October 12, 2024
चाचा के लंड से प्यार

हेलो दोस्तो, अब मैं आपको जो हिंदी गे सेक्स कहानी बता रहा हूं, जिसमे मुझे चाचा के लंड से प्यार हो गया और चाचा ने मेरी गांड चोदी, ये मेरे साथ एक पिछले महीने हुआ है।

ये बात अभी मई की है, मेरे चचेरे भाई की शादी गांव में हो रही थी। तो हम सब मेरे चाचा के यहाँ गये थे।

शादी से 3 दिन पहले हमलोग वहा पर चले गए थे। मेरे चाचा 45 साल के हैं। 5’8” हाइट है उनकी और हेल्दी बॉडी मतलब वजन 68 होगा।

रंग उनका सवाल है और बाल उड़ गए हैं.. काफी प्यारी मुस्कान है उनकी और छाती पर भूरे बाल हैं जो शर्ट पहन ने के बाद भी दिखते हैं।

शादी वाला घर होने के वजह से वहां काफी भीड़ भाड़ थी। जगह कम होने के कारण से मैं, मेरे पापा, चाचा, दादाजी और कुछ चार लोग थे। छत के बाएं से दाएं सब लाइन से सोने लगे।

मैंने बोला कि मैं कोने में सोऊंगा, तो मैंने दीवार वाली जगह ले ली कोने की। मेरे बगल में चाचा फिर दादाजी, फिर पापा और फिर बाकी के चाचा लोग।

जब हम सब सोने के लिए लेते तो मुझे नींद नहीं आ रही थी। मेरी आदत है देर तक मोबाइल चलाने की और मैं यहां पर नहीं चला सकता था नहीं तो डांट पड़ती। इसलिए मैं ऐसे ही लेता रहा ऊपर आसमान देख रहा था।

एक घंटा हो गया ऐसा ही, तभी किसी के आने की आवाज आई। सर घुमा के देखा तो मामी आ रही थी, वो मेरी ही तरफ आ रही थी, तो मैं थोड़ा घबरा गया और आंखें बंद कर ली। (चाचा ने मेरी गांड चोदी)

कुछ सेकंड बाद हल्की आंखें खोलीं, तो देखा मामी चाचा के पैरो के पास बैठी हैं और उनका पायजामा खोल रही हैं।

मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी मामी का चक्कर मेरे चाचा से चल रहा है।

फिर मैंने देखा कि चाचा की चड्ढी थोड़ी नीचे खिसकी और उनका लंड बाहर निकल दिया। वो हाथ से सहला ही रही थी कि मुझे खासी आ गई।

मेरी खासी सुन के वो जल्दी से उठी और बिना चाचा की चड्डी चढ़ाय वो वहा भाग गई। इस बीच में मेरे चाचा की कोई प्रतिक्रिया नहीं है। वो ऐसे पड़े हैं जैसे गहरी नींद में हो।

चाचा के लंड से प्यार कर चाचा से गांड मरवाई

मेरी नींद तो अब और टूट गई। मैं कभी दरवाजे की तरफ देखता हूं कभी चाचा की तरफ। चाचा हिल नहीं रहे थे और दरवाजे से कोई आ नहीं रहा था।

तभी मेरी नज़र चाचा के लंड पर पड़ी, मैं लंड का बहुत बड़ा दीवाना हूँ। तो मेरा पूरा ध्यान चाचा के लंड पर था।

चाचा का लंड भी लम्बा और मोटा था। चड्डी में ऐसा दबा था मुझे अच्छा नहीं लग रहा था।

मैंने 2 मिनट और इंतजार किया, जब चाचा नहीं हिले तो मैं धीरे से उठा और हल्के से उनकी चड्डी और नीचे कर दी। उनका लंड देखकर मुझे चाचा के लंड से प्यार हो गया था।

अब उनका लंड एक दम पूरा बाहर था बहुत ही मुलायम और फूला हुआ। उनके लंड पर मैं हाथ फेर रहा था, पता नहीं मुझे क्या हुआ मैं झुका और उसको मुँह में रख कर लंड चूसने लगा।

आअहह लंड की ख़ूबसूरत और मुलायम स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। आस पास देखा मैंने जब कोई नहीं देख रहा था तो मैं लंड को चुसने लगा। जैसा जैसा मैं चूस रहा था चाचा का लंड और मोटा और टाइट हो रहा था।

हल्का नमक वाला स्वाद उनके लंड में था और मजा दे रहा था। मुझे डर लग रहा था कि चाचा उठ ना जाए, पर मेरे से रुका भी नहीं जा रहा था।

