देसी हिंदी सेक्स स्टोरी पढ़ने वालो को मेरा सलाम, साक्षी आप सभी का readxxxstories.com पर स्वागत करती हूँ, आज की सेक्स कहानी देवर भाभी की है, इस कहानी का शीर्षक भाभी की कामुक चूत (Bhabhi Ki Kamuk Chut) और मेरा तड़पता लंड है।
आगे की देसी सेक्स कहानी (Desi Sex Kahani) आपको विवेक जी बता रहे है………
हेलो मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम विवेक है, मैं दिल्ली में रहता हूँ। मैं करीब 2 साल से इंटरनेट पर देवर भाभी सेक्स कहानी पढ़ रहा हूं।
आज मैं पहली बार अपनी रियल हिंदी सेक्स स्टोरी (Real Hindi Sex Story) लिख रहा हूं, तो दोस्तों कहानी का आनंद लीजिए।
मेरी कहानी मेरी और मेरी भाभी की है, मेरे भैया का बहुत बड़ा बिजनेस है। इसी वजह से वो अक्सर काम से बाहर ही रहते है, उनके जाने के बाद भाभी अकेली हो जाती है।
पहले मैंने भाभी को कभी सेक्स की नज़र से देखा था, और न ही अपनी भाभी की चुदाई (Bhabhi Ki Chudai) के बारे में सोचा।
पर एक बाद मैंने उन्हें कपड़े बदलते हुए देखा था। तब उन्होंने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी। उनको शायद पता नहीं था, कि मैं उन्हें देख रहा हूं।
उनका फिगर बड़ा ही कमाल का लग रहा था एक था किसी बॉलीवुड की हेरोइन की तरह।
पर उस दिन से वो रोज मेरे सपनों में आने लग गई। वो रोज सुबह मुझे उठाने आती थी, एक दिन वो मुझे उठाने आयी थी। पर उस दिन मैंने चादर ओढ़ रखी थी, और चादर के अंदर पूरा नंगा था।
भाभी ने चादर के अंदर से ही मेरे खड़े लंड को देख लिया, और वो मुझे आवाज दे कर वहीं से चली गई। ऐसा पूरा 5 दिनों तक चला, पर एक दिन उन्होंने मुझसे पूछा।
भाभी – देवर जी रोज आपके सपने में कौन आता है?
मैं- भाभी आज आप क्यों पूछ रही हो?
भाभी – वो आज कल आपकी सुबह ही तनाव में है ना इसलिए।
भाभी के मुँह से ये ऐसे शब्द सुन कर मैं हक्का बक्का रह गया, मैंने भी तभी उन्हें हंस कर कहा – भाभी आपके जैसे कोई मिलती ही नहीं, आप जैसी कोई सुंदर अप्सरा मिले तो बात बन जाए।
भाभी- आज तो मेरे देवर जी लगते हैं मेरे साथ फ्लर्ट करने का मूड है।
ये कहते ही उन्होंने मुझे आंख मार दी, अपने कमरे में कपड़े बदलने चली गई। अचानक से हवा का झटका आया और उनके कमरे का दरवाज़ा खुल गया।
फिर मैं वो सीन देखता ही रह गया, क्योंकि अब भाभी मेरे सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में खड़ी होकर अपने कपड़े चेंज कर रही थी।
कुछ ही देर बाद उनकी नजर मेरे ऊपर पड़ी, तब उन्हें पता चला कि वो मेरे सामने नंगी खड़ी है। मेरे लंड खड़ा होकर तड़पने लगा।
तभी उन्होंने तुरंत दरवाजा बंद किया, और वो कपड़े पहन कर बाहर आ गई। पहले तो वो मुझसे शर्मा रही थी, और मैंने मोका का फ़ायदा उठा कर कहा।
मैं- भाभी आप तो सच में काफी खूबसूरत हो।
ये सुन कर वो शर्मा कर वहा से चली गई, दूसरे दिन मेरा जन्मदिन था। तो वो सुबह मुझे उठने आई तो उन्होंने मुझे जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गईं।
मैं- मेरा गिफ्ट?
भाभी- क्या गिफ्ट चाहिए मेरे देवर को?
मैं – जो मैं मानूंगा वो आप मुझे दोगी?
भाभी- आप बताओ तो सही?
मैं – मैं आपको बिना कपड़ो के देखना चाहता हूँ।
भाभी- आज तुम्हारा जन्मदिन है, तो मुझे तुम्हें मना नहीं करना चाहिए। पर सिर्फ मुझे देखेंगे, कुछ करोगे तो नहीं ना?
