आज की हिंदी सेक्स कहानी है “कामुक माँ की चुदाई करी जब पिताजी उसे संतुष्ट नहीं कर सके” इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे।
यह मेरी कहानी है जब मैं कॉलेज में था। उस समय मेरी उम्र करीब 20 साल थी जबकि मेरी सौतेली मां करीब 35 साल की रही होंगी।
मेरी माँ बहुत सेक्सी औरत थीं और उनका नाम पूनम है.. उनके शरीर का हर अंग एकदम तराशा हुआ था और हर अंग से नशा टपकता था।
मैंने कई बार उसे बाथरूम में पूरा नंगा देखा था। एक बार पापा उसे `पूरी नंगी करके चोद रहे थे, तब भी मैंने उसकी गदराई जवानी देखी थी।
जिस दिन पापा माँ को चोद रहे थे उसी दिन मेरा मन माँ को चोदने के लिए मचलने लगा था।
एक रात जब पिताजी शहर से बाहर थे, मैं अपने बेडरूम में था। लेकिन मन में उत्तेजना के कारण मुझे नींद नहीं आ रही थी तो मैं माँ के स्तनों को याद करके मुठ मारने लगा।
कुछ ही देर में मेरी उत्तेजना और भी बढ़ गई तो मैंने गोल तकिया अपनी टांगो में फंसा लिया और उसे मां समझ कर चोदने लगा।
उसी समय मेरी माँ ने मेरे बेडरूम का दरवाज़ा खोला और मेरे कमरे में आ गयी।
दरवाज़ा खुलने की आवाज़ सुनकर मैं घबरा कर रुक गया लेकिन मैं तकिये के ऊपर था। फिर मैंने माँ को देखा तो मैं तकिये के पास लेट गया।
माँ ने पूछा- क्या हुआ… क्या कर रहे थे?
मैंने कहा- मुझे नींद नहीं आ रही है, कुछ बेचैनी हो रही है।
फिर मैंने माँ से पूछा- क्या आपको भी नींद नहीं आ रही है?
वो बोली- हां, मुझे भी नींद नहीं आ रही है।
मैंने कहा- तुम भी यहीं लेट जाओ।
फिर वो मेरे पास बैठ गयी।
मैंने फिर कहा- यहीं सो जाओ, मेरे पास।
वो सीधी लेट गयी। कुछ देर बाद मैंने पूछा- अगर तुम्हें नींद नहीं आ रही है… तो चलो एक कहानी पढ़ते हैं।
उन्होंने सिर हिलाया और सहमति की, तो मैंने अपने पिता की किताबों की रैक से एक सेक्सी कहानी की किताब निकाली और कहा- चलो इसे पढ़ते हैं।
माँ बोली- ये कौन सी किताब है?
मैंने कहा- यह कहानी की किताब है, इसकी कहानी पढ़ने में बहुत मजा आएगा, इसे पढ़ने से बहुत गुदगुदी होती है।
फिर मैंने किताब हमारे बीच रखी और पढ़ने लगा। ऐसे में मां को पढ़ने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी तो मैंने कहा- चलो, मैं पढ़ूंगा।
मैं उसे सेक्सी कहानियाँ पढ़कर सुनाने लगा। इसमें एक लड़की के दूसरे मर्द से सेक्स की कहानी थी। ये सेक्स कहानी बहुत विस्तृत थी।
माँ बोली- ये सब क्या है?
मैंने कहा- अलमारी में रखा था। (कामुक माँ की चुदाई करी)
वो बोली- इसमें बड़ों की गंदी बातें लिखी हैं। आपको इसे नहीं पढ़ना चाहिए।
मैंने कहा- तो फिर ये आपकी और पापा की अलमारी में क्यों रखी है? सुनो, एक बार पढ़ते है!
फिर माँ को भी मज़ा आने लगा। वो भी गर्म होने लगी। माँ बार-बार अपना कान खुजा रही थी।
मैंने कहा- कहो गुदगुदी हो रही है ना?
माँ ने मुझे मुस्कुरा दिया।
मैंने अपने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मुझे भी इसमें और पूरे शरीर में बहुत गुदगुदी हो रही है।
फिर मैंने कहा- अब तुम पढ़ो।
अब वो पढ़ने लगी.. वो बहुत गर्म हो गई थी। तभी माँ ने किताब बंद कर दी और बिस्तर पर पैर फैलाकर लेट गयी।
मैंने पूछा- क्या हुआ?
