हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Hindi Gay Sex Stories) के दीवानो का हमारी इस xxx गे कहानी में स्वागत है। मैं साक्षी आपके लिए एक और मजेदार और सेक्सी गे सेक्स कहानी लेकर आई हूँ। इस कहानी का शीर्षक चुड़क्कड़ गांडू बनने की सुनहरी कहानी (Gandu Banne Ki Sunhari Kahani) है।
हमारी आज की इस गे सेक्स स्टोरी (Gay Sex Story) के लेखक धीरज है, और आगे की कहानी धीरज की जुबानी है।
हाय दोस्तों मेरा नाम धीरज है, मैं 28 साल का हूं, मुझे अपनी गांड मरवाना बहुत पसंद है, लड़की की तरह बनके उनकी तरह कपडे पहन कर चुदना और लंड चूसना बहुत ही ज्यादा पसंद है।
ये सब मेरे जीवन में तब से शुरू हुआ जब मैं 19 साल का हो गया था, तब मेरे मां-बाप की एक रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी।
उसके बाद मैं अपनी चाचा जी के साथ रह रहा था, चाचा वही इंसान जिसने मुझे इस मोह माया से परिचित कराया।
इस घाटना के बारे में फिर कभी बताऊंगा पहले मैं आपको आज की अपनी गे सेक्स कहानी बताता हूँ।
मैं अपने चाचा से पिछले 9 साल से अपनी गांड की चुदाई करवा रहा था, फिर एक दिन चाची ने मुझे और चाचा को पकड़ लिया।
मैं कविता (मेरी चचेरी बहन- चाची की लड़की) के कपड़ो में अपने चाचा से अपनी गांड को चुदवा रहा था, चाची ने मुझे घर से निकाल दिया।
वहा से निकल कर मैं दिल्ली के पहाड़गंज में रहने लगा हूँ। यहां एक होटल में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करने लगा।
मुझे दिल्ली में रहते हुए अभी कुछ ही दिन हुए थे, मैं रोज लोकल ट्रैन में हिजड़ों को देखता था।
फिर एक दिन मुझे बहुत इच्छा हुई, लड़की बनके बाहर घूमने की, क्योंकि यहां मुझे कोई नहीं जानता था।
मुझमें अब और भी हिम्मत आ गई थी, मैंने मार्केट से ब्रा पैंटी टॉप और जींस खरीदी थी और एक ऊंची हील की सैंडल भी खरीदी थी।
ये सब ले कर मैं अपने रूम पर आया, और ट्राई करने लगा, मेरी बॉडी बिल्कुल चिकनी थी क्योंकि मैं अपने शरीर के बाल साफ करके रखता था।
क्योकि चाचा को मेरे शरीर के बाल पसंद नहीं था, मेरे बूब्स भी थोड़े बड़े थे। गांड भी बहुत बड़ी थी, ऐसा लगता था कि मैं एक सच में लड़की ही हूँ।
(चाचा मुझे लड़की के हार्मोन की गोली खिलाता था जिसे मेरी चुचियाँ बड़ी हो गई थी और मेरा लंड भी सुकुड़ गया था)।
मैंने ब्रा पैंटी पहनी और टॉप ट्राई किया फिर मैंने सब कुछ पहना और फिर एक मस्त सा मेकअप किया और फिर डरते हुए बाहर निकल गया।
किसी ने मुझपे ध्यान नहीं दिया, मैं अपनी गांड लचका के चल रहा था, मुझे बहुत मजा आ रहा था, फिर मैं एक बस स्टॉप पर खड़ी थी बस का इंतजार करते हुए, तभी दो लोग बाइक से आए मेरे पास आकर पूछा।
आदमी: क्यू चलेगी क्या?
मैं डर गया और (लड़की की आवाज में) पूछा क्या बोल रहे हो।
अरे रेट बता अपनी रंडी, कितने में गांड मरवायेगी।
मैं समझ गई ये मुझे क्या समझ रहे थे।
मैं: आप गलत समझ रहे हो।
आदमी: नहीं रे हिजरे, हमें हिजरे ही पसंद हैं।
ये बाते सुन कर मैं गर्म हो रही थी पता नहीं कैसे मैंने हां कर दिया, उन्होंने मुझे अपनी गाड़ी पे के बीच में बिठाया, गाड़ी पे ही पीछे वाले ने मुझे दबा रहा था।
फिर वो मुझे एक रेलवे गैराज में ले गए, वहा पहुंचते ही उन्होंने मुझे आगे और पीछे से दबा लिया, और ज़ोर से मेरी चुचियाँ और गांड मसलने लगे।
मुझे बहुत मजा आ रहा था, फिर उन्होंने मुझे पूरा नंगा किया और मेरी बॉडी को सहला रहे थे।
क्या बात है रंडी अब तक कहा थी पहले कभी नहीं देखा? बड़ी मस्त माल है तू तो।
मैं: अभी नई-नई इस शहर में आई हूँ
क्या नाम है?