मैं – नहीं भाभी, बस एक बार आपको मैं जी भर देखना चाहता हूँ।
भाभी- अगर तुम्हें अभी तुम्हारा गिफ्ट मिल जाए तो?
मैं- अगर भाभी ऐसा हो गया, तो आज के दिन मैं आपका गुलाम बन जाऊंगा।
भाभी – मेरे प्यार देवर जी आपको मेरा गुलाम बनने की कोई ज़रूरत नहीं है। अच्छा चलो अब मैं नहाने जा रही हूं, और नहा कर मैं सीधा यहीं पर आऊंगी तब आप मुझे देख लेना।
मैं- धन्यवाद भाभी जान।
अब वो मुस्कुराई और चली गई, थोड़ी देर बाद बाथरूम का दरवाज़ा खुला हुआ। अब वो मेरे सामने नंगी खड़ी थी, अब वो धीरे-धीरे कमरे में आ रही थी।
भाभी एक दम से मेरे करीब आ गई, और वो बोली-देवर जी कहां खो गए? अब बोलो आपको मिल गया ना आपका गिफ्ट?
मैं तो अभी उनको देख ही रहा था, उन्होंने मेरे गाल पर एक हल्का सा चांटा मारा और वो बोली – देवर जी, अब मैं कपड़े पहन लूं?
मैं- प्लीज भाभी आज मुझे जी भर कर देखने दो, फिर कभी ये मोका मिले ना मिले।
अब मैं उनके सुडोल चुचो को देख रहा था, मैंने उनकी कमर देखी और फिर मेरी नज़र उनकी चूत पर चली गई। अब तो भाभी शर्मा गई और अपने हाथों से अपनी चूत को ढक ली।
मैं – भाभी क्या मैं आपके बूब्स को छू सकता हूँ?
भाभी- आज तुम्हारा जन्मदिन है, इसलिए मैं आज तुम्हें मना नहीं कर सकती। पर ये सिर्फ एक बार के लिए है, अब मैं कुछ नहीं करने दूंगी और सिर्फ एक ही बार टच करना।
मैंने जैसे ही भाभी के चुचो को छुआ, तो भाभी एक दम से सिहर उठी और वो बोली- आअहह आहा।
मैंने उनके चुचो को दबाया, और फिर उनका हाथ पकड़ कर उन्हें अपने बिस्तर पर खींच लिया।
भाभी कुछ भी बोल नहीं पाई, मैंने उनके कमर पर किस किया। भाभी अभी भी कुछ नहीं बोली, और अब मैं आगे बढ़ते हुए उनके बूब्स पर आ गया। अब मैंने उनको बूब्स को एक करके चूसने लग गया।
भाभी अब गरम होने लग गई, पर तभी वो मुझसे अलग हो गई और वो चली गई।
मैं- क्या हुआ भाभी?
भाभी- मैंने तुमसे जितना वादा किया था, उससे काफी ज्यादा आपने कर लिया है। अब बस मैं आपके भैया की अमानत हूं।
फिर मैं अपने कॉलेज में गया, पर मेरा तो आज कहीं भी मन ही नहीं लग रहा था। मुझे तो भाभी का नंगा जिस्म बार बार दिखाई दे रहा था।
दोपहर को मैं जल्दी से घर आ गया, भाभी बोली – क्या हुआ आज के दिन भी घर जल्दी आ गए, आज अपने किसी दोस्त के साथ नहीं गए?
मैं- भाभी जब से मैंने आपको देखा है, मेरा तो दिमाग ही काम नहीं कर रहा है। मुझे तो सब जगह सिर्फ आप ही दिखायी दे रही हो।
फिर कहा मन लगने वाला है, उसके बाद मैं और भाभी गेम खेल रहे थे, तभी मेरे मन में बदमाशी आई।
मैं- भाभी क्यों ना हमारे इस बोरिंग गेम को और ज्यादा इंटरस्टिंग बनाया जाए।
भाभी- वो कैसे?
मैं- जो भी जीतेगा वो सामने वाले के कपड़े उतारेगा बोलो मंजूर?
भाभी- फिर से बदमाश।
पर थोड़ी देर बाद वो बोली – ठीक है जो तुम्हे करना है करो।
फिर सबसे पहले मैंने गेम जीत लिया और मैं बोला – भाभी जी मैं आपकी साड़ी उतारूं?
