नमस्कार दोस्तों मैं आपकी अपनी साक्षी आप सभी का हिंदी सेक्स स्टोरीज (Hindi Sex Stories) की दुनिया में स्वागत करती हूँ, हमारी आज की फॅमिली सेक्स कहानी का शीर्षक मेरी एक्स गर्लफ्रेंड बनी मेरी भाभी (Ex Girlfriend Bani Meri Bhabhi) है।
आगे की कहानी आपको प्रदीप बताएंगे, इस देसी सेक्स कहानी का मजा लीजिए…….
हेलो दोस्तो, मेरा नाम प्रदीप है। मैं दिल्ली के द्वारका का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 23 साल है और मेरे लंड का साइज 8 इंच है, मेरी हाइट 5’8” है, और रंग मेरा ज़्यादा गोरा नहीं है।
मैं अभी तक बहुत सारी लड़कियों के साथ रिश्ते में रहा हूं, और उनकी चुदाई करके मजा लिया हूँ। लेकिन मुझे शादी में कोई खास दिलचस्पी नहीं है। अपना काम तो बस चूत की चुदाई करना, और आनंद लेना है।
मेरा रिश्ता कुछ ही दिन तक ठीक-ठाक चलता है। जब मैं लड़की के साथ अच्छे से मजे ले लेता हूं, उसके बाद जल्दी ही उसके साथ ब्रेकअप कर लेता हूं।
ये फॅमिली सेक्स स्टोरी मेरे और मेरी भाभी के बीच बने नाजायज़ रिश्तों के बारे में है। तो चलिए आपको बताता हूं, ये सब कैसे शुरू हुआ।
मेरे बड़े भाई का नाम कुलदीप है। वो मुझसे 3 साल बड़ा है, अभी पिछले साल ही उसकी शादी हुई है।
मेरी भाभी का नाम रेशमा है, भाभी की हाइट 5’6″ है और उसका साइज़ 34″ 30″ 36″ है. भाभी का रंग गोरा है, और वो एक दम चोदने वाला जबरदस्त मटेरियल है।
अब इस देसी चुदाई की कहानी (Desi Chudai Ki Kahani) को और आगे बढ़ाने के लिए थोड़ा पीछे चलते हैं, तीन साल पहले जब मैं कॉलेज में था, तो रेशमा (मेरी अभी की भाभी) मेरी जूनियर थी।
कॉलेज के सारे लड़के उस पर लाइन मारते थे। जब रेशमा जींस पहनती थी, तो उसकी मोटी गांड (Moti Gand) को देख कर मन मचल जाता था।
फिर मैंने रेशमा पर प्रयास करना शुरू किया। मेरे आकर्षण की वजह से वो मुझसे पट गई।
फिर एक दिन में फिल्म दिखाने के बहाने उसको अपने साथ ले गया। रास्ते में मैंने उसको खेत में ले जा कर चोद दिया।
रेशमा की चूत उस समय वर्जिन थी, तो उसकी चूत की सील मैंने ही तोड़ी थी, अपने लंड से चुदाई करके।
फिर पता नहीं कैसे उसको मेरी असलियत का पता चल गया, और उसने मेरे साथ ब्रेकअप कर लिया।
वैसे मैं भी उसको छोड़ने ही वाला था। लेकिन उसे पहले मैं उसकी गुलाबी चूत (Pink Pussy) को दोबारा चोदना चाहता था।
जब भैया की शादी के लिए सब रेशमा को देखने गए थे, तब मैं शहर से बाहर था। और मैंने अपनी होने वाली भाभी की फोटो भी नहीं देखि थी।
मैंने उसको सीधा शादी के मंडप में देखा था। उस वक्त मैं बहुत परेशान हुआ था। रेशमा के फेस एक्सप्रेशन से पता चल रहा था, कि उसको भी मेरे बारे में नहीं पता था।
फिर शादी हो गई, लेकिन हम दोनो में से किसी ने भी ये शो नहीं किया, कि हम एक दूसरे को जानते थे।
रेशमा दुल्हन के जोड़े में बहुत खूबसूरत लग रही थी। दिल तो कर रहा था, कॉलेज की कसार जो अधूरी रह गयी थी उसे निकाल दूँ और उसको एक बार चोद लू।
फिर मैंने सोचा कि अब वो मेरी भाभी थी, और मुझे उसके बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए था।
लेकिन मुझे पता नहीं था, कि वो खुद चल कर मेरे पास आएगी। कुछ दिन बीत गए, हम दोनो घर में सामान्य रूप से बातें करते थे।
मेरी नज़र उसकी सेक्सी मोटी गांड और बड़े बूब्स (Big Boobs) पर पड़ती थी, लेकिन भाभी होने की वजह से मैं उसके बारे में ऐसा नहीं सोचता था।
लेकिन फिर अचानक रेशमा का व्यवहार मेरे साथ बदलने लगा। वो मेरे साथ डबल मीनिंग बातें करने लगी, और आते जाते मुझे छूने लग गई।
जब भी मैं किचन में जाता था, तो मेरे साथ अपनी बॉडी जरूर टच करवाती थी। अब मुझे समझ नहीं आ रहा था, कि वो ऐसा क्यों कर रही थी।
एक दिन मैं रसोई में खड़ा था। फिर वो जान-बूझ कर मेरे आगे आके चिपक गई।
जब मेरा लंड उसकी गांड पर लगा, तो वो उसी वक्त खड़ा हो गया। फिर एक दिन मुझे इस सबका कारण पता चला।
रात 1 बजे का टाइम था, और मैं सो रहा था। अचानक मुझे अपने कमरे में कुछ आहट महसूस हुई।
मैंने टेबल लैंप ऑन किया, और अचानक से डर गया। रेशमा मेरे सामने मेरे बिस्तर के पास खड़ी थी। मैंने उससे पूछा-
मैं: भाभी आप यहाँ?
