हिंदी गे सेक्स स्टोरीज (Hindi Gay Sex Stories) के दीवानो का हमारी वेबसाइट पर बहुत-बहुत स्वागत है, मैं साक्षी आपके लिए एक और मस्त और कामुक रियल हिंदी गे सेक्स स्टोरी लेकर आई हूँ। इस कहानी का शीर्षक मेरी गांड चोदने की फैंटसी (Gand Chodne Ki Fantasy) है।
आज की ये गे सेक्स कहानी (Gay Sex Kahani) दिलीप आपको बताएंगे……. कहानी का मजा लीजिए…….
हेलो दोस्तों, मेरा नाम दिलीप है, मैं दिल्ली के महिपालपुर में रहता हूं, और गुरुग्राम में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता हूं।
मेरी उम्र 26 साल है, और मैं अभी तक एक बैचलर हूं। वहा मैंने एक फ्लैट को किराए पर लिया हुआ है।
गुरुग्राम में लड़कियां आसान से चुदाई के लिए मान जाती है, तो हफ्ते में मैं एक-दो बार आराम से लड़कियों की चुत की चुदाई कर लेती हूं।
घर वाले रोज़ फोन कर-करके शादी के लिए कहते हैं। लेकिन जब मुझे वैसे ही मजा मिल रहा है, तो मैं शादी का क्यों सोचूं। लेकिन ये बात घर वालो को अब कौन समझाये।
ये बात कुछ महीने पहले की है, 15-20 दिन से मुझे चोदने के लिए कोई लड़की नहीं मिली थी, तो मैं काफी कामुक महसूस कर रहा था।
फिर मैंने अपनी टीवी पर पोर्न वीडियो लगा लिया। उस वीडियो में एक लड़का लड़के की गांड मार रहा था। मुझे ये बहुत अच्छा लगा और मजेदार भी लगा।
ऐसा नहीं था कि मैंने पहले कभी गांड चुदाई वाली वीडियो नहीं देखी थी। लेकिन आज कुछ अलग ही मजा आ रहा था।
ये भी हो सकता है, शायद मैं चूत मार-मार कर बोर हो गया था। उस दिन मैंने मुठ भी गांड चुदाई के बारे में सोच कर मारी। मुझे इसमें बहुत मज़ा आया।
उसके बाद मैं जब भी किसी लड़की को देखता, तो मेरा ध्यान सीधा उसकी गांड पर जाता।
ऑफिस में भी सारा-सारा दिन मैं लड़कियों की गांड ही घूरता रहता हूं। फिर मुझे मेरी गर्लफ्रेंड की कॉल आई, और हम दोनों ने चुदाई का प्लान बनाया।
वो मेरे फ्लैट पर आ गई, और हम दोनों ने किसिंग शुरू की। अगले 5 मिनट में हम दोनों नंगे हो गए थे।
मैं उसके ऊपर मिशनरी पोजीशन में उसकी चूत की चुदाई रहा था। एक बार झड़ने के बाद मैं उसके पास लेट गया।
मैं सीधा लेता था, और वो दूसरी तरफ मुँह करके लेटी थी। मेरी नज़र उसकी गांड पर ही थी, और उसकी गांड देख कर मेरा लंड फिर से एकदम टाइट हो गया था।
फिर मैं उसकी गांड पर हाथ फेरने लगा। उसके बाद मैंने उसकी गांड पर लंड रगड़ना शुरू किया।
जब फिर मैंने लंड अंदर डाला तो उसने मना कर दिया। मैंने उसको बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं मानी।
मैंने उसको गांड चुदाई की वीडियो भी दिखाया, जिसमें लड़की मजे से अपनी गांड की चुदाई करवा रही थी, लेकिन वो फिर भी नहीं मानी।
फिर मैंने उसको जाने दिया, लेकिन गांड चुदाई का सुरूर मेरे सर चढ़ कर बोल रहा था।
अगले हफ्ते मैंने दूसरी गर्लफ्रेंड की चुदाई की। लेकिन गांड चुदाई के लिए तो वो भी नहीं मानी।
अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं। मैं रोज़ रात को गांड चुदाई के बारे में सोच कर मुठ मारने लग गया। लेकिन फिर एक दिन मेरी फैंटसी पूरी करने वाला इंसान मुझे मिल गया।
