November 14, 2024
कामुक मामी को चोदा

आज की हिंदी सेक्स कहानी है "कामुक मामी को चोदा और उन्हें चरमसुख का आनंद दिलाया" इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे।

हमारी आज की हिंदी सेक्स कहानी जिसका शीर्षक है “कामुक मामी को चोदा और उन्हें चरमसुख का आनंद दिलाया” में मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे चलिए शुरू करते हैं आज की देसी सेक्स कहानी

मेरा नाम साहिल है। मैं अभी 24 साल का हूँ और MBA कर रहा हूँ। ये मेरी मामी की चुदाई की कहानी है। मैं अपनी मामी के साथ रहता हूँ। मेरा परिवार बैंगलोर में रहता है।

मैं और मेरी मामी एक ही घर में रहते हैं। मेरे मामा की शादी 6 महीने पहले हुई थी और मेरे मामा शादी के तुरंत बाद दिल्ली चले गए।

क्योंकि मैं अपनी मामी के साथ रहता था इसलिए मेरी मामी अपना सारा काम मुझसे ही करवाती थी।

एक दिन मैं सुबह उठा तो मामी पोछा लगा रही थी।

मैंने देखा कि मामी के मम्मे ब्लाउज से बाहर आ रहे थे।

उसके दूध बहुत मस्त लग रहे थे।

मैं तो उन्हें देखता ही रह गया।

मामी ने मुझे उनकी चुचियाँ ताड़ते हुए देख लिया और पूछा- क्या देख रहे हो?

मैंने झिझकते हुए कहा- कुछ नहीं मामी।

मैं वहां से चला गया।

दूसरे दिन मामी ने मुझसे कहा- साहिल आज तुम मेरे साथ बाजार चलो, मुझे कुछ सामान लाना है।

मैंने पूछा- मामी आप बाजार से क्या लाओगी.. मैं ले आऊंगा।

उसने कहा- नहीं, मैं ले आऊंगी।

मैंने उससे फिर कहा- अरे तुम रहने दो, मैं सब ले आऊंगा। आप बस लिस्ट दे दीजिए।

मामी ने मुझे लिस्ट दी और कहा कि ये सब सामान ले आओ।

उस लिस्ट में कुछ घरेलू सामान और एक पैड लाने की भी बात लिखी थी।

मैंने पूछा- मामी, ये किस काम की?

वो कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुरा दी।

मैंने दोबारा पूछा तो मामी बोलीं- मैं तुम्हें बाद में बताऊंगी।

मेरे मुँह से निकल गया- बाद में मतलब कब… तुम आज ही बताओगी!

वो फिर मुस्कुराई और बोली- जाकर सामान ले आओ।

मैंने सिर हिलाया और बाज़ार चला गया।

कुछ देर बाद मै सारा सामान अपनी मामी के पास ले आया।

अगले दिन सुबह फिर मामी ने मुझसे कहा- साहिल, मेरे साथ चलो, आज मुझे खेत पर जाना है।

मैंने कहा- हां चलो।

क्योंकि उसे भैंसों के लिए चारा लाना था।

कुछ देर बाद मामी उसे खेत में ले आई और कुछ देर बाद मामी ने मुझे आवाज़ दी कि जल्दी आ.. जल्दी आ।

मैं जल्दी से खेत के अंदर गया तो मामी उछल रही थी क्योंकि उनके कपड़ों में कोई कीड़ा घुस गया था।

मामी बोलीं- अरे साहिल, जल्दी बाहर निकालो, कोई कीड़ा घुस गया है।

मैंने कहा- ऐसे कैसे हटाऊं मामी, कपड़े तो तुम्हें ही उतारने पड़ेंगे।

मामी एक बार मुस्कुराईं और बोलीं- बाहर ही फेंक दो इसे।

मैंने कहा- अब मुझे कैसे पता चलेगा कि कौन सा कीड़ा कहाँ घुस गया है?

