November 24, 2024
दो लंड और दो गांड

मेरा नाम मिन्टू है, ये मेरे कॉलेज के दिनों की कहानी है। मेरे दोस्त ने मेरी गांड मारी और फिर अपने दोस्त के साथ सेक्स किया। इस कहानी का शीर्षक दो लंड और दो गांड है, उम्मीद करता हूँ आपको मेरी गे सेक्स कहानी पसंद आएगी।

मैं और मेरा रूममेट दिलीप हम एक रूम पर रहते हैं। हमारा कमरा तीसरी मंजिल पर था और हम अकेले ही रहते थे।

हमारे साथ वाला कमरा खाली था पर वहा अभी कोई और नहीं आया था। चौथी मंजिल भी खाली थी, और ग्राउंड फ्लोर पर मकान मालिक रहते थे।

हम एक साथ काफी वक्त से रह रहे थे। मेरे मन में दिलीप के लिए भावनाएं विकसित हो गई थीं। और दिलीप को ये बात समझ में आ गई।

हमारे फ्लोर पर हमारे बाजू वाले कमरे में और दो लड़के रहने आये। एक नदीम और सिराज, दोनों समलैंगिक लड़के

नदीम हमेशा सिराज को रात में गुलाम की तरह चोदा करता था। उससे अपने सारे काम करवाता था और सेक्सुअली बहुत परेशान किया करता था।

नदीम और दिलीप की अच्छी दोस्ती हो गई थी। एक दिन मैं आधी रात को उठा और बाहर गया तो देखा कि उनके कमरे का दरवाजा खुला था। (दो लंड और दो गांड)

थोड़ा सा झांक के देखा तो नदीम सिराज की गांड मर रहा था। दोनों बिल्कुल नंगे थे और सिराज डॉगी स्टाइल में अपनी गांड चुदवा रहा था। और नदीम मजे से उसकी गांड फाड़ने में लगा था।

मैं वो सब देख कर हॉर्नी हो गया और सोचने लगा कि दिलीप ऐसा मेरे साथ कब करेगा? फिर मैं कमरे में आया और सो गया। दूसरे दिन मैंने सिराज को अकेला देखा तो सोचा उससे बात करू।

मैं उसके पास गया और बोला, “मैं दिलीप से प्यार करने लगा हूँ। काश दिलीप भी मेरे साथ वो सब करे जो नदीम तुम्हारे साथ करता है।”

दो गांड और दो लंड

सिराज ने मुझे आइडिया दिया कि दिलीप के सामने जाउ और उसे ये सब कह बता दूँ तो वो मान जायगा।

मैंने दिलीप से कहा कि मैं उससे प्यार करता हूं। और उस दिन से हम थोड़ा और क्लोज हो गए।

दिलीप ने कहा कि वो मुझे सिराज के जैसा गुलाम बनाना चाहता है। तो उसकी सारी बात मानु, मैं दिलीप को खोना नहीं चाहता था इसलिए मैंने हा कर दिया।

दो लंड और दो गांड की चुदाई का खेल

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एक रात नदीम और दिलीप छत पर ड्रिंक कर रहे थे। उन दोनों ने सिराज और मुझे ऊपर बुलाया और कहा कि आज रात हम दोनों उन दोनों के गुलाम हैं। तो हमें उनकी बात मननी पड़ेगी।

दिलीप ने कहा कि मैं अपनी शर्ट और पैंट उतार के उसके सामने सिर्फ चड्ढी में खड़ा हो जाउ। नदीम ने भी सिराज को सिर्फ चड्ढी पहनने को कहा। हमने अपने कपड़े उतार दिये। अब हम दोनो सिर्फ अंडरवियर में खड़े थे।

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फिर उन्हें कहा कि हम उनके लिए ड्रिंक बनाओ। उनकी जाँघों पर बैठ कर उन्हें राजा की तरह ड्रिंक पिलाये।

हमने ऐसा ही किया, फिर नदीम ने सुझाव दिया कि वो दोनों हम दोनों की चुदाई करना चाहते है। ये सुनते ही सिराज के पसीने छूट गए।