मैंने बहुत देर तक चूसा, फिर मैंने उनका लंड ज़ोर से हिलाया और उनका पानी निकल गया। लंड के ऊपर का मैंने चाट लिया बाकी अपने रुमाल से पूछ दिया। (चाचा ने मेरी गांड चोदी)

फिर मैंने उनको चड्डी और पायजामा पहनाया। और अपना लंड भी भी उस रुमाल में हिलाया फिर सो गया।

चाचा के लंड से प्यार

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सुबह जल्दी उठ दिया था, मैंने देखा तो मैं ही अकेला था इसलिए बाकी सब उठ गए थे। मैं भी उठ के तैयार हो गया।

शाम को फंक्शन था तो सब उसकी तैयारी कर रहे थे। मैं बाहर गया तो चाचा ट्रक से कुछ सामान उतरवा रहे थे।

उन्हें देख के मैं डर गया तो सोचा मैं उनसे बच के निकल जाऊं। पर उनको मुझे देख लिया और आवाज लगा दी।

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मैं गया तो वो बोले कि ये सब समान अंदर रखवा दो। फिर वो अंदर चले गए।

मैं खुश हो गया कि चलो उन्हें कल कुछ नहीं पता वो नींद में थे। दोपहर को हमसब बाहर बैठे थे कि तभी हमें खाना खाने के लिए बुलाया गया। सब अंदर जा रहे थे। (चाचा के लंड से प्यार)

तभी चाचा ने बोला वो बाद में खाऊंगा, मुझे भी भूख नहीं थी तो मैं भी बोला बाद में खाऊंगा।

पापा डांटने लगे तो चाचा ने बोला जाने दीजिए मेरे साथ खा लेगा। मैं अभी आता हूं आधे घंटे से खेत में कुछ काम है।

सब चले गए तो चाचा उठे और प्लास्टिक में कुछ सामान लिया और मुझे बोले, चलो तुम्हें खेत घुमा के लाते हैं।

मैने मना किया, तो बोले “अरे चलो आज तुम्हें अपना खेत घुमा दू यहां बैठ के बोर ही होगे।” इतनी प्यारी मुस्कान देखे के मैंने भी हां कर दिया।

हमलोग खेतों के अंदर गये, तो चाचा ने बोला “देखो वहाँ से वहाँ तक हमरा खेत है।”

गांव में चाचा का खेत काफी बड़ा था, खेत में गेहूं भी काफी घने और बड़े थे। एक जगह रुक ते हुए चाचा ने प्लास्टिक में से एक हसिया निकला और बीच का कुछ गेहूं के फसल काटने लगे।

आयताकार आकार में करीब 2 मीटर तक काटने के बाद वो प्लास्टिक से बेडशीट निकाल कर बिछा दिए। फिर वो बैठ गए।

मैने पूछा “क्या हुआ चाचा ऐसे क्यों बैठ गये।”

उन्हें मुझे पास बैठने को बोला, मैंने पास में बैठा तो उन्हें मेरे कंधे पे हाथ रखा दिया और मेरी तरफ देख के मुस्कुरा रहे थे।

मैने पूछा “क्या हुआ चाचा हमलोग यहाँ क्यों बैठे हैं।”

मेरे होठों को खोलने के लिए एक चुम्मा दे दिया। मैंने उनको धक्का दिया और बोला “क्या हुआ आपको ऐसे क्यों कर रहे हो।”

इसपे वो बोले “तुम्हें क्या हुआ? कल तक तो लंड चूस रहा था और आज चुम्मा भी बुरा लग रहा है।”

मैं डर गया और कुछ नहीं बोला।

वो बोले “देखो ये सब करते हो तो ठीक है पर मेरे साथ ही करो।”

मैने बोला “वो मामी आयी थी।”

चाचा बोले कि उनको भी तुम्हारी तरह मेरा देहाती लंड पसंद है। अगर तुम्हे पसंद है तो करते हैं नहीं तो कोई जबरदस्ती नहीं है। किसी को बताना नहीं है, किसी को पता भी नहीं चलेगा और मजा आएगा दोनों को। बोलो क्या बोलते हो?”

