आज की हिंदी सेक्स कहानी है “कामुक चचेरी बहन को चोदा शराब के नशे में” इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे।
हेलो दोस्तों, यह कहानी मेरी यानि मोहित और मेरे चाचा की लड़की मेरी चचेरी बहन कृतिका के बारे में है।
सबसे पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूं।
मेरा नाम मोहित है मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 साल है। मेरी लम्बाई छह फुट है और मैं एक अच्छी पर्सनालिटी का मालिक हूँ।
मैंने अपना ग्रेजुएशन पूरा कर लिया है।
मेरी चचेरी बहन कृतिका फिलहाल दिल्ली में रहती है और मुझसे एक साल बड़ी है।
वो वहां नौकरी करती है। उनका रंग गेहुंआ है… कद करीब साढ़े पांच फीट है। फिगर 32-28-34 का है और वो एक पढ़ी लिखी, बहुत बोल्ड लड़की है।
ये देसी वर्जिन सेक्स कहानी 6 महीने पुरानी है।
अपने आखिरी सेमेस्टर की परीक्षा देने के बाद, मैं छुट्टियों के दौरान अपनी चचेरी बहन कृतिका के घर दिल्ली गया।
मेरे भैया और मेरी प्यारी चचेरी बहन कृतिका वहाँ एक साथ रहते हैं।
कृतिका के बुलाने पर ही मैं वहां गया था। हम लगभग एक ही उम्र के हैं और हमारी आपस में अच्छी बनती है।
जब मैं वहां पहुंचा तो कृतिका ही मुझे लेने आई क्योंकि भैया अपने ऑफिस में थे।
हम दोनों बातें करते हुए घर की ओर निकल आये।
रास्ते में हमने मिठाइयाँ और नमकीन भी लिये।
घर जाकर मैंने थोड़ा आराम किया और हम दोनों ने खूब गपशप की।
शाम को भैया और भाभी भी आ गये।
सबने एक साथ खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे।
मैं गेस्ट रूम में सोने चला गया। उन दिनों मेरी चचेरी बहन कृतिका छुट्टी पर थी क्योंकि वह नई नौकरी की तलाश में थी।
दिल्ली में कृतिका के साथ मेरी छुट्टियाँ ख़ुशी से बीतने लगीं।
अब तक मेरे मन में उसके लिए कोई बुरे विचार नहीं थे, लेकिन उन्हीं दिनों कुछ ऐसा हुआ कि सब कुछ उल्टा हो गया और हमारे रिश्ते को एक नई दिशा मिल गई।
उन दिनों हम दोनों दिन भर घूमते थे और भैया-भाभी के साथ बाहर खाना खाते थे।
ऐसे ही एक दिन हम दोनों शाम को पब गये।
उस दिन जब मैंने उसका चेहरा देखा तो दंग रह गया। (चचेरी बहन को चोदा)
उसने काले रंग का वन पीस पहना हुआ था जो उसके घुटनों के ऊपर तक आ रहा था।
वहां हमने पहली बार ड्रिंक की और साथ में डांस किया।
उसका डांस देखकर सभी लोग उसे वासना भरी नजरों से देखने लगे।
हालाँकि मुझे भी उसे देखकर बहुत बुरा लग रहा था लेकिन मैं कृतिका को अपनी बहन मानकर कुछ भी नहीं सोच पा रहा था।
डांस के बाद हम दोनों ने वहीं एक एक पैग और लिया और कुछ खाकर बाहर आ गये।
वहां से निकल कर हम दोनों सीधे घर पहुंचे।
उसने मुझसे कहा- आज मुझे बहुत मजा आया।
जबकि हकीकत में उसने वहां मौजूद सभी लोगों के लंड खड़े कर दिए थे, उन सभी को मजा तो आया ही होगा।
अब मुझे भी पता चल गया कि वो कितनी हॉट है और कितने लंड खड़े कर चुकी है।
कृतिका के प्रति मेरे मन में एक नया बीज बो चुका था लेकिन अभी भी मैंने उसके लिए सेक्स जैसा कुछ नहीं सोचा था।
उसी दिन रात को वो मेरे कमरे में आई और हम दोनों एक दूसरे से बहुत पर्सनल बातें शेयर करने लगे।
मतलब हम दोनों बहुत करीब आ गये और अपनी हदें भूल कर एक दूसरे में खो गये।
कृतिका मेरे सामने बहुत उत्तेजित दिखने लगी।
हम दोनों की सांसें गर्म होने लगी थीं।
मैंने उसका हाथ पकड़ रखा था।
फिर वो उठकर जाने लगी।
मैंने भी अपने होश का ख्याल रखा लेकिन अब तक मैं बहुत गर्म हो चुकी थी।
मैंने बाथरूम में जाकर कृतिका के नाम की मुठ मारी और अपने आप को शांत किया।
