हिंदी गे सेक्स स्टोरी के पठकों को मेरा नमस्कार मैं साक्षी एक बार फिर से आप सभी के सामने एक रियल गे सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ। इस कहानी का शीर्षक सिनेमा हॉल में कामुक गे की गांड की चुदाई (Kamuk Gay Ki Gand Ki Chudai)।
ये देसी हिंदी गे सेक्स कहानी (Gay Sex Kahani) आप सब अभिषेक की जुबानी पढ़ रहे है……….
हेलो प्यारे गे दोस्तो, ये मेरी पहली xxx गे कहानी है, इसके लिए कोई गलती हो तो इग्नोर कर देना, अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं।
ये बात तब की है जब मैं 12वीं कक्षा में था, मैंने अपनी 10वीं तक की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के कानपूर से ही पूरी की थी पर 11वीं या 12वीं की पढाई मैंने दिल्ली में महिपालपुर से किया है।
तो जब मैं 12वीं में था घर की और अपने दोस्तों की याद भी आती थी इस लिए मेरा मन स्कूल में नहीं लगता था, तो मैं स्कूल बंक करता था।
वैसे कोई एक खास जगह सेलेक्ट नहीं थी थी बस मैं ऐसी जगह चुनता था जहां कम पेसो में ज्यादा टाइम था पास हो जाये।
ऐसे करते करते मैं कभी मॉल में जाकर उसके टॉप फ्लोर पर कोल्ड ड्रिंक या स्नैक्स लेकर बैठा करता था।
कभी किसी पार्क में, ऐसे ही एक दिन में शहर के पुराने सिनेमा में गया वहा एक बी ग्रेड मूवी जिसका टिकट सिर्फ 35 रुपये था और वो 2.5 घंटे की थी।
मुझे पॉर्न का बहुत शौक था मैं अपने दोस्तों से साथ देखा करता था पर यहां कोई नहीं था जिसके साथ मैं पॉर्न देख सकू क्योकि मैं अकेला था।
तो मैंने टिकट लिया और अंदर चला गया, मैंने आगे से 3 या 4 पंक्ति के कोने वाली सीट लेली वहा से पंखे की हवा अच्छी आ रही थी।
दूसरी वजह ये थी कि पीछे की सारी पंक्तियों में सब चरसी बैठे थे जो 35rs के टिकट में चरस शराब आराम से बैठ कर पी रहे थे।
मैं उनसे दूर ही बैठना चाहता था, तो फिल्म शुरू हो गई करीब 10 मिनट बाद मैंने देखा एक 30 साल का गोल मटोल आदमी मेरे पास आकर बैठ गया।
खेर मैं फिल्म देख रहा था और फिर कुछ देर बार मुझे अपनी जांघों पर कुछ महसूस हुआ और मैंने देखा उस आदमी ने अपना हाथ मेरी जांघों पर रखा है।
मैंने इग्नोर किया पर फिर उसने मेरी जांघों को सहलाना शुरू किया तो तब मैंने उसकी तरफ देखा और उसका हाथ उठा कर अलग कर दिया।
पर उसने फिर थोड़ी देर बाद सहलाना शुरू किया और मेरे लंड को दबाने लगा, अब मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसे 2-3 बार मना किया।
मैंने उसे गली भी बक दी और वो थोड़ी देर तक शांत बैठा रहा, मैं वापीस फिल्म देखने में लग गया, फिल्म धीरे-धीरे करके मैं हॉट हो गया और मेरा लंड खड़ा हो गया।
कुछ देर बाद मैंने देखा मेरे पैरो में कोई है और जब मैंने नीचे देखा तो वही आदमी मेरी दोनों टांगो के बीच में नीचे जमीन पर बैठा था, मैं उससे कुछ कह पता इससे पहले उसने अपने मुंह को मेरे लंड पर रख दिया।
मैंने उसे मना करने की कोशिश की पर वो नहीं हटा और मेरी पैंट ऊपर से ही मेरे लंड को अपने मुँह में दबा रहा था।
मैं ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकता था, एक तो मैं स्कूल बंक कर रहा था और दूसरा सबसे पीछे साले चरसी बैठे थे।
तो मैं भी बस मामुली विरोध कर रहा था, पर वो पगलो की तरह अपने मुँह से मेरे लंड को दबा रहा था, अब सामने सेक्सी मूवी चल रही है।
और कोई आपका लंड चूस रहा हो तो कोई क्या कर सकता है, तो मैं भी मजे लेने लगा और अब उसने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाला और चूसने लगा।
ये मेरा पहला अनुभव था मुझे मजा आ रहा था और वो पगलो की तरह मेरा लंड चूस रहा था और ऊपर से नीचे पूरा लंड मुँह में ले लिया उसने।
उसका दिल नहीं माना तो वैसे भी चूसने लगा, मैं बहुत गरम हो चूका था मैंने उसका सर पकड़ रखा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा था।
समाज नहीं आ रहा था के क्या करू बस मजा आ रहा था और मैं उसका साथ दे रहा था, उसने चूस चूस कर पूरा लंड और मेरी पेंट गिली कर दी थी।
मैं भी उसका सर पकड़ कर अपना लंड उसके मुँह में घुसाता और निकालता, और उसके मुँह को चोद कर मजे लेने लगा।
बहुत चूसने के बाद वो रुक गया, मैं हैरान रह गया कि क्या हुआ और वो निचे से उठ कर मेरे बराबर में बैठ गया।
मैंने उसको बोला क्या हुआ?
