आप सभी पाठको को मेरा नमस्कार, आज मैं एक बार फिर से एक हिंदी गे सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ, इस कहानी का शीर्षक गांड चुदाई की सुनहरी दास्तान (Gand Chudai Ki Sunahri Dastan) है
आगे की कहानी रमेश से सुनिए……………
हेलो दोस्तों, मेरा नाम रमेश है। मैं दिल्ली के पहाड़गंज से हूं, मेरी उमर 21 साल है, और मैं एक गांडू (गे) हूँ।
मुझे स्कूल में ही पता चल गया था कि मुझे लड़कियों में नहीं, बल्की लड़को में दिलचस्पी थी। लेकिन ये बात मैंने किसी को बताई नहीं थी।
मेरी हाइट 5’6″ है, रंग गोरा है, और मेरी गांड अब 36″ की हो चुकी है। मेरी पूरी बॉडी को देखेंगे तो मेरी बड़ी सी गांड अलग ही नजर आएगी।
कोई भी समझदार बंदा पहली बार में ही मुझे देख कर समझ जाएगा कि मैं एक गांडू हूं। ये जो गे सेक्स कहानी है, ये मेरी पहली गांड चुदाई की कहानी है। तो चलिए आपको बताता हूं, ये सब कैसे हुआ।
स्कूल पूरा करने के बाद मुझे एक अच्छे कॉलेज में जाना था। तो मैंने दूसरे शहर में रह कर पढ़ने का फैसला लिया। वहा मैंने अपना एक अलग छोटा सा फ्लैट किराए पर लिया, और वही रह कर पढ़ने लगा।
कॉलेज में भी कई लड़कों ने मुझ पर ट्राई मारी, लेकिन मैंने किसी को हां नहीं बोला। मैं नहीं चाहता था कि मेरे गे होने का पूरे कॉलेज को पता चल जाए।
लेकिन अब मेरी गांड में खुजली होने लगी थी, और मुझे भी सेक्स करना था। मैं अब रोज़ गे पोर्न वीडियो देखने लगा था, और अपनी गांड में उंगली करता था। गांड में उंगली करने में मुझे बहुत मजा आता था।
फिर कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा। पहले-पहले मुझे गांड में उंगली करके संतुष्टि मिल जाती थी, लेकिन अब वो भी बोरिंग हो गया था। अब मुझे एक असली मर्द का लंड चाहिए था।
जिस बिल्डिंग में मैं रहता था, वह 5 मंजिल वाली बिल्डिंग थी। मैं पहली मंजिल पर रहता था, हमारी बिल्डिंग के सामने एक झुग्गी थी, जिसमें एक शराबी अपने कुत्ते के साथ रहता था।
वो अक्सर पी कर पड़ा रहता था। एक बार मैं सुबह कॉलेज जा रहा था। जब मैं उसकी झुग्गी के आगे से निकलने लगा, तो उसका कुत्ता मुझ पर भोंकने लग गया।
ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था, लेकिन उस दिन उसका कुत्ता मुझे आगे नहीं जाने दे रहा था। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।
क्योंकि ना तो वो मुझे काट रहा था, और ना ही जाने दे रहा था। फिर मुझे लगा कि शायद वो मुझसे कुछ कहना चाहता था। फिर मैं झुग्गी की तरफ बढ़ा, तो कुत्ता मेरे आगे चलने लगा।
अंदर जाके मैंने देखा तो वो शराबी बेहोश पड़ा था। मैंने उसकी पल्स चेक की तो वो बहुत धीमी थी।
मुझे लगा कि कहीं उसको कुछ हो ना जाए, तो मैंने उसको हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया।
जब हम उसको अस्पताल लेके जा रहे थे, तो उसकी फटी हुई पैंट में से मुझे उसका बड़ा सा लंड दिखने लगा।
उसका लंड कम से कम 7 इंच का था, और उसका लंड देखते ही मेरे मुँह में पानी आ गया था।
