हाय दोस्तो, मैं इशिका वापस आ गई हूं अपनी कहानी का अगला भाग (कॉलेज प्रोफेसर के साथ लेस्बियन सेक्स)लेके। उम्मीद है कि आप सबको पिछला भाग पसंद आया होगा। अगर आपने पिछला भाग नहीं पढ़ा है, तो कृपया जाके पहले उसको पढ़ें।
कहानी का पिछला भाग : प्रोफेसर के साथ लेस्बियन सेक्स
पिछले हिस्से में आप सब ने पढ़ा था, कि कैसे मैं अपने प्रोफेसर के प्यार में पड़ गई। फिर मुझसे रहा नहीं गया, और मैंने चेंजिंग रूम में जाकर उनको किस कर दिया। उन्होंने मुझे धक्का दिया, और थप्पड़ मार दिया। अब कहानी में आगे बढ़ते हैं.
शिखा मैडम ने मुझे थप्पड़ मार दिया, तो मुझे कुछ समझ नहीं आया कि मैं क्या करुं। मुझे डर लग रहा था, कि मैंने कोई गलती तो नहीं कर दी। शिखा मैडम मुझसे गुस्से से घूर रही थी।
फिर मैंने वहां से भाग कर बाहर आ गई। उस दिन मैं कॉलेज नहीं गया। मुझे समझ नहीं आ रही थी, कि मैं नज़रों का सामना कैसे करूँगी। अगले दिन भी मैं कॉलेज जाना नहीं चाहती थी। लेकिन फिर मैंने सोचा, कि कब तक मैं कॉलेज नहीं जाऊंगी।
ये सोच कर मैं कॉलेज चली गई। वाहा जाके पता चला कि शिखा मैडम भी कॉलेज नहीं आई थी पिछले 2 दिन से। अब मुझे फिक्र होने लगी थी उनकी। फिर मैंने घर जाके उनको फोन किया।
मैं: नमस्ते.
शिखा मैडम: हेलो.
मैं: मैडम मैं पिछले 2 दिन कॉलेज नहीं आई थी। आज तो पता चला कि आप भी कॉलेज नहीं आये थे। सब ठीक है?
शिखा मैडम: हां ठीक है.
मैं: तो आप कॉलेज क्यों नहीं आये?
शिखा मैडम: वैसे हाय.
मैं: अगर मेरी हरकत की वजह से आप परेशान हैं, तो मैं आप से माफ़ी मांगती हूं। आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं होगी।
शिखा मैडम: घर आके बात करो.
मैं: ठीक है मैडम.
फिर मैं शाम को उनके घर चली गई। मैंने काली जीन्स और लाल टी-शर्ट पहनी थी। मेरे सुदाउल जिस्म पर ये कपड़े बहुत सेक्सी लग रहे थे।
मैंने उनके घर की घंटी बजाई। 2 मिनट बाद दरवाजा खुला, और शिखा मैडम मेरे सामने थीं। उनको देखते ही मुझे फिर से प्यार हो गया। अनहोन येलो कलर की नाइटी पहनी हुई थी।
उनकी नाइती काफी पतली थी। बाजू जाली वाली थी, और गला गहरा था। उनकी आधी क्लीवेज साफ नजर आ रही थी। उनको देखते ही मैं खो सी गई। फ़िर उन्हें मुझे आवाज़ लगायी, और मैं होश में आयी।
शिखा मैडम: इशिका!
मैं: जी मैडम.
शिखा मैडम: कहां खो गई?
मैं: कहीं नहीं मैडम.
इशिका: अंदर आओ.
फिर मैं अंदर चली गई. घर में कोई नहीं था. जब मैंने पूछा तो मैडम बोली-
मैं: मैडम, आपके घर वाले कहा है.
शिखा मैडम: घर वाले 2 दिन के लिए बाहर चले गए हैं। और भाई मेरा विदेश में है.
मैडम आगे-आगे चल रही थी, और मैं उनकी गांड को निहारती हुई पीछे-पीछे चल रही थी। फिर हम उनके बेडरूम में पहुंच गए। वो बिस्तर पर बैठी, और मुझे भी बैठने को कहा।
हम लोग आमने-सामने बिस्तर के कोनों पर बैठे थे, और एक-दूसरे को देख रहे थे। कमरे में कोई आवाज़ नहीं थी. फ़िर मैडम बोली-
शिखा मैडम: हां अब बोलो क्या बोल रही थी?
मैं: कुछ नहीं मैडम, मैं तो बस सॉरी बोलना चाहती थी।
शिखा मैडम: इसमे सॉरी बोलने की क्या बात है। पता है मैं इतनी हिम्मत कभी भी नहीं दिखा पाई।
मैं: मतलब.
