November 23, 2024
Chudai Ki Kamukta

नमस्कार दोस्तों मैं रितिका अपने एक और Hindi Sex Story में आपका स्वागत करती हूँ। आप ये कहानी readxxxstories.com पे पढ़ रहे है।

इस कहानी के लेखक है – ज्योति भाभी और कहानी कुछ इस प्रकार है – मेरी चुदाई की कामुकता ( Chudai Ki Kamukta ) में पड़ोसी ने ली पति की जगह।

हेलो दोस्तों, मेरा नाम ज्योति है, और मैं दिल्ली ( साउथ एक्स ) से हूँ।  मैं 32 साल की हूं. मेरी शादी 21 साल की उम्र में ही हो गई थी।

मेरे पति का नाम अजीत है। मेरा एक बेटा है, अक्की 8 साल का। जब मेरी शादी हुई तब मेरे पति की उम्र 30 साल थी।

मेरे पति मेरा बहुत ख्याल रखते हैं और मुझसे प्यार भी बहुत करते हैं। वो मेरे साथ खूब सेक्स किया करते थे।

पर शादी के 2 साल बाद अक्की हो गया, तब से हमारा सेक्स करना कम हो गया। और आजकल तो बहुत कम हो गया है।

मेरी xxxकहानी पिछले साल की है। मेरे पति अपने काम के सिलसिले में जाते रहते हैं।

पिछले साल मेरे पति 6 महीने के लिए देश से बाहर गए हुए थे। और तभी लॉकडाउन हो गया और वो वहीं फंस गए।

मैं घर में मेरे बेटे और अपनी सास के साथ रहती थी। मेरे पड़ोस के लोग बहुत अच्छे हैं और हमारे घर में आना जाना लगा रहता था। पड़ोस वाली आंटी का एक बेटा था सिकंदर, उसकी उमर कोई 25 साल की होगी।

वो लंबे कद का लड़का, मुझे बहुत हैंडसम लगता था। वो जिम जाता था और उसने अच्छी बॉडी बना रखी थी।

मैं जब भी उनके घर जाती थी, वो हमेशा बनियान और निक्कर में होता था। उसे देख के मेरी शारीरिक भूख और बढ़ जाती थी।

हमारे घर की दीवार और छत जुड़ी हुई थी। मेरे घर की छत पर कमरा बना हुआ था और आधी छत खाली थी और सिकंदर का भी वही था।

उसका कमरा छत पर बना हुआ था और आधी छत खाली थी। और हम दोनो घरों की छत आपस में इस तरह जुड़ गई थी के कोई भी आराम से कुद कर आ जा सकता था।

सिकंदर रोज़ अपनी छत पर जिम करता था, और मैं चुप-चुप के देखा करता था।

मैंने भी सोचा क्यों ना मैं भी छत पर ही योगा करूं। अगले दिन मैं छत पर योग करने लगी और सिकंदर भी वहां जिम कर रहा था।

मैंने उसे आवाज लगाई के बुलाया और कहा, “मुझे स्ट्रेचिंग करवाने में थोड़ी मदद करदो।

” तो वो छत पर कूद कर इधर आ गया। मैं लेटी हुई थी, और उसने मेरी टांग पकड़ कर अपने कंधे पे रख ली और मुझे स्ट्रेचिंग करवाने लगा।

स्ट्रेचिंग करते हुए मेरा टॉप थोड़ा ऊपर उठ गया जिसमें मेरी नाभि दिखने लगी।

सिकंदर मेरी नाभि की तरफ ही देख रहा था। मैंने भी उसे देखा। वो शायद समझ गया था के मुझे पता चल गया है के वो मुझे देख रहा है।

बोला, “भाभी आपको क्या ज़रूरी है। आप तो वैसे इतने फिट हो, एकदम शेप में हो।

” मैंने कुछ ना कहते हुए अपनी टांग नीचे उतारी और दूसरी टांग उसके कांधे पे रख दी। अब वो दूसरी टांग की स्ट्रेचिंग कर रहा था।

मैंने कहा, “जरुरत तो है, नहीं करूंगी तो मोटी हो जाऊंगी।” उसने कहा, “अरे कहा भाभी, आप तो इतनी सेक्सी हो।

” वो कह के एकदम चुप हो गया. फिर बात बदलते हुए बोला, “और अजीत भैया कब आ रहे हैं, कुछ पता चला।”

अजीत का नाम सुनते ही मैं दुखी हो गई। मैने कहा, “अजीत का अभी कुछ पता नहीं है। कब वापस आयेंगे कुछ तय नहीं है. मैं बहुत अकेली हो गई हूं।” कहते कहते मेरी आँखों में आँसू आ गये।

सिकंदर मेरे पास आया और बोला, “भाभी आप परेशान क्यों हो, सब तो है आपके साथ।

भैया भी आ जायेंगे।” मैंने कहा, “उनके बिना दिन तो गुज़र जाते हैं पर रातें नहीं गुज़रतीं।” ये कह के मैं रोने लगी.