मैंने जब बोला कि क्या हुआ तो नदीम बोला, “बेटा, आज तू भी गांड मरवाने का अनुभव कर ही ले।” फिर दिलीप ने सब के सामने मुझे डॉगी बनने को कहा।

और एक के बाद एक मेरी गांड को हल्के हाथो से सहलाया, पर थोड़ी देर बात पूरी जोरो से मेरी गांड पर थप्पड़ मरने लगा।

अब दिलीप ने मेरी चड्ढी मेरी गांड से नीचे खींची तो मैं अब सब के सामने नंगा हो गया था। मेरी गोरी गोरी और चिकनी गांड को देखते ही दिलीप और हॉर्नी हो गया। उसने मेरी गांड पर मरना शुरू किया।

सिर्फ हाथ से ही थप्पड़ मारने पर मेरी गांड लाल हो चुकी थी। दिलीप के हाथ के निशान साफ साफ मेरी गांड पर दिखायी दे रहे थे। दूसरी तरफ सिराज का भी यही हाल था। उसने शायद पहले भी नदीम के थप्पड़ अपनी गांड पर खाए थे।

फिर दिलीप ने स्टील की स्केल ली और मुझे कहा, “तैयार हो जा मेरी जान, आज ये गांड लाल कर के रहूंगा।

” स्केल देखते ही मैंने कहा, “प्लीज दिलीप, दर्द हो रहा है यार।” दिलीप ने कहा, “अभी से? अभी तो बस शुरुवात है।”

दिलीप ने मुझे खड़ा किया और मुझे नीचे कमरे में ले आया। कमरे में टेबल पर झुकने को कहा। और स्केल से मेरी गांड पर स्पॅंकिंग शुरू हुई। उसने बस 3-4 बार कस के मुझे मारा।

तो मैंने अपने दोनों हाथ अपनी गांड पर रख कर कमरे से बाहर भाग गया। मेरे आखो में आसू आ गए थे।

मैंने मना किया लेकिन उसने मेरे हाथ को कपड़े से बांधा और सीधे खड़े रहने को कहा।

दिलीप ने अपनी बेल्ट उतारी और मेरे गांड पर बेल्ट से फटके पड़ने लगे। मैं दिलीप को मना नहीं कर सकता। इसलिए अपनी गांड पर फटके खा लिया और रोता रहा। (दो लंड और दो गांड)

अब मेरी गांड लाल हो चुकी है। उधर सिराज को नदीम डॉगी बनाके पूरे बरामदे में नंगा घुमा रहा था। उसकी गांड देखके पता चल गया था कि उसकी गांड पर भी बेल्ट की मार पड़ी है।

मैं समझ गया कि सिराज को झापड़ के नाम से क्यों चोदा। अब हम दोनों को एक दूसरे के सामने डॉगी बनाया। दोनों नदीम और दिलीप नंगे हो गए। दिलीप को नंगा देख मेरा सारा दर्द हो गया। उसका लंड हम चारो से सब बड़ा था।

दिलीप में मेरी गांड पर अपना लंड सेट किया। और अन्दर डालने लगा, मेरी चीख निकल गयी, तो नदीम ने मेरे मुँह में दिलीप की अंडरवियर डाल दी। अब मेरी गांड चुदाई शुरू हो गई थी।

वाहा दूसरी तरफ सिराज भी नदीम से गांड मरवा रहा था। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देख रहे थे।

हमारा बदन आगे पीछे हो रहा था। हमें पता था कि एक दूसरे को गांड में कैसे लग रहा है। सीधे तारिके से नदीम और दिलीप हमें पेल रहे थे।

स्पीड बढ़ने लगी, और हमारी चुदाई की ट्रेन फुल स्पीड पर थी। अब मुझे भी मजा आने लगा। और ए भी क्यों ना? मेरे सपनों का राजकुमार का लंड आज मेरी गांड जो मार रहा था। थोड़ी देर बाद उन्हें हमने मिशनरी पोज़ में लिटाया।

