कैसे है दोस्तों, आप सभी लोग का readxxxstories.com पर हार्दिक स्वागत है, मैं साक्षी आपके लिए Hindi Gay Sex Story की एक ऐसी कहानी लेकर आई हूँ। जिसको पढ़कर आपको मजा आ जायगा और आपकी गांड में खुजली होने लगेगी। इस कहानी का शीर्षक पहली गांड चुदाई का मजा और मेरे Gandu Banne Ka Safar।
हेलो मैं 20 साल का प्योर बॉटम हूं, और दिल्ली के Paharganj में रहता हूँ। आज से काफ़ी साल पहले मैंने अपनी पहली बार गांड मरवाई थी और उसके बाद ये एक नशे की तरह था।
आइये आपको अपनी गे सेक्स कहानी बताता हूँ। मैं 5 फीट 6″ इंच का एक मोटा सा लड़का था।
मेरी गांड काफ़ी मोटी थी और बहुत गोल थी।
मेरा जिस्म बहुत साफ और चिकना था, रंग भी गोरा, मैं देखने में ही गांडू लगता था।
एक दिन में बस में घर की तरफ जा रहा था। मैंने एक टाइट ट्राउजर पहन रखी थी और उसमें मेरी गांड बिल्कुल उभर के नज़र आ रही थी।
अब मुझे पता नहीं था लेकिन मेरी पतलून पीछे से फट गई थी। और मैंने अंडरवियर भी नहीं पहनता था।
खैर में बस में बहुत पीछे खड़ा था। अचानक मुझे महसूस हुआ कोई मेरे पीछे चिपक के खड़ा है।
वो काफी लंबा था करीब छह फीट से ऊपर की ऊंचाई थी उसकी।
थोड़ा मोटा था लेकिन बॉडी देखने में लग रही थी कि बॉडी बिल्डर है। मोटे बाइसेप्स और रफ हार्ड जिस्म।
वो मेरे बहुत करीब हो रहा था। आहिस्ता-आहिस्ता मुझे उसका हाथ अपनी गांड पर महसूस हुआ।
मुझे बहुत अजीब लगने लगा मैंने उसका हाथ हटा दिया। लेकिन वो बार-बार अपना हाथ वापस लगा रहा था।
मेरे साथ पहली बार ऐसा कुछ हुआ था। मेरा लंड भी पतलून में खड़ा हो रहा है।
पता नहीं अजीब भी लग रहा था और मैं हॉर्नी भी हो रहा था।
मुझे फिर महसूस हुआ उसकी उंगली मेरी गांड को टच हो रही है।
मेरी पतलून जहां से फटी हुई थी वहां से उसने एक उंगली अंदर घुसा दी थी।
मेरे साथ ये पहली बार हुआ था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था।
उसने फिर मेरे कान में आके बोलो स्टॉप आ गया है चलो मेरे साथ।
उसने मेरा हाथ पकड़ा और हम बस से उतर गये। मेरे अंदर बिलकुल भी हिम्मत नहीं थी के उसे रोकने की।
वो मेरा हाथ पाकड़ कर एक बिल्डिंग कॉम्प्लेक्स के अंदर ले गया।
वहां हम फर्स्ट फ्लोर के एक घर के पास पहुंचे। उसने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बेडरूम में ले गया।
उसने मुझे बैठने को बोला और बाहर चला गया।
मैं दिल में ही सोच रहा था कि कहां फंस गया।
मुझे सेक्स वगेरा का नहीं पता था मुझे लगा वो मुझे मार देगा या पैसे मांगेगा।
मेरा लंड अभी भी पतलून में तना हुआ था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था ये क्या हो रहा है।
कुछ मिनट बाद वो बंदा वापस कमरे में आया।
उसने सिर्फ एक तौलिया लपेट रखा था और उसका बालों से भरा जिस्म मेरे सामने था।
वह: कितना बड़ा ले लेते हो?
मैं: जी? मुझे कुछ समझ नहीं आया?
वह: अबे कितना बड़ा लंड ले चुके हो?!
मैं: आपको क्या मतलब समझ में नहीं आया?
वो: अबे तू गांडू ही है ना..?
मैं: मुझे नहीं पता आप क्या बात कर रहे हो?
वह: अरे यार गलती हो गई लगती है… मुझे तुम गांडू लगे तो मैं यहां तुझे चोदने के लिए लेके आया… चल अब गलती हो गई तुम जा सकते हो।
मैं: ठीक है शुक्रिया आपका सर।
वह: और हां बेटा ये टाइट कपरे और फटी हुई ट्राउजर ना पहना करो हम इसे गलत समझते हैं।
मैं निकलने लगा बहार की तरफ और जब गेट पे पहुंचा तो मैंने उससे मुड़के पूछा-
मैं: आप बता सकते हैं आप क्या करना चाहते हैं?
