October 12, 2024
Gand Chudai Ki Kahani

मेरी ये Hindi Gay Sex Story पढ़ने के लिए, मेरे यानी किसन कुमार की तरफ से मैं आप सब को मेरी चिकनी गांड खोल कर आपका स्वागत करता हूं।

दोस्तो मैं इंटरनेट पर लड़का लड़की और माँ बेटे, बाप बेटी, और Hindi Gay Sex ऐसी बहुत सारी कहानी पढ़ता हूँ।

पर मैंने देखा है कि इंटरनेट पर मेरे जैसे गांडू की कहानी बहुत कम है।

इसलिए मैंने सोचा क्यों ना मैं अपनी पहली गांड चुदाई की कहानी ( Gand Chudai Ki Kahani ) आप सब को बता दूं। क्योंकी मैं अच्छे से जनता हूं, कि मेरे जैसे मेरे बहुत से गांडू दोस्त हैं। 

जिन्हे चूत मारने से अच्छा गांड मरवाना ज्यादा अच्छा लगता है। जिन्हे स्तन और चूत चूसने से ज्यादा अच्छा लंड चूसना ज्यादा अच्छा लगता है।

आज की कहानी में आप जानेंगे कि कैसे मैं गांडू बना। तो चलिए अब मैं अपनी कहानी को शुरू करता हूं।

मेरा नाम किसन है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। मेरी उमर जब 19 साल के करीब थी.

तब से मुझे घर-घर बहुत अच्छा लगता था, मैं घर में हमेशा ही लड़की बनता था।

जब भी कभी मैं घर में अकेला होता, तो मैं मम्मी की ब्रा पैंटी डाल कर देखता।

फिर मैं अपने होठों पर उनकी तरह लिपस्टिक लगाती हूं। अपने आप को पूरी लड़की में बदल लेता।

मैं लड़कियों की तरह अपने आपको मिरर में काफी काफी देर तक लड़की बन कर देखता हूं।

फिर मैं कॉलेज में गया, उस समय भी मेरा फेस कट मेरे होठों पर था। यहां तक मेरी चल भी लड़कियाँ जेसी ही थी।

क्लास के सारे लड़के मुझे लड़की लड़की कह कर बुलाते थे। मेरी कॉलेज और क्लास में लड़कों से ज्यादा लड़कियाँ थी।

मैं उनके साथ बात करना, खाना पीना उनके साथ ही करता था।

शाम को लड़कियो की तरह मुझे गोल गपे चाट, तकी जैसी चीज खानी पसंद थी। धीरे-धीरे मैंने देखा कि मेरे साथ के लड़के की छाती पर बाल आ गए थे।

पर पहले मेरी छाती पर एक बाल नहीं था। छाती छोड़ो मेरे तो पुरे जिस्म पर कोई बाल नहीं था।

मैं ऊपर से ले कर नीचे तक एक दम चिकना था। मेरी छाती लड़कियों की तरह थोड़ी थोड़ी बहार की और निकल रही थी। जैसे लड़कियाँ के स्तन बाहर निकलते हैं।

खैर ये तो रही मेरे जिस्म की बात, मैं आपको अब बताता हूं। जिसने पहली बार मेरा किसी लड़के का लंड लेने का हुआ।

हुआ कुछ ऐसे की, मैं कॉलेज में ज्यादा लड़कियों के साथ रहता था। इसलिए मैं उनके बॉय फ्रेंड्स से भी मिलता था।

वो मेरे सामने ही अपनी अपनी गर्लफ्रेंड के स्तन और होठों को चूसते थे।

एक दिन की बात है, मेरी सब से अच्छी एक लड़की दोस्त थी। उसका नाम अंजली था, उससे मैं हर तरह की बात कर लेता था।

और वो भी मुझसे हर तरह की बात कर लेती थी।

एक दिन की बात है, अंजली मुझे अपने साथ कॉलेज के तीसरे फ्लोर पर हमारी केमिस्ट्री लैब में ले गई।

