हेलो दोस्तो, आप सब कैसे हो ? उम्मीद करता हूँ आप लोग ठीक होंगे।
और सब की गांड मार रहे होंगे, और लंड चूस रहे होंगे।
आज मैं आप लोगो के लिए एक मस्त Hindi Gay Sex Story लेके आया हूँ।
आप सब को ज़रूर पसंद आएगी।
तो चलिए कहानी शुरू करते है। Dost Ke Land Ka Maza
मेरा नाम बॉबी है। मेरी उम्र 32 साल है. मैं एक उभयलिंगी आदमी हूँ।
मुझे लड़को के साथ सेक्स करना बहुत अच्छा लगता है।
मैं आज अपने कॉलेज के दिनों में घाटित एक Real Sex Kahani के बारे में लिख रहा हूं।
मैं हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूं लेकिन,
इंजीनिरिंग के लिए दिल्ली के एक अच्छे कॉलेज में एडमिशन लिया।
बात है 2020 की. मैं तब इंजीनियरिंग करने दिल्ली शहर आया।
वहां बहुत अच्छे दोस्त मिले मगर उनमें से एक खास था, जिसका नाम था अजय। मुझसे 2 साल छोटा था।
और उसका शरीर पतला और मुकुलर था।
उसके साथ दोस्ती धीरे-धीरे बहुत गहरी होती चली गई हमारी।
साथ में खाना खाना, घूमना फिरना, सिनेमा देखना जाना, पोर्न देखना और साथ में रहना।
हर एक काम हम मिल के साथ में करते थे.
बाकी दोस्त तो हमें चिढ़ाते भी थे कि हम पति पत्नी के तरह घुल मिल रहते हैं।
मगर एक साथ रहते मुझे कब उसके ऊपर एक्ट्रक्शन होने लगी थी तब मुझे समझ में नहीं आया था।
एक बार की बात है हम सेकेंड ईयर में आ गए थे और हम मिल के एक रूम लेंगे ये तो तय थी।
और किस्मत से वो रूम सिर्फ 2 आदमी के लिए ही होता है।
एक रात यूं होता है हम पोर्न देख रहे थे साथ में सो के।
और मैंने गलती से उसके लंड के ऊपर हाथ रख दिया।
ओह भाई साहब क्या बड़ा लंड था उसका बाप रे बाप. वो मेरे तरफ देखा और मुस्कुराया।
मैंने भी मुस्कुरा दिया उसकी तरफ।
फोन बंद कर के वो सो गया. मुझे लेकिन नींद नहीं आई। ऐसा क्यों लग रहा था कि मैं उसके लंड को फिर से टच करूँ।
मगर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी. और ऐसे में कब रात के 3 बज गए ध्यान ही नहीं रहा।
इस बार मैं हिम्मत कर के उसके लंड के ऊपर धीरे से अपना हाथ रखा। उफ्फ क्या साइज़ है.
