आज की हिंदी सेक्स कहानी है “कामुक भाभी की चुदाई कर उसकी चुदाई की कमी पूरी कर दी” इस कहानी को पढ़ने के बाद आप अपना लंड हिलाने से नहीं रोक पाएंगे।
हेलो मेरे सभी दोस्तों, मेरा नाम पारस है। मैं दिल्ली से हूँ, अभी मेरी उम्र 24 साल है लेकिन यह सेक्स कहानी लगभग दो साल पहले की है। और इसकी शुरुआत 4 साल पहले हुई थी।
मेरे भाई की शादी का समय था, घर पर बहुत सारे मेहमान आये हुए थे। मुझे क्या पता था कि मेरी पहली कहानी यहीं से शुरू होगी। जिसके बारे में मैं आपको ये कहानी बता रहा हूँ वो दूर के रिश्ते में मेरी भाभी लगती थी।
कहानी को आगे बढ़ाने से पहले मैं आपको उनकी निजी जिंदगी के बारे में बताना चाहता हूं ताकि आप भी जान सकें कि हमारे बीच ये घटना कैसे घटी।
उनका नाम पूनम है और उनकी उम्र 30 साल थी और वो एक शादीशुदा महिला थी। कम उम्र में ही उनकी शादी उनसे डेढ़ गुना उम्र के आदमी से कर दी गई।
आप खुद सोचिए कि जब एक महिला की उम्र तीस साल हो और उसका पति उससे डेढ़ गुना बड़ा हो तो इस बात का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है कि उसके पति की उम्र कितनी होगी।
मैं यहां यह तो नहीं बता सकता कि शादी की क्या वजहें थीं, लेकिन मैं आपको यह जरूर बताऊंगा कि मेरी कहानी कहां से शुरू हुई।
जब मैंने उसे पहली बार देखा तो मुझे उसमें कुछ खास नहीं लगा
लेकिन कहा जाता है कि कई बार जो आम बाहर से ख़राब दिखता है वो अंदर से बहुत मीठा और रसीला होता है। उस महिला के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उसके पति ने उसकी तरफ देखा तक नहीं।
हुआ यूं कि उस वक्त हम सभी लोग शादी की तैयारियों में लगे हुए थे। भाई की शादी के बाद जब हम घर आये तो पता चला कि वो आज रात हमारे साथ सोने वाली है।
मुझे पता ही नहीं चला कि उसने मुझे कब देख लिया। लेकिन जब उस रात उनसे बात हुई तो दोस्तों क्या मजा आया। वो शायद पहले से ही मुझ पर नज़र रख रही थी। उस रात उसने मुझसे बहुत सारी बातें की और फिर अगले दिन वो अपने घर बैंगलोर चली गयी। (भाभी की चुदाई)
बाद में मैंने जानने की कोशिश की तो पता चला कि वह हमारे किसी रिश्तेदार के नाम पर बैंगलोर से आई थी। लेकिन अब मैं भी जवान हो गया था और ये समझने लगा था कि अगर सामने वाला आपमें थोड़ी दिलचस्पी ले रहा है तो उसके मन में कुछ न कुछ बात तो होगी ही।
जब मैंने उस रात उससे बात की तो मैं समझ गया कि वह क्या चाहती है लेकिन वह अपने घर गई हुई थी इसलिए हमारे बीच कुछ नहीं हो सका। फिर कुछ दिन बाद मैं भी उसे भूल गया।
दरअसल, कहानी अब शुरू होती है। आज से दो साल पहले मुझे किसी काम से बैंगलोर जाना पड़ा। क्योंकि बैंगलोर शहर में कमरा मिलना बहुत मुश्किल है और अगर कोई अच्छा कमरा मिल भी जाए तो वह बहुत महंगा होता है, इसलिए घर वालों को चिंता होने लगी कि मैं वहाँ जाकर कहाँ रहूँगा।
इसलिए मेरी दादी ने पहले ही उस भाभी से बात कर ली थी। ऐसे समय में रिश्तेदार ही काम आते हैं। जब मैं उससे दो साल बाद मिला तो मुझे नहीं पता था कि मेरा पहला सेक्स उसके साथ होने वाला है। जब मैं उस दिन उससे मिला तो वह मुझे बिल्कुल भी नहीं भूली थी। जब मैं घर पहुँचा तो वह मेरे स्वागत के लिए पहले से ही तैयार थी।