मामी बोलीं- चलो, मैं अपने कपड़े उतार देती हूं। लेकिन ये बात किसी को मत बताना कि मैंने तुम्हारे सामने अपने कपड़े उतारे हैं।

मैंने कहा- ठीक है।

मामी ने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज भी उतार दिया।

तभी मैंने देखा कि मामी ने छोटी सी ब्रा पहनी हुई है और उसमें से मामी का आधा दूध बाहर आने को बेताब दिख रहा है।

मैं तो मामी को देखता ही रह गया।

देसी चुदाई को आगे बढ़ाते हुए मामी ने अपना हाथ हवा में उठाया और दूध दबाते हुए कहा- अब क्या देख रहा है.. जल्दी बाहर निकलो.. मुझे कीड़ा काट रहा है।

मैंने देखा कि मामी की चुचियों में एक लाल चींटी दौड़ रही थी।

मैंने हाथ से चुटकियों में पकड़ा तो मामी के दूध भी मसलने लगे।

मैंने उस चींटी को अपने हाथ से कुचल कर मार डाला।

इस दौरान जब मैंने मामी को छुआ तो मेरा लंड उनसे छू गया।

उस वक्त मुझसे रहा नहीं गया क्योंकि मामी की जवानी भी लंड की भूखी थी।

तभी मामी ने मुझसे कहा कि मैं उनके चूचों में हाथ डाल कर कुछ देर और चींटियों को देखता रहूँ।

इसी बहाने मैंने मामी के चुचियां भी सहला दिए ।

कामुक मामी को चोदा

मामी को भी मजा आ रहा था।

कुछ देर बाद मैंने कहा- मामी, सारे कीड़े तो मर गये, अब खुजली तो रह गयी होगी। चलो घर चलते हैं वहां कुछ लगाऊंगा तो खुजली दूर हो जाएगी।

मामी ब्लाउज पहनते हुए बोलीं- तुम्हारे पास क्या है, जिसे लगाने से मेरी खुजली दूर हो जायेगी।

मैं समझ गया कि मामी क्या कहना चाहती हैं लेकिन मैं चुप रहा।

फिर हम दोनों घर वापस आ गये।

रात को मैंने और मामी ने खाना खाया और हम दोनों सोने के लिए अपने कमरे में चले गये।

कुछ देर बाद रात के करीब 10 बजे मामी के कमरे से ‘आह..आह’ की आवाज आने लगी।

मैंने जाकर खिड़की से झाँक कर देखा तो मामी अपनी चूत में बेलन घुमा रही थीं। वो बेलन के हैंडल से अपनी ही चूत को चोद रही थी।

देसी पोर्न सीन और मामी की चूत देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया।

मैंने दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन मामी ने दरवाज़ा नहीं खोला।

मैंने दरवाजे में धक्का दिया तो वह खुल गया। दरवाजे पर कोई कुंडी नहीं थी।

मैं बिंदास मामी के पास गया। जब मैं उसके बहुत करीब आ गया तो उसे मेरे आने का पता ही नहीं चला। क्योंकि वो अपनी चूत को चोदने में मस्त थी।

मैंने कहा- मामी, क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूँ?

मामी ने मुझे देख कर अपना चेहरा घुमा लिया और हम्म कह कर मुँह बना लिया और अपने चेहरे के ऊपर कम्बल ओढ़ लिया।

मैंने कहा- क्या हुआ मामी। आप मेरे से नाराज हो?

मामी बोलीं- तुम मेरे किसी काम के नहीं हो।

मैं समझ गया कि मामी को लंड चाहिए और वो मुँह से कह नहीं पा रही हैं।

मैं उसके पास बैठ गया और उससे बात करने लगा- तुम्हें कोई भी समस्या हो, कोई भी काम हो, कोई भी मामला हो.. तुम मुझसे बात कर सकती हो। मैं भी तुम्हारे सारे काम में मदद करूंगा, लेकिन ये बात हम दोनों के बीच ही रहनी चाहिए।