मैंने थोड़ी देर सोचा, फिर चाचा की तरफ देख के मुस्कुरा के हां में सर हिलाया। चाचा खुश हुए और मुझे कस के चुम्मा दिया।

फिर चाचा ने बोला “जल्दी कपड़े उतारो हमारे पास टाइम कम है।”

हम दोनों नंगे हुए तो चाचा मुझे गले से कस के लगा लिया। फिर मैंने चाचा का सर पकड़ा और उन्हें लिप लॉक किस करा। अस्वस्थ इतना अच्छा लगा कि हमलोग ये कुछ मिनट तक करते रहें। (चाचा ने मेरी गांड चोदी)

फिर चाचा को मैंने लिया और उन्हें शुद्ध शरीर में चूम लिया। उनकी छाती के बालों से खेलते हुए उनके निपल्स भी चुसे।

वो बस मुस्कुरा रहे थे और आअहह बेटा आआह बेटा कर रहे थे। फिर मैं उनके लंड की तरफ बढ़ा और उसे मुँह में ले लिया। थोड़ा सा ऊपर नीचे किया तो लंड पूरा टाइट हो गया चाचा का।

फिर मैंने उनके बॉल्स को थोड़ा सा चाटा और फिर लंड मुँह में ले लिया। तो चाचा ने मुझे पीछे हटा दिया। और मुझे नीचे लेटाया और फिर मेरे ऊपर लेट गए।

उन्हों मुझे किस करा फिर नीचे जाकर मेरे निचे बदन पर किस करते हुए वो उठे और प्लास्टिक से एक तेल की शीशी निकली।

ये क्यों लाए चाचा? मैने पुछा।

इसपे चाचा ने इस बारे में बोला कि तुम्हें दर्द कम हो।

अब चाचा को क्या पता कि मैं कितना बड़ा शौकीन हूं और कितना लंड ले चुका हूं।

चाचा ने कंडोम निकाला और पहन लिया अपना लंड पे, फिर उससे तेल गिरा के अच्छे से मसाज किया।

फिर चाचा ने थोड़े से तेल अपने हाथ में लिया और मेरी गांड में मसाज करने लगे। वो उंगली एक दो अंदर डालते तो मैं आह से धीरे से चिल्लाता।

“पहले भी करवा चुके हो मतलब” चाचा ने बोला।

मैंने कहा, सर हिलाया थोड़ा उदास मुंह बना के। तो चाचा ने बोला कोई बात नहीं लेकिन अब सिर्फ मेरे साथ करना।

तभी मैंने मुस्कुरा के हां बोला।

अब चाचा ने अपना लंड मेरी गांड के छेद में रखा और फिर एक बार में ही पूरा लंड अन्दर डाल दिया और मेरे ऊपर लेट गए।

हम दोनों आह की आवाज निकाल के एक दूसरे को किस करने लगे। फिर उन्होंने झटके देना चालू किया और जैसे वो झटके देते मुझे वैसे स्वर्ग का एहसास हो रहा था।

आह्ह क्या प्यारा लंड है क्या मजा दे रहा था। उनको अब जोश आ गया और वो झटके तेज़ कर दिया।

एक दो मिनट तक तेज़ झटके दे के वो लेट गए और बहुत ज़्यादा किस करने लगे। मैं समझ गया कि वो झड़ गया, पर मेरे तो नहीं हुआ था तो मैंने अपना लंड पकड़ा और उन्हें किस करते हुए हिलाने लगा।

तो चाचा ने मेरा हाथ हटाया और खुद ही मेरा लंड पकड़ के मुझे चूमते हुए मेरा हिलाया। जब मैं भी झड़ गया तो हमलोग एक दूसरे के ऊपर लेट गए।

फिर चाचा ने बोला कैसे लगा?

मैंने उनकी छाती चूमते हुए बोला बहुत मजा आया।

वो तुरंट पलट के मेरे ऊपर लेते और बोले “अगली बार पानी पिलाऊंगा भी और अब से सिर्फ मेरे साथ।”

मैंने उनका चेहरा अपने पास खींचा और चूमते हुए बोला। और किसी के साथ मजा भी अब नहीं आएगा।चाचा मुस्कुराये और हमने 2 मिनट और किस किया। (चाचा के लंड से प्यार)

फिर हमलोग उठे और मैंने खुद को बेडशीट से पोछा और हमलोग कपड़े पहन के जाने लगे।

घर जाके चाचा के बगल में बैठ के खाना खाया। बहुत अच्छा लग रहा था उनके करीब होके।

और जब तक मैं वहा रहा चाचा ने मेरी गांड की चुदाई दबा के करी और मुझे मजा देते रहे, अब मैं उनके ही साथ सोता और दिनभर उनके ही साथ रहता।

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी आज की गे सेक्स कहानी। मुझे कमेंट में जरूर बताए। धन्यवाद।

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