उस दिन केमिस्ट्री के सर छुट्टी पर। इसलिए किसी ने नहीं आना था।

अंजली- किसन तू बाहर ही खड़ा रखियो मैं जरा अपने बॉय फ्रेंड से मिल कर आती हूं।

मैं- ठीक है पर जल्दी आना।

फिर वो अंदर चली गई, और मैं बाहर खड़ा हो गया। पर कुछ ही देर में अंदर से अजीब सी आवाज आने लगी।

वो आवाजें सुन कर मेरा मन अंदर देखने का होने लग गया।

मैं विंडो से अंदर देखा था, तो मैंने देखा कि अंजली अंदर अपने दोस्त का लंड बैठ कर चूस रही थी।

उसका लंड मेरे लंड से काफी बड़ा था. उसका लंड देख कर मेरी गांड में एक अजीब सी खुजली होने लग गई।

अंजली अपने दोस्त का लंड चूस चूस कर उसका पानी अपने मुँह पर गिरा लिया।

फिर वो बहार आ गयी. और फिर हम दोनों अपनी क्लास में चले गए।

उसके बाद हम दोनों क्लास में आ गए। पर मेरी आँखों के सामने लंड हटाने का नाम नहीं ले रहा था।

दोस्तो मैं आपको बता दूं, जब शाम को मैं ट्यूशन पढ़ने के लिए जाता हूं।

जब रास्ते में एक पार्क के बाहर एक मोची बैठा होता है।

जो मुझे रोज़ आते जाते देखता है। वो मेरी गांड को बड़े ही अजीब तरीके से देखता है।

जब से मैंने अंजली के बॉय फ्रेंड का लंड देखा था।

तब से मेरा मन लंड लेने का हो रहा था। मेरा गला बार-बार सुख रहा था।

मानो सच में लंड चूसने का दिल कर रहा था। उसका पानी पीने का दिल कर रहा हो।

फिर हुआ ऐसे कि मैं अब लंड लेने के लिए मचल रहा था। शाम को जब मैं पार्क के पास से निकला तो आज मुझे वो अपनी जगह पर नहीं दिखा।

मेरा मन आज चोदने का हो रहा था, मैं आज ये सोच कर ही आया था, कि जरूर आज मैं इस मोची का लंड अपनी गांड में ले लूंगा। पर मुझे वो नहीं दिखा और मैं उदास हो कर आगे जाने लगा।

पर तभी मुझे पीछे से उस मोची ने आवाज मारी – ओए लड़के सुन इधर आया।

मैंने पीछे मुड़ कर देखा तो वो मेरे पीछे खड़ा हुआ था।

मैं उसके पास गया और बोला – हां क्या भैया आप मुझे बहुत घूर घूर कर देखते हो। और आज वेसे आप ने अपनी दुकान क्यो बंद कर रखी है।

मोची- बहन के लौड़े इस लिए बंद कर दी, क्योंकि आज मैं तेरी गांड मारनी है।

मैं एक्टिंग करते हुए बोला- क्या बकवास कर रहे हो आप?

मोची – सीधा हो कर मेरे रूमे चल मेरे साथ.

मैं – पर.

मोची – सीधे से चलता है या मारू दो थप्पड़ तेरे, बहुत दिनों से तेरी गांड ने मुझे पागल बना रखा है।

मैं डर के मारे उसके पीछे पीछे उसके कमरे में आ गया। दरसल वो पार्क में रात को चौकीदारी का काम करता था।

और दिन में अपना मोची का काम करता था। फिर मैं उसके कमरे में आ गया, उसने कमरे को अंदर से बंद कर लिया।

उसके बाद उसने मुझे दीवार से लगाया और मेरे होठों को चूसा।

फिर उसने मुझे नीचे बिठाया और अपनी पैंट खोल कर अपना लंड बाहर निकाल कर मेरे होठों पर लगते हुए बोला – चल चूस इसे।

मैं- नहीं मैं ऐसा नहीं हूं.