फिर अगले 3 दिन में वो ठीक हो गया। उसके बाद जब मैं कॉलेज जा रहा था, तो उसने मुझसे रोका, और मेरा शुक्रिया अदा किया।
ऐसे ही हम आते-जाते एक-दूसरे को हाय-हैलो बोलने लगे। फिर हमारी थोड़ी-बहुत बातें होने लगीं, जो वक्त के साथ ज्यादा हो गई।
इसी तरह हम दोनो एक दूसरे के दोस्त बन गये। अब वो कभी-कभी मेरे घर भी आ जाता था।
ऐसा ही कुछ दिन चलता रहा, फिर एक दिन वो मेरे घर आया था, और हम दोनो बातें कर रहे थे। वो दारू पी रहा था, और मैं कोल्ड ड्रिंक पी रहा था।
बातें करते हुए उसने काफी दारू पी ली थी। फिर जब उसका जाने का टाइम हुआ, तो वो खड़ा हुआ और तुरंत ही गिर गया। मैंने जल्दी से आगे होके उसको हाथ दिया और उठाया।
उसकी हालत देख कर मुझे नहीं लग रहा था कि वो अपने घर तक जा पायेगा, तो मैंने उसको वही सोफे पर बिठा दिया। उसको लिटाने के बाद मैं सामने वाले सोफे पर बैठ गया। मैं उसको ही देख रहा था।
तभी मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी। उसका लंड खड़ा हुआ था, और ये मैं पैंट के ऊपर से देख रहा था।
उसके लंड को देख कर मुझे कुछ-कुछ महसूस होने लगा था। मेरे मुँह में लंड देख कर पानी आ रहा था।
दिल तो कर रहा था, कि मैं उसके लंड को खा जाउ। लेकिन मुझे डर भी था।
फ़िर मैंने उसको एक-दो बार आवाज़ दी। लेकिन उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वो पूरी तरह से नींद में डूबा हुआ था।
फिर मैं आगे बढ़ा, और उसके खड़े हुए लंड पर हाथ फेरने लगा। इतना लम्बा और इतना मोटा लंड देख कर तो मैं गरम होने लगा।
मैंने सोचा कि वो तो होश में है ही नहीं। तो क्यों ना उसके लंड का मजा लिया जाये, ये सोच कर मैंने उसकी ज़िप खोली, और लंड को बाहर निकाल लिया। उसका मोटा लंड देख कर मैं खुश हो गया।
अब मैंने उसके लंड चुसाई (Land Chusai) शुरू कर दिया। नमकीन-नमकीन का स्वाद था उसके लंड का।
फिर मैंने उसके लंड को मुँह में डाल लिया, और उसको चुसने लगा। मुझे उसका लंड चुसने में बहुत मज़ा आ रहा था। मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई, और ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड को चुसने लगा।
मैं पूरा मदहोश हो चुका था, और मुझे जरा भी ध्यान नहीं था कि वो जाग चुका था। फिर जैसा ही मेरा ध्यान उस पर पड़ा, मैं हैरान हो गया।
मैं जल्दी से उसके पास से उठा, और दूर हो गया। वो मेरी तरफ ही देख रहा था।
फिर वो सोफे से खड़ा हुआ, और मेरे पास आके खड़ा हो गया। उसका लंड अभी भी खड़ा था, और लटक रहा था। फ़िर वो बोला-
वो: मैं जानता हूं कि तुम गांडू हो, और तुम्हें लंड चाहिए। मुझे तुम्हें चोदने में कोई परहेज नहीं है। सुनो, इसे चुसो।
ये बोल कर उसने लंड मेरे मुँह के आगे कर दिया। अब मैं क्लियर था, मुझे क्या करना था।
मैंने झट से उसका लंड पकड़ा, और उसको मुँह में डाल कर चुसना शुरू कर दिया। जब मैं लंड चूस रहा था, तो वो धीरे-धीरे अपनी कमर हिला रहा था।