शादी में जब मैंने उस भाभी को देखा तो वो मुझे कुछ खास नहीं लगी, लेकिन उस दिन वो बहुत मस्त लग रही थी। उसके चूचे और गांड ऐसी थी कि मेरी नज़र उस पर से हट ही नहीं रही थी।
लेकिन मैं अपनी तरफ से कोई पहल नहीं करना चाहता था क्योंकि एक तो वो हमारे रिश्ते में थी और दूसरे मैंने कभी उसके साथ इस तरह से सेक्स के बारे में सोचा भी नहीं था।
रात को मैंने और उसके पति ने साथ में खाना खाया। उनके पति एक प्राइवेट कॉल सेंटर में काम करते थे, जिसमें उनकी नाइट शिफ्ट लगी हुई थी। इसलिए खाना खाने के बाद वह ऑफिस के लिए निकल गए।
उनके घर में एक ही कमरा था जिसमें वो दूसरी तरफ सो रही थी। लेकिन दोनों में से किसी को भी नींद नहीं आ रही थी। उसने बातचीत शुरू की और वहां आने का कारण पूछा।
बातें करते करते वो मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में बात करने लगी और मुझे अपने बोरिंग पति के बारे में बताने लगी। उस वक्त मुझे पहली बार लगा कि शायद वह मुझसे कुछ और भी चाहती है।
भाभी की चुदाई
धीरे-धीरे वह मुझसे खुलने की कोशिश कर रही थी। फिर वो बिल्कुल एक दोस्त की तरह बात करने लगी। मुझे नहीं पता था कि वो मुझसे इतना खुलकर बात करेगी।
इससे पहले किसी ने मुझसे सेक्स जैसे विषय पर इस तरह खुलकर बात नहीं की थी। हां, मेरे दोस्तों की बात अलग थी, लेकिन यहां मैं अपनी रिश्तेदारी में आया था और वो मेरी भाभी लगती थी। इसलिए मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसके साथ ऐसी चीजें होंगी।’
फिर धीरे-धीरे बात सेक्स तक पहुंच गई थी।
मैंने डरते हुए उससे पूछा- तुम तो बहुत हॉट और गुडलुकिंग हो, फिर तुम्हारा पति तुम्हारे लिए इतना बोरिंग कैसे हो सकता है?
उन्होंने मुझसे कहा- शुरू में जब शादी हुई थी तो ऐसी नहीं थी। एक साल तक सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन फिर बाद में वह अपने काम में काफी व्यस्त रहने लगे। उसे ऑफिस के काम के अलावा कुछ समझ नहीं आता था।
वो अपनी कहानी सुनाते हुए मेरा हाथ पकड़ कर रोने लगी और बोली कि क्या मैं उसका दोस्त बन सकता हूँ?
मैं पहले से ही उसके पूछने का इंतजार कर रहा था।
मैं सब कुछ उसी दिन करना चाहता था लेकिन मैं उसका विश्वास जीतना और आगे बढ़ना चाहता था। ताकि उसे यह न लगे कि मैं सिर्फ उसकी चूत का भूखा हूं। वैसे भी मुझे बाद में पता चला कि आग दोनों तरफ लगी थी इसलिए चुदाई तो होनी ही थी।
उस दिन मैंने उससे वादा किया कि वो कभी भी मुझसे दोस्त समझ कर फोन पर बात कर सकती है। मैंने उसे आश्वासन दिया कि वह मेरे साथ सब कुछ साझा कर सकती है। फिर उसने तभी मुझसे पूछा- क्या तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
एक बार तो मैं चुप हो गया
उसके इस सवाल पर बोला- नहीं, मैंने अभी तक किसी के साथ सेक्स नहीं किया है।
वो हंस कर बोली- तुम 22 साल के हो, तो क्या अभी तक जवानी का मजा नहीं लिया?
मैंने कहा- अभी तक मौका नहीं मिला।
तभी उसने अचानक मेरे लंड पर हाथ रख दिया और बोली- और अगर कभी मौका मिला तो?