अब मेरे मन में उसके प्रति एक अलग ही भावना पैदा हो गयी थी।
मैंने उसकी कल्पना करके मुठ मारी थी।
शायद कृतिका भी उसी आग में फंस गई थी।
अब बस सही समय का इंतजार है।
अगली सुबह हम सबने एक साथ नाश्ता किया।
लेकिन कृतिका आज मुझसे नज़रें चुरा रही थी। मुझे भी शर्म आने लगी कि कृतिका मेरी बहन है और मैं उसके लिए क्या सोच रहा हूं।
भैया और भाभी के ऑफिस जाने के बाद मैंने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने दरवाज़ा बंद कर लिया और मेरी बात का जवाब भी नहीं दिया।
मैं इसके बारे में सोच कर पागल हो रहा था।
फिर वो दरवाज़ा खोलकर बाहर आ गयी। (चचेरी बहन को चोदा)
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
वो बोलीं- मेरी तबीयत ठीक नहीं है इसलिए आराम कर रही हूं।
मुझे ऐसा नहीं लगता।
मैंने कृतिका को रात के लिए सॉरी कहा।
उन्होंने कहा- ऐसी कोई बात नहीं है। ये सब एक पुरुष और महिला के बीच आम बात है।
वो वहीं बैठ गई और हम दोनों टीवी देखने लगे।
टीवी पर एक हॉट सीन आया, तभी मेरी नज़र कृतिका पर पड़ी।
उसने बस एक छोटी और स्लीवलेस टी-शर्ट पहन रखी थी।
तभी उसने मुझे ताड़ते हुए देख लिया और वो समझ गयी।
बस अब वो अपने सुंदरता से मुझ पर कहर ढाने लगी थी।
वो किसी न किसी बहाने से मुझे अपनी क्लीवेज दिखाने लगी और इधर मेरे बॉक्सर में लंड को संभालना मुश्किल हो गया।
हद तो तब हो गई जब उसने अपनी गांड मेरी तरफ उठाई और टेबल के नीचे कुछ ढूंढने लगी।
उसकी कमसिन जवानी, उभरी हुई गांड और गांड की लकीर देख कर मैं गर्म हो गया।
मेरा लंड मानने को तैयार नहीं था और उसने ये बात नोटिस कर ली थी।
उसने मेरे अंदर आग जलाई और रसोई की ओर चली गई।
तभी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया और अपना खड़ा लंड कपड़ों के ऊपर से ही उसकी गांड में डाल दिया।
अचानक हुए इस हमले से वह संभल नहीं पाई और उसकी सिसकियां निकल गईं।
तभी उसने कहा- मोहित क्या कर रहे हो.. ये ठीक नहीं है।
मैंने उसे कस कर दबाते हुए अपनी उंगली उसकी चूत पर रखी और महसूस किया कि कृतिका की पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैं समझ गया कि मामला यहां भी गर्म है।
फिर मैंने उसे घुमाया और चूमना शुरू कर दिया।
वो भी अब मेरा साथ दे रही थी।
हम दोनों करीब आधे घंटे तक किस करते रहे। फिर हम दोनों कमरे में आ गये।
अब मैं उसके छोटे से शरीर को नोचना चाहता था।
मैं उसके दोनों दूधों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगा।
वो आह लेते हुए सिसकारियां लेने लगी।
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मैं उसके एक मम्मे को टी-शर्ट के ऊपर से ही चूसने लगा और दूसरे को दबाने लगा।
उसकी शॉर्ट्स के ऊपर से ही उसकी चूत में उंगली करने लगा।
वह छटपटाने लगी।
मुझे आपको यह सब बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि मैंने कृतिका के साथ यह सब उसकी इच्छा पर करना शुरू किया।
मैंने उसके कपड़े उतारे और उसका सेक्सी फिगर देख कर दंग रह गया।
वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी। (चचेरी बहन को चोदा)
मैं वासना से उसके मदमस्त बदन को देखने लगा।
तभी उसने मुझे अपनी ओर खींचा और कहा- ऐसा फिगर तुमने पहले कभी नहीं देखा है क्या?
मैं सोचने लगा कि मैंने ये सब पहले भी किया है.. लेकिन अभी तक मैंने कृतिका जैसा हॉट फिगर कभी नहीं देखा था।
मेरे मुँह से निकल गया- तुम तो कमाल हो।
तभी कृतिका मुझे चूमते हुए बोली- अब यह हुस्न सिर्फ तुम्हारा है!