धीरे-धीरे उसको ऊपर से सहलाने लगा। उसका लंड और मजबूत होने लगा मेरे स्पर्श से।
अब थोड़ी और हिम्मत कर के उसकी पैंट को नीचे किया तो उसका लंड बंदर की तरह कूद के निकल आया।
हे भगवान इतना बड़ा भी लंड होगा इस दुबले पटले से लड़के का ये मुझे मालूम भी नहीं था।
अजय के वो घोड़े जैसा लंड को साक्षात देख कर पता नहीं मुझे उसको चूमने को मन किया।
और मैं इधर उधर सोच बिना अपने होंठ अजय के लंड के ऊपर रख के एक जोरदार चुम्बन दे दिया।
शायद उसको अभी तक 18 साल नहीं हुए थे। क्यों कि उसको अभी तक ढंग से झांट नहीं आए।
मगर मुझे सिर्फ एक चुम्बन से शांति नहीं मिली, झुक के और 4-5 चुम्बन लगा दिये।
और मेरा पापी मन कहाँ इतने से खुश होने वाला था।
इसलिए मैं अपना जुबान निकाल के उसके लंड के नीचे से ऊपर तक चाटने लगा।
बेकार उसने अपना लंड धोया नहीं था इसलिए मुझे उसके पेशब की गंध आ रही थी और पेशब का खरा स्वाद आ रहा था।
मुझे ये सब कुछ फ़र्क नहीं पड़ा और एकदम से उसके लंड को अपने मुँह के अंदर ले के लॉलीपॉप की तरह चूसने लग गया।
इधर भय भी था अगर अजय की नींद खुल जाएगी तो हमारी दोस्ती भी टूट जाएगी।
मगर वो मुझे शायद मंज़ूर भी था।
वो बस सोया रहा और मैं बस चूसता चला गया उसका लंड।
ऐसे करते-करते कब आधा घंटा निकल गया मालूम ही नहीं पड़ा।
मुझे बहुत आनंद आ रहा था उसके लंड की स्वाद से।
लार से लटपट हो गया था उसका लंड. मैं धीरे-धीरे उसके लंड को अपने मुँह के अंदर लेने लगा,
और जब उसका पूरा लंड मेरे मुँह में था तो उसका अगला हिस्सा मेरे कंठ तक पहुँच चुका था।
मैं सांस नहीं ले पा रहा था तो बाहर निकाल लिया और फिर उसकी चूस ने लगा।
ऐसे 8-10 बार करते ही अचानक उसके लंड ज़ोर ज़ोर से धक धक धड़कने लगा,
और मेरा कुछ समझने से पहले देखते ही देखते उसके गरम गरम वीर्य मेरे पेट तक पिचकारी मारते हुए पहुंच गए।
ये तो और ही अच्छी चीज़ हो गयी। मैंने नहीं सोचा था अगर उसका निकल जाए तो मैं क्या करता ।
मगर ये भी अच्छा ही हुआ. आखिर में कुछ बूंद वीर्य मैंने खुद निचोड़ लिया उसके लंड से और पूरा चाट चाट के साफ कर दिया अजय का लंड।
फिर उसके पैंट ऊपर कर के मैं भी चैन से सो गया।
सुबह हुआ उसने मुझे देखा मैंने भी उसको देखा। मुझे लगा शायद उसको कल वाली बात पता चल गई है।
मगर उसने कुछ कहा नहीं बस ऐसे ही सामान्य बात है और अपना क्लास चला गया।
तब से ले कर 2021 तक मैंने बहुत बार उसका लंड को चूस चूस के वीर्य पिया।
मगर ना उसने मुझे कभी इस बारे में कुछ बात किया और ना ही मैंने उसे।
मगर मुझे पता था कि उसको ये सब के बारे में पता है क्यों कि रोज़ रात को वो अपना लंड धो के सोता था,
और ढीला ढाला पैंट पहन कर सोता था ताकि मैं उसके लंड को आसानी से निकाल सकूं।
कॉलेज गे हॉर्नी दोस्तों की और वो कभी-कभी मुझसे पूछ लेता था कि लंड चूस कर कैसा लगता है,
और मैं बोलता था मुझे क्या पता मैंने थोड़ी किसी का लंड चूसा है। और हम दोनों हाय ज़ोर ज़ोर से हमसे लगते थे।
और कभी कभी बातों बातों में ही कैसे चूसना है ये बता देता था।
और मैं एक आदर्श लंड चूसने के लिए वैसे ही करता हूं।
अगर किसी दिन मैं उसका लंड नहीं चूसता तो दूसरे दिन मुझ पर रूठ जाता था।
मगर हमने उस तारीख से इस रात वाली घाटना के बारे में बात ही नहीं की।
अभी वो शादी कर के ख़ुशी से रह रहा है और मैं भी उससे दूर ख़ुशी से रह रहा हूँ।
हम लोगो को कभी फिर मौका नहीं मिला एक होने का अगर हम कभी फिर एक हुए तो मैं आप लोगो को ज़रूर बताऊंगा फिलहाल के अलविदा।
अपना ध्यान करते है और ऐसे ही ReadXStories.com पर गे सेक्स कहानी ( Gay Sex Kahani ) पढ़ते रहे।
धन्यवाद पढने के लिए।