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जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड पर लगा, मैं खड़ा हो गया। वैसे भी वो काफी देर से इसी टॉपिक पर बात कर रही थी तो मैंने खुद को रोक लिया। लेकिन अब जब उसने खुद ही पहल कर दी थी तो मेरा लंड खड़ा होने में देर नहीं लगी।
उसने मेरी तरफ देखा और मैंने उसकी तरफ देखा। हम दोनों सेक्स के लिए तैयार थे। फिर वह धीरे-धीरे अपने होंठ मेरे होंठों के पास लाई और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें चूम लिया।
बदले में मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा। कुछ ही देर में दोनों के अंदर सेक्स की गर्मी बढ़ने लगी। फिर मैं उसके होंठों को जोर से काटने लगा।
मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा। मैं अपनी उंगलियों पर उसकी ब्रा का स्ट्रैप महसूस कर सकता था। उसके चूचे मेरी छाती पर थे। मेरा लंड उछल कर उसकी जांघों से टकरा रहा था। दोनों गर्म हो रहे थे।
फिर मैंने उसे नीचे लिटा दिया। उसकी साड़ी का पल्लू हटा दिया। उसके ब्लाउज में भरे हुए मम्मे बहुत मस्त लग रहे थे। मैंने उसकी साड़ी उसके पेट से खोल दी। उसकी साड़ी उतार कर एक तरफ रख दी। अब भाभी मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में लेटी हुई थीं।
मैं भाभी के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके मम्मे दबाने लगा। (भाभी की चुदाई)
मैंने उसका पेटीकोट उसकी जाँघों तक उठा दिया था। भाभी की नंगी जाँघें देख कर मेरा मन कर रहा था कि उनकी चूत फाड़ कर रख दूँ, लेकिन अब मुझे मजा आ रहा था।
मैंने उससे ब्लाउज उतारने को कहा तो उसने अपना ब्लाउज उतार दिया। अब वो ब्रा और पेटीकोट में थी। उसके सांवले बदन पर लाल रंग की ब्रा बहुत अच्छी लग रही थी। फिर उसने मुझसे बिना पूछे अपनी ब्रा भी खोल दी।
उसके मस्त चूचे नंगे लटक गये। मैंने उसकी दोनों चुचियों को अपने हाथों में भर लिया और उनसे ऐसे खेलने लगा जैसे कोई बच्चा गेंद से खेलता है। उनको हाथ में भर कर दबाने लगा। उसके निपल्स बहुत मुलायम थे।
उसके निपल गहरे भूरे रंग के थे। मैंने उसके निपल्स को अपनी उंगली और अंगूठे के बीच में दबाया तो उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं।
आह्ह… फिर मैंने उसे लिटा दिया और खुद उसके ऊपर लेट कर उसकी चुचियों को अपने मुँह में भर लिया। उसके निपल्स को चूसने और काटने लगा।
कुछ ही देर में सेक्सी भाभी के निपल्स टाइट हो गये। उनमें तनाव था। अब मुझे उसके साथ खेलने में और भी मजा आ रहा था।
फिर मैंने उसका पेटीकोट पूरा ऊपर कर दिया। उसने नीचे से पैंटी पहनी हुई थी। मैंने भाभी की टांगें फैला दीं। पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर एक किस किया।
फिर मैंने भाभी का पेटीकोट उतरवा दिया। वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में लेटी हुई थी। मैंने भाभी की पैंटी खींच कर उनकी चूत को नंगी कर दिया। फिर मैंने उसकी टांगें खोलीं और उसकी चूत को बड़े ध्यान से देखा।
उसकी चूत से रस निकल रहा था। मैंने उसकी चूत को सूंघा तो उसमें से एक अजीब सी गंध आ रही थी। मुझे यह न तो अच्छा लगा और न ही बुरा। यह मेरा पहला अनुभव था इसलिए मैं सब कुछ आनंद लेने की कोशिश कर रहा था।
मैंने भाभी की चूत की फांकों को छेड़ा तो वो सिहर उठीं। उसकी चूत को अपनी हथेली से मसलने लगा और वो पागल हो गयी। वो उठी और मुझे धक्का देकर नीचे गिरा दिया और मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी। फिर मेरी बनियान ऊपर उठाई और मेरी छाती के निपल्स को चूसने लगी।
स्स्स… पहली बार किसी औरत का मुँह मेरी चुचियों पर था। मुझे बहुत मजा आया। फिर उसने मेरे पेट को चूमा। मैं उठा और अपनी शर्ट उतार दी और फिर बनियान भी उतार दी। वो फिर से मेरे होंठों को चूसने लगी।
जब उसकी नंगी चुचियाँ मेरी नंगी छाती से लगीं तो सेक्स की आग भड़क उठी। मैंने उसके होंठों को जोर से काट लिया। मेरे हाथ उसकी गांड तक पहुंच गये थे। मैंने अपनी उंगली से उसकी गांड के छेद को टटोला और फिर जब मैंने अपनी उंगली उसकी गांड में डाली तो वो उछल पड़ी।