वाहा हमारे ऊपर से चुदाई शुरू हुई मैंने सिराज को चोदते देख रहा था और मुझे चोदते सिराज देख रहा था।

नदीम, दिलीप जैसे हम दोनों को पेलने के लिए कॉम्पिटिशन लगी हो। दोनों में से नदीम पहले झड़ गया। और दिलीप कुछ देर बाद। (दो लंड और दो गांड)

उस रात हम नंगे ही सो गए। दोनों सुबह उठे और फिर से हमे उनकी हवस का शिकार होना पड़ा। दिलीप ने शॉवर में मुझे एक और बार चोदा। मैं शॉवर में नंगा खड़ा था तो पीछे से दिलीप मेरी गांड मरे जा रहा था।

वही पर नदीम सिराज के साथ आ गया। और एक ही शॉवर में नदीम ने भी सिराज की उसी तरह गांड मारना शुरू किया। अब हम एक दूसरे को देख रहे हैं। हम नंगे थे और ऊपर से शॉवर के पानी से हम दोनो बहुत भीग चुके थे।

हमारे चेहरे पर दर्द था, फिर ऐसे ही सिराज ने मुझे गले लगा लिया। ये देखते ही नदीम ने कहा, “देखो इनमें कितना प्यार है।

कैसे एक दूसरे के गांड के दर्द को समझ आ रहा है। इतना कहते ही दोनों ने अपने अपने पार्टनर की गांड मरना शुरू किया।

सिराज का नंगा बदन मुझे छू रहा था।

मैंने और सिराज नदीम और दिलीप के बीच सैंडविच बन गए। थोड़ी देर तक चुदाई चलती रही। फ़िर दोनो ने चुदाई रोक दी। नदीम ने दिलीप को इशारा किया। दिलीप बाथरूम से बाहर जाकर दो स्केल लेकर आया।

दिलीप के हाथ में स्केल देखकर मैं और सिराज अपने पार्टनर ने जोड़ी में गिर गए। उनसे भीख माँगने लगे कि और पिटाई मत करो।

लेकिन दोनों कहा सुनने वाले थे। इस बार पहले सिराज को डॉगी बनाया। नदीम घुटनो पर बैठ गया और अपना लंड सिराज के मुँह में डाल दिया।

फ़िर उसकी मुँह चुदाई शुरू हुई। तभी दिलीप ने सिराज के बम पर स्केल से पिटाई शुरू की।

15-20 मिनट बाद नदीम सिराज के मुंह में झड़ गया। अब मेरी बारी थी, मैं कुत्ता बन गया और दिलीप ने जबरदस्ती मेरे मुँह में लंड डाल दिया।

नदीम ने मेरे गांड पर स्केल से मरना शुरू किया। 15-20 मिनट ख़राब दिलीप भी झड़ गया। हम सबने साथ में नहाया।

उस दिन दोपहर को हम दोनों की गांड एक और बार मारी गई। दोनों की मिशनरी पोजीशन में पेला गया। हम दोनो नदीम और दिलीप की रंडिया बन चुके थे। (दो लंड और दो गांड)

अकेले में सिराज और मैं अपने दर्द को हमारी किस्मत समझ कर सह लेते हैं। उस दिन के बाद तो ये आम दिनचर्या हो गई थी।

हर रात को अब दिलीप मुझे और नदीम सिराज को नंगा करता है। और फिर हम दोनों की चुदाई शुरू होती है।

ऐसे ही हमने अलग अलग जगह चुदाई की है, एक बार होटल बुक करके होटल के कमरे में, कभी प्राइवेट स्विमिंग पूल बुक कर के पूल में। और एक बार आउटडोर सुनसान जंगल में चुदाई हुई है। चारो एक साथ नंगे होकर चुदाई का मजा उठाते हैं।

दोस्तों आपको अगर मेरी गे सेक्स कहानी पसंद आयी हो तो मुझे कमेंट में अपने जवाब दे। धन्यवाद।

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