इतना कह कर मैंने कम्बल के ऊपर से ही मामी की एक चूची दबा दी।

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मामी तुरंत मेरी बात से सहमत हो गईं।

मैंने उन्हें अपनी बांहों में ले लिया।

मामी भी मुझसे लिपट गईं और मुझे बेतहाशा चूमने लगीं।

मामी ने मुझसे कहा- मुझे ये काम हर रात, सुबह, शाम और जब भी समय मिलता है, चाहिए होता है। मैं बहुत प्यासी हूं … क्योंकि तुम्हारे मामा का लंड 5 इंच का है

तो कुल मिलाकर वह मेरी भूख नहीं मिटा सका, इसलिए वह मुझे छोड़कर दिल्ली चला गया।

अब मैं मामी के पास लेट गया और हम दोनों कुछ देर तक सेक्स की बातें करते रहे।

मैंने कहा- मामी, अब मैं नहीं रुक सकता।

मामी ने भी मेरा लंड पकड़ कर हां कहा।

फिर जब मैंने अपना हाथ उसके कंबल में डाल दिया और उसे सहलाने लगा।
वह पूरी तरह नग्न थी।

मेरा हाथ उसकी चूत को छू गया। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया

वो अपने दांत रगड़ने लगी।

कुछ देर बाद मैंने उसकी चूत में एक उंगली डाल दी और धीरे-धीरे उंगली को चूत में आगे-पीछे करने लगा।

थोड़ी देर बाद मैंने दो उंगलियां डाल दीं और उंगली को आगे-पीछे करके चूत को चोदने लगा।

जब मामी बेचैन होने लगीं तो मैंने उनकी चुचियों को चूसना शुरू कर दिया।

कुछ देर बाद मामी कामुक आवाजें निकालने लगीं- आह … उई मां आह और करो … मस्ती से करो आज तो पूरी रात चोदना … आह मजा आ गया।

कुछ देर बाद मैंने उसके ऊपर से कम्बल हटा दिया और उसकी तरफ देखने लगा।

मैंने मामी की चूत में उंगली करना बंद नहीं किया।

उसने अपनी टांगें खोल दीं और बोलीं- आह साहिल … जल्दी से उंगली चलाओ … और तेज करो।

कुछ देर बाद मामी झड़ गईं।

उसके बाद मैंने मामी की चूत को साफ किया और मामी की टांगों को ऊपर करके उनकी चूत को चाटने लगा।

इस तरह मुझे अब तक बहुत देर हो चुकी थी और इस समय मामी एक बार और झड़ चुकी थीं।

वो बोली- साहिल मेरी गर्म चूत को चोद दे, अब नहीं रहा जाता।

मैंने कहा- मामी एक बात कहूँ?

मामी बोलीं- हाँ कहो।

मैंने कहा- मामी, आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो और आप मेरी एक इच्छा पूरी कर दो।

मामी बोलीं- साहिल मैं भी तुम्हें पसंद करती हूं … जब से ससुराल आई हूं, तब से तुमसे चुदने के बारे में सोच रही हूं। तुम अपनी बात बताओ तुम मुझसे क्या चाहते हो?

मैंने कहा – मामी, मैं तुम्हे अपना लंड चूसाना चाहता हूं और चूत की चुदाई से पहले तुम्हारी गांड को किक करना चाहता हूं।

यह सुनते ही मामी चौंक कर बोलीं- हां, अपना लंड निकालो, मैं खुद इसे चूसना चाहती हूं। गांड भी मारो।

मैं बिस्तर से नीचे आ गया।

मामी ने मेरे लंड को छुआ और बोलीं- अपना लंड दिखाओ.. मैं अब तुम्हारा लंड देखना चाहती हूं।