मैं मेट्रो में यात्रा कर रहा था। वहा भी मैं लड़कियाँ ताड़ रहा था, और हर एक की गांड का साइज़ इमेजिन कर रहा था।
तभी मेरी नज़र एक मोती सी गांड पर पड़ी। फिर जिसकी वो गांड थी, उसने मेरी तरफ फेस किया। मुझे लगा कि स्तन भी बड़े होंगे, लेकिन वो लड़की नहीं लड़का था।
उस लड़के ने मेरी तरफ़ जैसे ही देखा, मैंने अपनी नज़र उससे हटा ली। उसकी गांड की तरफ मैं आकर्षित हो गया था।
जब मैंने दोबारा उसकी तरफ देखा, तो वो मेरी ही तरफ देख रहा था।
मैंने फिर उससे नज़र हटा ली। मैं बार-बार नजर चुराकर उसकी तरफ देखता हूं, और वो हर बार मुझे पकड़ लेता है।
अगले 10 मिनट तक ये सिलसिला चलता रहा। फिर वो लड़का आगे बढ़ गया, और मेरे पास आके बैठ गया।
मैंने उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया। भीड कम थी, तो आस-पास कुछ ही लोग ही थे। तभी अचानक उसने मेरी जाँघ पर अपना हाथ रख दिया।
मेरी बॉडी में करंट सा लगा उसे टच करने से। जब मैंने उसकी तरफ देखा, तो उसने मुझे देखकर मुस्कुरा दिया।
मैंने गांडू लड़कों के बारे में सुना था, लेकिन कभी किसी से मेरा पाला नहीं पड़ा था। मैं उसको देख कर समझ गया था, कि वो गांडू था।
मैंने सोचा कि एक बार कोशिश करने में क्या हर्ज़ था, तो मैंने भी उसको देखकर मुस्कुरा दिया।
मेरी मुस्कान देख कर वो थोड़ा और पास आ गया, और मेरे लंड पर हाथ फेरने लगा। अब मैं पहले आपको उसके बारे में बता देता हूं।
वो 5’6″ हाइट का गोरा सा लड़का था, बिल्कुल क्लीन शेव था वो, शरीर उसका मोटा था, और गांड कम से कम 36″ की तो होगी।
फिर उसने बात शुरू की: हाय, मेरा नाम सतीश है।
मैं: मेरा नाम दिलीप है।
सतीश: काम पर जा रहे हो?
मैं: हा।
सतीश: दोस्ती करोगे मेरे साथ।
मैं: हां, जरूर करूंगा।
फिर हम दोनो ने हाथ मिलाया, और बातें करने लगे। मेरा स्टॉप आने वाला था, तो उसने मुझसे मेरा नंबर ले लिया।
फिर मैं अपने काम पर चला गया। कुछ घंटे बाद मेरे व्हाट्सएप पर किसी अनजान नंबर पर कुछ मैसेज आए थे।
जब मैंने व्हाट्सएप खोला तो कुछ तस्वीरें आईं थीं। उन पिक्चर्स को ओपन किया, तो मेरी आंखें खुली रह गईं।
वो तस्वीरें किसी की गांड की थी। एक-दम गोरी-चिट्टी, और भूरे छेद वाली गांड। और गांड का साइज़ देख कर तो मेरा लंड खड़ा हो गया।
फ़िर नीचे संदेश आया: हाय, सतीश, कैसी लगी मेरी गांड जिसको तुम मेट्रो में घूर रहे थे।
मैं: तुम्हारा चेहरा दूसरी तरफ था। तुम्हें कैसे पता कि मैं तुम्हारी गांड देख रहा था।
सतीश: मेरे सामने जो मिरर था उसमें पीछे का पूरा दिख रहा था। वही मैंने तुम्हें देखा।
मैं: ओह, ठीक है, वैसी तुम्हारी गांड बहुत मस्त और सेक्सी है।
सतीश: मुझे उम्मीद है कि तुम्हारा लंड भी अच्छा होगा, और मेरी गांड को चोद कर मुझे मजा दे पायेगा।
मैं: मेरा लंड तो अभी भी खड़ा है।
सतीश: तो बताओ कहा हो, मैं आ जाता हूं।
मैं: अभी नहीं, अभी मैं ऑफिस में हूं। आज रात को मिलते हैं।
सतीश: कहां मिलना है?
