हेलो दोस्तों, आप सभी के लिए फिर से हाजिर हूं एक नई हिंदी सेक्स कहानी ( Hindi Sex Story ) लेकर जो आप सभी को एंटरटेन करेगी और कुछ लोगों को यौन संतुष्टि भी देगी।
उम्मीद है लड़के का लंड खड़ा हो के सलामी देगा और कोई लड़की की चूत की गर्मी शांत करेगी। लड़कियों को भी संतुष्टि मिलेगी अपनी उंगली से और फिर लोकी से और अगर चाहे तो किसी का लंड लेले और सूखी जमीन गिली करवा ले।
नमस्कार दोस्तों, मैं 30 साल की कामकाजी महिला हूं, मैं मल्टी नेशनल कंपनी में एचआर की पोस्ट पर हूं।
चलिए मेरी पहली सेक्स कहानी ( Pehli Sex Story ) शुरू करते है – कैसे मेरी Chudai karwane ki Chahat ने मुझे रात दिन चुदने पर मजबूर किया
मुझे काम की वजह से पुरे भारत में घूमना पड़ता है।
मैं टाइम काम के चक्कर में दिल्ली में हूं।
मेरा नाम नेहा है और मेरी काया एक कामिनी सी है, रंग गोरा है और मेरी झुल्फे लंबी है।
मेरा चाँद जैसा चमकता मुखड़ा है, और मेरे बड़े बड़े मगर एक दम कसे हुए स्तन है।
मेरे उभरे हुए लंड में दर्द और लंड को अपना दीवाना बना लेते हैं।
मेरी चाहत बहुत अजीब सी है, मैं इस चाहत को किसी ना किसी तरह से पूरा करने की कोशिश करती हूं।
मेरी कंपनी में चाय बागान के लिए एक गार्ड की जरूरत थी।
जिसके लिए मैंने गांव से 18 से 24 साल के स्मार्ट लड़के को बुलाया था।
मैं लड़के का इंटरव्यू ले रही थी, लड़के में से मैं वो लड़का ढूंढ रही थी।
जो कंपनी के काम के साथ-साथ मेरी भी जमकर चुदाई कर सके, और मेरे जिस्म की आग को बुझा सके।
मैं 20 से ज्यादा लड़कों के इंटरव्यू ले चुकी थी।
पर अभी तक मुझे कोई भी पसंद नहीं आया था, फिर अगला लड़का मेरे चैंबर में आया।
उसका नाम अमित था। और मैंने अमित को देखा तो मैं उसे देखती ही रह गई।
वो पूरा 6 फीट लंबा गोरा सुंदर स्मार्ट एथलेटिक बॉडी वाला था।
मैंने देखते ही मैंने चयन कर लिया और मैं उससे अपने विस्टिंग कार्ड देते हुए बोली।
मैं – अमित तुम चयनित हो, बाकी औपचारिकताएं मैं बुरा कहूंगी, तुम 7 बजे मेरे पते पर आ जाना।
अमित शायद सब कुछ समझ गया था, और वो मुस्कुराते हुए बोला – ठीक है मैम।
फ़िर मैं सारे काम ख़तम करके अपने कमरे में आ गयी, अब मैं मस्त ( Chudai Ki Kahani ) के सपने देख रही थी।
मैं शॉवर ले कर फ्रेश हो गई थी, और मैंने आज गुलाबी रंग का नाइट गाउन पहन लिया था।
जिसके अंदर मैंने कुछ भी नहीं पहना था, ना ही ब्रा और ना ही पेंटी।
मैं अब प्रवीण के इंतज़ार करने लग गई थी, और चुदाई के चक्कर में अब मेरा हाथ बार बार खुद चूत पर जा रहा था।
मैं अपनी चूत को प्यार से सहला रही थी, और चूत में उंगली करके मजे ले रही थी।
मजे और मस्ती में मेरी दोनो आंखें बंद हो चुकी थी।
फिर जब मैंने आंखें खोली तो मेरे सामने अमित खड़ा देख कर मैं एक दम से शॉक हो गई।
मैं- क्या अमित तुम कब आये?
अमित – बस थोड़ी देर पहले माँ।
मैं- तुम कब से मुझे इस हालत में देख रहे थे?
वो कुछ नहीं बोला तो मैं बोली – तुम ऐसे चुप चाप ना मर्द की तरह क्यों खड़े हो?
चलो आयो मेरी कामिनी सी काया का रसपान करो, और जल्दी से मेरी तड़प को शांत करो। क्या तुम्हें मैं सुंदर नहीं लगी?
अमित – नहीं माँ आप तो एक अप्सरा जैसी दिखती हो।
मैं- फिर क्यों देर कर रहे हो.
