हेलो दोस्तों कैसे है आप सभी मैं साक्षी हिंदी सेक्स की स्टोरीज (Hindi Sex Stories) की दुनिया में आप सभी का दिल से स्वागत करती हूँ।
हमारी आज की readxxxstories.com पर कहानी का शीर्षक मेरी चुदाई की अनोखी दास्तान (Chudai Ki Anokhi Dastan) है।
इस फॅमिली सेक्स स्टोरी को निर्मला ने अपनी जुबानी लिखी है, कहानी का पूरा मजा लीजिए…..
हाय दोस्तो मैं हूं आपकी निर्मला, मैं दिल्ली से हूँ। एक मस्त हिंदी सेक्स स्टोरी के साथ हाजिर हूं। मेरा बदन भरा हुआ है और बहुत ही आकर्षण है। मैं 32 साल की शादी शुदा महिला हूं। मेरे जिस्म के एक एक अंग को भगवान ने बहुत फुसरत में बनाया है।
मेरे बड़े बड़े गोल गोल कसे हुए बूब्स और मेरी उभरी हुई गांड, और मेरा गोरा रंग हर जवान और बूढ़े लोगो को पागल कर देता है। मैं इस कामिनी काया का भरपुर उपयोग भी करती हूं।
अब मैं ज्यादा टाइम खराब ना करते हुए, मैं अपनी फॅमिली चुदाई की कहानी पर आती हूं।
ये फॅमिली सेक्स स्टोरी (Family Sex Story) शुरू करने से पहले मेरा सभी लंड वालो को नमस्कार, अब मेरी कहानी का आनंद लीजिये और लंड को हाथ में ले लीजिये।
मैं निर्मला 32 साल की एक शादी शुदा औरत हूं, मेरे पति वीरेंदर अच्छे खासे हैंडसम और 36 साल के हैं। वो मेरी बहुत अच्छी चूत चुदाई करते हैं, और अपनी पत्नी की अदला-बदली करना उनका ये शौक है।
मेरी शादी के एक हफ्ते के बाद ही वीरेंदर ने मुझे अपने दोस्त पप्पू से चुदवाया था। मैं भी पप्पू से चुद कर बहुत खुश हो गई थी, अब सेक्स पार्टी करना हम लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया था।
मैं भी लाइफ स्टाइल को पसंद करती हूं, इसमें मर्दों को नई-नई चूत चोदने को मिलती है। और औरत को नये नये लंड का स्वाद मिल जाता है, मेरी जिंदगी ऐसे ही आराम से कट रही थी।
पर तभी कुछ दिन बाद मेरे पति रोड एक्सीडेंट में चल बसे। अब तो मैं एक दम अबला नारी बन गई थी। मेरे पति की मौत के बाद मेरे सारे सम्बन्धियों ने मुझे एक सेक्स मशीन की तरह इस्तेमाल किया।
मेरे ससुर जी ने भी मुझे चोदा, मेरे देवर ने तो मेरी चूत ही फाड़ दी अपने लोडे से, मेरे जेठ जी ने भी मेरी चुदाई में कोई कमी नहीं रखी।
घर के सारे पुरुषों ने मुझे जम कर चोदा, और वो मोका देखते ही मेरी चूत की चुदाई करनी शुरू कर देते थे।
उनकी औरतें उनसे और मुझसे लड़ती थीं, इसलिए अब घर का माहौल बहुत खराब हो गया था।
मैं अब तंग आ कर अपने मयाके आ गयी थी, मैं यह रह तो रही थी। पर मेरा चंचल मन अब चुदाई के लिए तड़प रहा था।
कभी मैं चूत में उंगली करती थी, तो कभी बैगन अंदर-बाहर डालती थी तो कभी डिल्डो से अपनी चूत की आग को शांत करती थी।
मुझे शकुन नहीं मिल रहा था, मुझे असली लंड की जरूरत थी, मायेके में मेरा छोटा भाई विनय मुझे बार बार घूरता रहता था।
मैं इस बात को नोटिस कर रही थी, विनय 20 साल का एक दम जवान हैंडसम लड़का था।
एक दिन घर में कोई नहीं था, मम्मी पापा एक शादी में गये थे। अब घर में मैं और सिर्फ विनय ही थे।
मैं बाथरूम में नहा रही थी, मुझे एहसास हुआ कि दरवाजे के छेद में से मुझे विनय देख रहा है।