तो वो बोली- मुझे बहुत बेचैनी हो रही है, शरीर के निचले हिस्से में कुछ खुजली हो रही है।
मैंने पूछा- शायद शरीर पर पाउडर लगाने से आराम मिल जाए।
वो बोलीं- हां ठीक है… आप पाउडर ही लगा लो।
मैं बगल वाले कमरे से पाउडर ले आया।
मैंने देखा कि माँ पेट के बल लेटी हुई थी।
माँ बोलीं- कमर पर लगा लो।
मैंने देखा कि उसने अपने ब्लाउज के बटन खोल दिये थे और अपनी ब्रा भी खोल दी थी।
कमर पर पाउडर लगाते हुए मैंने ब्लाउज के अन्दर हाथ डाल दिया और मसलने लगा।
उनका कोई विरोध नहीं हुआ तो मैंने धीरे-धीरे पूरी कमर पर पाउडर मलना शुरू कर दिया और सीधे उनके मम्मों को मसलना शुरू कर दिया।
माँ को अपने स्तनों को मालिश करवाने में बहुत मजा आ रहा था। जब उसे मजा आने लगा तो मैंने सीधे उसके मम्मों पर पाउडर लगाया और उसे मसलना शुरू कर दिया।
अब उसे मजा आ रहा था। (कामुक माँ की चुदाई करी)
फिर मैंने कहा- माँ, मुझे आपकी गर्दन के पास भी पाउडर लगाने दो।
जब वो पलटी तो ब्लाउज के बटन खुले हुए थे और चूचे बिल्कुल नंगे थे।
माँ के बड़े बड़े चूचे बहुत सेक्सी लग रहे थे।
मैं उसकी गर्दन पर पाउडर लगाने लगा। अब मैं आगे से माँ के स्तनों को मसल रहा था और वो कुछ नहीं बोल रही थी।
फिर मैं स्तन मसलते हुए अपना हाथ नीचे पेट पर ले गया और नाभि को मसला।
जब माँ की आह निकल गई तो मैंने धीरे से उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और अपना हाथ अन्दर डाल दिया और जांघ पर फिराते हुए उस पर भी पाउडर लगाने लगा।
वो कामुक आवाज में बोलीं- उह… क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- ठीक से लगाऊंगा… तो नींद भी ठीक से आएगी।
माँ कुछ नहीं बोलीं तो मैं उनके गोल-गोल चूतड़ों पर हाथ फिराने लगा। यह वाकई बहुत मजेदार था।
मैंने पूछा- माँ आप क्या मजा ले रही हो… क्या आराम मिल रहा है?
अब मैं माँ के ऊपर चढ़ गया और उनके नितंबों पर हाथ फेरते हुए बोला- इससे आपका शरीर भी दब जाएगा।
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माँ भी मुझसे मजे लेने लगीं।
मैंने माँ के मम्मों को कमर के नीचे से पकड़ लिया और ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।
अब माँ पूरी तरह से चुदास के लिए तड़प रही थीं।
मैंने कहा- चलो बुक सीन की तरह करते हैं।
मेरे शरीर में जोर जोर से गुदगुदी हो रही है। (कामुक माँ की चुदाई करी)
तभी अचानक माँ को कुछ याद आया और बोलीं- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- दरवाज़ा बंद है, किसी को पता नहीं चलेगा, मैं भी किसी को नहीं बताऊँगा, माँ कसम, तुम्हें भी मजा आएगा, प्लीज़ मना मत करना।
माँ ने कुछ नहीं कहा।
मैंने उससे फिर कहा- माँ चलो कहानी की तरह मजा लेते हैं।
मैंने अपना पजामा खोला और उसकी गोद में बैठ गया।
अब माँ ने मेरा लंड पकड़ कर लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- मुझसे वादा करो कि कभी किसी को नहीं बताओगे।
मैं बोला- वादा करता हूँ।
और फिर क्या था.. उन्होंने अपने सारे कपड़े अपने शरीर से अलग कर दिए।
मैंने कहा- आप जैसा बोलोगी.. मैं वैसा ही करूँगा।
उन्होंने कहा- हां, जैसा कहानी में पढ़ा है, वैसा करते रहो। मैं उसकी एक चूची को चूसने लगा.. दूसरी चूची को दबा भी रहा था।
फिर वो भी मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी। मैं भी एक हाथ की उंगली से माँ की चूत को दबाने लगा और उंगली को चुत के अन्दर डालने लगा।
