।

कसम से डॉगीस्टाइल की बात ही अलग थी मेरा लंड और भी गहराई तक उसकी गांड के अंदर तक जा रहा था।

मैं तो स्वर्ग मैं था और 150 की स्पीड से धक्के लगा रहा था। ये रियल गे सेक्स कहानी (Real Gay Sex Kahani) आप readxxxstories.com पर पढ़ रहे हैं।

बहुत दिनों के बाद इतनी मुलाकात गांड और वो भी मनपसंद चोदने को जो मिल गई थी।

मैं टाइम टाइम पर उसे किस भी कर रह था बहुत ही प्यारा लड़का था वो आख़िर कर 15 मिनट की कसमकस ठुकाई के बाद मैं झड़ने वाला था और मुझे चरमसुख की प्राप्ति होने वाली थी।

मेरे धक्को की स्पीड हद से ज्यादा तेज हो गई थी, मैं अपनी पूरी ताकत से धक्के लगा रहा था और 10-12 धक्को के बाद मैं फिर से उसकी गांड में ही झड़ गया और उसकी गांड मेरे वीर्य से लभ लभ भर गई।

मैंने उसकी गांड को उसकी चड्डी से साफ किया और मेरे लंड को भी और साथ में पैसे भी दिए।

थैंक्स भी बोला और ये आश्वासन भी दिया कि अगर किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे बता देना।

तेरी पूरी मदद करूँगा और उसको घर जाने को बोला उस मासूम बच्चे से चला भी नहीं जा रहा था ढंग से।

उस दिन के बाद वो मुझसे नहीं मिला क्योंकि मैं ज्यादा समय घर पर ही रहता हूं।

अब मार्च आ गया और परीक्षा का समय आ गया।

उनका गणित का पेपर था तो उनकी 3 दिन की छुट्टी थी।

वो कुछ समस्या लेकर मेरे पास आया और घर वालों से पूछा दिलीप घर पर है।

मेरे पापा ने उसे स्टडी रूम में बैठा दिया क्योंकि मैं उस समय नहा रहा था।

नहाने के बाद मैं सिधे स्टडी रूम में गया जो दूसरी मंजिल पर था।

जैसे ही मैं गया वो टेबल पर झुक कर कुछ अखबार पढ़ रहा था।

मुझे जाते ही उसकी फूली हुई गांड के दर्शन हो गए।

मेरे अंदर जाते ही वो खड़ा हो गया क्या प्यारा चेहरा था यार बड़े गाल मासूम आंखें, लाल होठ और फूली हुई गांड किसी लड़की से कम नहीं था वो..

उस दिन उसने लाल टीशर्ट और निचे जींस वाली कैफरी डाली हुई थी जिस्मे से उसकी गांड बहुत सुंदर लग रही थी मैंने जाते ही उसे किस किया और कहा कहो कैसे याद आई हमारी।

उसने मुस्कुरा दिया और मुझे नंबर सिस्टम में दिक्कत आ रही है, तो मैंने नंबर सिस्टम का इस्तेमाल करने के लिए 1 घंटा पढ़ने के बाद कहा, आज के लिए काफी है लेकिन अब जाता हूँ और वो जाने लगा।

लेकिन मेरा मन तो उसको चोदने का हो रहा था, उसकी गांड देख कर मेरी नियत और लंड दोनों पगल होने लगे।

मैंने उससे कहा क्या यार बिना चाय पिए जाओ गे आओ बैठो मैं चाय लाता हूं।

मैं निचे गया और चाय और बिस्किट ले आया और टीवी ऑन कर कर बॉलीवुड गाना चला दिए चाय खतम कर के मैं बैड पर लेट गया और उसे भी थोड़ी देर लेटने को कहा कि बाहर धूप है तुम दोपहर बाद चले जाना।

वो मान गया और मेरे साथ लेट गया थोड़ी देर में वो सो गया और करवट लेके उसने दूसरा तरफ मुंह कर लिया, मैंने मौके का फ़ायदा उठा कर उसकी कैफरी जो इलास्टिक वाली थी को निचे कर दिया वो अब भी सोया हुवा था।

क्या मस्त गांड थी यार उसकी मैं देख कर दंग रह गया मैंने पास मैं पडी तेल की बोतल से तेल लंड पर और उसकी गांड के छेद पर लगाया और थोड़ा जोर लगाया और चटपटा गया और उसकी नींद अब टूट चुकी थी।

पर इस बार एक ही बार मैं मेरा पूरा लंड उसकी गांड मैं समा गया अब मैं आगे पिचे धक्के लगाने लगा और बहुत देर धक्के लगाने के बाद मेरे धक्को की स्पीड तेज हो गई और मैं उसकी मुलायम गांड मैं ही झड़ गया।

उस दिन भी मैंने उसे दो बार और चोदा, जो मुझे उसकी कोमल और नाजुक गांड मारने आया था, और फिर मैं बाइक पे उसे उसके घर छोड़ आया। उसके बाद मैंने उसकी बहन को भी चोदा वो मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगा।

दोतो मेरी देसी गे चुदाई कहानी पसंद आई हो तो कमेंट में मुझे जरूर बताये। धन्यवाद।

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