वो: अरे मैं तेरी गांड में अपना लंड घुसाना चाहता हूँ।
मैं: लेकिन क्यों?
वह: अरे बहुत मजा आता है… बोल मरवायेगा?
मैं: जी मैंने कभी किया नहीं है।
वह: कोई बात नहीं आज कोशिश करो लेकिन मेरा लंड काफ़ी बड़ा है थोड़ा दर्द होगा बर्दाश्त करना होगा।
मैं: ठीक है लेकिन ज़्यादा दर्द तो नहीं होगा?
वह: अरे तू टेंशन नहीं ले, क्योंकि तेरे जैसो को बहुत ली है मैंने… मैं जो बोलूंगा करना होगा तुझे मजा बहुत आएगा।
उसके बाद उसने अपना नाम बताया मुझे, उसका नाम अब्दुल था।
फिर उसने मुझे बाथरूम में जाकर नहाने को बोला और अपनी गांड को साफ करने का बोला।
मैंने वेसे ही किया और जैसे ही मैं बहार आया तो सोफे पर नंगा बैठा था और उसका लंड टाइट खड़ा था।
उसका लंड देख के में हैरान हो गया काफ़ी लम्बा था मेरे हाथ जितना बड़ा था।
अब्दुल ने मुझे कपड़े उतारे उसके सामने आने को बोला।
मैंने वेसा ही किया अब मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा खड़ा था।
वो मेरे जिस्म की तारीफ कर रहा था और गांड दबा के बोल रहा था कितनी मज़ेदार गांड है।
उसने मुझे खींच कर अपने ऊपर बिठाया और मेरे स्तन दबाने लगा।
फिर वो मेरे करीब आया और मुझे चूसने लगा।
उफ़्फ़ क्या लग रहा था मुझे इतना मज़ा आ रहा था मेरा लंड भी टाइट हो गया था।
अब्दुल ने 10 मिनट तक किस किया और फिर मेरे निप्पल को चूसा।
उसने चूस-चूस कर मेरे स्तन लाल कर दिये थे। मैं मजे में बिल्कुल मदहोश हो गया था।
अब्दुल का टाइट लंड मेरी गांड से टच हो रहा था।
अब्दुल ने फिर मुझे उतारा और मुझे बोला के उसका लंड चूसूँ।
मुझे ये अजीब लगा और मैंने मना कर दिया।
लेकिन उसने मुझे बताया के मजा आएगा ट्राई करो।
आख़िर में मान गया और उसका लंड हाथ में पकड़ा।
उसका लंड मेरे हाथ में मुश्किल से फिट हो रहा था।
मैं थोड़ा झुका और टोपा चाटा। उसका प्रीकम का स्वाद आया वो बहुत मीठा था।
मैं फिर उसका लंड चाटने लगा।
फिर उसने मुझे मुँह में लेने को बोला।
मैंने मुँह खोला और सिर्फ थोड़ा सा लंड मेरे मुँह में फिट हो रहा था।
लेकिन उसने फिर मुझे थोड़ा समझाया, कैसे चूसना होगा।
थोरी देर बाद में अच्छे से चूस रहा था।
वो भी आहिस्ता-आहिस्ता ज़ोर दे रहा था और उसका लंड मेरे गले तक जा रहा था।
अब्दुल उठ गया और मेरा सर पकड़ के मुँह को चोदने लगा।
मुझे तो सांस ही आना बंद हो गई।
कुछ मिनट के बाद मैं उसका लंड पूरा गले तक ले गया और उसका गर्म-गर्म माल मेरे गले में बहने लगा।
मुझे बहुत अच्छा स्वाद लगा और मैं मजे से पी गया।
हां थोरी खांसी और उल्टी जैसी फीलिंग आई लेकिन मैंने अपने आप को कंट्रोल किया।
अब्दुल ने मुझे उठाया और बेडरूम में ले गया।
फिर अब्दुल बाथरूम से तेल की बोतल लाया और मुझे डॉगीस्टाइल पोजीशन में बिठाया।
अब्दुल ने मेरी गांड फैलाई और मुझे अपने छेद पर उसकी ज़बान महसूस हुई।
वो मेरी गांड चाट रहा था उफ्फ क्या मजा आ रहा था। मेरे लंड से भी प्रीकम लीक हो रहा था, मैं बिल्कुल मजे में मदहोश था।
अब्दुल ने मेरे छेद में जुबान डाली तो मेरे जिस्म में करंट लगा। 8-10 मिनट तक उसने मेरी गांड को खूब चाटा।
फिर उसने थोड़ा तेल लगाया मेरे होल पे और अपनी उंगली पे।
मुझे तैयार होने को बोला और आहिस्ता-आहिस्ता अपनी फ़िगर अंदर डाल दी।
मुझे थोड़ा दर्द हुआ लेकिन वो बहुत प्रोफेशनल था।
थोरी देर उसने एक ही उंगली से उंगली की कि और फिर आराम-आराम से दूसरी घुसा थी।
मुझे तो मजा इतना आ रहा था, कि पता ही नहीं चला के कब वो मेरी गांड में तीन उंगली अंदर बाहर कर रहा था।
15 मिनट तक अंदर बाहर करके उसने मेरी गांड थोड़ी ढीली की।
अब उसका लंड वापस टाइट हो गया था और मेरी गांड भी तैयार थी।
उसने अपने लंड को तेल लगाया और मेरे छेद पर लंड को सेट किया। उसने मुझे बालों से पकड़ा और बोला-
अब्दुल: बोल रंडी बनेगी मेरी?!