मेरी ये बात सुनते ही उसने मेरे गाल पर जोरदार थप्पड़ मारा और बोला – बहन के लोडे ज्यादा बकवास न कर, जो कहा है चुप चाप कर।

मैंने फिर उसका लंड अपने मुँह में डाल लिया, उसका लंड ज्यादा बड़ा नहीं था।

पर जेसा भी था, बहुत मस्त लंड था उसका. फ़िर उसके बाद मैं एक रंडी की तरह उसका लंड चुसाई करने लग गया।

काफ़ी देर तक लंड चूसने के बाद उसने अपने लंड का पानी मेरे मुँह में निकाल दिया।

फिर मैंने उसके लंड का पानी पी लिया, फिर उसने मेरी पैंट और अंडरवियर उतार कर मुझे नंगा कर दिया।

फ़िर मोची ने मेरी गांड को चाटा और मेरी गांड पर तेल लगा कर मेरी गांड में उंगली डाल कर मेरी गांड को उंगली से चोदने लग गया।

फिर उसने मुझसे अपना लंड चुसावा लिया और मैंने उसका लंड चूस चूस कर खड़ा किया।

फिर उसने मेरी गांड में अपना लंड दिया, उसका लंड पहला लंड था। जो मेरी गांड के अन्दर जा रहा था.

उसके लंड मेरी गांड फाड़ दी, दर्द के मारे  मैं उछलने लग गया।

मैं- अहहहह मैं मर जाऊंगी प्लीज़ मेरी गांड से अपना लंड निकालो प्लीज मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ता हूं प्लीज अपना लंड निकाल दो मेरी गांड में से।

मोची – बहन के लंड चुप हो जा, अगर कोई आ गया ना. तो वो भी तेरी गांड जरूर मारेगा.

मैं उसकी बात समझ गया और उसके लंड को सहने लग गया। उसके बाद मैं आराम से उससे चुदने लग गया।

करीब 15 मिनट की गांड चुदाई ( Gand Chudai ) के बाद उसने अपने लंड का गरम गरम पानी मेरी गांड में डाल दिया।

उसके गरम पानी से मेरी गांड की खुजली एक दम शांत हो गई। फिर वो मेरे ऊपर लेट गया, तभी उसके कमरे में उसके साथ रहने वाला एक आदमी अंदर आ गया।

हम दोनो नंगे लेते हुए थे, वो हमें देख कर बोला – ओ बहन चोद साले तू अकेला अकेला गांड मार रहा है इस गांडू की।

मोची- मैंने तो मार ली, अब तू भी मार ले भाई।

मैं- नहीं, अब और नहीं, मैं लेट हो रहा हूं। कृपया मुझे घर जाने दो।

आदमीं – चुप कर बहन के लौड़े.

वो मेरे पास आया और मेरे मुँह पर दो थप्पड़ मार कर अपना लंड मेरे हाथ में दे दिया।

उसका लंड बहुत मोटा और लंबा था. उसका लंड देख कर मैं समझ गया कि ये तो मेरी गांड को पूरा फाड़ देगा।

मैं रोते हुए बोला- प्लीज मुझे जाने दो, मैं कल सुबह आ जाऊंगा प्लीज। अब रात हो गई है, मेरे घर वाले मुझे देख रहे होंगे।

आदमी – चल ठीक है, तू ऐसा कर मेरा लंड चूस कर अपने हाथ से उसका पानी निकाल कर फिर चल जइयो। पर कल तुझे आना होगा समझ.

मैं- ठीक है, मैं कल जरूर आऊंगा। क्योंकि कल कॉलेज में छुट्टी है.

फिर क्या था, मैं झट से उसका लंड अपने मुंह में लिया और जोर जोर से चूसने लग गया।

करीब 10 मिनट बाद उसने मेरी गांड के छेद के ऊपर अपने लंड का पानी निकाल दिया। मुझे उसका लंड गरम गरम पानी गांड के छेद के ऊपर गिरा कर बहुत मजा आया।

फिर मैंने अपने कपड़े डाले और वहां से निकल लिया।

दोस्तो, मैं अगले दिन उसके पास आया या नहीं आया। ये मैं आपको आगे जरूर बताऊंगा।

आपको मेरी ये Hindi Gay Sex Kahani कैसी लगी, आपको मजा आया या नहीं। कृपया मुझे ज़रूर बताना।

आपका अपना गांडू किसन.

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