वो मुझे बिस्तर पर धकेल कर मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरे कपड़े उतार दिए।
अब मैं सिर्फ एक कपड़े में रह गया था।
वो मेरे पूरे शरीर पर चूमने लगी।
फिर मैंने उसे एक झटके से अपने नीचे ले लिया।
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था।
मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत में उंगली करना शुरू कर दिया और कुछ देर बाद उसकी ब्रा और पैंटी भी खींच कर उतार दी।
कृतिका मेरे सामने बिल्कुल नंगी मेरे नीचे लेटी हुई थी।
वो थोड़ा शरमाने लगी क्योंकि शायद अब वो सच में चुदने वाली थी।
उसकी गुलाबी चूत किसी गुलाब की पंखुड़ी से कम नहीं थी।
जैसे ही मैंने अपनी बहन कृतिका की चूत में उंगली की तो मुझे उसकी चूत का कसाव महसूस हुआ।
उधर कृतिका भी अपनी चूत में मेरी उंगली पाकर उछल पड़ी।
मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि मेरे सामने इतनी जवान लड़की, जो इतनी कसी हुई है… नंगी लेटी हुई है और चुदने के लिए तैयार है।
मैंने होश संभाला और काम पर लग गया।
मैंने अपना मुँह कृतिका की चूत में डाल दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
कुछ ही देर में कृतिका झड़ गई और मैंने उसकी चूत का सारा रस पी लिया।
अब उसकी बारी थी।
मैंने अपना कच्छा उतार दिया और उसे अपना 7 इंच लम्बा लंड दिखाया।
वो लंड देख कर डर गयी कि इतना बड़ा लंड उसकी टाइट चूत में जायेगा।
वो धीमी आवाज में बड़बड़ाने लगी- मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती.. बहुत टाइट लग रहा था, ये मेरी चूत फाड़ देगा।
मैंने उसे समझाया- तुम्हारे पकड़ने से कुछ नहीं होगा!
मैंने कृतिका से लंड छूने को कहा।
उसके लंड को छूते ही मेरे शरीर में करंट सा दौड़ गया।
मैंने उससे अपना लंड सहलाने को कहा, वो सहलाने लगी।
कुछ ही देर में मेरा लंड पूरा तन गया। (चचेरी बहन को चोदा)
अब मैं उससे ब्लोवजोब करवाना चाहता था, लेकिन वो मुँह में नहीं ले रही थी।
मैंने उसे मना लिया और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया।
जब वो लंड चूसने लगी तो मैं उसके बाल पकड़ कर झटके मारने लगा।
करीब पांच मिनट बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया।
हम दोनों कुछ देर तक किस करते रहे।
इतने में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
इस बार मैंने बिना किसी डर के उसे लिटा दिया।
फिर उसके ऊपर चढ़ गया और अपने लंड का सुपारा कृतिका की चूत पर टिका दिया।
अभी वो कुछ समझ पाती कि मैंने झटका दे दिया।
वो एक झटके से उछल पड़ी और चिल्लाने लगी- आह मर गई … आह कर दो इसे!
मैंने उसकी बात नहीं सुनी और दूसरे झटके में मेरा आधा लंड उसकी कुंवारी चूत को फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया।
कृतिका की तेज़ चीख निकली- आह… आह, बाहर निकालो इसे!
मैंने चूमते हुए उसे संभाला और धीरे-धीरे कृतिका को चोदने लगा।
कुछ देर बाद वो शांत हो गई और मेरा साथ देने लगी।
अब मैं इसकी गहराइयों को छूना चाहता था।
एक और जोरदार झटके में मैंने अपना पूरा सात इंच लम्बा लवड़ा उसकी बुर में पेल दिया।
वो फिर उछल पड़ी- आह उई मम्मी रे मर गई!
इस बार मैंने अपनी स्पीड कम नहीं की बल्कि बढ़ा दी।
एक मिनट बाद वो भी अपनी गांड उछाल उछाल कर चुदवा रही थी।
पूरे कमरे में मादक आवाजें गूंजने लगीं।
‘आह आह आह उई…’ आवाजें मुझे आनंद दे रही थीं।
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मैंने कृतिका से कहा कि मैं झड़ने वाला हूँ।
वो बोली- हां भी एक एक बार झाड़ चुकी हूं … और अब दोबारा झड़ने वाली हूं।
मैंने पूछा- कहां निकालू?
वो बोली- अन्दर मत करना।
मैंने तेजी से शॉट मारा और अपना लंड चूत से निकाला और लंड का माल उसके चेहरे पर फेंक दिया।
चुदाई के बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर लेट गये।
मेरी चचेरी बहन कृतिका बहुत खुश थी।
उस रात हम दोनों ने तीन बार सेक्स किया।
अब जब भी हम दोनों को मिलने का मौका मिलता है.. तो हम अलग-अलग पोजीशन में चुदाई करते हैं।
तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं।
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