रेशमा: तुम्हारे लिए मैं भाभी नहीं हूं, सिर्फ रेशमा हूं। भूल गए मेरी चूत की सील तुमने ही तोड़ी थी।
मैं ये सुन कर थोड़ा सोच में पड़ गया। मैं समझ नहीं पा रहा था, कि वो ये बात इस वक्त क्यों कर रही थी। फिर मैंने कहा-
मैं: वो बाते पुरानी है भाभी, अब तो आप मेरी भाभी हैं।
रेशमा: अगर कुछ वक्त के लिए हम फिर से बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बन जाएं, तो तुम्हें कोई दिक्कत तो नहीं है।
मैं: लेकिन…
रेशमा बात काटते हुए बोली-
रेशमा: लेकिन, क्या, क्यों छोड़ो। बस हां या ना बोलो।
उसने टी-शर्ट और लेगिंग्स पहनी थी। वो इतनी सेक्सी लग रही थी, कि मैं मना नहीं कर सकता था। तो मैंने उसको हाँ बोल दिया।
हाँ बोलते ही वो मुझ पर कूद पड़ी। हम दोनों पागलों की तरह किस करने लगे। उसका जिस्म की गर्मी कमाल की थी।
फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी, और उसकी क्लीवेज पर किस करने लग गया।
मैंने उसकी ब्रा उतार दी, और उसके खूबसूरत चुचो को चूसने लगा। जो इच्छा थी मेरी उसके बूब्स पहले चूसने की, वो आज पूरी हो रही थी।
मुझे बड़ा मजा आ रहा था, फिर मैंने उसको नीचे किया, और उसका शरीर चूमते हुए उसकी चूत तक चला गया।
मैंने उसकी लेगिंग्स उतारी, और उसकी जांघों को छूने लग गया। फिर मैंने उसकी पैंटी उतार दी।
उसकी चूत आज भी ऐसी थी, जैसी किसी कुंवारी लड़की की चूत हो। मैं चुत देखते ही समझ गया था, कि भैया उसको चोद नहीं रहे थे।
लेकिन मुझे क्या लेना-देना था, मुझे एक सेक्सी लड़की की चूत मिल रही थी, वो ही मेरे लिए बहुत थी।
फिर मैंने अपने कपड़े उतारे, और उसकी चूत पर लंड रगड़ने लग गया। वो लंड लेने के लिए इतनी पागल हो रही थी, कि उसने अपने हाथ से लंड चूत पर सेट किया।
फिर मैंने ज़ोर का धक्का मारा, और उसकी ज़ोर की आह निकल गई। मैंने उसके होठों को अपने होठों से बंद कर लिया, और धक्के मारता रहा।
उसकी गर्म और कसी हुई गुलाबी चूत मुझे बहुत मजा दे रही थी।
मैं उसके बूब्स भी चूस रहा था। उसके निपल्स मैंने लाल कर दिये थे चूस-चूस कर। वो मुझे और ज़ोर से चोदने के लिए बोल रही थी। मेरा दिल कर रहा था, कि मैं उसको खा जाऊ।
फिर मैंने उसको घोड़ी बना लिया। उसकी चूत एक बार पानी छोड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड पीछे से उसकी चूत पर सेट किया, और धक्के देने लगा।
उसकी गांड बहुत मुलायम थी, बिल्कुल नरम गद्दे की तरह मुझे इतना मजा आ रहा था, क्या बताउ।
कमरे में थप-थप की आवाज आ रही थी। मैं उसकी पीठ पर किस कर रहा था, और उसके बूब्स दबा रहा था।
फिर मेरा होने वाला था, मैंने जल्दी से उसको घुमाया, और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया।
फिर मैंने उसे बाल पकड़े, और ज़ोर-ज़ोर से उसके मुँह में धक्के देने लगा। उसकी सांसें अब रुकी थीं, तब मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मैं किसी रंडी की तरह उसका मुँह चोद रहा था। फिर मैंने अपने लंड का पूरा माल उसके मुँह में निकाल दिया।
उसने मेरा पूरा पानी पी लिया, और मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी। फिर उसने अपने कपड़े पहने, और बिना कुछ बोले चली गई।
उस दिन के बाद से वो जब चाहे मेरे पास आती है, और मुझसे चुद कर चली जाती है। अब बाहर की लड़कियों के अलावा मुझे घर पर भी एक कमाल की लड़की चोदने के लिए मिल गई है।
दोस्तो मेरी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Story) पढ़ कर अगर आपको मजा आया हो, तो मुझे कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।