शिखा मैडम: बचपन से ही मुझे लड़के पसंद नहीं थे। फिर भी समाज के डर से मैं अपनी खुद की भावनाओं को मानने के लिए तैयार नहीं हूं। मैंने बॉयफ्रेंड बनाए, लेकिन किसी के साथ कुछ भी करते हुए अच्छा नहीं लगा।
मैं कहीं ना कहीं अपने हालात के साथ बलिदान कर चुकी थी। लेकिन तुम्हारी किस ने मेरे अंदर की आग को फिर से जला दिया।
फिर मैडम मेरे पास आ गई, बिल्कुल पास और बोली-
शिखा मैडम: क्या तुम मुझसे प्यार करती हो? मेरी प्यास बुझाओगी?
बस अब किसकी प्रतीक्षा करनी थी। मैंने अपना हाथ मैडम के चेहरे पर रखा, और अपने होठों को उनके होठों से मिला दिया। अब हम दोनो एक दूसरे को किस करने लग गये। अगले कुछ ही सेकंड में हमारी किस वाइल्ड हो गई, और पागलों की तरह किस करने लग गई।
हम दोनों की सांसें तेज़ थीं, और आज हम प्यार की आंधी में उड़ जाना चाहते थे। मैंने उनकी नाइटी खोली, और उनको उनके बदन से अलग कर दिया। उन्होंने भी मेरी टी-शर्ट उतार दी। अब वो ब्रा-पैंटी में थी, और मैं जींस और ब्रा में।
हम दोनों ने अपनी-अपनी ब्रा उतारी, और अपने स्तनों को आपस में रगड़ना शुरू कर दिया। फिर मैंने उनका एक बूब पकड़ा, और उसका निपल चूसने लग गई। बहुत मजा आ रहा था. मैं अपने दूसरे हाथ से पैंटी के ऊपर से उसकी चूत रगड़ने लग गई। उसकी पैंटी बहुत गीली हुई पड़ी थी.
फिर उसने मुझे खड़ा करके मेरी जींस उतार दी, और मुझे बिस्तर पर ले लिया। वो नीचे से किस करना शुरू हुई, और मेरी चूत पर आके रुक गई। फिर उसने मेरी पैंटी उतारी, और अब मेरी कस्सी हुई चूत उसके सामने थी। जैसे ही उसने चूत देखी उसने जीब का जादू मेरी चूत पर चलाना चालू कर दिया।
मुझे इतना मजा आ रहा था, जितना मैंने कभी सोचा नहीं था। उसने अपनी एक उंगली मेरी चूत में डाली, और अंदर-बाहर करने लग गई। मैं आहें भर रही थी, और सिसकियाँ ले रही थी।
उंगली चूत में डाले हुए वो ऊपर हुई, और मुझे किस करने लग गई। मैं भी अपने हाथ उसकी गांड पर ले गई, और उसको दबाने लग गई। अगले 5 मिनट में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
फिर मैंने उसको नीचे लिया, और उसकी पैंटी उतार कर चूत चूसने लग गई। शिखा पहले ही एक बार झड़ चुकी थी। फिर मैंने अपनी 2 उंगलियां उसकी चूत में इकट्ठी डाल दी। इसकी उसकी चीख निकल आई। मैंने अपनी चूत को उसके मुँह की तरफ किया, और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
उधर वो मेरी चाट रही थी, और चोद रही थी, और इधर मैं वही चीज़ कर रही थी। फिर उसने अपनी दराज से एक डबल साइड डिल्डो निकाला। हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखते हुए चुड़की लगा कर बैठ गए।
उसने डिल्डो अपनी चूत में लिया, और मेरी गोद में आके बैठ गई। फिर उसने डिल्डो की दूसरी साइड मेरी चूत पर सेट की, और धक्का मार कर अन्दर कर दी।
इससे मेरी आह निकल गयी. उसने मेरे होठों को अपने होठों में लिया, और चुंबन करते हुए अपने कमर आगे-पीछे करके मुझे चोदने लगी। हम दोनो अपनी कमर आगे-पीछे कर-कर के एक-दूसरे को चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था, जैसा मैं स्वर्ग में थी।
एक घंटा हम ऐसे ही एक दूसरे को प्यार करते रहे। फिर हम दोनों के शरीर कांपने लगे, और हम दोनों साथ में झड़ गये। अब हम दोनो नंगे ही, बाहों में बाहें डाले लेते हुए।
इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा। कहानी पढ़ कर मजा आया हो, तो इसको लाइक और कमेंट जरूर करना। और अपने दोस्तों के साथ भी इसको शेयर करना।
अगला भाग पढ़े:- कॉलेज प्रोफेसर के साथ लेस्बियन सेक्स – 3