नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम साक्षी है। मैं दिल्ली में रहती हूं, आज मैं आपको अपनी हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) बताउंगी जो एकदम सच्ची है।
इस कहानी में पढ़ेंगे की कैसे मेरे भाई ने मेरी चढ़ती जवानी की चुदाई (Chadhti Jawani Ki Chudai) की और मुझे मजा दिया।
मेरे घर पांच सदस्य हैं। मेरे पिताजी, मेरी माँ, दो बड़े भाई और सब से छोटी मैं।
पापा काम के लिए अक्सर बाहर रहते हैं। हमारे घर में कमरे भी पांच ही हैं।
एक कमरा माँ-पिताजी का, दोनों भाइयों के लिए एक-एक कमरा और फिर एक मेरा।
एक कमरा और भी है, जो महमानो के लिए छोड़ रखा है।
अब मेरी उमर 24 साल है, मेरा बड़ा भाई 28 साल का है और दूसरा भाई 26 साल का है।
अब अपनी फॅमिली सेक्स स्टोरी पर आते हैं………..
जब मैं 19 साल की थी और मेरा दूसरा भाई 21 का था, तब एक दिन घर पर कोई नहीं था और मैं और भाई घर पर अकेले थे।
हम दोनों टीवी देख रहे थे और टीवी में किसिंग सीन आ गया।
सीन देख कर मेरे भाई ने मेरी जाँघ पर हाथ रखा और सहलाने लगा।
इससे मुझे भी मजा आ रहा था। फिर भाई ने बोला-
भाई: मैं भी तुझे किस करु?
उस वक्त मुझे ज्यादा समझ नहीं थी इन सब चीजों की, क्योंकि मैं ज्यादा बाहर आती-जाती नहीं थी और मेरे पापा भी बहुत सख्त थे।
मेरी 12वीं कक्षा बस पूरी होने वाली थी और मेरे ज्यादा दोस्त भी नहीं थे। भाई जब मेरी जांघ सहला रहा था, तो मुझे बहुत मजा आ रहा था।
इसलिए मैंने किस के लिए भी उसको हा कह दिया। फिर भाई ने मुझे किस किया और साथ में मेरे जिस्म पर हाथ फेरने लगा। फिर भाई बोला-
भाई: एक गेम खेले?
मैं राजी हो गई और फिर भाई ने मेरा कमीज उतारा और मेरी सलवार भी उतार दी। इसपे मैं बोली-
मैं: ये क्यों उतार रहे हो?
भाई ने बोला: ये गेम ऐसे ही होता है। देखना अभी तुझे मजा आएगा।
फिर भाई ने अपनी शर्ट उतार दी और अपना कच्छा भी उतार दिया।
फिर वो मुझे छूने लगा और मेरे चुचो को चुसने लगा, जो अभी ज्यादा बड़े नहीं थे।
मुझे काफ़ी मज़ा आ रहा था।
फिर वो मेरी चूत के पास आया और उसने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
मुझे अब और भी मजा आने लगा था, इसलिए मैं उसको मना नहीं कर पा रही थी।
फिर उसने मुझे अपना लंड पकड़ने को कहा, जो 6.5 इंच का था और फिर उसने मुझे अपना लंड मुँह में डालने को कहा। उसने मुझे बोला-
भाई: इसको लॉलीपॉप की तरह चूसो।
मैं उसके लंड को चूस रही थी और कुछ 5 मिनट के बाद उसमें से पानी निकल आया। भाई ने बोला-
भाई: पी जा इसको, ये शरबत है।
मैंने सारा पानी पी लिया। पानी खट्टा था, पर अच्छा था। फिर भाई ने मुझसे कहा-
भाई: अब मैं तेरी इसमे (चूत) अपना ये (लंड) डालूँगा। तुझे थोड़ा दर्द होगा और पहली बार बर्दाश्त करना पड़ेगा, लेकिन बाद में मजा आएगा।
जो कुछ भी वो मुझसे करवा रहा था, वो सब मेरे लिए बिल्कुल नया था।
लेकिन मुझे इस सब में बहुत मजा आ रहा था, इसलिए मैंने उसको कहा-
मैं: ठीक है, डाल लो।
फ़िर भाई ने तेल लिया और मेरी चूत पर और अपने लंड पर लगा लिया और चूत पर अपने लंड को सेट किया।
लेकिन भाई का लंड बार-बार चूत से फिसल रहा था।
फिर भाई ने लंड बिल्कुल सेंटर में सेट किया और झटका मार कर अंदर डाला।
लंड अंदर जाने से मेरी हालत खराब हो गई थी, हलाकि अभी सिर्फ लंड का टोपा ही अंदर गया था।
ऐसा इसलिए था, क्योंकि मेरी चूत बहुत टाइट थी।
मैं चीखे मार रही थी और तभी भाई ने बोला-
भाई: बस थोड़ा देर दर्द होगा।
ये बोल कर भाई रुक गया, फिर मुझे चूमते-चूमते उसने फिर से झटका मारा और पूरा लंड अंदर डाल दिया।
मैं दर्द से बेहोश हो गई थी। फ़िर भाई ने मुझे उठाया और मैं कहने लगी-
मैं: मुझे छोड़ दो, मुझे.. मुझे नहीं पता था इतना दर्द होता है। देखो खून भी निकल रहा है।
फिर भाई रुक गया और थोड़ी देर बाद दर्द भी कम हो गया और मजा आने लगा।
फिर मैं हिलना शुरू हो गई, तो भाई ने मुझे झटके मारने शुरू कर दिए।
फिर भाई मुझे तकरीबन 10 मिनट तक चोदता रहा और फिर मुझे ऐसा लगा, जैसे मेरे अंदर कुछ गर्म पानी गिरा है।