सिकंदर ने मुझे अपने गले लगा लिया और मैं भी उससे लिपट कर रोने लगी।

सिकंदर बोला, “भाभी, आप टेंशन क्यों लेती हो? रात को अगर कभी नींद ना आए तो मुझे फोन कर देना, मैं आ जाऊंगा। मेरा कमरा तो सामने ही है।”

ये कह के उसने मेरा नंबर ले लिया और मैंने उसका नंबर अपने फोन में सेव कर लिया।

दिन भर मैं रात होने का इंतज़ार कर रही थी। रात को मैंने अक्की को जल्दी सुला दिया।

फिर मैंने सिकंदर को मैसेज किया। उसका तुरेंट रिप्लाई आया, लिखा था, “भाभी मैं अभी आ जाता हूं।

” मैंने रिप्लाई किया, नहीं, तुम मत आओ, यहां अक्की सो रहा है, मैं उधर आती हूं।”

मैंने अपनी रात की नाइटी पहचानी थी, और अंदर सिर्फ पैंटी पहनी थी।

छत पर अँधेरा था, तो मैं छत कूद कर उसकी तरफ चली गई। सिकंदर गेट पर खड़ा मेरा इंतजार कर रहा था।

मैं सीधा कमरे में घुस गयी। सिकंदर ने कमरा की कुंडी लगा दी.

मैने कहा, “अरे कुंडी क्यू लगा दी?” तो वो बोला, “भाभी आप यहां हो, किसी को पता चल गया तो।

इसलिए कुंडी लगाई है।” तो मैंने उसे छेड़ते हुए कहा, “अच्छा, तो कितनी लड़कियों को यहाँ लाए हो?”

सिकंदर शर्मा के कहा, “एक भी नहीं, आप पहली हो जो मेरे कमरे में आई हो।

” कहते हुए, वो मेरे एकदम करीब आके खड़ा हो गया। मैंने कहा, “तू क्या हमेशा ऐसा ही रहता है, बनियान और निक्कर में।”

तो वो बोला, “भाभी, मैं तो हमेशा ऐसा ही रहता हूं, पर आपको नाइटी में पहली बार देखा है।

हॉट लग रही हो।” ये कहते हुए, उसने मेरी कमर पे हाथ रख लिया।

मैने कहा, “ये क्या कर रहे हो, सिकंदर?” वो बोला, “भाभी आप भी यही चाहती हो ना, तभी तो बिना ब्रा के आयी हो।” मैं सुन के हेयरन हो गई. पर दूसरी तरफ़ मुझे अच्छा भी लग रहा था।

उसने एक हाथ मेरी कमर पे रखा हुआ था, और दूसरे हाथ से मेरे चुचे सहला रहा था।

वो मेरे चूचे सहलाता हुआ बोला, “भाभी, कसम से जब भी आप देखते थे मेरा लंड तो खड़ा हो जाता था।” मैंने कहा, “अच्छा, फिर क्या करता था?

वो बोला, “फिर क्या, आपके नाम की मुठी मरता था। आज हाथ लगी हो, अब नहीं छोड़ूंगा।” ये कह के वो और ज़ोर से मेरे चूचे दबाने लगा। मुझे भी मजा आ रहा था.

मैंने उसकी निक्कर पे हाथ लगाया तो उसका लंड पहले से ही खड़ा था।

मैंने उसकी निक्कर में हाथ डाल दिया और उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी। उसकी और मेरी नज़र मिली और हम एक दूसरे को किस करने लगे।

और इतने में, उसने मेरी नाइटी ऊपर करदी। मैंने भी हाथ ऊपर कर दिये और उसने मेरी नाइटी पूरी निकाल दी।

मैने अब सिर्फ पैंटी पहनी हुई थी। सिकंदर मेरे दोनों चुचे ज़ोर से दबा रहा था और मैं सिसक रही थी।

उसने मेरे चूचे को मुँह में लिया और चूसने लगा। दूसरा हाथ उसकी पैंटी में था और मेरी गांड सहला रहा था।

उसने मुझे अपने बिस्तर पर झुका के खड़ा कर दिया। मेरी पैंटी पूरी नीचे करदी और मेरी नंगी गांड सिकंदर के सामने थी।

वो बोला, “क्या गांड है, भाभी,” और कहते हुए उसने मेरी गांड पर जोर के दो चांटे लगाए।

अपनी गांड पे चांटे खा के मैं एकदम से शॉक हो गई थी। वो मेरी गांड को सहला रहा था, दबा रहा था और लगातार चांटे मार रहा था।