उसने कहा कि बस अब यहां नहीं मेरे साथ चलो।
मैंने बोला कहां?
उसने कहा चलो तुम्हें और भी मजे दूंगा।
मुझे थोड़ा डर लगा तो मैंने मना किया पर वो हाथ जोड़ने लगा और कहने लगा प्लीज चलो मुझे अब नहीं रहा जाता।
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था वो क्या कहना चाहता है पर मैं भी अधूरा था क्योकि साले ने मेरे लंड में आग लगा दी थी और काम बीच में ही छोड़ दिया इस लिए मैं भी मान गया।
वो मुझसे कहने लगा कि तुम बस मेरे पीछे आओ, तो मैं उठ कर चल दिया और वो सिनेमा के टॉप फ्लोर पर ले गया, जहा जनरेटर रखा था और पूरा फर्नीचर, वहा एक छोटी कोठरी थी।
उसने कहा आ जाओ, मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा था पर मेरे खड़े लंड ने ये सब करने को कहा तो मैं चला गया।
उस कोठरी में जाते ही वो मुझसे लिपट गया और मुझे कस के चिपक गया और चूमने लगा, उसने मेरी शर्ट के बटन खोले और मेरे निपल चूसने लगा और मेरी गर्दन चाटने लगा, मैं पूरी तरह से पागल हो चूका था और सब कुछ उसके ऊपर ही छोड़ दिया मैने।
फिर जल्दी से उसने मेरी पेंट उतारी और लंड चूसने लगा, यहा मैं भी कंफर्टेबल था कोई डर नहीं किसी का वो बिल्कुल पोर्न मूवी की तरह लंड चूस रहा था।
मैं भी उसका सर पकड़ कर झटके मार रहा था और फिर उसने मेरी टांगो को फ़ैलाया और अपना सर मेरे अन्डो के नीचे लाया।
वो अब मेरे टट्टे चाट रहा था बहुत मजा आ रहा था चाट चाट कर उसने मेरे टट्टे गीले कर दिए, पर मजा तो जब आया जब वो अपनी जीभ को मेरी गांड और टट्टों के बीच में फेर रहा था।
मैं अब बहुत गरम हो चुका था वो अचानक उठा और अपनी पैंट खोलने लगा और उसने पूरी पैंट उतार दी।
उसका लंड बहुत छोटा था और वो डॉगी स्टाइल में झुक गया था और बोला चल अब मत तड़पा मेरी गांड मार।
उसकी गांड गोल मटोल थी उस पर छोटे छोटे पिंपल्स भी थे, मैं अपना हाथ उसकी गांड पर फेर कर मजा ले रहा था।
अब मैं भी तैयार था, तो मैंने अपना लंड उसकी गांड पर रखा और झटके मारने लगा पर लंड अंदर नहीं जा रहा था।
फ़िर उसने अपना थूक मेरे लंड पर लगाया और बोला कि तुम अपना थूक मेरी गांड पर लगाओ और फिर डालो।
मैंने ऐसा ही किया मैंने थूक लगाया और मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में घुस गया और फिर क्या था मैंने झटके मारने शुरू किये और मुझे एक अलग ही अहसास हो रहा था। पहली बार किसी की गांड चुदाई (Gand Chudai) का मजा आ रहा था।
मैंने सोचा वाह ये होती है चुदाई, मैं चोदता रहा वो धीरे से सिसकिया लेकर मुझे और मजा आता और मैं अब ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा।
वो भी मेरा साथ दे रहा था और अपनी गांड हिला कर, मैं बस झड़ने ही वाला था मैंने उसे बताया तो उसने तुरंत सिधा हो कर मेरे लंड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगा और मैं झड़ गया।
मेरा सारा पानी उसने अपने मुँह में भर लिया और पी गया और चूस कर मेरा लंड साफ किया। इसके बाद मैं जब भी बंक करता था उस सिनेमा में जरूर जाता था।
तो दोस्तों ये थी मेरी पहली गे चुदाई की कहानी (Gay Chudai Ki Kahani) जिसका अनुभव मुझे बहुत अच्छा लगा था।
आपको मेरी हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Hindi Gay Sex Story) कैसी लगी मुझे कमेंट में करके जरूर बताये। धन्यवाद।