फिर वो अपने मुँह से ‘श्शह… उहहह…’ की आवाजें निकालने लगी।
मैंने उसे किताब के सीन की तरह डॉगी स्टाइल में बैठने को कहा। जैसे ही मेरी माँ कुतिया की तरह हो गईं, मैं अपना लंड पीछे से उनकी चूत के छेद के पास ले गया और सुपारे को घुमाने लगा।
साथ ही मैं दोनों हाथों से अपने मम्मे भी दबा रही थी। यह वाकई बहुत मजेदार था।
अचानक लंड फिसल कर झटके से चूत में घुस गया क्योंकि चोदते चोदते उसकी चूत का छेद कुछ बड़ा हो गया था।
उसके मुँह से और मेरे मुँह से भी ‘शश्श.. आह्ह..’ की आवाज निकलने लगी।
अब मैंने धक्के लगाना शुरू कर दिया, धीरे-धीरे धक्के की गति बढ़ा दी। सच में कितना मजा आ रहा था।
माँ भी बोलीं- और जोर से चोदो.. और जोर से धक्का मारो.. आह्ह मजा आ रहा है।
मैंने माँ के मम्मों को जोर से दबाते हुए चूचे खींचे और धक्के लगाने लगा। (कामुक माँ की चुदाई करी)
‘आह.. उह.. ओह.. शानदार.. श्श्श.. और जोर से.. क्या बात है आआआआआआआआआआआआउउ’।
‘हां मुझे चोदते रहो…’
मैंने लंड बाहर निकाल लिया और वो बिस्तर पर सीधी लेट गयी।
मैंने धीरे से उसके कामुक शरीर पर हाथ फिराया, फिर छेद में उंगली डाल दी और अन्दर के बिंदु को सहलाने लगा।
यह उसका जी-स्पॉट था, वह जोर से हिली और उसके मुँह से जोर से ‘आआआआआआआउउउउउउउउउउउ.. जैसी आवाज़ निकली।
अब मैं उनके मम्मों पर लंड फिराने लगा और ऊपर से नीचे तक लंड लाने लगा। फिर उसने मेरा मुँह अपने मुँह के पास खींच लिया और ज़ोर से चूम लिया।
मैं भी जोर जोर से किस करने लगा और उसके चेहरे पर अपनी जीभ फिराने लगा। उसकी जीभ चूसने में बहुत मजा आ रहा था। साथ ही वो एक हाथ से मेरे लंड को जोर-जोर से सहला रही थी।
मैंने भी कहा- बहुत मजा आ रहा है।
फिर उसने मुझे कस कर अपनी ओर खींच लिया और अपनी बांहों में भर लिया। मैंने भी उन्हें दबाया, उनके चुचे मेरी छाती से दब रहे थे।
आह रगड़ने में क्या मजा आ रहा था।
फिर उसने अपनी जांघें फैला दीं और कहा- अब जल्दी से लंड को इधर लाओ।
मैं उसकी चूत में लंड डाल कर धीरे धीरे चोदने लगा।
फिर वो बोली- आह ऐसे नहीं चलेगा.. जोर से चोदो।
मैं जोर जोर से चोदने लगा।
चुदाई का मजा आ रहा था। माँ भी चुदाई का मजा ले रही थीं- शश.. शश आ.. क्या बात है आह.. आ.. शश.. आह.. ओहह.. और जोर से धक्का.. बहुत मजा आ रहा है।
मैं भी पूरी ताकत से लंड को अन्दर धकेलने लगा। चुदाई पूरी रफ़्तार पर थी और अब मैं झड़ने वाला था। मेरा रस बहने लगा और मैं ढीला पड़ गया और उसके नंगे बदन को कस कर पकड़ लिया।
मुझे माँ के गुदगुदे बदन पर बहुत मजा आ रहा था।
फिर उसने कहा- चलो… बहुत देर हो गई है… अब सोते हैं।
वो अपने कपड़े पहनने लगी। फिर बोली- यह बात राज ही रखना, कभी किसी से मत कहना।
मैंने हाँ कहते हुए उनके मम्मे दबाते हुए उन्हें चूमा और चूत दबाते हुए बोला- फिर कभी गुदगुदी होगी क्या..?
वो हँसने लगी.. मैं भी समझ गया।
माँ बोलीं- बहुत बदमाश हो गये हो, चलो अब सो जाओ।
वह अपने कमरे में सोने चली गयी।
मैं अपनी माँ के साथ चुदाई की यह कहानी कभी नहीं लिखना चाहता था.. लेकिन अब मुझे अच्छा लग रहा है।
तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं।
अगर आपको यह कामुक माँ की चुदाई करी कहानी पसंद आई तो हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं।
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