मैं: जी…बनूंगा।
अब्दुल: बोल असली चीज़ के लिए तैयार है तू!
मैं: हां तैयार हूं प्लीज डालो बहुत मजा आ रहा है।
बस मैंने जेसे हां बोला तो उसने थोड़ा ज़ोर लगाया और उसका टोपा मेरे अंदर घुसा।
दर्द से मेरी चीख निकल गयी, उसने मुझे चुप रहने को बोला और आहिस्ता-आहिस्ता अपना मोटा लंड मेरी गांड के अंदर डालने लगा।
मेरा छेद ढीला हो चुका था लेकिन उसका लंड बहुत बड़ा था।
मैंने दर्द बर्दाश्त किया और आहिस्ता-आहिस्ता अब्दुल अपना लंड अंदर डाल दिया।
वो मुझे ब्रेक भी दे रहा था और मेरी गांड में प्यार से लंड डाल रहा था।
7-8 मिनट तक उसने मुझे प्यार से चोदा फिर मेरा दर्द कम हो गया और मेरा लंड भी वापस टाइट हो गया।
अब्दुल ने मेरा लंड पकड़ा और स्पीड से मेरी मुठ मारने लगा।
फिर अब्दुल ने चुदाई की स्पीड भी तेज़ कर दी उसका लंड मेरे अन्डो से टच हो रहा था मुझे बहुत मजा आता था।
अब्दुल मुझे बड़ी तेज स्पीड से चोद रहा था और कुछ ही देर बाद मेरे लंड से कम उरता हुआ निकलने लगा।
मुझे इतना मज़ा आया के बिस्तर पे गिर गया। बहुत थकन हो रही थी, अब्दुल अभी भी झड़ा नहीं था।
उसने मुझे सीधा किया और मेरी टांगें उठा दी।
उसने एक ही धक्के में पूरा लंड घुसा दिया और मैंने ज़ोर से विलाप किया।
मेरा छेद अब खुल गया था तो अब अब्दुल बहुत रफ हो गया था और बहुत तेज़ तेज़ मेरी Gand Chudai कर रहा था।
मेरा लंड वापस टाइट हो गया था मजे से।
अब्दुल ने 25-30 मिनट और चोदा फिर मेरी मुठ वापस निकल गई।
अब्दुल भी झड़ने वाला था, उसने अंत में बहुत तेज़ तेज़ धक्के मारे और फिर मुझे गांड में उसका गर्म-गर्म लावा जैसा कम महशुश हुआ।
अब्दुल मेरे ऊपर गिर गया और मुझे किस करने लगा।
कुछ मिनट आराम करने के बाद में उठा और बाथरूम जाने लगा।
मेरी गांड अब खुल चुकी थी और मैं चल भी नहीं पा रहा था।
साफ़ सफ़ाई के बाद में नाहर आया तो अब्दुल ने मुझे बोला रात रुक जाओ मुझे समझ आ गया वो और चुदाई करना चाहता है। मुझे भी बहुत मजा आया था इस लिए मैं भी रुकना चाहता था।
मैंने घर कॉल करके झूठ बोला के दोस्त के घर रुक रहा हूँ।
पूरी रात अब्दुल ने मेरी गांड मारी।
उसके बाद मैं काफ़ी बार अब्दुल से मिला।
मुझे गांड मरवाने का इतना शौक हो गया था कि अब्दुल ने मुझे अपने दोस्त से भी मिलवाया वो भी मुझे चोदते थे।
आज भी काफी साल हो गए हैं और मैं शौक से गांड मरवाता हूं। और बहुत बड़ा गांडू बन चूका हूँ।
दोस्तों ये थी मेरी देसी गे सेक्स स्टोरी, उम्मीद है आपको पसंद आई होगी। आप मुझे कमेंट करके बता सकते है। धन्यवाद।