मैं: मेरे फ्लैट पर आ जाना।
फिर मैंने उसको अपने फ्लैट का पता भेजा। हमने रात को 10 बजे का टाइम फिक्स किया।
मैं नहा धो कर तैयार हो गया, और उसका इंतजार करने लगा। फिर ठीक 10 बजे मेरे फ्लैट के दरवाजे पर किसी की दस्तक हुई।
मैं समझ गया कि सतीश आ गया था। जब मैंने दरवाजा खोला, तो उसने बीयर की बोतल ली थी। उसने टाइट पैंट और टी-शर्ट पहनी थी।
टाइट पैंट में उसकी मोटी गांड और भी कामुक लग रही थी। मैं जान गया था कि आज मुझे बहुत मजा आने वाला था।
फिर मैंने उसको अंदर इनवाइट किया, और खुद दरवाजा बंद कर दिया।
फिर मेरी नज़र उसकी मटकती हुई मोटी गांड पर गई, जिसको मटका-मटका कर वो अंदर आ रहा था।
मैंने उससे कुछ खाने के लिए पूछा, लेकिन उसने मना कर दिया।
फिर वो नहाने गया, और 15 मिनट बाद बाहर आया। वो तौलिये में ही बाहर आ गया था। उसके स्तन भी काफी उभरे हुए थे।
मैंने उसके आने से पहले ही ग्लास में बीयर डाल ली थी। उसके बाद हम बियर पीने लगे।
बियर की बोतल ख़तम होते ही उसने तौलिया उतार दिया, और घुटनो पर मेरे सामने बैठ गया।
मैंने सिर्फ सॉर्ट पहना हुआ था, उसने सॉर्ट नीचे करके मेरा लंड निकाला, और उसको मुँह में डाल लिया।
अब वो मजे से मेरा लंड चुसने लग गया था। मैंने उसकी गांड पर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए थे। उसका लंड सिर्फ 3 इंच का था।
जब पूरा लंड चिकना हो गया तो वो खड़ा हो गया। फिर वो घूम गया, और उसकी मोटी गांड मेरे सामने आ गई।
बहुत खूब! क्या गांड थी यार, एक-दम मस्त। मेरा लंड उसकी गांड देख कर और सख्त हो गया।
मैंने अपना लंड सीधा हाथ में पकड़ लिया, और वो मेरी गोद में बैठने लगा।
मैंने उसकी गांड के छेद पर लंड टिकाया, और वो आह आह करते हुए ऊपर बैठ गया।
आआहह! काफ़ी टाइट गांड थी उसकी, मुझे तो बड़ा मजा आ रहा था, फिर मैंने उसे चोदना शुरू किया।
वो धीरे-धीरे मेरे लंड पर ऊपर-नीचे होने लगा। मैं भी नीचे से धक्के लगाने लगा, धीरे-धीरे हमारी स्पीड तेज़ हो गई।
फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया, और पीछे से ताबाद-तोड़ उसकी गांड चोदने लग गया। साथ-साथ मैं उसकी गांड पर थप्पड़ भी मार रहा था।
मैंने अपने थप्पड़ड़ो से उसकी गांड लाल कर दी थी। फिर मैंने उसके कंधों पर अपनी पकड़ बनायी, और पूरा ज़ोर लगा कर धक्के देने लगा।
वो चीख मार रहा था, लेकिन मेरा मूड उस पर तरस खाने का बिल्कुल नहीं था।
15 मिनट उसकी गांड चुदाई करने के बाद मैंने अपने लंड का पानी उसकी गांड में ही निकाल दिया।
फिर मैं उसके ऊपर ही लेट गया और थोड़ी देर के बाद मैं उससे अलग हुआ, तब उसने बोला यार आज तो तुम्हारे लंड ने मेरी गांड को खुश कर दिया।
मैं: है यार मुझे भी तुम्हारी गांड की चुदाई करके बहुत मजा आया, तुम्हारी गांड बहुत मस्त है।
उसके कुछ देर बाद वो फिर से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और मेरा लंड फिर से एक और राउंड के लिए तैयार हो गया।
मैंने उसे फिर घोड़ी बनाया और एक ही झटके में पूरा लंड उसकी गांड के अंदर घुसा दिया और उसकी गांड की जोरदार चुदाई करने लगा।
वो भी मजे से अपनी गांड में मेरा लंड ले रहा था और अपनी गांड को आगे पीछे करके मेरा पूरा लंड अपनी गांड में ले रहा था।
सच कहु तो दोस्तों मुझे इसकी गांड मरने में बहुत मजा आ रहा था, इतना मजा तो लड़की की चूत की चुदाई में नहीं आया कभी।
एक बार फिर से 15-20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मेरा लंड उसकी गांड में ही झाड़ गया।
मैं थक कर वही बगल में सो गया और वो भी मेरे से सट कर मेरे साथ सो गया।
तो इस तरह से मेरी गांड चोदने की फैंटसी पूरी हुई। अब मैं जब चाहे उसकी गांड की चुदाई करता हूं।
तो दोस्तों कैसी लगी मेरी पहली गे सेक्स स्टोरी (Gay Sex Story)। कमेंट करके मुझे जरूर बताए। धन्यवाद।