भाई भी अकड गया और उसने पूरा पानी मेरी चूत में ही डाल दिया और फिर मेरे ऊपर ही गिर गया।
थोड़ी देर उसका लंड खुद ही बाहर निकलने लगा।
जब पूरा पानी निकल गया, तो भाई मुझ पर से उठ गया। उससे उठा भी नहीं जा रहा था।
फिर जब उसने मुझे उठाया, तो मैंने देखा, कि पूरा फर्श खून से भरा हुआ था और मेरी चूत से अभी भी खून और पानी निकल रहा था।
ये देख कर मैं डर गई, भाई का लंड भी पूरा लाल और सफ़ेद हो रखा था।
फिर भाई ने बोला: पहली बार खून निकलता ही है, तो टेंशन मत लो।
ये सुन कर मुझे थोड़ा सुकून मिला और भाई ने बाथरूम जा कर सब धो लिया और हम दोनों अब भी घर में अकेले थे, तो बाकी सारा वक्त हम दोनों नंगे रहे।
मम्मी-पापा और भाई रात को देर से आने वाले थे, इसलिए हमें कोई डर नहीं था।
फिर थोड़ी देर बाद भाई का लंड फिर खड़ा हो गया और फिर भाई ने मुझे किस करने शुरू कर दिया और मेरी गांड पर हाथ लगाने लगा। फिर भाई बोला-
भाई: अब मैं तेरी गांड मारूंगा।
चुत की चुदाई में मुझे काफी मजा आया था और सुकून भी मिला था, तो मैंने भाई को बोला-
मैं: भाई जो करना है कर लो, अब मैं तुम्हारी ही रहूंगी।
फिर भाई ने फिर से तेल मेरी गांड के छेद पर लगाया और खुद के लंड पर भी लगाया।
फिर भाई ने लंड मेरी गांड के छेद पर सेट किया और ज़ोर का झटका मारा और पूरा लंड एक ही बार में अंदर डाल दिया।
मेरी तो इतनी बुरी तरह से चीख निकली, कि पूरा घर गूंज उठा।
मुझसे दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा था, लेकिन भाई ने मुझे बहुत कस कर पकड़ रखा था।
मैं हिल नहीं पा रही थी, फिर भाई ने अपना लंड अंदर-बाहर करना शुरू किया और 15 मिनट तक मेरी गांड की चुदाई करके कर पानी अंदर ही छोड़ दिया।
अब तो मैं हिल भी नहीं पा रही थी। भाई ने मुझे वही पर रहने दिया और वो खुद मुझे चूम रहा था और फिर भाई ने मुझसे पूछा-
भाई: मजा आया?
तो मैं बोली: मजा तो बहुत आया, मगर तुमने तो जरा भी रहम नहीं किया।
भाई बोला: अगर चुदाई में रहम होता, तो मजा कैसे आता?
इस तरह से हम दोनों भाई बहन चुदाई की कहानी शुरू हुई और हमे चुदाई का पूरा मजा आने लगा था।
फिर घर वालो के आने से पहले, भाई ने मुझे फिर से चोदा और मुझे बहुत दर्द हुआ था।
फिर घर वाले आ गए, तो मैं सो गई थी। माँ ने भाई से पूछा-
माँ: साक्षी कहा है?
तो भाई ने बोला: वो खाना खा कर सो गई है।
फ़िर भाई मुझे रोज़ रात को मेरे रूम में आकर चोदता था और काफ़ी दिनों तक ऐसा ही चलता रहा।
भाई का एक दोस्त था, जो बहुत पैसे वाला था। एक दिन उसने भाई को कहा-
भाई का दोस्त: यार तेरी बहन को एक दफ़ा ले आ। तू जो बोलेगा, मैं दूंगा।
भाई ने उसको थप्पड़ मारा और गालियां दे कर वापस आ गया।
फिर एक दिन भाई को पैसे की ज़रूरत पड़ी, तो भाई ने अपने दोस्त को कॉल करके माफ़ी मांगी और बोला-
भाई: चल मैं तेरा काम कर दूंगा, लेकिन मेरी बहन अभी नादान है।
उसने कहा: टेंशन मत ले, मैं सब आराम से करुंगा।
तू बता क्या चाहिए तुझे।
भाई ने बोला: मुझे पैसे की ज़रूरत है।
दोस्त: बोल कितने चाहिए?
भाई बोला: मुझे 25,000 चाहिए,
फिर उसने कहा: 25,000 नहीं 40,000 दूँगा, लेकिन तेरी बहन की चूत और गांड की चुदाई करूँगा।
भाई ने बोला: ठीक है, मार लेना।
मुझे ये सब पता भी नहीं था, फिर एक दिन भाई ने मुझसे बोला-
भाई: चल तैयार हो जा, तुझे फिल्म दिखा कर लाता हूं।
हमने माँ से परमिशन ली और मैंने लाल रंग की कुर्ती पहनी थी। मुझे देख कर भाई ने बोला-
भाई: सेक्सी लग रही है।
भाई मुझे रोज़ चोदता था, तो मेरा जिस्म भी भर गया था और मेरे बूब्स भी बड़े हो गए थे।
फिर भाई मुझे दोस्त के घर ले गया। वहा पहुंच कर मैंने बोला-
मैं: हम यहाँ क्यू आये हैं?
भाई ने फिर मुझे सब बताया। मैंने भाई की बात नहीं मानी, फिर उसका दोस्त मुझे ज़बरदस्ती रूम में ले गया और बोला-
दोस्तों आज की भाई बहन सेक्स स्टोरी में सिर्फ इतना ही। इसके आगे क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा।
अगर आपको ये देसी सेक्स कहानी अच्छी लगी हो तो मुझे कमेंट करके जरूर बताए। धन्यवाद।