मैंने लंड बाहर निकाल लिया।

जब मामी ने मेरा लंड देखा तो उनकी आंखें फटी रह गईं।

क्योंकि मामी ने इतना लम्बा लंड कभी सामने से नहीं देखा था।

उसने मेरा लंड पकड़ कर अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

मुझे जन्नत का मजा आने लगा।

मैं मामी का सिर पकड़ कर उनके मुँह को चोदने लगा।

कामुक मामी को चोदा

मामी भी लंड को गले तक ले रही थीं।

उनके लंड चूसने के अंदाज से साफ पता चल रहा था कि मामी पुरानी चुदासी माल हैं और मामा का छोटा लंड उनकी चूत में पूरा फिट नहीं बैठता।

करीब दस मिनट तक मैं मामी के मुँह को चोदता रहा और उनके मुँह में ही झड़ गया।

मामी ने भी बिना किसी झिझक के मेरे लंड का पानी पी लिया।

लंड को चाट कर साफ करने के बाद मामी बोलीं- साहिल अब सब्र नहीं होता … जल्दी से अपना मूसल लंड मेरी गांड में डाल दो।

मैंने कहा दर्द होगा।

वो बोली- परवाह मत करो, तुम डाल दो।

मैंने कहा- ठीक है अब जल्दी से कुतिया बन जाओ।

मैंने मामी की गांड में तेल लगाया और लंड उनकी गांड पर रखा और अन्दर डाल दिया।

अचानक लंड गांड में घुस गया, तो मामी की तेज़ आवाज़ आई- उई माँ मर गई … आह मेरी फट गई।

मेरे लंड के झटके से मामी की गांड से खून निकल आया।

मैं एक पल रुका और फिर से लंड बाहर निकाला और झटका देकर फिर से अन्दर डाल दिया।

कुछ देर में गांड ने लंड को झेल लिया।

अब मामी बोलीं- आह … अब मत रुको, पेलते रहो।

मैं जोर जोर से धक्के लगाता रहा और मामी को खूब पेला।

फिर उन्हें अपने ऊपर बैठाया और लंड की सवारी का मजा दिया।

एक लंबे समय के लिए, मैंने मामी की गांड को मारा और मैंने अपने लंड की वीर्य को उसकी गांड में छोड़ दिया।

उसके बाद मैं अपने लंड को पानी से साफ करके आया और कपड़े से साफ किया।

मामी बोलीं- तूने जो चाहा वो कर लिया, अब मैं जो चाहती हूँ वो कर।

मैंने उन्हें फिर से गर्म किया और इस बार मैंने मामी की चूत में लंड डाल दिया।

एक ही झटके में लंड चुत में चला गया तो वो चिल्ला उठीं- आह मर गई … फाड़ दी मेरी चुत उई … साले … आह धीरे चोद कमीने।

मैंने मामी की एक ना सुनी और अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।

एक बार लंड झड़ गया तो इस बार कोई जल्दी नहीं थी। आधे घंटे तक लगातार चोदने के बाद मैंने मामी को किस किया तो वो बोलीं- मैं झड़ने वाली हूं।

मैंने कहा- हां मामी, मैं भी झड़ने वाला हूं।

वो बोली- अन्दर मत झड़ना.. मैं प्रेग्नेंट हो सकती हूँ।

मैंने कहा- एकदम से कुछ नहीं होगा मामी, मैं दवा लेकर आता हूँ।

उसने हामी भर दी।

मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा।

फिर हम दोनों ने एक साथ पानी छोड़ दिया और मैंने मामी की चूत को अपने पानी से भर दिया।

उसके बाद हम दोनों थक कर लेट गये।

एक घंटे बाद फिर माहौल बदला।

मैंने फिर से मामी को चोदना शुरू कर दिया।

इस तरह मैंने उस रात में मामी को 4 बार चोदा।

अब सुबह हो चुकी थी, दिन निकल आया था। अब न तो उनमें उठने की हिम्मत थी और न ही मुझमें।

फिर किसी तरह मैं कपड़े पहन कर बाहर आया और अलग बिस्तर पर सो गया।

अब हम दोनों साथ में रहते हैं और सेक्स का खूब मजा लेते हैं।

अगर आपको यह कामुक मामी को चोदा की कहानी पसंद आई तो हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।

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