मेरे लिए ये एक नया एहसास था। मेरे साथ ऐसा पहली बार हो रहा था।

और मुझे मजा भी आ रहा था. सिकंदर ने अपना निक्कर उतार दी, मैंने देखा तो उसका लंड पूरा खड़ा हुआ था।

उसने गांड के बीच में से उंगली ले जाते हुए मेरी चूत में उंगली डाल दी।

मेरी चूत तो पहले से ही गीली हो रखी थी। वो बोला, “भाभी आपकी चूत तो बहुत गरम है।”

कहते कहते उसने दो उंगलियाँ घुसा दी, मेरे सिस्कारियाँ बढ़ने लगी। उसने अपनी उंगली बाहर निकाली और अपने लंड पर रगड़ने लगा, और लंड की नोक मेरी चूत पर रख दी।

इससे पहले कि मैं कुछ सोचती थी, उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया।

उसका लंड 7 इंच का था, जो मेरी चूत में घुस गया। मेरी आवाज़ निकल गयी. उसने मुझे दोनों हाथों से पकड़ा और मुझे चोदना शुरू कर दिया। उसका लंड मोटा और लम्बा था, जो मेरी चूत को रगड़ रगड़ कर चोद रहा था।

मेरी सिस्कारियाँ बढ़ती जा रही थी। वो मेरे बाल पकड़ कर खींच रहा था और मेरी गांड पर चांटे बजा रहा था।

वो मुझे चोदते हुए कह रहा था, “कुतिया, आज तू आयी है मेरे लंड के नीचे। आज चोदूंगा तुझे जी भर के। आज भाभी से रंडी बना दूंगा तुझे।”

मुझे उसकी ये गालियाँ भरी बातें सुनके मजा आ रहा था और मैं भी मजे से चुदवा रही थी।

उसने मुझे एक ही पोजीशन में करीब 10 मिनट तक चोदा। और फिर उसने मेरी चूत में ही झाड़ दिया।

वो अपना लंड बाहर निकाल के वहीं बिस्तर पर लेट गया। और मैं भी वही ज़मीन पे बैठ गयी।

पर मेरी भूख अभी शांत नहीं हुई थी। मैंने अपने घुटनों पे बैठी और उसका वीर्य से सना हुआ लंड मुँह में लेके चाटने लगी।

ये देख के सिकंदर बोला, “भाभी ये क्या कर रही हो?” मैने कहा, “अच्छा, अभी तो मुझे रंडी बुला रहा था और अब भाभी कह रहा है। मैं रंडी हूं ना, रंडियां तो ऐसा ही लंड चूसती है।” 

ये कह के मैं उसका लंड चूसने लगी. उसे भी मजा आ रहा था. वो खड़ा हो गया था और मैं ज़मीन पर बैठी उसका लंड चूस रही थी।

वो बोला, “वाह भाभी, क्या लंड चूसती हो तुम। कोई रंडी भी ऐसा लंड नहीं चूसती।”

ये कह के उसने मेरे मुँह पे एक दो चांटे भी लगा दिये। चांटे खा के मुझे एकदम रंडी जैसी फीलिंग आ रही थी।

उसका लंड फिर से खड़ा हो गया। और उसने अपना लंड पूरा मेरे मुँह में दे दिया, और अब वह मेरे मुँह को चोद रहा था।

थोड़ी देर बाद बोला, “चल रंडी बिस्तार पे लेट जा। मेरा लंड फिर से तैयार हो गया है तेरी चूत के लिए।

” मैं बिस्तार पे लेट गई, उसने एक टांग अपने कंधे पे रखी और अपना लंड चूत में घुसा दिया। और मुझे फिर से चोदना शुरू कर दिया।

चोदते हुए बोला, “क्या तुझे लंड का पानी अच्छा लगता है?” तो मैने कहा, हां. वो मेरे पास आया और मेरे चूचे दबाते हुए बोला, “ठीक है, तो इस बार मेरा सारा पानी तेरे मुंह में निकालूंगा।”

ये कह के उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी। वो मुझे और ज़ोर से चोद रहा था।

थोड़ी ही देर में वो अपना लंड मेरे मुँह के पास लेके आया और अपना वीर्य मेरे मुँह पर निकालने लगा।

मैंने सारा वीर्य चाट लिया और उसका लंड भी चाट के साफ़ कर दिया। वो और मैं उसके बिस्तर पर नंगे ही लेट गए।

तभी मेरा फोन वाइब्रेट होने लगा। मैंने देखा तो मेरे पति अजीत मुझे कॉल कर रहे थे। मैं जल्दी से उठी, कपड़े पहने और भाग के अपनी छत पर आ गई।

तो ये थी दोस्तो मेरी आज की कहानी। इस कहानी में यहीं तक मिलते हैं अगले किसी और चुदाई से भरी Desi Hindi Sex Story में तब तक के लिए अपना ध्यान में रखें और पढ़ते रहे ReadXStories.Com धन्यवाद

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