मैंने अपने कसे हुए बदन को विनय को दिखाना शुरू कर दिया, मैं अपने बूब्स विनय की तरफ करके रगड़ने लग गई।
मैं अपनी चुत को क्लीन वॉश भी उसे दिखा रही थी, मेरे बूब्स और मेरी चुत के दर्शन से विनय पागल हो गया था। अब वो दरवाजे के बाहर ही अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लग गया था।
मैं नहा कर अपने बदन पर तौलिया लपेट कर बाहर आ गई, विनय को मैंने आवाज दी तो विनय मेरे पास आ गया। मैंने विनय को अपने कमर पर तेल रगड़ने को कहा।
उस समय मेरे जिस्म पर सिर्फ एक तौलिया ही था, विनय मेरी कमर पर तेल रगड़ रहा था।
एक औरत के नंगे जिस्म को टच करते ही विनय का लंड एक दम से खड़ा हो चुका था।
अब वो भी जान बुझ कर अपना लंड मेरी गांड से टच कर रहा था, लंड का टच पड़ते ही मैं भी काफी गरम हो चुकी थी।
मैं विनय की और घूमी और मैंने उसके खड़े लंड को देख कर उसे किस कर लिया।
साथ ही मैंने अपने हाथ में उसका लंड ले लिया, और मैं उसे सहलाने लग गई। विनय को तो जैसे जन्नत ही मिल गई थी, एक ही झटके में उसने मेरे तौलिये को खींच दिया।
मैं अपने भाई के सामने पूरी नंगी थी, मैंने झुक कर लंड को मुँह में ले लिया और मैं उसके लंड को चूसने लग गयी। विनय ने मेरे एक बूब्स को मुँह में लिया और दूसरे को हाथ में ले कर मसलने लग गया।
मेरे बूब्स अब कड़क हो गये थे, मैं बोली- चलो अब बिस्तर पर चलते हैं।
फिर हम दोनों नंगे हो कर बेड पर आ गए, विनय ने मुझे बेड पर लिया और मेरी टैंगो को खोल कर उसने अपना लंड मेरी चूत पर सेट कर दिया। फिर उसने एक ज़ोरदार ढाका मारा, और मैं एक दम चिहुक पड़ी।
उसका लंड पूरा मेरी चूत में समा चुका था, पहले विनय मुझे धीरे-धीरे चोदने लग गया।
मैं अपनी गांड उछाल उछाल कर उसका साथ दे रही थी, विनय भी अपना लंड जोर जोर से मेरी चूत में पेल रहा था।
जब उसने अपनी स्पीड तेज़ कर दी तो मैंने भी अपनी गांड की स्पीड तेज़ कर दी, अब मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी।
करीब 15 मिनट की बुर चुदाई के बाद विनय ने अपना गरम पानी मेरी चूत में निकल दिया।
मैं पूरी तरह से खुश हो गई थी, और विनय मेरे नंगे जिस्म पर लेटा हुआ था। मुझे भी अब नींद आ गई थी, और पता नहीं विनय मेरे ऊपर से उठ कर कब चला गया था।
अब हम दोनों टाइम और मोका देख कर चुदाई करने लग गए, कुछ दिनों के बाद मेरे पापा ने मेरी दूसरी शादी राहुल नाम के आदमी से करवा दी।
राहुल बैंक में था, और उसकी उम्र 42 साल थी। उसकी पत्नी मर चुकी थी, उसके घर में उसका एक 20 साल बेटा था।
मतलब उसके घर में सिर्फ वो दोनो ही रहते थे, और उसके बेटे का नाम सुरेश था।
सुरेश गोरा लांबा और हैंडसम स्मार्ट लड़का था। हम दोनो की शादी से सुरेश काफी नाराज था, वो मुझसे ठीक से बात तक नहीं करता था।
ना ही वो अपने बाप से कोई बात करता था, शादी के बाद राहुल मुझे अच्छे से चोद नहीं पाता था। मैं बहुत निराश हो गई थी, पर एक रात वो बोला – घबराओ मत मेरी रानी, मैं तुम्हारा इंतज़ाम कर रहा हूँ।
मैंने राहुल को देखा और मैं बोली – क्या इंतज़ाम कर रहे हो?