ये कहते ही मैंने अपना हाथ प्रवीण की पैंट के अंदर डाल दिया, और मैंने अपनी पूरी ताकत से अपनी और उसे खींच लिया।
अब अमित का बदन मेरे बदन के ऊपर आ गिरा था।
मैंने अमित को प्यार से किस किया और उसके पैंट को मैं उतारने लग गई।
प्रवीण भी अब पीछे कहा रहने वाला था, वो भी मेरे होठों और गालों को चूमने लग गया।
मैंने झटके से प्रवीण की पैंट को उतार कर साइड फेंक दिया।
अब उसका लंबा मोटा लंड उछल कर बाहर आ गया। मैं फड़कता हुआ लंड हाथ में ले कर उसे अपनी और खींचने लग गई।
जेसे ही मैंने उसे छोड़ा तो उसका लंड एक दम से उसके पेट से जा कर तर्क और ताप जेसी आवाज आई।
मैं ऐसे लंड को देख कर ख़ुशी से झूम उठी और ना जाने कितने दिनों के बाद आजा मेरी चूत को ऐसा मस्त लंड मिलने वाला था।
मैन बार बार अमित के लंड को अपनी और खींच कर चोद रही थी।
उसका लंड बार बार उसके पेट से टकराकर मस्त आवाज निकल रहा था।
फिर वो मेरे होठों को चूसने लग गया, और फिर वो मेरे स्तनों पर आ गया।
उसका एक हाथ मेरे स्तनों को मसल रहा था, और दूसरे स्तन को मुँह में ले कर चूस रहा था।
मैं भी मस्ती में अपने स्तनों को चूसवा रही थी।
धीरे धीरे अमित अब मेरी चूत को सहलाने लग गया,
मैंने अमित को जल्दी से लंड चूत में डालने को बोला क्योंकि मैं भी यही चाहती थी।
अमित- ठीक है पहले एक बार तू मेरे लंड का मजे ले ले।
फिर मैं बिस्तर पर आ गई और मैंने पहले उसका लंड चूसा, और मैं चुदाई की पोजीशन में आ गई।
अब अमित अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लग गया। मैं साथ-साथ चिल्ला रही थी, और मैं बोली।
मैं- साले अब जल्दी से अपना लंड मेरी चूत में डाल दो, क्यों मुझे तड़पा रहा है।
फिर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर रखा, और उसने अपने लंड का बहुत जोर से धक्का मारा और उसका लंड मेरी चूत के अंदर चला गया।
उसके लंड मेरी चूत की दिवारो को पूरी तरह से फाड़ दिया था, जिसे मैं पूरी तरह से कांप उठी थी।
मैं उसके लंड को अपनी चूत में महसुस कर रही थी, मेरे आनंद की कोई सीमा नहीं थी।
मैं आहह आह कर रही थी, और मैं बोली- आहह आहह चोद साले मुझे और चोद।
अब वो मुझे फुल स्पीड में चोद रहा था, मुझे ऐसा लग रहा था मानो आज मेरी चूत में तूफ़ान मेल गाडी दोध रह रही है।
इतने में मुझे संतोष मिलने वाला था।
मैं अपनी चूत में राजधानी एक्सप्रेस से चुदना चाहती थी।
तो मैं जोर से चिल्ला कर बोली- अरे मादरचोद धीरे-धीरे क्या चोद है, अपनी पूरी ताकत लगा कर चोद साले।
मेरी ये बातें सुन कर वो जोश में आ गया, और वो बोला- ले साली रंडी ले, आज मैं तेरी चूत का भोसड़ा बना दूंगा।
मैं- जो बनाना है बना दे, पर मेरी चूत को आज तू फाड़ दे बस।
अब वो मुझे फुल स्पीड से चोद रहा था, मेरी चूत भी अब अपना रस छोड़ रही थी।
अब लंड की आवाज अब फच फच की आवाज में बदल गई थी.
मैं मस्ती में अपनी आंखें बंद करके चुदाई के मजे ले रही थी।
मेरी गांड अब नीचे से अपने आप उछल रही थी, फिर मेरी चूत अपना रस निकलने लग गई।
तभी मेरी चूत के मुझे गरम पानी महसूस हुआ, मैं समझ गई कि प्रवीण के जवान लंड का पानी निकल चुका है।
मैं उसके लंड के पानी से त्रिपट हो गयी थी।
पर मुझे लगा अमित कुछ और चाह रहा है, वो अपना लंड मेरी चूत से बाहर नहीं निकल रहा था।
उसका लंड अब धीरे-धीरे ढीला पड़ रहा था, पर वो अपने लंड को फिर से मेरी चूत में हिला रहा था।
मैं- क्या कर रहे हो?
अमित- साली रंडी मैं तुझे लगे हाथ फिर से चोदूंगा।
ये सुन कर मैं खुश हो गई और मैं बोली – चोद साले चोद जितना दम है चोद ले आज मुझे।
तबी अमित का लंड मेरी चूत में ही पड़े पड़े खड़ा हो गया। मैं फिर से अपनी गांड उछालने लग गई, और अमित मेरी चुदाई करने लग गया।
ऐसी ही प्रवीण रातभर मेरे साथ चुदाई का खेल खेलता रहा।
मैं बहुत थक गई थी, पर फिर भी मैं उसके लंड से चुदती ही जा रही थी।
वो और उसका लंड हार नहीं मन रहा था, हमारे दोस्त आपको मेरी ये Free Hindi Sex Kahani कैसी लगी।
कहानी कैसी लगी कमेंट में ज़रूर बताये। मिलते अगले किसी दिलचस्प कहानी के साथ।