मैं: रितिका।
वो: रितिका पहले कितनी बार चुदी है?
मैं: बहुत बार।
फिर एक ने ज़ोर से मुझे चूमा और मेरा सर पकड़ के नीचे अपनी ज़िप के सामने ले गया, मैं समझ गई थी क्या करना, मुझे चाचा ने अपना लंड बहुत चुसवाया था।
मैंने झट से उसका लंड निकला और ज़ोर ज़ोर से मजे से उसके लंड की चुसाई करने लगी।
दूसरे ने ज़ोर-जोर से मेरी गांड पर थप्पड़ लगाया : रंडी बड़ी भूखी है तू।
हां मेरे राजा बहुत भूखी हूं, और मैं ज़ोर से चूसने लगी।
अब दोनो लंड मेरे सामने थे, एक-एक करके मैं उन दोनों के लंड को चूस रही थी और अपनी गांड हिला रही थी।
15 मिनट लंड चुसाई के बाद एक ने मेरी गांड पे अपनी जुबान रख दी और चाटने लगा, ओह्हा आआ मेरे होश उड़ने लगे पुरे 3 महीने बाद मैं किसी लंड से चुदने जा रही थी।
अचानक एक ज़ोर का धक्का लगा और मेरी चीख निकल गई क्योंकि उसने पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया था।
इसका लंड मेरे चाचा के लंड से भी बहुत बड़ा था, मेरी गांड को बहुत दर्द दे रहा था, उसने मेरे बाल पकड़े और ज़ोर से धक्के देने लगा, आह्ह आह्ह मम्म आह्ह्ह की आवाज निकल रही थी।
तभी दूसरे ने मेरे मुँह में लंड डाल दिया और 15 मिनट तक इसी तरह कुतिया बन कर अपनी गांड की चुदाई करवाती रही।
फिर उन्होंने अपनी जगह बदल दी और मुझे चोदने लगे, 25 मिनट तक ये गर्मा-गर्मा चुदाई का खेल चला फिर दोनों ने एक एक करके मेरे गांड में अपने लंड का पानी डाल दिया।
फिर उन्हें मुझे 2500 रुपये दिए और मेरा नंबर ले कर चले गए, मैं कुछ देर वहीं पड़ी रही, फिर कपड़े पहनने के बाद मैं वापस आने लगी तब भी वहा एक पुलिस वाला आया।
पुलिस वाला: क्यू रे यहाँ क्या कर रही है?
मैं: कुछ नहीं., डरते हुए।
पुलिस वाला: मुझे घूरते हुए, झूठ मत बोल, ये अभी दो लड़के गए यहाँ से मैंने देखा।
वो मेरे पास आया और ज़ोर से थप्पड़ लगाया, मैं रोने लगी, तभी उसने मेरे टॉप के नीचे हाथ घुसाया और मेरी चुचियाँ दबाने लगा, ये सब से मैं दंग रह गयी और खुश भी की ये मेरी गांड की चुदाई के बाद छोड़ देगा।
उसने बोला मेरा काम करेगी।
जी सर, बताइये।
मुझे लाइव पोर्न का शौक है, तू मेरे साथ चल तुझे मैं कुछ लोगो से अपने सामने चुदवाउंगा ..
किन्से सर???
तुझे उससे क्या..
इनाम मिलेगा नहीं तो 376 में अंदर कर दूंगा।
मैं डर गई और हां बोल दिया..
फिर मुझे उसने अपनी गाड़ी में बैठा के किसी जेल में ले गया।
“ये कहा ले आये?”
यही पर वो लोग रहते है।
मैं घबरा गई, फिर सोचा, मजा आएगा..
फिर वो मुझे एक खाली कमरे में ले गया और गार्ड से बोला के गंजु, बगला और बिल्ला को ले आ।
मैं: ये कौन है?
“तेरे लंड” सब रेप के केस में अंदर है, 2 साल से इनको गांड नहीं मिली है, बहुत भूखे है..
मेरे दिल की धड़कने बहुत ही तेज़ हो रही थी।
तभी वहा तीन लोग आ गए ज़ंजीर में बंधे हुए।
आओ आओ, आज तुम्हें मेरी तरफ से एक गिफ्ट है।
मेरी तरफ इशारा करते हुए, वो तीनो मेरी तरफ देख के लार टपकाने लगे, मेरे छोटे से लंड से पानी निकल गया इस सब की उत्तेजना में।
दोस्तों आज की कहानी में इतना ही आगे की रियल गे सेक्स कहानी आपको मैं इस कहानी के अगले भाग में बताऊंगा।
तब तक के लिए अलविदा, हिंदी गे सेक्स स्टोरीज को पढ़ते रहे और अपनी गांड मरवाते और दुसरो की गांड मारते रहे।