राहुल- अभी मैं एक लड़के को पटा रहा हूं, वो बड़े अच्छे से तुम्हारी चूत की चुदाई (Chut Ki Chudai) करेगा और तुम्हे पूरा मजा देगा।
अब मुझे ये बहुत ही अजीब सा लगा पर मैं कुछ नहीं बोलती, और इधर राहुल सुरेश का बहुत ज्यादा गुस्सा चल रहा था।
एक रात लाइट कट गई थी, और इन्वर्टर से सिर्फ एक ही फैन चल रहा था।
तो राहुल सुरेश को अपने कमरे में ले आया, अब हम तीनों एक ही जगह पर सो रहे थे।
थोड़ी देर बाद राहुल मेरे बूब्सों को मसलने लग गया, फिर उसने मेरे ब्लाउज को उतारा और वो मेरे बूब्सों को मसलने लग गया।
धीरे-धीरे राहुल मेरी चूत की और बढ़ा, फिर उसने मेरी साड़ी और पेटीकोट सब कुछ उतार दिया।
अब वो कभी मेरे बूब्सों को चाटता था, तो कभी वो मेरी चूत को चाटता था।
मैं बिल्कुल नंगी थी, और सुरेश भी हमारे ही साथ सो रहा था।
फ़िर राहुल ने मुझे सीधा किया और मेरी टांगों को खोल कर उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया। तभी राहुल की नज़र सुरेश पर पड़ी, तो वो हम दोनो को देख रहा था।
राहुल- अरे बेटा तुम अभी तक सोये नहीं?
सुरेश- आप लोगों को देख कर मुझे नींद नहीं आ रही है।
राहुल- तुम तो अब जवान हो गए हो, तुम्हें भी चोदने की इच्छा होगी? तुम्हारी माँ हज़ारों में एक है, तुम इसे चोदना चाहोगे?
सुरेश ने कुछ नहीं बोला, फिर राहुल ने सुरेश का हाथ अपने हाथ में लिया और मेरे बूब्स पर उसका हाथ रख दिया।
राहुल- देखो चुचे पकड़ने में कितना मज़ा आता है। मेरी प्यारी बीवी मेरे बेटे को अपनी चूत दिखाओ ना, और आज मेरे बेटे को भी जन्नत की सैर करवा दो।
अब सुरेश मेरे बूब्सों को मसल रहा था, फिर उसने अपना एक हाथ मेरी चूत पर रखा और उसे मसलने लग गया। अब मैं भी कहाँ पीछे रहने वाली थी, मैंने भी सुरेश का लंड हाथ में ले लिया।
उसका लंड एक दम से खड़ा हुआ था, अब सुरेश ने जरा सी भी देर नहीं की। उसने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड मेरी चूत पर रख दिया, फिर उसने एक जोरदार धक्का मारा।
अब उसका खड़ा लंड मेरी चूत में पूरा का पूरा चला गया, सुरेश मेरी चूत को धक्के दे दे कर अच्छे से चोद रहा था। मैं भी अपनी गांड उठा कर उससे अपनी चूत चुदवा रही थी।
करीब 20 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद सुरेश के लंड का गरम पानी मेरी चूत में भर गया। उस एहसास ने मुझे जन्नत की सैर कराई थी, अब मैं रोज अपने सौतेले बेटे से चुदाई का मजा लेती हूं।
मेरी जिंदगी अब बहुत आराम से चल हो रही थी,मुझे चुदाई का अब पूरा मजा जो मिलने लगा था।
दोस्तों कैसी लगी मेरी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Story) उम्मीद है आप लोगो को पसंद आयी होगी। आप मुझे कमेंट करके बता सकते है। धन्यवाद।