ऐसे करते-करते उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए, और बिल्कुल नंगा हो गया। फिर उसने मेरे बाल पकड़े, और मेरे मुँह में लंड अंदर-बाहर करने लगा।
वो बड़ी तेज़ और ज़ोर के धक्के मार रहा था। मेरे मुँह से बहुत थूक निकल रही थी, जिसका लंड पूरा गीला हो गया था।
फिर उसने मुझे खड़ा किया, और मेरे सारे कपड़े उतार कर मुझे नंगा कर दिया। मेरा जिस्म देख कर वो बोला-
वो: तेरा जिस्म तो बिल्कुल लड़की जैसा है। बस भगवान ने तुझे गलती से लड़का बना कर भेज दिया है।
फिर उसने मेरा मुँह दूसरी तरफ घुमाया, और मुझे नीचे झुका लिया। मैंने अपने हाथ से सोफा पकड़ रखा था, और उसके सामने घोड़ी बन गया। अब वो मेरे पीछे मसलने लग गया, मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर उसने मेरी गांड के छेद पर थूका, और छेद में उंगली डाल कर अंदर-बाहर करने लगा।
इसमें मैं पूरा गरम हो गया था, और गांड चुदाई (Gand Chudai) के लिए बिल्कुल तैयार था। कुछ मिनट तक ऐसा करने के बाद उसने अपना लंड मेरी गांड के छेद पर सेट किया।
उसका लंड मेरे छेद पर लगते ही मुझे करंट सा लगा। फ़िर वो लंड को छेद पर रगड़ने लग गया।
उसके बाद उसने एक दम से एक ज़ोर का धक्का मारा, जिससे उसके लंड का टोपा मेरी गांड में घुस गया। मुझे इतना दर्द हुआ, जिसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी।
मेरी ज़ोर की चीख निकली, और मैं उससे दूर भागने की कोशिश करने लगा। लेकिन उसने मेरी कमर को कस के पकड़ा हुआ था, जिस वजह से मैं भाग नहीं पाया।
फिर वो ज़ोर लगता है, और उसका लंड धीरे-धीरे अंदर जाने लगा। मेरी तो दर्द के मारे जान निकल रही थी।
धक्के मार-मार कर उसने अपना पूरा लंड मेरी गांड में घुसा दिया। और फिर वो रुक गया, फ़िर वो मेरी पीठ सहलाने लगा, और मेरी छाती दबाने लगा।
जब मैं थोड़ा शांत हुआ, तो उसने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया। धीरे-धीरे मेरा दर्द कम होने लगा, और मुझे मजा आना शुरू हो गया।
उसने अपने धक्को की स्पीड बढ़ाई, और मेरी गांड पर थप्पड़ मारते हुए मेरी मोटी गांड की चुदाई लग गया।
अब मैं आह आह कर रहा था, और वो भी आहें भरते हुए मुझे चोद रहा था। उसने मेरे कंधे पकड़ लिए, और ताबाड़-तोड़ तरिके से मेरी गांड की चुदाई करने लगा।
कमरे में थप-थप की आवाज आ रही थी, और हम दोनों पसीने-पसीने हो गए। 20 मिनट तक उसने मुझे चोदा।
फिर मैंने उसके लंड का गरम-गरम पानी अपनी गांड में महसूस किया। उसके बाद हम दोनों थक कर उसी सोफे पर बैठ गए, और वो मेरे हाथ चुसने लगा।
अब जब भी मेरी गांड में खुजली होती और मेरा दिल गांड मरवाने का करता था मैं उससे गांड चुदवा लेता था।
दोस्तों इस तरह से मैंने अपनी पहली बार गांड चुदवाई और गांड चुदाई का मजा लिया वो दिन मुझे जिंदगी भर याद रहेगा।
आपको अगर मेरी हिंदी गे सेक्स स्टोरी (Hindi Gay Sex Stories) अच्छी लगी हो, तो मुझे कमेंट करके जरूर बताएं। धन्यवाद।