भाभी- हां, तुम जीत गए हो ना।
एक बार फिर मैं फिर से जीत गया और अब मैंने उनका ब्लाउज उतार दिया। ऐसे करते-करते मैंने उन्हें पूरी नंगी कर दिया।
आखिरी गेम भी भाभी हार गई और वो बोली – अब तो उतरने को कुछ बाकी ही नहीं है, अब क्या उतारोगे?
मैं- भाभी अब हम अपना जिस्म दांव पर लगाएंगे। अगर मैं जीत गया तो मैं आपके बूब्स के साथ आज की रात कुछ भी कर सकता हूँ।
अगर आप जीते तो आप भी मुझे जो कहोगे वो मुझे करना होगा, बोलो ये आपको मंजूर है?
भाभी मुस्कुराई और वो बोली – आज तू अपनी भाभी को छोड़ेगा नहीं ना।
मैं- भाभी आप हो ही इतनी खूबसूरत, कि आपको छोड़ने का मेरा मन ही नहीं करता है।
अब हम दोनो ने गेम खेलनी शुरू कर दी, और मैं जीत गया। अब मैं भाभी से बोला – अब आपके जिस्म का ऊपर का हिस्सा, आज से मेरा है भाभी। चलो भाभी अब आज आखिरी गेम खेलेंगे।
भाभी- अब मेरे पास खेलने को बच्चा ही क्या है?
मैं- अरे मेरी प्यारी भाभी, अभी असली खजाना तो बाकी है। अब अगर आप जीते, तो आज मैं आपके साथ कुछ नहीं करुंगा और अगर मैं जीता तो आपका जिस्म आज की रात मेरा है।
भाभी इस बात को नहीं मानी और वो अंदर अपने कमरे में चली गई। मैं भी अब उनके पीछे लग गया, और अंदर जा कर मैंने उनको पीछे से पकड़ लिया और मैं उन्हें चूमने लग गया।
थोड़ी ही देर में भाभी गरम हो गई, मैंने उनका बिस्तार पर ले लिया। अब मैं उनकी कमर को जीभ से चटने लग गया।
भाभी- आह आह।
कमर चूमने के साथ-साथ मैं उनके चुचो को भी दबा रहा था। फिर जब मैं उठा कर उनके निपल्स की ओर गया, तो मैं उनके निपल्स को चूमने और चूसने लग गया।
भाभी- अहह अहह अहह।
मैने अब उनकी चूत पर हाथ रखा, और उनकी प्यासी चूत सहलाने लग गया। पर थोड़ी देर में उन्होंने कहाँ – देवर जी, मेरी प्यासी चूत को प्लीज़ चोद दो।
भाभी मेरी तरफ देख कर मुस्कुराई और कहाँ – मेरे प्यारे देवर जी, अब कुछ करोगे भी या ऐसे ही देखते रहोगे?
उनके इतना कहने पर मैंने उनके होठों को चूम लिया, और मैं उनके चुचो को चूसने लग गया। अब मैं उनकी कमर और उनकी जांघो को चूमने लग गया।
अब हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए, और उन्होंने मेरे कड़क हुए लंड को चूसना शुरू कर दिया। मैंने भी अपनी प्यारी भाभी की गुलाबी चूत (Pink Pussy) को जम कर चूसा।
भाभी अब काफ़ी गरम हो चुकी थी, और वो बोली – अब मुझे चोदोगे भी या नहीं, अपने भैया की तरह मुझे कब तक तुम तड़पोगे?
मैं- भाभी अब तो जब भैया नहीं होंगे, तब मैं आपके कमरे में ही सोऊंगा और मैं आपकी चूत की प्यास बुझाऊंगा।
इतना कहने के बाद मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया, और भाभी को मैं अलग अलग स्टाइल में 3 बार भाभी की चूत की चुदाई की। सुबह हम उठे तो भाभी को मैंने किस किया।
मैं – धन्यवाद भाभी, आपने मेरा जन्मदिन बहुत ही खास बना दिया।
भाभी- नहीं देवर जी आपके बर्थडे पर मैंने आपको नहीं, बल्कि आपने मुझे गिफ्ट दिया है। अब मेरी इस प्यारी सी प्यासी चूत को आप ही हमेशा खुश रखना।
मैंने भाभी को चूम लिया और मैं बोला – भाभी आज से मैं आपको रोज चोदूंगा, और आपको खुश रखूंगा।
दोस्तो आपको मेरी हिंदी सेक्स स्टोरी (Hindi Sex Story) कैसी लगी, प्लीज मुझे कमेंट करके जरूर बताना। धन्यवाद।