मेरा लंड मेरी पैंट के अंदर पागल हो गया था। फिर उसने मेरी पैंट का बटन खोला और ज़िप खोलकर पैंट को नीचे उतार दिया। मेरे कच्छे में मेरा लंड खड़ा हो गया था। मेरे लंड ने उछल कर पानी छोड़ दिया था जो अंडरवियर पर भी दिख रहा था।
भाभी की चुदाई
भाभी ने मेरा कच्छा भी खींच दिया और मेरा सात इंच का लंड एकदम से उछल कर बाहर आ गया। जब उसने मेरे लंड को अपने हाथ में पकड़ा तो मेरे मुँह से सिसकारी निकल गयी। स्स्स…। चूसो इसे भाभी।
मेरे कहते ही उसने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और तेजी से चूसने लगी। उसका मुँह मेरे लंड पर तेजी से चलने लगा। आह्ह… आह्ह… हाय… वो चुदासी भाभी बहुत मजा दे रही थी। वो जिस तरह से लंड चूस रही थी, उससे लग रहा था कि बेचारी कई सालों से लंड की प्यासी है।
उसने चूस-चूस कर मेरा लंड लाल कर दिया। फिर जब मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ तो मैंने उसे फिर से लिटाया और उसकी टाँगें चौड़ी करके अपने लंड का सुपारा उसकी चूत के छेद पर रखा और रगड़ने लगा।
वो तड़प उठी और बोली- बस करो, अब अंदर भी डाल दो। मैं तुम्हारा लंड लेने के लिए मरी जा रही हूँ।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत पर दो-तीन बार ऊपर-नीचे किया, तो मुझे स्वर्ग का आनंद मिल गया। मेरा लंड भी बुरी तरह से तन गया था। मेरी नसें फटने वाली थीं।
मैंने लंड उसकी चूत पर रखा और उसके ऊपर लेटता चला गया। आह्ह … जैसे-जैसे लंड उसकी चूत की गहराई में उतरता गया, मेरा मजा दोगुना होता गया। इतनी सुखद अनुभूति मुझे पहले कभी नहीं हुई थी।
मैंने पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और फिर कमर हिलाते हुए उसकी चूत चोदने लगा। आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह… की आवाजें निकलने लगीं।
दोनों के मुँह। मैं तेजी से उसकी चूत को चोद रहा था। कड़कड़ की आवाज आ रही थी। उसकी चूत चोदते हुए मैं स्वर्ग में पहुंच गया था। (भाभी की चुदाई)
5-7 मिनट की चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने की कगार पर पहुंच गया। अब मेरे लिए रुकना नामुमकिन था। मैंने तेजी से दो-तीन धक्के उसकी चूत में लगाए और मेरा लंड उसकी चूत में अपना वीर्य फेंकने लगा। आह्ह… ओह्ह… मैंने पूरा वीर्य उसकी चूत में भर दिया।
फिर मैं हांफता हुआ उसके ऊपर लेट गया। वो मेरी पीठ सहलाने लगी। मेरा लंड उसकी चूत में ही था। फिर भी मज़ा वही था। लेकिन अब लंड का तनाव धीरे-धीरे कम होने लगा था।
फिर जब मेरा लंड पूरा सिकुड़ गया तो मैं उसके ऊपर से उठा और मैंने देखा कि उसकी चूत से माल निकल रहा था। वह उठी और वॉशरूम चली गयी।
तब तक मैंने अपने कपड़े पहन लिए और जब वो आई तो उसने अपने शरीर पर तौलिया लपेटा हुआ था।
वह हाथ-मुँह धोकर आई थी। फिर उसने भी अपने कपड़े पहन लिये। लेकिन रात को जब वो मेरी बांहों में लेटी तो मैंने उसे फिर से नंगी कर दिया।
मैंने उसकी चूत को दूसरी बार बीस मिनट तक चोदा। इस बार वो भी झड़ गयी। फिर उसने कपड़े नहीं पहने और हम नंगे ही सोने लगे। फिर सुबह करीब चार बजे मैंने उसकी चूत फिर से चोदी। इस तरह उस रात मैंने उस भाभी की चूत को तीन बार चोदा और वो खुश हो गयी।
सुबह होने पर उसका पति घर वापस आया। उस दिन वह खुशी-खुशी अपने पति की सेवा में लगी हुई थी।
फिर मैं अपने काम पर चला गया। लेकिन वापस आते समय मैं सीधा दिल्ली आ गया।
उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि जब भी मैं बैंगलोर आऊं तो उनसे मिलना। मैंने उससे वादा किया कि मैं जरूर आऊंगा।
उसके बाद मैंने करीब चार बार उसकी चूत चोदी। क्योंकि वो बैंगलोर में है और मैं दिल्ली में हूँ तो उसकी ज्यादा चुदाई नहीं हो पाती लेकिन जब भी होती है तो मैं उसकी चूत की प्यास मस्त तरीके से बुझा देता हूँ।
तो दोस्तों ये था मेरा अनुभव। आपको मेरी यह सेक्स कहानी पसंद आई या नहीं… मुझे मेल जरूर करें।
तो दोस्तो, आपको मेरी यह चुदाई की कहानी कैसी लगी, जरूर बताएं।
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